Thursday, December 3, 2020

क्या 7 दिसंबर 2020 को दिल्ली में होंगा EPS 95 पेंशनर्स का न्यूनतम पेंशन 7500 बढ़ोतरी के लिए आंदोलन होगा?

EPS 95 HIGHER PENSION CASE STATUS IN SUPREME COURT


देश के 65 लाक EPS-95 पेंशनधारकों का आंदोलन पिछले 7 सालों से EPS-95 पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी 7500 समेत 4 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहा है। कभी ज्ञापन, कभी अनशन तो कभी आंदोलन के माध्यम से पेंशनर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए संघर्ष समिति के बैनर तले पिछले 3 सालो से लगातार आंदोलन EPS 95 पेंशनर्स कि मांगे मंजूर करवाने के किए गए हैं। इसमें दिल्ली में एकत्रित इसमें कई बार दिल्ली में एकत्रित होकर EPS-95 पेंशन धारकों द्वारा विभिन्न तरह के प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने का प्रयास किया गया लेकिन सरकार तक EPS-95 पेंशन धारकों की आवाज आंदोलन के माध्यम से नहीं पहुंची। लेकिन 4 मार्च 2020 को माननीय सांसद हेमा मालिनी जी की अगुवाई में माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के प्रतिनिधि की प्रतिनिधि मंडल की बैठक संपन्न हुई। जिसमें EPS-95 पेंशनधारकों की मांगें मंजूर करवाने हेतु माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा सकारात्मक भूमिका दिखाई गई और EPS-95 पेंशन धारकों को आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों के ऊपर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।


EPS-95 पेंशनधारकों की मांगें मंजूर करवाने हेतु राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले कई आंदोलन किए गए जिसमें तहसील से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक आंदोलन शामिल है। कई बार सांसद महोदय के आवास के सामने भी ईपीएस 95 पेंशनधारकों द्वारा आंदोलन किए गए। उसके बाद दिल्ली में भी जंतर-मंतर मैदान पर आंदोलन किए गए। पर अभी तक eps-95 पेंशनधारकों की मांगे पूरी नहीं की गई है।

EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले 7 दिसंबर 2017 को दिल्ली में रामलीला मैदान से संसद भवन तक आंदोलन किया गया जिसमे राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा विभिन्न देश भर के EPS-95 पेंशनधारकों को एकत्रित किया गया था। इसके बाद फिर से 2017 में EPS-95 पेंशन धारकों की मांगें मंजूर नहीं हुई इसी को देखते हुए 4 दिसंबर से लेकर 7 दिसंबर 2018 में ईपीएफओ हेड ऑफिस के सामने आमरण अनशन और आत्माआहुति आंदोलन किया गया। उसके बाद भी EPS-95 पेंशनधारकों की मांगे हैं वह पूरी नहीं हुई है। उसके बाद 6 दिसंबर से लेकर 7 दिसंबर 2019 इंडिया गेट से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक दंडवत नमस्कार रैली और रामलीला मैदान से रास्ता रोको आंदोलन भी किया गया। लेकिन अभी तक EPS-95 पेंशनधारकों की मांगें मंजूर नहीं हुई।


EPS-95 पेंशनधारकों का आंदोलन अभी भी जारी है क्योंकि आपको पता है कि मार्च 2020 में राष्ट्रीय संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधि मंडल माननीय मथुरा सांसद हेमा मालिनी जी की अगुवाई में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से मिला था और माननीय प्रधानमंत्री जी के आश्वासन के बाद राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने अपने सभी आंदोलन जिसमें बुलढाणा का आंदोलन छोड़कर जो बाकी आंदोलन है तो उसे वापस ले लिए थे क्योंकि माननीय कमांडर अशोक जी रावत का कहना था कि एक दिया चलना चाहिए अगर सारे दिए बुझा दिया जाए तो ऐसे में हमें लगेगा कि EPS 95 का आंदोलन खत्म हो गया है।

लेकिन प्रधानमंत्री जी के आश्वासन को अब तकरीबन 8 से 9 महीने बीत चुके हैं लेकिन eps-95 पेंशनधारकों के लिए अभी तक कोई खुशखबरी नहीं आई है। ऐसे में पिछले 3 वर्षों के भीतर EPS 95 राष्ट्रिय संघर्ष समिति के बैनर तले इस साल भी दिसंबर महीने में दिल्ली में आंदोलन  किया जाएगा क्या ऐसा EPS-95 पेंशन धारकों के मन में सवाल है।


क्या 7 दिसंबर  2020 को इस बार भी दिल्ली में आंदोलन किया जाएगा या फिर नहीं होगा इसके ऊपर माननीय विलास पाटील राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जो मीडिया प्रभारी है तो उनके द्वारा जानकारी सभी की EPS 95 पेंशनधारकों के लिए सांझा की गई है। जिसमें उनके द्वारा कहा गया है EPS-95 पेंशन धारकों की न्यूनतम पेंशन 7500 समेत अन्य मांगों के लिए EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति अग्रेषित है। 

क्योंकि इस समय देश भर में कोरोनावायरस महामारी का प्रकोप चल रहा है जिसका सबसे ज्यादा असर सीनियर सिटीजन पर देखने को मिला है। इसी वजह से इस वर्ष दिनांक 7 दिसंबर 2020 को EPS-95 पेंशनधारकों का आंदोलन दिल्ली जाकर नहीं किया जा रहा है। लेकिन हमारा राष्ट्रीय संगठन राष्ट्रीय संगठन EPS 95 पेंशनधारकों की मांगों के लिए लगातार प्रयास करता रहा है और उनके द्वारा यह विश्वास दिलाया गया कि वह सरकार से EPS-95 पेंशन धारकों की मांगे मनवा कर ही रहेंगे।


तो सभी EPS-95 पेंशनधारकों के मन में यह जो प्रश्न था कि क्या इस साल भी EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले दिसंबर महीने में दिल्ली में आंदोलन किया जाएगा या नहीं किया जाएगा तो इसके ऊपर राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जो मीडिया प्रभारी है माननीय विलास पाटील जीउनके द्वारा एवं महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई है।  जिसमें उनके द्वारा कहा गया है कि इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से EPS-95 पेंशनधारकों का आंदोलन दिल्ली में नहीं किया जाएगा। लेकिन EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के लिए प्रयास करती रहेगी और EPS-95 पेंशन धारकों की मांगो को सरकार से मंजूर करवा कर ही रहेगी। 

EPS 95 पेंशनधारकों के लिए यह जो महत्वपूर्ण जानकारी माननीय विलास पाटील जी द्वारा साझा की गई थी तो इसी के बारे में अभी हमने इस पोस्ट के माध्यम से आपको जानकारी दी। काफी महत्वपूर्ण जानकारी माननीय विलास पाटील जी द्वारा सभी पेंशनधारकों के लिए साझा की गई है तो इस जानकारी को आप ज्यादा से ज्यादा eps-95 पेंशनधारकों के साथ शेयर कीजिए। इसके लिए इस पोस्ट को आप सभी के साथ अपने व्हाट्सएप ग्रुप पर या फिर व्हाट्सएप मैसेज करके शेयर कीजिए ताकि इस जानकारी के बारे में सभी को पता चल सके।


और इसी तरह से राष्ट्रीय संघर्ष समिति से जुड़े हुए जो अगले आने वाले अपडेट है तो उसे भी हम आप तक पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे। इसके लिए आप इस ब्लॉक के साथ बने रहिए आप नीचे एक रेड कलर का बेल का बटन दिखाई दे रहा है तो उस पर क्लिक करके इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करके सकते हैं और आगे जो आने वाले अपडेट है तो उसे जो अपने फोन पर उसका नोटिफिकेशन पा सकते हैं।


Tuesday, December 1, 2020

EPS 95 Higher Pensione News: Revised EPS 95 Pension as per Honorable Supreme Court's judgment and all High Courts' judgments

EPS 95 PENSIONERS HIGHER PENSION CASE STATUS


As all 65 lakh eps 95 pensioners know EPS 95 Higher Pension related cases are long pending in supreme court. In view of this A V Ramana rtd DMO APCO President Weavers Welfare Council write email to resolve EPS 95 Pensioners long pending demands and Higher Pension related cases. Lets have look of this email, This information is shared for EPS 95 Pensioners record purpose only.


Subject-- Higher revised pension to the retired employees of the central government and other organizations under EPS 95 pension scheme as per Honorable Supreme Court's judgment and all High Courts' judgments since 2016 delivered to pay Revised higher pension based on actual salaries of them at the time of their retirement request kind-hearted Honorable  Sri Subramanya Swami garu to see the judgment implemented in the interest of 65 lakh Starving retired poor employees drawing rs 500/- to rs 1000/- per month for which we shall be grateful.


Ref-- my 6 copies of letters sent to you sir a short while ago addressed to the Hon'ble Prime Minister Government of India by mail for your kind information-seeking justice to 65 lakh destitute retired pensioners' lives.

I request  Sri Subrsswami Garu, who have been working for the welfare of the poor and downtrodden people of our country volunteerly to safeguard the interests of them, prey to see the subject and references cited above and save the lives of the lakhs of poor starving and dyeing pensioners unable to live with meagre pension of rs 500/- to rs 1000/-month duly pleading the case to implement the Supreme Court's judgment and high Courts' verdicts as early as possible.


With regards
Yours faithfully
A V Ramana rtd DMO APCO President Weavers Welfare Council Andhra Pradesh and
Telangana.

Copies submitted to

1. Hon'ble Chief Justice of Supreme Court

2. Sri Narendra Modi garu Hon'ble Prime Minister Government of India for information and necessary action


Saturday, November 28, 2020

EPS 95 Pensioners Higher Pension Cases | Very Important Information Related to EPS 95 Higher Pension Related Cases in Supreme Court.

EPS 95 HIGHER PENSION CASE STATUS | NEXT HEARING DATE OF HIGHER PENSION CASES


Respected EPS 95 Pensioners Sir,

I  would like to share a few words, regarding EPS 95 Pensioners case,  with your good self.

(1) FIRSTLY,  EPS 95 PENSIONERS  SHALL  UNDERSTAND  THAT  PF  AUTHORITY  IS PLAYING " GAME  OF  POSTMENT "   BY  GIVING  ONE  OR  OTHER  REASON. ---- for we shall take all possible steps  &  foresee their arguments.  At this point, the role of  Advocate is very important.


(2) secondly, it is observed that almost all High courts gave judgement in favour of   Workers. In spite of this, we are unable to mend the PF Authority.  At this moment,  we should remember the steps taken "Kerala retired people" because they do not give a single chance to   PF Authority to escape from the clutches of  Law!  Their outstanding approach &  their  UNDAUNTED  spirit  &     intelligent & appropriate move by their  Advocate. All these contributed to win the case, that is why they are taking higher pension!     In spite of the fact that still petition(SLP by  Labour  Dept. , Central Government ) is pending before  The Supreme  Court.


(3) What fun that in Kerala  PF authority is forced to pay higher pension!  In the rest of  India, they are denying higher pension, and pf authority is arguing that   Petition(SLP) is pending before  The Supreme Court. This faulty &  dual policy is to be brought to the  Notice of  High court of  Karnataka.

(4)  finally, EPS 95 Pensioners shall adopt all cautious &  intelligent steps, ways &  means, so that we can win the case  &  do justice to Retired petitioners.

(5) please note that,  unless we take drastic  &  timely legal steps (like  Kerala  Retd.  PETITIONERS ), EPS 95 Pensioners may able to win the case.


(6)  Let EPS 95 Pensioners hope for the Good decision.

आदरणीय ईपीएस 95 पेंशनर्स सर,

मैं ईपीएस 95 पेंशनर्स मामले के बारे में कुछ शब्द साझा करना चाहूंगा, आपके अच्छे स्व के साथ।

(1) सबसे पहले, ईपीएस 95 पेन्सिलर्स कम से कम PF PFHORITY है जो एक या अन्य रिपोर्ट के आधार पर "डाक का खेल" खेल रहा है। ---- के लिए हम सभी संभव कदम उठाएंगे और उनके तर्कों का पूर्वाभास करेंगे। इस बिंदु पर, अधिवक्ता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।


(२) दूसरी बात, यह देखा गया है कि लगभग सभी उच्च न्यायालयों ने श्रमिकों के पक्ष में निर्णय दिया। इसके बावजूद हम पीएफ अथॉरिटी को कर्ज नहीं दे पा रहे हैं। इस समय, हमें "केरल के सेवानिवृत्त लोगों" के कदमों को याद रखना चाहिए क्योंकि वे पीएफ प्राधिकरण को कानून के शिकंजे से बचने का एक भी मौका नहीं देते हैं! उनके बकाया दृष्टिकोण और उनके अधिवक्ता द्वारा समझदार और बुद्धिमान और उचित कदम। इन सभी ने केस जीतने में योगदान दिया, यही कारण है कि वे उच्च पेंशन ले रहे हैं! इस तथ्य के बावजूद कि अभी भी याचिका (श्रम विभाग, केंद्र सरकार द्वारा एसएलपी) सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।

(३) क्या मज़ा है कि केरल में पीएफ प्राधिकरण उच्च पेंशन का भुगतान करने के लिए मजबूर है! शेष भारत में, वे उच्च पेंशन से इनकार कर रहे हैं, और पीएफ प्राधिकरण यह तर्क दे रहा है कि याचिका (एसएलपी) उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है। इस दोषपूर्ण और दोहरी नीति को कर्नाटक के उच्च न्यायालय के ध्यान में लाया जाना है।


(4) आखिरकार, ईपीएस 95 पेंशनर्स सभी सतर्क और बुद्धिमान कदम, तरीके और साधन अपनाएंगे, ताकि हम केस जीत सकें और रिटायर्ड याचिकाकर्ताओं के साथ न्याय कर सकें।

(५) कृपया ध्यान दें, जब तक कि हम कठोर और समय पर कानूनी कदम नहीं उठाते (जैसे केरल रिटायर्ड। याचिकाकर्ता), ईपीएस 95 पेंशनर्स इस मामले को जीतने में सक्षम हो सकते हैं।

(६) ईपीएस ९५ पेंशनर्स अच्छे निर्णय के लिए आशा करते हैं।



EPS 95 Minimum Pension 7500, Higher Pension News, 65 Lakh EPS 95 Pensioners Waiting for Higher Pension | Many Passed away

EPS 95 Pension Hike News Today | EPS 95 Revised Higher Pension List 


नमस्कार, सभी इपीएस 95 पेंशनधारकों का स्वागत है। सभी इपीएस 95 पेंशन धारक जानते हैं कि ईपीएफओ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जो पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है वह अभी तक लंबित है। और इसके ऊपर कोई फैसला नहीं है इस बिच लगभग 1.54 लाख eps-95 पेंशनधारक हायर पेंशन का इंतजार करते हुए है उनकी मृत्यु हो गई है। तो हम बात करने वाले हैं कि ईपीएस 95 पेंशन धारकों के लिए यह जो रवैया EPFO द्वारा अपनाया जा रहा है तो इसकी वजह से eps-95 पेंशनधारकों के ऊपर क्या असर हो रहा है। तो चलिए आज यह जो अपडेट है तो उसके बारे में पूरी जानकारी लेने वाले हैं। 


तो चलिए eps-95 पेंशन धारक जो हायर पेंशन का इंतजार कर रहे हैं उनमें से लगभग 1.54 लाख  पेंशनर्स चल बसे है। जिसका कारण है कि ईपीएफओ द्वारा जो पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है तो उसके ऊपर अभी भी फैसला नहीं आया है। और eps-95 पेंशन धारक हायर पेंशन का इंतजार कर रहे हैं देश के लगभग 65 लाख से अधिक पेंशनधारक उच्च पेंशन पाने के लिए वैधानिक अधिकार पर अभी भी लगे हुए हैं। पिछले 3 वर्षों में देश के 1.54 लाख पेंशनर हायर पेंशन की राह देखते हुए चल बसे है। ऐसे दुखदाई स्थिति आई है तो बस ईपीएफओ की उस बनी है 30 से जिसने पेंशन स्कीम में वर्ष 1996 के संशोधन के बावजूद हर बार अड़गा लगाते हुए हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को ठुकराते हुए वृद्धो को अभी भी हायर पेंशन से वंचित रखा है।


गरीबी और आर्थिक बहाली की मार झेल रहे देश के वरिष्ठ नागरिक दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा स्कीम चलने का दम भरने वाली भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के अधीन बनाए गए संगठन को अभी भी शर्म नहीं आई है। उन्होंने एक बार फिर से विस्तार से उन्हें बताया है कि हायर पेंशन देने के लिए 1996 के ही निर्णय को लागू करने में ईपीएफओ कैसी-कैसी चाले चलता रहा है, साथ ही यह कब कब और किस प्रकार कभी नियम मेड गलत ढंग से फेरबदल कर ने नोटिफिकेशन जारी कर कभी केरल हाईकोर्ट और कभी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय कि अवहेलना  करने में जुटा रहा है। मात्र 500 से लेकर ₹700 पेंशन पर आजीविका चलाने पर मजबूर 1.54 लाख वरिष्ठ नागरिकों की आर्थिक बदहाली के बीच प्राण गंवाने का रुदय उल्लेखित करने वाला यह आंकड़ा भी ईपीएफओ ही स्वयं बयान कर गया है।


समझने वाली बात है कि जीवन भर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में अपनी सेवाएं देकर रिटायर हुए वरिष्ठ नागरिक मामूली से मामूली पेंशन की रकम में कैसे जीवन यापन कर सकते हैं? हम सभी जानते हैं कि मौजूदा समय में एम्पलाई पेंशन स्कीम 1995 के तहत जो पेंशन मिल रही है, और सरकार द्वारा 1000 न्यूनतम  पेंशन घोषित किए गए हैं पर लगभग 45 लाख ऐसे पेंशन धारक है जिनको ₹1000 से भी कम पेंशन मिलती है। 

ऐसे में एम्पलाई पेंशन स्कीम 1995 के तहत यह जो पेंशन पेंशनधारकों को मिल रही है तो इसमें जीवन यापन करना बहुत ही मुश्किल है। मौजूदा महंगाई के जमाने में सरकार द्वारा eps-95 पेंशनधारकों समाज के लिए और कई संगठनों में काम करने के बाद यह जो पेंशन प्रदान की जाती है तो वह काफी कम है। क्योंकि यह जो कर्मचारी अभी रिटायर हो चुके हैं तो इनके द्वारा जब वे सेवा में थे तो एम्पलाई पेंशन स्कीम में जो उनके द्वारा उनके वेतन के हिसाब से 8.33 फ़ीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन भी दिया गया है तो उसके हिसाब से उनको पेंशन का भुगतान नहीं हो रहा है।  सरकार द्वारा एम्पलाई पेंशन स्कीम में जल्द से जल्द रिवीजन करने की जरूरत है ताकि पेंशनधारकों को एक अच्छी खासी पेंशन जो मिल सके। 


लगातार NAC द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि EPS 95 पेंशनधारकों को न्यूनतम ₹7500 पेंशन प्रदान किए जाए और उसे महंगाई भत्ते के साथ भी जोड़ा जाए। आज कि जो अपडेट है तो इसमें eps-95 पेंशनधारक सुप्रीम कोर्ट में जो मामला दाखिल है तो उस वजह से भी हायर पेंशन के लिए EPS 95 पेंशनधारक इंतजार कर रहे हैं। और जो न्यूनतम पेंशन मिलती है तो वह भी काफी कम है ऐसे में परिवार को जीवन यापन करना बहुत ही मुश्किल है। आगे इस पर अपडेट है कि इन्हीं कर्मचारियों के वेतन में से भविष्य निधि और पेंशन के नाम पर प्रत्येक महीने की कटौती की गई। रकम में से ही ईपीएफओ अपने मोटे वेतन पाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रत्येक माह ₹2000 चिकित्सा बता देता है लेकिन जिनके पैसे पर ही आराम कर रहे हैं उन्हें पूरे महीने आजीविका चलाने के लिए पर्याप्त पेंशन से भी वंचित रखा गया है।


कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के यह जो रिटायर्ड पेंशनधारक है तो उनको नाम मात्र पेंशन का भुगतान EPS-95 योजना के तहत किया जा रहा है। जो कि काफी कम है ऐसे में पेंशनधारकों को जीवन यापन करना बहुत ही मुश्किल है। साथ में कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के पेंशनधारकों को मेडिकल सुविधाएं भी नहीं दी जाती है। और दूसरी तरफ कोई मेडिकल सुविधाएं नहीं है है तो वह कैसे अपना जीवन यापन करें तो यह बहुत बड़ा सवाल है। सामाजिक सुरक्षा को अच्छी तरह से बेहतर बनाने के लिए कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में जल्द से जल्द संशोधन  होना चाहिए और संशोधन के बाद मिलने वाली पेंशन जो है वह काफी अच्छी भी होनी चाहिए ताकि जो भी कर्मचारी इस योजना में शामिल होते हैं तो उनको रिटायरमेंट के बाद एक अच्छी खासी टेंशन जो वह मिल सके साथ में जब रिटायर्ड हो जाए तो उनका जीवन यापन भी अच्छी तरह हो सके।


तो आज इसी के बारे में अभी हमने जानकारी ली। दी गई जानकारी अच्छी लगी है तो लाइक जरूर कीजिएगा और इसे आप ज्यादा से ज्यादा पेंशनधारकों के साथ भी शेयर कीजिए ताकि इसके बारे में सभी को पता चल सके।



Wednesday, November 25, 2020

सेवानिवृत्ति के बिस साल बाद पेंशनधारक को कर्णाटक उच्च न्यायलय में मिला न्याय 50000 जुर्माने के साथ पेंशन और अन्य लाभ भुगतान के आदेश

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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में फैसला सुनाया कि पेंशन एक इनाम, दान या कोई गंभीर भुगतान नहीं है, बल्कि हर कर्मचारी का अनिश्चितकालीन अधिकार है।

न्यायमूर्ति एम नागाप्रसन्ना की खंडपीठ ने फैसला सुनती हुए कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को देय पेंशन अनुच्छेद 300-ए के साथ-साथ संविधान 21 के तहत आजीविका के मौलिक अधिकार के तहत एक संपत्ति है। इसलिए, इसके एक हिस्से से भी वंचित होना स्वीकार नहीं किया जा सकता है।


"इस पेंशन राशि का एक भी भाग वंचित नहीं किया जा सकता है, कानून के अनुसार पेंशन न तो एक इनाम, दान या एक गंभीर भुगतान है, लेकिन नियमों के संदर्भ में एक कर्मचारी का अनिश्चितकालीन अधिकार है। अदालत ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी टर्मिनल लाभ से शालीनता, स्वतंत्रता और स्वाभिमान के साथ जीवन जीने के लिए स्वतंत्रता के साथ सक्षम हो जाता है। ऐसे में आजीविका के अधिकार से वंचित रह जाने से पेंशनभोगी व्यक्ति जीवन के कांटों पर गिर जाएगा और खून बहेगा ऐसा अदालत ने कहा।

उच्च न्यायालय ने राज्य के आधीन कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (KPTCL) के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी के बचाव में आने के दौरान ये टिप्पणियां कीं, जिन्हें सेवानिवृत्ति के 21 साल बाद भी टर्मिनल लाभ से वंचित रखा गया था।


कदाचार और चोरी के आरोप में 24 मई 1999 को KPTCL द्वारा किसी भी जांच के बिना, सेवा से समाप्त करने के बाद थिमैया की दो दशक पुरानी कानूनी लड़ाई शुरू हुई थी।

इसके बाद, थिमैया को कई बार अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा क्योंकि KPTCL ने उनकी पेंशन और टर्मिनल लाभ को रोक दिया था। अप्रैल 2013 में, अदालत ने KPTCL पर 10,000 रुपये की लागत लगाई और पेंशन नियमों के संदर्भ में कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया। इसके बाद, निगम ने 2 मई, 2015 को एक आदेश के माध्यम से अनुशासनात्मक कार्यवाही को छोड़ दिया और पेंशन भी जारी नहीं की थी।


थिमैया ने जुलाई 2017 में कंपनी को एक आवेदन पेश किया जिसमें उन्होंने कहा कि वह पहले से ही 77 साल के हैं और स्वास्थ्य की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वह अपने खर्चों को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पर  उनके आवेदन पर विचार नहीं किया गया था और इससे उन्हें उच्च न्यायालय को फिर से जाने के लिए प्रेरित किया गया।

थिमैया के वकील ने कहा कि KPTCL की कार्रवाई पूरी तरह से निराधार है क्योंकि उन्होंने खुद याचिकाकर्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही को छोड़ दि थी और 100 प्रतिशत पेंशन जारी करने का निर्देश दिया था लेकिन अन्य टर्मिनल लाभ नहीं।

यह आगे बताया गया कि याचिकाकर्ता के टर्मिनल लाभों को वापस लेने के लिए KPTCL के लिए कोई अधिकार भी  नहीं था।


KPTCL ने इस आधार पर टर्मिनल लाभों के भुगतान की अपनी कार्रवाई को सही ठहराने की मांग की कि याचिकाकर्ता से संबंधित फाइल कॉर्पोरेट कार्यालय में लंबित है और यह उस खाते पर है कि टर्मिनल लाभ अभी तक जारी नहीं किए गए हैं, क्योंकि स्पष्टीकरण मांगे गए हैं या नहीं क्या वे उस सामग्री को नहीं लिख सकते हैं जो 1998 में हुई चोरी के कारण खो गई थी।

मामले के तथ्यों को जानने के बाद, बेंच ने यह देखने के लिए संकेत दिया कि KPTCL ने बिना किसी न्यायोचित कारण के याचिकाकर्ता के टर्मिनल लाभों को जारी करने के लिए "कल्पना से परे शिथिलीकरण" किया था।

खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को टर्मिनल लाभों के भुगतान में देरी के KPTCL के निर्णय के लिए मजबूत अपवाद लेते हुए कहा कि वर्ष 2016 से पेंशन का पूरा भुगतान शायद ही अन्य सभी टर्मिनल लाभों की रिहाई को रोक देने के लिए कोई औचित्य हो सकता है।

इसके अलावा, अदालत ने यह भी देखा कि KPTCL संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत "राज्य" है और इसलिए, अपने कर्मचारियों में से एक को छोड़ने के कृत्य को "राज्य होने का दर्जा नहीं देना" है।


"इसलिए, याचिकाकर्ता के पक्ष में उपार्जित सभी टर्मिनल लाभों को जारी करने के लिए एक मानदण्ड जारी करना अत्यावश्यक है और साथ ही KPTCL को अपने कर्मचारी को इस न्यायालय में बार-बार परेशान करने और ड्राइविंग करने के लिए अनुकरणीय लागत के साथ मिला देना।" टर्मिनल लाभों की रिहाई के लिए, "अदालत ने फैसला सुनाया।

उस अंत की ओर, खंडपीठ ने KPTCL को निर्देश दिया कि वह 1999 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद से 77 वर्षीय याचिकाकर्ता को पूरी राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करे।

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Tuesday, November 24, 2020

Good News For Pensioners | EPS 95 पेंशनधारकों के साथ साथ सभी पेंशनधारकों को कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने दिया बड़ा तोहफा अभी किसी की नहीं रुकेगी पेंशन

EPS 95 PENSION HIKE NEWS | EPS 95 HIGHER PENSION LIST | EPS 95 NEWS


जैसा कि सभी पेंशनधारकों को अवगत है कि नवंबर और दिसंबर महीने में हर साल पेंशन धारकों को उनकी पेंशन को जारी रखने के लिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है। इस साल कोविड-19 की वजह से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए सरकार द्वारा जो समय सीमा है वह बढ़ा दी गई है। जिसकी वजह से वृध्द EPS 95 पेंशनधारकों के साथ जो अन्य केंद्र सरकार के पेंशनधारक हैं उनको इसका लाभ होने वाला है। सभी पेंशन धारकों को अवगत है कि कोविड-19 बीमारी की वजह से वृद्धा पेंशनधारकों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में कठिनाई आ रही है।

ऐसे में कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय को इस संबंध में विभाग विभिन्न पेंशनरों के संघों के साथ-साथ कई संगठनों, पेंशनर द्वारा सरकार से विनती की गई थी कि ईपीएस 95 पेंशनधारकों को यह जो पेंशन शुरू रखने के लिए जीवन पर आने का प्रमाण पत्र जमा करवाना होता है तो उसकी समय सीमा को बढ़ा दिया जाए। इसी को देखते हुए कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जीवित होने का प्रमाण पत्र जमा करने की जो समय सीमा अभी 31 दिसंबर 2020 थी तो उसे बढ़ा दिया गया है।


अब जीवित होने का जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए सरकार द्वारा यह जो समय सीमा है वह 28 फरवरी 2020 तक बढ़ा दी गई है। यानी आपको अतिरिक्त 2 महीने जीवित होने का प्रमाण पत्र जमा करने के लिए अभी मिल गए हैं। इसके लिए कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन भी जारी कर दिया है तो उसे भी आप यहां पर देख सकते हैं। 

मंत्रालय ने कहा है कि लेखा महानियंत्रक के कार्यालय के साथ परामर्श के बाद अब जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए मौजूदा समय सीमा को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया जो कि 28 फरवरी 2021 रहेगी।


इससे पहले, सरकार ने 1 नवंबर से 31 दिसंबर, 2020 तक लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की समयसीमा बढ़ा दी थी।

मंत्रालय ने कहा, लेखा महानियंत्रक के कार्यालय के साथ परामर्श के बाद, अब जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए मौजूदा समयसीमा को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।



 

Monday, November 23, 2020

26 नवंबर को 7500 रुपये पेंशन के साथ अन्य मांगो को लेकर देश के ट्रेड यूनियनों द्वारा राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान

यह खबर को सभी की जानकारी के लिए इसे सांझा किया जा रहा है, यह जो राष्ट्रव्यापी हड़ताल 26 नवंबर को सेंट्रल ट्रेड यूनियनों द्वारा किये जाने वाली है इसमें EPS 95 पेंशन योजने में सुधार की भी मांग है और सभी गैर-आयकर देने वाले परिवारों के लिए 7500 रुपये प्रति माह देने की भी मांग है। आइये  इसके बारे जानते है विस्तार से......... 

All India Bank Officers Confederation (एआईबीओसी) ने कहा कि वह 26 नवंबर को Central Trade Unions द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करेगा और देश के श्रमिकों, किसानों और आम लोगों को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर श्रमिकों के स्वतंत्र संघों का समर्थन करेगा।


अंतर-अलिया के मुद्दों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU), बैंकों और अन्य वित्तीय क्षेत्रों के निजीकरण का विरोध शामिल है।

  • अखिल भारतीय हड़ताल के लिए मुख्य मांगों में 
  • सभी गैर-आयकर देने वाले परिवारों के लिए 7500 रुपये प्रति माह का नकद हस्तांतरण,
  • सभी जरूरतमंदों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलो राशन,
  • मनरेगा का विस्तार, एक वर्ष में 200 दिन का काम प्रदान करना शामिल है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ा हुआ वेतन; शहरी क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी का विस्तार, 
  • सभी किसान विरोधी कानूनों और मजदूर विरोधी श्रम संहिता को वापस लेने के लिए, 
  • वित्तीय क्षेत्र सहित सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण को रोकने और सरकार चलाने और रेलवे, अध्यादेश कारखानों, बंदरगाहों आदि जैसे सेवा संस्थानों को बंद करने के लिए सरकार और पीएसयू कर्मचारियों की जबरन समयपूर्व सेवानिवृत्ति पर ड्रैकियन परिपत्र वापस लें।
  • और सभी को पुराणी पेंशन को बहाल करें, एनपीएस को स्क्रैप करें और पहले की ईपीएस -95 में सुधार करें। 


इसके अलावा AIBOC ने कहा कि अखिल भारतीय हड़ताल के मुद्दे उनके बहुत करीब हैं, तदनुसार वे होंगे।

हड़ताल के लिए अपने भ्रातृ समर्थन का विस्तार किया और अपने सहयोगियों से अनुरोध किया कि वे इस कारण के अनुसार कार्य करें।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा उठाए गए मांगों के अलावा, एआईबीओसी ने बैंकिंग क्षेत्र के संबंध में निम्नलिखित मांगों पर भी जोर दिया, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को शामिल नहीं किया गया है, कॉर्पोरेट ऋण डिफॉल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करना, निगमित कॉर्पोरेट एनपीए की वसूली सुनिश्चित करना। , भारी एनपीए राइट-ऑफ को रोकने के लिए, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए सावधि जमा पर ब्याज दर बढ़ाने के लिए, नियमित बैंकिंग नौकरियों की आउटसोर्सिंग को रोकने के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भर्ती बढ़ाने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को स्क्रैप करने के लिए बैंक के कर्मचारी।



इस संबंध में, एआईबीओसी ने अपने सहयोगियों को सलाह दी कि उनके सदस्य किसी भी कुंजी की मांग नहीं करेंगे या स्वीकार नहीं करेंगे और हड़ताल के दिन लिपिक कर्तव्यों का पालन नहीं करेंगे।

इसके अलावा, सभी राज्य इकाइयों / सहयोगियों को COVID-19 प्रोटोकॉल और सामाजिक दुरी के नियमो का पालन करते हुए देश भर में स्ट्रीट कॉर्नर मीटिंग्स / लंच टाइम प्रदर्शनों को आयोजित करने की सलाह दी गई है।


अंत में, AIBOC ने सभी संबंधितों से 26 नवंबर को एक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने का आग्रह किया, जिसमें सरकार के इस कदम का विरोध करना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्तियों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अधिग्रहित करने और 1969 और 1980 के ऐतिहासिक बैंक राष्ट्रीयकरण को उलटने की अनुमति देकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बढ़त को कमजोर करना।

अखिल भारतीय हड़ताल में निम्न यूनियन शमिल होंगे

26 नवंबर की हड़ताल में भाग लेने वाले यूनियनों में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUCUC), ट्रेड शामिल हैं। यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), हिंद मजदूर सभा (HMS), सेल्फ-एम्प्लॉयड वुमेन्स एसोसिएशन (SEWA), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC).


 

EPS 95 Minimum Pension Hike News: EPS 95 पेंशनर्स को न्यूनतम पेंशन 7500+DA पर सरकार की घोषणा, 1 दिसंबर 2020 से मिलेगी बढ़ी हुई पेंशन, क्या है खबर की सच्चाई?

सभी इपीएस 95 पेंशन धारकों का आज की इस पोस्ट  में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में eps-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन को सरकार द्वारा ₹7500 कर दिया गया है ऐसा एक वीडियो हाल ही में यूट्यूब पर अपलोड किया गया है जिसमें eps-95 पेंशन धारकों की पेंशन को सरकार द्वारा ₹7500 किया गया है और इसे महंगाई भत्ते के साथ भी दिया जाएगा ऐसा बताया जा रहा है। आज इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं कि यह जो वीडियो अपलोड किया गया है तो इसकी सच्चाई क्या है? वीडियो में दी गई जो जानकारी है तो उसकी क्या सच्चाई है? 


वीडियो में यह भी बताया जा रहा है कि यह जो बड़ी हुई  पेंशन सभी ईपीएस 95 पेंशनधारकों को 1 दिसंबर 2020 से मिलना शुरू हो जाएगा ऐसा यहां पर इस वीडियो में बताया जा रहा है। सभी EPS 95 पेंशनधारक जानते हैं कि देश के 6500000 eps-95 पेंशनधारकों की पेंशन को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय संघर्ष समिति की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में यहां पर माननीय कमांडर अशोक जी रावत द्वारा फिलहाल कोई भी ऐसी जानकारी नहीं कि नहीं दी गई है जिसमें बताया गया है कि eps-95 पेंशन धारकों की पेंशन को सरकार द्वारा बढ़ाया गया fहै और बढ़ी हुई पेंशन के साथ महंगाई भत्ता दिए जाने वाला है। 

सभी EPS 95 पेंशनधारकों को अवगत है कि eps-95 पेंशन धारकों की पेंशन बढ़ोतरी के संदर्भ में सरकार द्वारा जब भी ऐलान किया जाएगा तब माननीय कमांडर अशोक जी राउत की तरफ से इस बारे में सभी ईपीएस 95 पेंशन धारकों की पेंशन बढ़ोतरी को लेकर अपडेट दिया जाएगा। यह जो वीडियो है तो इसमें जो जानकारी दी गई है तो वह पूरी तरह से गलत है क्योंकि सरकार द्वारा हाल ही में ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की गई है जिसमें eps-95 पेंशन को ₹7500 किए जाने की बात कही जा रही है।


साथ ही यह जो बढ़ी हुई पेंशन है तो वह 1 दिसंबर 2020 से सभी eps-95 पेंशन धारकों को मिलना शुरू हो जाएगा ऐसा भी इस वीडियो में बताया गया है। इसमें माननीय कमांडर अशोक जी रावत का धन्यवाद दिया गया है क्योंकि माननीय कमांडर अशोक जी राउतजी द्वारा सभी इपीएस 95 पेंशन धारकों की पेंशन बढ़ोतरी के लिए प्रयास किए जा रहे। हम सभी अवगत हैं कि NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय कमांडर अशोक जी रावत द्वारा EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।


ऐसे में युटुब पर यह जो वीडियो अपलोड किया गया है जिसकी वजह से eps-95 पेंशन धारक है तो उनके मन को जो ठेस लग सकती है। साथ में यहां पर इनको 1 दिसंबर से बढ़ी हुई पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा ऐसा भी बताया गया है।  आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे कि यह जो वीडियो अपलोड किया गया है और इसमें जो जानकारी दी गई है तो इसकी क्या सच्चाई यही। 

इसके हिसाब से सरकार द्वारा कोई भी घोषणा नहीं की गई है। जैसे ही सरकार द्वारा कोई घोषणा की जाएगी तो माननीय कमांडर अशोक जी रावत द्वारा सभी ईपीएस 95 पेंशन धारकों को अवगत करा दिया जाएगा कि उनकी पेंशन को जो सरकार द्वारा बढ़ाने की घोषणा की गई है, और जल्दी उनको जो वह बढ़ी हुई पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी। यहां पर यह जानकारी दी हुए तो यह पूरी तरह से गलत है। और इस जानकारी में कोई भी सच्चाई नहीं है। eps-95 पेंशन धारकों को भ्रमित किया जा रहा है कि उनकी पेंशन को  बढ़ा दिया गया है ऐसा वीडियो अगर आपके पास भी आता है तो आप जो निगलेक्ट कीजिए क्योंकि आगे जो भी आने वाले अपडेट है तो उनके बारे में हम हमारे वीडियो के माध्यम से साथ में यह जो पोस्ट आप आप पढ़ रहे हैं तो यह जो ब्लॉक है तो उस पर भी अपडेट करवाते रहेंगे।


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EPS 95 Minimum Pension Hike News: EPS 95 पेंशनर्स को न्यूनतम पेंशन 7500+DA पर सरकार की घोषणा, 1 दिसंबर 2020 से मिलेगी बढ़ी हुई पेंशन, क्या है खबर की सच्चाई?

सभी इपीएस 95 पेंशन धारकों का आज की इस पोस्ट  में स्वागत है। आज के इस पोस्ट में eps-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन को सरकार द्वारा ₹7500 कर दिया गया है ऐसा एक वीडियो हाल ही में यूट्यूब पर अपलोड किया गया है जिसमें eps-95 पेंशन धारकों की पेंशन को सरकार द्वारा ₹7500 किया गया है और इसे महंगाई भत्ते के साथ भी दिया जाएगा ऐसा बताया जा रहा है। आज इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं कि यह जो वीडियो अपलोड किया गया है तो इसकी सच्चाई क्या है? वीडियो में दी गई जो जानकारी है तो उसकी क्या सच्चाई है? 


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