Showing posts with label PENSIONERS CORNER. Show all posts
Showing posts with label PENSIONERS CORNER. Show all posts

Monday, June 14, 2021

Good News: सरकार की इस पेंशन योजना में बदलाव करने की तैयारी, पूरा पैसा निकाल ने के साथ ज्यादा पेंशन और महंगाई भत्ता भी मिलेगा

पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से जुड़े नियमों में बदलाव के लिए सरकार से बातचीत कर रहा है। ये बदलाव NPS को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए किए जा रहे हैं। इन बदलावों के तहत टैक्स में ज्यादा छूट, बीमा एजेंट्स की दिलचस्पी बढ़ाने और स्कीम को महंगाई से जोड़ने समेत कई बदलाव करने की तैयारी PFRDA कर रहस है।


पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने जानकारी दी है कि NPS में कई तरह के बदलाव करने के लिए सरकार से बातचीत की जा रही है। NPS को और बेहतर बनाने के लिए कुछ उपायों की शुरूआत भी हो चुकी है। जबकि कुछ पर सरकार से विचार जारी है।

NPS में बदलाव के तहत निवेशक अब अपने पूरे फंड को सिस्टमैटिक विड्रोल प्लान (SWP) में डाल सकेंगे जिससे उनका फायदा बढ़ सकेगा। अभी मौजूदा दौर में निवेशक अपने फंड का केवल 60% रिटायरमेंट के वक्त निकाल सकते हैं, जबकि बाकी बची हुई रकम से उन्हें एन्युटी खरीदनी होती है। जिसके बाद उन पैसों पर उन्हें जीवन भर एक आमदनी होती रहती है।


मान लिजिए आपके NPS में 5 लाख रुपए हैं तो अब नए बदलाव के तहत आप अपना पूरा पैसा एक साथ निकाल सकेंगे। सरकार इस तरह के बदलाव पर विचार कर रही है ताकि जरूरत पड़ने पर कोई भी निवेशक अपना पूरा पैसा एक बार में निकाल सके। अगले कुछ दिनों में इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। अभी इस सिस्टम के तहत निवेशकों को केवल 5% का रिटर्न मिलता है जिसकी वजह से निवेशक इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते है।

बंदोपाध्याय के अनुसार गिरते ब्याज दरों के इस दौर में एन्युटी से निवेशकों को सालाना 5% का ही रिटर्न मिल रहा है। इस वजह से बहुत से निवेशक NPS में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि PFRDA अब एन्युटी से मिलने वाले रिटर्न को महंगाई से जोड़कर फिक्स करने की बात पर विचार कर रहा है। इसके लिए वह बीमा नियामक इरडा से बात करने जा रहा है। इस मामले पर इस समय एक समिति विचार कर रही है।


इसके अलावा PFRDA ने सरकार को सुझाव दिया है कि NPS में निवेश कर टैक्स बचत की जाने वाली रकम की सीमा को मौजूदा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया जाना चाहिए। अगर ये सीमा दोगुनी हो जाती है तो निवेशकों को टैक्स की बचत में भी काफी लाभ मिलेगा।

बंदोपाध्याय के अनुसार सरकार को यह सुझाव दिया जा रहा है कि NPS के तहत एन्युटी में निवेश की मदद से आने वाले पेंशन की रकम को एक निश्चित सीमा तक टैक्स फ्री कर दिया जाए। यह 10 लाख रुपए सालाना तक हो सकता है। इसे या तो टैक्स फ्री कर दिया इस पर मामूली टैक्स लगाया जाए।




Good News for Pensioner: पेंशन के लिए 1313 लोगो की लिस्ट हुई जारी, जानिए लिस्ट नाम और कीन्हे मिलेगा पेंशन का लाभ

Good News for Pensioner:  पेंशन के लिए 1313 लोगो की लिस्ट हुई जारी, जानिए लिस्ट नाम


उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में नई ओल्ड एज पेंशन के लिए 1313 लोग पात्र मिले हैं। इसमें सबसे अधिक तहसील सदर में 287, जगनेर ब्लाक में 187 और सबसे कम शमसाबाद में तीन और किरावली में चार लोग शामिल हैं।



दरअसल, वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के गरीब बुजुर्गों को प्रदेश सरकार 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन देती है। वर्ष 2017 में जब योगी सरकार बनी थी उससे पहले 36 लाख बुजुर्गों को ही यह पेंशन दी जाती थी। सरकार ने धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ा दिया। इस साल मार्च में सर्वाधिक 51.21 लाख बुजुर्गों को सरकार ने पेंशन दी।



योजना के लाभ के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता

राज्य के वृद्ध नागरिकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पेंशन योजना की शुरुआत की है। राज्य के जिन वृद्ध नागरिको को किसी भी पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है वे इस पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए उम्मीदवारों को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता भी होगी। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, बैंक खाते का विवरण, मोबाइल नंबर, विकलांगता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत पड़ती है।

C

पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए उम्मीदवार को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है। उम्मीदवार बीपीएल कार्ड धारक होना जरूरी है। योजना के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार गरीबी रेखा से नीचे आते हों। जिन उम्मीदवारों ने आवेदन किया है केवल उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए पात्र माना जाएगा। यूपी पेंशन योजना के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की आयु 60 साल से अधिक होनी चाहिए।


 


Monday, June 7, 2021

Salary and Pension Revision Declared: 2017 के इस महीने में नौकरी में आए कर्मचारियों और पेंशनर्स की बल्‍ले-बल्‍ले

CHECK PENSION HIKE LIST 

बँक में काम रहे और सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों के लिए शानदार खबर है। खासकर वे कर्मचारी जो 1 नवंबर 2017 को या उसके बाद नौकरी में आए हैं या सेवानिवृत्त हुए हैं और पेंशन पाने के हकदार हैं। उनकी सैलरी, पेंशन, डेअरनेस रिलीफ, मिनिमम पेंशन और दूसरे भत्‍तों में रिवीजन हुआ है। कोरोना महामारी के बीच यह राहत देने वाली बात है।


Basic Pension:

मूल पेंशन को रिवाइज कर दिया गया है। यह 1 नवंबर 2017 से 3985 रुपए हो गई है। इसमें बढ़ोतरी में पार्ट टाइम कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं होगा।

पारिवारिक पेंशन में भी हुआ संशोधन:

जो कर्मचारी 1 नवंबर 2017 को या उसके बाद सेवानिवृत्त हुए हैं, उनकी पारिवारिक पेंशन 3 तरह से बनेगी।

जिसमे पहला होगा 15880 रुपए तक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी जिनकी Pay का 30 फीसद बेसिक पारिवारिक पेंशन होगी यानि 3985 रुपए/मंथली से कम नहीं होनी चाहिए।


उसके बाद दूसरे वे जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 15,881 से 31,160 पेंशन मिलती है उनकी Pay का 20 फीसद बेसिक पारिवारिक पेंशन होगी यानि 4900 रुपए से कम नहीं होनी चाहिए।

और तीसरे ऐसे सेवानिवृत्त  कर्मचारी जिनको 31,760 से ज्‍यादा पेंशन मिलती है उनकी Pay का 15 फीसद बेसिक पारिवारिक पेंशन होगी। मूल और अतिरिक्‍त फैमिली पेंशन 6365 रुपए से कम नहीं होगी और 13280 रुपए से ज्‍यादा नहीं।


DEARNESS RELIEF

बैंकरों की DEARNESS RELIEF ऑल इंडिया कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (AICPI) के बेसिस पर तय होगा। इसके लिए 6352 प्‍वाइंट को आधार मानकर चलें।

MINIMUM PENSION HIKE

पार्ट टाइम कर्मचारियों के लिए, जो 1 नवंबर 2017 को या उसके बाद रिटायर हुए हैं, उनके लिए मिनिमम पेंशन 1335 रुपए प्रति माह होगी। ये वे कर्मचारी होंगे जो 1/3 स्‍केल वेज पर काम कर रहे होंगे। वहीं 2000 रुपए पेंशन 1/2 स्‍केल वेज पर काम करने वालों को मिलेगी। जबकि 3/4 स्‍केल वेज पर काम करने वालों को 3000 रुपए महीना मिलेगा।



 


Wednesday, June 2, 2021

EPS 95 Latest News: EPS 95 Pensioners 1 Day Hunger Strike Successful , Minimumu Pension Hike 7500+DA, Free Medical Facilities, Higher Pension

Respected Honorable Prime Minister,

Elected Representative of Lok Sabha,


On behalf of 67lakhs EPS-95 Pensioners all over India observed a 1 day hunger strike today from 08 AM to 5pm to press our pending demand of hike in minimum pension.

Glimpses of photo are attached for perusal.


QUR DEMAND:

MINIMUM PENSION OF INR. 7,500/- PER MONTH.

FREE MEDICAL FACILITIES.

Hundreds of senior citizens in this category are suffering for minimum living standards and quality of life due to meagre monthly income of less than INR.500/-


We are confident that our elected sensitive Government under the able leadership of Prime Minister Shri Narendra Modi ji will resolve the issue on top priority and save old life in this heavenly Bharat Bhumi.

The starvation, suffering and sickness of this EPS-95 Pensioners category in this great country is serious than the current prevailing Pandemic.


I on behalf of the country man and women with folded hands pray the responsible authorities to consider the legitimate demand.

Regards

Baburay Naik

Ex- Executive, Goa Shipyard Ltd.

Vasco Da Gama, Goa 403802.



 






1-6-2021 को माननीय अध्यक्ष महोदय कमाण्डर अशोक जी राऊत के आव्हान पर सुबह 8बजे शाम 5बजे तक पत्नी सहित उपवास किया ।एक हजार पेन्शन मे रोज उपवास होता ही हे पर आदरणीय मोदी जी को वादा याद दिलाना भी जरूरी हे ।एन ए सी जिन्दाबाद ।


 

Monday, May 10, 2021

EPS 95 Pension Hike News: EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी 7500 + DA को लेकर 65 लाख पेंशनधारकों के लिए NAC की जरुरी सूचना

National Agitation Committee

NAC का अगला आंदोलन कार्यक्रम

1. अपने अपने घर से ही सम्पर्क अभियान.
2 सभी राज्यों में तहसील स्तर के संगठन का गठन
3. दिनांक 1 जून 2021 को एक दिन का देश व्यापी उपवास कार्यक्रम


आदरणीय भाइयों एवं बहनों,
आपको विदित ही है कि हमारी मांगों को सरकार द्वारा पिछले अधिवेशन/बजट सत्र में मंजूर करने के संकेत हमें मिल रहे थे लेकिन कोरोना महामारी के चलते व EPFO के अन्यायपूर्ण व्यवहार के कारण इसमें रुकावटें आई है ऐसा स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है.

हम पेंशनर्स की आवाज को व सत्य तत्थ्यों को सरकार तक तथा संबंधितों तक पहुंचाने का कार्य आप सभी,हमारे नेताओं ने दिनांक 06.04.2021 से विरोध दिवस के माध्यम से देश के सभी ईपीएफओ कार्यालयों पर मा. प्रधानमंत्री जी/मा.अध्यक्ष सीबीटी के नाम निवेदन देकर संपन्न किया है.


आप सभी को विदित ही है कि हमारे संगठन की सभी टीमें अपने अपने मोर्चे पर प्रभावशाली रीति से काम रही हैं व NAC के मुख्यालय, बुलढाणा महाराष्ट्र में क्रमिक अनशन का आज 869 वा दिन है. आप सभी को यह भी विदित है कि कोरोना की महामारी तो पिछले वर्ष से आई लेकिन हमारे पेंशनर्स में तो इपीएस 95 पेंशन महामारी* पिछले कई सालों से शुरू है जिसमें प्रति माह लगभग 5000 की दर से हमारे पेंशनर्स भाई बहन संसार से बिदा होते जा रहे थे व अब कोरोना महामारी आने के कारण मृत्युदर और अधिक बढ़ गई है.


सभी सदस्यों में ईपीएफओ के प्रति रोष व पेंशनर्स भाई बहनों की बढ़ती हुई मृत्युदर को देखते हुए , *किसी भी हालत में आने वाले मानसून अधिवेशन में या उसके पहले हमारी चार प्रमुख मांगों को पूर्ण करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लक्ष्य प्राप्ति के लिए सभी सदस्य व सभी नेताओं से निवेदन है कि स्वयं को व अपने परिजनों को सुरक्षित रखते हुए कृपया निम्नलिखत बिंदुओं /NAC के इस आंदोलन कार्यक्रम पर विशेष ध्यान दीजिए:-


  1. 1.सोशल मीडिया /इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से (व्हाट्सएप, ट्विटर, ई मेल, एसएमएस, फोन से संपर्क आदि) अपनी आवाज को प्रभावशाली ढंग से मा.प्रधानमंत्री, मा.वित्त मंत्री, मा.श्रम मंत्री, अपने अपने क्षेत्र के मा.सांसद व सीबीटी सदस्यों तक पहुंचाने का कार्यक्रम. पिछले महासंपर्क अभियान के अनुसार जिन नेताओं को जो जवाबदारी दी गई थी उसी के अनुसार इस अभियान को संसद के मान्सून सत्र के शुरू होने के पहले तक अपने अपने क्षेत्र के मुख्य समन्वयक/प्रांतीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में पूर्ण किया जाए. 
  2. 2.दिनांक 31.05.2021 तक सभी राज्यों के तहसील स्तर के संगठन का गठन करना.
  3. 3. जो महान सदस्य हमें छोड़कर संसार से बिदा हो गए उनकी स्मृति में व मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा दिनांक 04.03.2020 को पेंशनर्स की मांगों को पूर्ण करने हेतु, दिए गए वचन पूर्ति की एक बार फिर से याद दिलाने के लिए दिनांक 01.06.2021 को सभी ईपीएस 95 द्वारा अपने अपने घर से देश व्यापी उपवास कार्यक्रम.

कृपया सुरक्षित रहिए,लक्ष्य प्राप्ति के लिए जागरूक रहिए व संगठित रहिए. कृपया याद रहे कि आप सभी उन सदस्यों के प्रतिनिधि हैं, जो हमारे संगठन के ग्राउंड स्तर के कार्यकर्ता भाई बहन है व जिनके पास तो साधारण फोन भी नहीं हैं ,इस कोरोना महामारी के चलते हम उनसे प्रत्यक्ष संपर्क भी नहीं कर सकते हैं.
जेष्ठ भारत-श्रेष्ठ भारत

आपका अपना,

कमांडर अशोक राऊत,
राष्ट्रीय अध्यक्ष


 

Tuesday, April 27, 2021

EPS 95 Pension Hike, Higher Pension News: Appeal to Supreme Court & Government of India to Allow Higher Pension & 7500+DA to EPS 95 Pensioners

APPEAL TO SUPREME COURT & Government of India


Many High Courts in India have placed Orders in favor of Employees pertaining to Exempted PSUs for availing the full pension option in line with SC judgment. Many exempted PSUs from EPFO are enjoying the FULL PENSION options already.

Selected PSUs that are exempted from EPFO are only denied by EPFO. It is a sheer personal vendetta by an IAS Officer. However, to our dismay, many Exempted PSUs are enjoying these full pension options. Is it not partial treatment?


Sr Citizens are dying daily. Corona too takes away our brothers and sisters.  The SC judges and Registry have been dilly-dallying our Review Petition. There is no fellow human being and sense of responsibility in giving utmost priority to the LEGITIMATE GENUINE PENSION DEMANDS OF SR CITIZENS.

Please share this appeal as much as possible so that it is tabled on SC Judges and PM of India. At least let the survivors of Sr Citizens of India get the benefits of EPS95 pension before they kick their buckets.


The whole world knows that there is no financial crisis to EPFO. EPFO is a Kamadhenu as every month new employees are joining and PF deductions are deposited into their kitty.

THE PRIME MINISTER HAS TO GET THIS SOCIAL MEDIA APPEAL ON HIS TABLE FOR IMMEDIATE INTERVENTION.

JUST SHARE IT

WE ARE 21k members. In other words, 21000 shares create a big viral. Servo Srinivasan , Chennai.


 

Saturday, March 27, 2021

Good News for EPS 95 Pensioers: Standing Committee on Labour Recomend EPS 95 Pension Hike Rs. 3000 to 9000 Per Month, See COmplete Report


The Committee note that the Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) under the ambit of Employees’ Provident Fund (EPF) and Miscellaneous Provisions Act, 1952 seeks to provide for the institution of Provident Funds, Pension Funds and Deposit Linked Insurance Fund for Employees in Factories and other Establishments with the Ministry of Labour and Employment contributing 1.16% Government share towards Employee Pension Scheme, 1995. The Committee find that as on 10.02.2021, the total number of Registered Establishments stand at 15,52,186 (3477 Exempted and 15,48,709 Un-exempted); total members stand at 25,61,78,223 (1,38,04,614 Exempted and 15,48,709 Unexempted); contributing members under EPS and EPF stand at 5,71,86,202 (43,06,239 Exempted and 5,28,79,963 Un-exempted) and contributory members under EPS stand at 5,61,02,868 (43,13,835 Exempted and 5,17,89,033 Unexempted).


Keeping in view the large task for the EPFO as exuded by the above data, the Committee are happy to find that EPFO’s work has been considerably eased with 99% of EPFO collections made through internet banking mode, thereby making the system safer, seamless, secure, more effective and also in line with the Digital India Initiative. Also, EPFO’s multiple banking system facility through 13 banks has contributed to increasing flexibility and convenience bringing about positive impact on the collection and disbursals of dues in EPFO.


The Committee appreciate this laudable achievement of the EPFO and trust that systemic improvements and requisite value additions are made from time to time. The Committee would like to be apprised of the developments in this regard. 19. The Committee, however, note with concern that there is a sharp increase in grievances pending at the beginning of the year 2020-21 (as on 31.12.2021) with percentage disposal of the grievances also being the lowest at 96.82% in the year 2020-21 as compared to 99.19% and 97.78% for the years 2018-19 and 2019-20. The Committee observe that proactive measures need to be taken up speedily by the Ministry to bring down the number of unsettled grievances which stood at 30411 till the end of 2020.


The Committee are of the considered opinion that the Government should specifically look into the grievances pertaining to employers failure to deposit PF contribution deducted from the wages of the employee in the PF Accounts and simultaneously defaulting on their own contribution as well. A conscious decision leading to payment to workers who are yet to receive the statutory benefits of PF and ESI since long due to default of the employees needs to be urgently taken up for redressal.

With specific reference to EPS 95, the Committee note that the minimum pension which was announced in 2014 and continues to be applicable till date is grossly inadequate. Even this meager amount of Rs.1,000/- is reportedly not being given to many pensioners owing to various reasons and pension amounts as low as Rs.460/- are being disbursed. Therefore, demands and representations have been made for raising the monthly pension to a minimum of Rs.3,000/- or even a better amount ranging upto Rs.9,000/- per month.


A major problem with EPS 95, as brought to the notice of the Committee is that there is no link between an employees saving/contribution per se and the actual pension amount as all contributions are pooled together in one account and the pension amount disbursed on the basis of the last salary drawn by the employee. Also, reportedly, no limits exist either on the amount of withdrawals or the time frame for making withdrawals, and yet the account holder continues to be eligible for pension. EPS 95, being a ‘Defined Benefit’ scheme which guarantees a minimum pension has inherent limitations, which, as per the Ministry would be a burden on the exchequer unless appropriate changes are made in the administration of the scheme.


An increase in the pension amount to Rs.3,000/- would, as pointed out, entail an increased expenditure of Rs.15,000 crore thereby taking the total impact on the exchequer to Rs.25,000 crore. The Committee in this regard, desire that earnest efforts be made for addressing the drawbacks or limitations of the scheme, and at the same time ensure that the worker’s interest are protected by way of ensuring a reasonable monthly pension of at least Rs.3,000/- under EPS 95.The Committee would like to be apprised of the developments in this regard.

Click Here to Download Complete 107 Pages Report of STANDING COMMITTEE ON LABOUR


 

Thursday, March 18, 2021

EPS 95 Pension Hike+DA: कर्मचारी पेंशन योजना को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, 65 लाख पेंशनभोगियों पर क्या असर?

कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) को मुद्रास्फीति सूचकांक के साथ जोड़ने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कुछ दिन पहले, बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDAI) को इस तरह का उत्पाद लॉन्च करने की अफवाह थी। कहा गया कि इससे पेंशनर्स को काफी फायदा होगा। हालाँकि, केंद्र ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।

ईपीएस 1995 संबंधित पेंशनरों के बारे में सरकार से कई मांगें थीं। इस मांग के लिए सरकार द्वारा एक समिति का गठन किया गया था। श्रम मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने इस संबंध में कोई सुझाव नहीं दिया है। इसलिए, इसे कर्मचारी पेंशन योजना (EPS 95) और मुद्रास्फीति सूचकांक से नहीं जोड़ा जाएगा।

ईपीएफओ बोर्ड के सदस्य विराजेश उपाध्याय के अनुसार, समिति ने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) को मुद्रास्फीति सूचकांक से जोड़ने का कोई सुझाव नहीं दिया है। पेंशनरों को वर्तमान में 1,000 रुपये की मूल पेंशन दी जाती है। हालांकि, पेंशनरों ने मांग की है कि इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये किया जाना चाहिए।


कोशियारी समिति ने इस मांग के संबंध में सरकार को कुछ सुझाव भेजे हैं। लेकिन अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। पेंशनरों को मुद्रास्फीति सूचकांक से जोड़ा जाना चाहिए। इससे पेंशनर्स को बड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। अगर इस तरह का कोई प्रस्ताव लागू किया जाता है, तो इसका सीधा फायदा 65 लाख ईपीएस -95 पेंशनर्स को मिल सकता है।

IRDAI से सुझाव

बीमा नियामक IRDAI के अनुसार कर्मचारी पेंशन योजना को मुद्रास्फीति सूचकांक या सरकारी प्रतिभूतियों से जोड़ा जा सकता है। इस नई योजना का लाभ यह है कि मुद्रास्फीति बढ़ने पर पेंशनरों को अधिक पैसा मिलेगा।



इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के अध्यक्ष सुभाष चंद्र खुंटिया के अनुसार, पेंशनरों के लिए हर महीने नियमित आय प्राप्त करने की योजना होनी चाहिए। इसके लिए फ्लोटिंग रेट एन्युटी जैसा उत्पाद लाया जा सकता है। जिसे मुद्रास्फीति सूचकांक से जोड़ा जा सकता है।



 

Monday, February 22, 2021

EPS 95 Higher Pension Cases: Supreme Court Main Cause list just issued, all the 60 Cases have been listed for hearing on 25.2.2021


SUPREME COURT OF INDIA [IT WILL BE APPRECIATED IF THE LEARNED ADVOCATES
ON RECORD DO NOT SEEK ADJOURNMENT IN THE MATTERS LISTED BEFORE ALL THE COURTS IN THE CAUSE LIST]


DAILY CAUSE LIST FOR DATED : 25-02-2021

Court No. 4 (Hearing Through Video Conferencing)

HON'BLE MR. JUSTICE UDAY UMESH LALIT

HON'BLE MS. JUSTICE INDIRA BANERJEE

HON'BLE MR. JUSTICE K.M. JOSEPH


NOTE:-
REGULAR HEARING MATTERS WILL BE TAKEN UP IMMEDIATELY AFTER MISCELLANEOUS MATTERS AND PREFERENCE SHALL BE GIVEN TO CRIMINAL APPEALS AND PARTICULARLY TO MATTERS INVOLVING DEATH SENTENCE.

CLICK HERE TO DOWNLOAD SUPREME COURT ADVANCE CAUSE LIST OF 60 CASES


Saturday, February 13, 2021

Pension Hike News: पेंशनधारकों को सौगात, सरकार ने पेंशन की लिमिट बढ़ाई, नए नियम से पेंशनधारकों को होगा बड़ा फायदा, जानिए कितनी पेंशन


केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कर्मचारी की मौत के बाद दी जाने वाली परिवार पेंशन की सीमा 75 हजार से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए कर दिया है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि इस निर्णय से सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने के बाद उसके परिवार के सदस्यों को जीवन-यापन में आसानी होगी। उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। बता दें वर्तमान नियमों में किसी सरकारी कर्मचारी की सेवा या रिटायरमेंट के बाद मौत होने पर उसके जीवनसाथी को पेंशन मिलती है। जबकि दोनों के मरने पर बच्चे को दो परिवार पेंशन मिलती है।


केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि परिवार पेंशन राशि में दो श्रेणियां थी। एक में अधिकतम वेतन सीमा 50 फीसद और दूसरी 30 प्रतिशत वाली थी। छठे वेतन आयोग ने पहले 90 हजार रुपए अधिकतम वेतन सीमा मानी थी। उन्होंने आगे बताया कि इस हिसाब से 50 फीसद पेंशन वाली श्रेणी में 45 हजार और 30 वाली में 27 हजार रुपए प्रति माह मिलते थे। अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से अधिकतम सैलरी सीमा 2.5 लाख रुपए प्रति महीने कर दिया गया है। ऐसे में सेंट्रल सिविल सर्विसेज पेंशन नियम 1972 के रूल 54 में उपनियम 11 के तहत संशोधित किया गया है। अब 2.5 लाख रुपए का 50% यानी 1.25 लाख और 2.5 लाख का 30 फीसद यानी 75 हजार रुपए कर दी गई है।


हाल ही में पेंशनभागी कल्याण विभाग ने मृत सरकार सेवक, पेंशनभोगी के बच्चे, भाई-बहन के पेंशन को लेकर निर्देश जारी किए हैं, जो शारीरिक और मानसिक तौर पर सक्षम नहीं है। अगर कुल इनकम फैमिली पेंशन मृतक कर्मचारी व पेंशनभोगी की ओर से लिए गए आखिरी सैलरी से 30% से कम है। ऐसे में उन्हें आजीवन फैमिली पेंशन मिलेगी और महंगाई राहत के पात्र भी होंगे।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पारिवारिक पेंशन के संबंध में दूरगामी सुधार में सीमा को 45,000 रुपये से बढ़ाकर 1,25,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम मृत कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के लिए पर्याप्त वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा।

 मंत्री ने कहा कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने एक बच्चे के या उसके माता-पिता की मृत्यु के बाद दो पारिवारिक पेंशन खींचने के लिए पात्र होने पर स्वीकार्य राशि पर स्पष्टीकरण जारी किया है। सिंह ने कहा कि दोनों पारिवारिक पेंशन की राशि अब 1,25,000 रुपये प्रति माह तक सीमित रहेगी, जो पहले की सीमा से ढाई गुना अधिक है। पहले निर्देश दिए गए थे कि ऐसे मामलों में दो परिवार पेंशन की कुल राशि, 45,000 रुपये प्रति माह और 27,000 रुपये प्रति माह से अधिक नहीं होगी, जो कि उच्चतम वेतन को ध्यान में रखते हुए क्रमशः 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से निर्धारित की गई थी। चूंकि 7 वें सीपीसी सिफारिशों के लागू होने के बाद उच्चतम वेतन को संशोधित कर 2,50,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है, इसलिए सीसीएस (पेंशन) नियमों के नियम 54 (11) में निर्धारित राशि को भी संशोधित कर 1,25,000 रुपये प्रति माह किया गया है। 2,50,000 रुपये का 50 प्रतिशत और 75,000 रुपये प्रति माह, 2,50,000 रुपये का 30 प्रतिशत।


केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 के नियम 54 के उप-नियम (11) के अनुसार, यदि पत्नी और पति दोनों सरकारी कर्मचारी हैं और उनकी मृत्यु के समय, उस नियम के प्रावधानों से शासित होते हैं, तो जीवित बच्चा है। मृतक माता-पिता के संबंध में दो पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र हैं। वेतन संशोधन पर उपर्युक्त स्पष्टीकरण विभिन्न मंत्रालय विभाग से जारी किया गया है। मौजूदा नियम के अनुसार, यदि माता-पिता सरकारी कर्मचारी हैं और सेवाकाल में या सेवानिवृत्ति के बाद उनमें से एक की मृत्यु हो जाती है, तो मृतक के संबंध में परिवार की पेंशन जीवित पति या पत्नी की मृत्यु की स्थिति में देय हो जाएगी। जीवित बच्चे को मृतक माता-पिता के संबंध में दो परिवार पेंशन दी जाएगी जो अन्य पात्रता शर्तों को पूरा करने के अधीन है।



 

Wednesday, February 10, 2021

Good News For Pensioners: केन्द्र सरकार ने माना पेंशन व्यवस्था से जुड़ा कोर्ट का यह निर्णय, लोकसभा में दी जानकारी, मिलेगा बढ़ी हुई पेंशन का लाभ

पुरानी पेंशन व्यवस्था से जुड़े एक मामले को केन्द्र सरकार (Central Government) ने अपनी मंजूरी दे दी है। यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में विचाराधीन था। लेकिन कोर्ट का फैसला आने के बाद अब इसे सरकार की भी मंजूरी मिल गई है। लोकसभा में एक सांसद के सवाल के जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी है। सरकार के इस कदम से बड़ी संख्या में केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। इस मामले में कई कर्मचारियों ने कोर्ट का रुख किया था। कई साल तक चली सुनवाई के बाद यह फैसला आया है। अब कर्मचारियों को पुरानी पेंशन  (Pension) व्यवस्था के तहत ही रिटायर होने पर पेंशन का लाभ मिलेगा।


बड़ी संख्या में केन्द्र सरकार के अधीन ऐसे कर्मचारी थे जिन्हें नई पेंशन व्यवस्था राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत भर्ती किया गया था। लेकिन कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले ऐसे कर्मचारियों का आरोप था कि वो साल 2004 से पहले सफल घोषित किए गए थे। चयन भी 2004 से पहले हो गया था, लेकिन उनकी नियुक्ति 2004 के बाद हुई।

इसी तरह के और भी कई कारण थे जिसके चलते उनकी नौकरी 2004 के बाद शुरु हुई थी। और इसी के चलते सरकार ने उन्हें एनपीएस के तहत रखा था। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर फैसला देते हुए कहा था कि सरकार ऐसे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था का ही लाभ दे। जिसे सरकार ने मान भी लिया है।


वैसे तो देशभर में किसी एक नहीं दर्जनों विभाग में पेंशन की नई व्यवस्था एनपीएस लागू कर दी गई है। लेकिन 2004 से सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और असम राइफल्स में भर्ती होने वाले जवानों को भी नई पेंशन स्कीम के तहत रखा गया है। पेंशन दोबारा से चालू हो जाए। पहले की तरह ही पुरानी पेंशन का लाभ मिलता रहे इसके लिए सीआरपीएफ के आईजी रिटायर्ड वीपीएस पनवर लगातार आवाज़ उठा रहे हैं।


नेशनल कोआर्डिनेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री पर्सनल वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमेन वीपीएस पनवर बताते हैं कि मैं पिछले 4 साल से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहा हूं। इस बारे में गृह मंत्रालय और पीएमओ सहित सभी संबंधित विभागों को दर्जनों चिठ्ठी लिखी जा चुकी हैं। लेकिन हैरत की बात ये है कि पीएमओ को छोड़कर किसी ने भी आजतक एक भी चिठ्ठी का जवाब नहीं दिया है। पीएमओ से आई चिठ्ठी में भी सिर्फ इतना ही लिखा था कि आपकी चिठ्ठी को हमने संबंधित विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया है।




Monday, February 8, 2021

Suprme Court Order on Pension: Supreme Court Refuses to Hear Plea on Removal of Disparity in Pension Benefits Dt. 8 Feb 2021


सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के तहत सशस्त्र बलों के कर्मियों को पेंशन लाभ में असमानता को दूर करने के लिए एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हालांकि, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट की पीठ ने 'हमरा देश हमार जवान ट्रस्ट' को अपनी याचिका के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की अनुमति दी।

ट्रस्ट ने वकील अजय अग्रवाल के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा है कि 2005 की केंद्र सरकार की अंशदायी हाइब्रिड पेंशन योजना को सेना जैसे सशस्त्र बलों पर लागू नहीं किया गया था।


याचिका में कहा गया है की अर्धसैनिक बलों, BSF CISF, CRPF, ITBP, NSG, SSB और असम राइफल्स, जो कि MHA के अधीन हैं, के साथ असमान व्यवहार किया गया है और उन्हें हाइब्रिड पेंशन स्कीम के तहत रखा गया है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई संक्षिप्त सुनवाई में पीठ ने अग्रवाल जी से कहा, "अगर आप चाहते हैं कि आप इसे वापस ले सकते हैं और उच्च न्यायालय में जा सकते हैं। यदि आप बहस करना चाहते हैं, तो हम आपकी सुनवाई करेंगे। आप क्या चाहते हैं?" जब सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि यह याचिका खारिज कर रही है, तो अग्रवाल ने उच्च न्यायालय को स्थानांतरित करने के लिए स्वतंत्रता की मांग की। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा "हम आपको उच्च न्यायालय जाने की स्वतंत्रता दे रहे हैं।

ट्रस्ट ने अक्टूबर 2020 में MHA और MOD के तहत सशस्त्र बलों के कर्मियों को पेंशन लाभ में असमानता को दूर करने की याचिका दायर की थी। दलील में कहा कि केंद्र द्वारा नई अंशदायी पेंशन योजना शुरू की गई और 1 जनवरी, 2004 से प्रभावी हुई। 

1 जनवरी, 2004 को एक अधिसूचना के माध्यम से सरकार ने पेंशन योजना को अंशदायी बनाया और अंशदान कर्मचारी के वेतन से काटा जायेगा।

“केंद्र सरकार एक हाइब्रिड पेंशन स्कीम लागू कर रही है जो सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए पुरानी और नई पेंशन योजनाओं का मिश्रण है जो MHA के तहत आए थे और जो 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में शामिल हुए थे। याचिका में कहा गया है "लेकिन यह विशेष रूप से प्रदान किया जाता है कि यह नई अंशदायी पेंशन योजना भारत के सशस्त्र बलों के लिए लागू नहीं है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि BSA, CISF, CRPF, ITBP, NSG, SSB और असम राइफल्स जैसे MHA के तहत आने वाले बलों के लिए 6 अगस्त 2004 को एक स्पष्टीकरण जारी किया गया था कि ये सभी मंत्रालय के तहत सशस्त्र बल हैं।

इसमें कहा गया है कि सशस्त्र बलों के प्रत्येक जवान जो कि MHA के तहत आता है, पुरानी योजना के तहत पेंशन प्राप्त करना चाहता है, लेकिन केंद्र सरकार ने इससे इनकार कर दिया है, इसलिए रक्षा मंत्रालय के तहत सशस्त्र बलों के साथ भेदभाव किया जाता है, जबकि दोनों सेना सशस्त्र बल हैं। कई अभ्यावेदन के बाद भी, सरकार द्वारा कुछ भी नहीं किया गया है, यह इस याचिका में कहा गया है।


 

Saturday, January 9, 2021

EPFO Pension Latest Update: Big change in recomended in PF structure! EPS 95 Pension to be made proportional to PF contributions on actual salary

EPS 95 PENSION HIKE NEWS | EPS 95 HIGHER PENSION ON ACTUAL SALARY


निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में भारी बदलाव की बड़ी खबर है। यह खबर उनके भविष्य निधि (PF) के बारे में है क्योंकि EPFO के ढांचे में बदलाव हो सकता है। श्रम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस संबंध में श्रम पर संसदीय समिति को कुछ प्रस्ताव दिए हैं। संसदीय समिति के अधिकारी इस पर विचारकर रहे है कि EPFO को जारी रखने और निधियों को अधिक प्रासंगिक बनाने और इसमें संरचनात्मक परिवर्तन करने की आवश्यकता है।



समाचार रिपोर्ट के अनुसार, संसदीय समिति को दी गई सिफारिशों में कहा गया था कि 'निर्धारित लाभों' की मौजूदा प्रणाली के बजाय 'परिभाषित योगदान' मॉडल शुरू किया जाना चाहिए। वर्तमान में, EPFO पेंशन की न्यूनतम सीमा तय की गई है। यह सुझाव एक तरह से परिभाषित लाभ है। परिभाषित योगदान’ का लाभ उठाने पर, EPF के सदस्यों को उनके योगदान के अनुसार लाभ दिया जाएगा। मतलब, आपका योगदान आपके वेतन के सीधे आनुपातिक होगा।

मीडिया रिपोर्टों में मिली जानकारी के अनुसार, EPFO में 23 लाख से अधिक EPS 95 पेंशनधारक हैं, जिन्हें हर महीने 1,000 रुपये पेंशन मिलती है। जबकि PF में उनका योगदान इसके एक-चौथाई से भी कम है। अधिकारियों ने कहा कि अगर ऐसा ही होता रहा तो भविष्य में इसका प्रबंधन करना मुश्किल हो जाएगा। यही कारण है कि इसे और अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए 'परिभाषित योगदान' को अपनाया जाना चाहिए।


अगस्त 2019 में, EPFO  के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अनुसार न्यूनतम पेंशन को 2,000 रुपये से बढ़ाकर रुपये 3,000 करने की मांग की है, हालांकि, इसे लागू अभीतक लागू नहीं किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार को Rs. 2,000 की न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने से 4500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च करना होगा और अगर इसे 3,000 रुपये तक बढ़ा दिया जाता है, तो इससे सरकारी खजाने पर 14,595 करोड़ रुपये खर्च होंगे ऐसा बताया जा रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, शेयर बाजार में निवेश की गई EPFO राशि के एक बड़े हिस्से ने कोरोना महामारी के कारण नकारात्मक रिटर्न दिया है। EPFO कॉर्पस के 13.7 करोड़ रुपये में से केवल पांच प्रतिशत या 4600 करोड़ रुपये शेयर बाजार में निवेश किए गए थे ऐसी जानकारी अधिकारियों के वक्तव्य से मिली है।


अगर श्रम मंत्रालय द्वारा यह जो सुझाव दिया गया है तो इसे अगर मान्यता मिल जाती है तो इससे मौजूदा समय में जो कर्मचारी है तो उनके भविष्य में मिलने वाली पेंशन का रास्ता साफ हो जाएगा। पर सवाल अभी यह भी है कि मौजूदा समय में जो EPFO के लगभग 68 लाख EPS-95 पेंशनधारक है तो उनकी पेंशन बढ़ोतरी के बारे में क्या है? जी हां यहां पर यह सवाल काफी बड़ा है क्योंकि मौजूदा समय में कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत लगभग मौजूदा समय में 68 लाख पेंशनधारियों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी की मांग कर रहे है।

इस जानकारी में बताया गया है कि 23 लाख से अधिक eps-95 पेंशनधारकों को ₹1000 की मासिक पेंशन मिलती है और भविष्य में यह पेंशन ऐसी चलती रही तो इनके द्वारा जो किया गया योगदान है तो उससे इनको पेंशन देना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में यह सुझाव दिया गया है कि कर्मचारी के वेतन के अनुपात में कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में योगदान होना चाहिए ताकि उसको ज्यादा पेंशन भी मिल पाए और कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में योगदान भी बढ़ाई जा सके।


इस प्रस्ताव में कहीं भी नजर नहीं आ रहा है कि मौजूदा समय में कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के जो पेंशनधारक है तो उनकी पेंशन बढ़ोतरी कितनी होगी? जो सुझाव दिए गए हैं तो यह मौजूदा समय में जो कर्मचारी है तो उनके वेतन के अनुपात में कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में योगदान के संदर्भ में है, पर मौजूदा समय में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त होकर कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत पेंशन प्राप्त कर रहे हैं उनकी पेंशनमें बढ़ोतरी नजर नहीं आ रहा है। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत है देश भर में लगभग 68 लाख पेंशनधारक है। जो उनकी पेंशन बढ़ोतरी की मांग लगातार कर रहे है। EPS 95 पेंशनधारकों की मांग है कि पेंशन को ₹7500 बढ़ाकर महंगाई भत्ते के साथ भी जोड़ा जाए।


इससे पहले केंद्रीय न्यास बोर्ड के जो सदस्य हैं तो उनके द्वारा भी कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के पेंशनधारकों की पेंशन को ₹2000 से बढ़ाकर ₹3000 करने की सिफारिश की गई थी। पर इसे भी अभी तक लागू नहीं किया गया है। बताया जा रहा था कि अगर पेंशन को बढ़ाया जाता है तो इसकी वजह से EPFO पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अगर ₹2000 की न्यूनतम पेंशन बढ़ा दी जाती है तो  ₹4500 करोड रुपए का अतिरिक्त खर्च होगा। वही अगर इसे ₹3000 तक बढ़ाया जाता है तो ₹14595 का अतिरिक्त खर्च होगा ऐसा बताया जा रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के नियोक्ता की तरफ से कर्मचारी पेंशन योजना में जो उनकी बेसिक सैलरी है तो उसका 8.3 फ़ीसदी जमा किया गया है जो की लगभग 20 से 22 लाख रुपए का अंशदान हो जाता है क्योंकि यह जो सेवानिवृत्त कर्मचारी है तो उन्होंने 20-20 25-25 साल तक अपनी सेवा दी है। और इतने समय तक के लिए कर्मचारी पेंशन योजना में उनका योगदान भी होता रहा है।