Saturday, January 23, 2021

GOOD NEWS FOR PF, EPS 95 MEMBAERS: सरकार EPS 95, EPF अंशदान बढ़ाने पर जल्द ले सकती है फैसला, पेंशन में होगी कई गुना बढ़ोतरी, EPF में होगा ज्यादा अंशदान

EPS 95 PENSION HIKE NEWS, EPS 95 HIGHER PENSION ORDER


PF अंशदान को लेकर जल्द ही बड़ी खुशखबरी सामने आ सकती है। सरकार PF अंशदान की लिमिट मौजूदा समय में 15000 तक सिमित है उसे बढ़ा सकती है। इस मामले में बीते कई दिनों से मंथन जारी है। लेबर मिनिस्ट्री, उद्योग जगत के प्रतिनिधि और लेबर यूनियन (Labor Unions) के लोगों की बुधवार-गुरुवार को इस मामले को लेकर आमने-सामने बैठकर बातचीत तय की गई थी।

हालांकि अभी सामने नहीं आया है कि सरकार ने क्या फैसला लिया है। लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहता है और मांगें मान ली गई तो अब PF की कटौती की सिमा बढ़ जाएगा। लेबर यूनियनों की ओर से यही प्रमुख मांग भी है।


क्या 21000 रुपये होगी PF अंशदान की सिमा

दरअसल, भारतीय मजदूर संघ (Bharatiya Mazdoor Sangh) ने सरकार से मांग की है कि जिन कर्मचारियों का मासिक वेतन 15,000 रुपये है, उसमें PF की कटौती न की जाए, बल्कि जिनकी सैलरी 21,000 रुपये है, उसमें कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम (Employees Provident Fund - EPF) के तहत कटौती की जाए। यानी 15,000 रुपये की सिमा को बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया जाए। इस मांग पर सरकार का जल्द ही फैसला आ सकता है।


पिछले दिनों सामने आया था कि संघ ने छुट्टियों के मामलों में भी मांग की थी। संघ की मांग है कि भी तरह के वर्कर्स के लिए अलग-अलग कानून बनाए जाएं। इसके पीछे दलील दी गई कि पत्रकार, सिनेमा के कामगार, बीड़ी वर्कर्स, भवन व अन्य निर्माण से जुड़े कर्मी आदि सभी का काम अलग-अलग होता है।

इसके अलावा मांग की गई थी। पूरी नौकरी के दौरान मिलने वाली छुट्टी 300 कर दी जाए, जो कि मौजूदा समय में 240 है। जल्द ही इन सभी मामलों में सरकार की ओर से फैसला आ सकता है। संकेत हैं कि सरकार इनमें से कई मांगों पर अमल कर सकती है।


नए साल पर PF खातधरको को बड़ा तोहफा दे चुकी है सरकार

नए साल की 2021 की शुरुआत से ठीक पहले सरकार कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे चुकी है। दरअसल, सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 8.5 प्रतिशत का पूरा ब्याज एक साथ देने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया था। जानकारी के अनुसार, यह रकम न्यू ईयर इव यानी 31 दिसंबर 2020 तक कर्मचारियों के खाते में डाल दी गई। इस तरह नए साल में लोगों को धनवृद्धि का तोहफा मिला।


अधिकारियों ने इस बारे में बताया था कि ब्याज दर से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा के लिए श्रम और वित्त मंत्रालय की बैठक हुई थी। जिसमें वित्त मंत्रालय ने जोखिम भरे निवेश पर कुछ चिंता जताते हुए ब्योरा मांगा था। हालांकि बैठक के करीब 1 हफ्ते बाद ही वित्त मंत्रालय से EPFO को इकट्ठा ब्याज देने के आदेश प्राप्त हो गए थे। इस तरह मोदी सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया था।


 

Friday, January 22, 2021

EPS 95 NAC NEWS: 65 LAKH PENSIONER MUST KNOW | EPS 95 MINIMUM PENSION HIKE 7500+DA, EPS 95 HIGHER PENSION NEWS

EPS 95 MINIMUM PENSION HIKE 7500+DA, EPS 95 HIGHER PENSION NEWS


प्रेस नोट

चित्तौड़गढ़: दिनांक 17.1.2021 देश के 65 लाख ईपीएस-95 पेंशनरों का कमांडर अशोक राऊत के नेतृत्व में प्रतिनिधित्व करने वाली ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ के संयुक्त अध्यक्ष नरेंद्र सिंह शक्तावत के आह्वान पर प्रभास चैधरी जिलाध्यक्ष भीलवाड़ा, प्रेम सिंह झाला जिलाध्यक्ष चित्तौड़गढ़, राजेंद्र जैन अध्यक्ष चित्तौड़गढ़ (शहर), सुरेश पाटीदार जिलाध्यक्ष प्रतापगढ़, बी.पी. शर्मा जिलाध्यक्ष एवं सचिव नारायण लाल रेगर राजसमंद, उदय सिंह भाटी वरिष्ठ उपाध्यक्ष जिला भीलवाड़ा, समन्वयक जिला भीलवाड़ा टौंक, सीकर, झुंझुनूं जिलों के राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जिला पदाधिकारीयों एवं अध्यक्ष सुरेश कुदाल उपखंड निंबाहेड़ा एवं टोंक, सीकर, झुंझुनू, अजमेर के जिला पदाधिकारियों के नेतृत्व में इन जिलों में निवासरत दो लाख पचहत्तर हजार से अधिक मचे 95 पेंशनरों ने वर्षों से लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए भीलवाड़ा के माननीय सांसद एवं स्थाई संसदीय श्रम समिति, श्रम मंत्रालयध भारत सरकार में माननीय सदस्य श्री मान सुभाष बहेड़िया से भीलवाड़ा स्थित उनके आवास पर भेंटकर विस्तार पूर्वक ईपीएस 95 पेंशनरों, जिनके लाखों रुपए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में जमा है, परंतु उन्हें मात्र रू 200 से रू 3000  पेंशन मिलती है एवं इसके अलावा केंद्र राज्य अथवा स्थानीय स्तर से दी जाने वाली अनुदानित किसी प्रकार की अन्य कोई भी सामाजिक सुरक्षा अथवा चिकित्सा आदि  सुविधा नहीं मिलती है की आर्थिक सामाजिक दुर्दशा से अवगत कराया, एवं 4 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा।


पेंशनरों के प्रतिनिधियों की व्यथा कथा सांसद सुभाष बहेड़िया ने ध्यान पूर्वक सुनी। और प्रतिनिधिमंडल को पूरा विश्वास दिलाया कि अपने स्तर से वह जितना भी बन पड़ेगा पूरी कोशिश करके न्याय दिलाएंगे। प्रतिनिधि मंडल के समक्ष ही दिल्ली स्थित ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष (राजस्थान) एवं मुख्य समन्वयक (उत्तर भारत) रणजीत सिंह दसूंदी से माननीय सांसद महोदय की टेलीफोन पर वार्ता हुई।

माननीय सांसद एवं माननीय सदस्य, स्थाई श्रम समिति सुभाष बहेड़िया साहब ने रणजीत सिंह को आश्वासन देते हुए विश्वास दिलाया की मुझे मामले की पूरी जानकारी है और स्टैंडिंग कमिटी तथा हर स्तर पर मेरा पूरा पूरा प्रयास रहेगा की सभी पेंशनरों को सम्मानजनक न्याय मिले। विभिन्न जिलों से आये प्रतिनिधियों ने माननीय सांसद एवं सदस्य स्टेंडिंग लेबर कमिटी को अवगत कराया कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च 2020 को राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत के नेतृत्व में सांसद हेमा मालिनी मथुरा के सानिध्य में ईपीएस-95 पेंशनरों की मांगे गंभीरता पूर्वक सुनी एवं शीघ्र ही इन पेंशनरों की दयनीय स्थिति देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को निर्देशित किया की शीघ्र ही इन पेंशनरों की समस्या का सम्मानजनक समुचित समाधान किया जाए।


उसके तुरंत बाद डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने लोकसभा स्थित अपने कार्यालय में संबंधित तीनों मंत्रालयों के 13 आईएएस अधिकारियों की उपस्थिति में  प्रतिनिधिमंडल से पेंशन प्रकरण पर विस्तार पूर्वक विचार विमर्श कर शीघ्र ही पेंशन बढ़ोतरी एवं पेंशनर एवं उसके आश्रितों को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने का आश्वासन दीया। पेंशनर प्रतिनिधियों का कहना था कि हमारी उक्त मांगों पर विस्तारपूर्वक विश्लेषणात्मक अध्ययन कर रिपोर्ट देने के लिए गठित यह समिति ही हमारे भाग्य की निर्मात्री होगी जिसके सदस्य माननीय सांसद सुभाष बहेड़िया है।


इसके चलते भीलवाड़ा एवं आसपास संसदीय क्षेत्र में आवासरत ईपीएस-95 पेंशनरों को लगभग दो दशकों से लंबित अपनी न्याय पूर्ण मांगों के पूरा होने की आशा है। संयुक्त अध्यक्ष शक्तावत ने बताया कि हमें माननीय सांसद एवं बतौर माननीय श्रमिक हितों के रक्षार्थ गठित स्थाई श्रम समिति के सदस्य की हैसियत से केरल हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट की फाइव जजेज बैंच के पेंशनरों के पक्ष में 4 अक्टूबर 2016 को पारित फैसला जिसकी अनुपालना में 23 मार्च 2017 को मुख्य आयुक्त भविष्य निधि संगठन ने आदेश जारी कर पूर्ण वेतन पर पेंशन का निर्धारण करके भुगतान का आदेश जारी किया जिसे गैर कानूनी तरीके से एक नीचले दर्जेध्स्तर के अधिकारी ने दिनांक 31 मई 2017 को अंतरिम अनुशंसा जारी कर छूट प्राप्त नियोक्ताओं के कर्मचारियों की पेंशन भुगतान को स्थगित कर दिया। इसे निरस्त करवा कर मुख्य आयुक्त, जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का देश का सबसे बड़ा अधिकारी है द्वारा जारी 23 मार्च 2017 का आदेश अमल में लाया जावे।


इसके साथ ही यूपीए सरकार द्वारा गठित कोश्यारी कमेटी की 2013 की सिफारिशों के अनुसार रू 3000/- एवं महंगाई भत्ता जो सातवें वैतन आयोग के लागू होने के बाद एवं सरकार के महंगाई सूचकांक के अनुसार आज की तारीख में रू 7500 एवं महंगाई भत्ता बनती है बतौर न्यूनतम पेंशन एवं पेंशनर एवं उसके आश्रितों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की सिफारिश हाल ही में गठित यह स्टेंडिंग लेबर कमिटी करे ताकि विश्व के अल्पमत पेंशन भोगियों के साथ न्याय हो सके।

 

इस प्रतिनिधिमंडल में कोरोना के नियमों का पूर्णतः पालन करते हुए समेत चित्तौड़ एवं प्रतापगढ़ के विभिन्न विभागों जिनमें हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, सीमेंट सेक्टर, राजस्थान रोडवेज, कोऑपरेटिव सेक्टर डेयरी कर्मचारी परमाणु बिजली घर, राजस्थान विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, कपड़ा मिल, धागा मिल ग्रासिम इंडस्ट्री आदि के ईपीएस-95 पेंशनर अपने अपने पदाधिकारियों के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने माननीय सांसद के समक्ष उपस्थित हुए। पूछने पर ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले वर्षों से संघर्षरत पेंशनरों ने अपने लोकप्रिय तीनों जन नेताओं में विश्वास व्यक्त करते हुए हमारे संवाददाता को बताया की चित्तौड़गढ़, कोटा एवं भीलवाड़ा के तीनों माननीय सांसद गंभीरता पूर्वक इस समस्या का समाधान करने के लिए आगे आएंगे और निश्चित रूप से दशकों से वांछित न्याय हमें मिल जाएगा।


इसमें पदाधिकारी गिरिराज वर्मा, सतयनारायण सेन, अशोक जैन, सुधीर मेहता, सी.एम.जायसवाल, फतहलाल सेन, कान सिंह, नाहरसिंह, भारत सिंह, गोपाल चांवला,  एस.पी. सुखवाल, नाथुलाल,एस.के.जोशी, संजीव कुमार, सुनील शर्मा, गोपाल गर्ग, श्याम पांडया, डी.के.गुप्ता, कमला मेनारिया, बलवंत सिंह, हरदेव पंवार, घनश्याम पंचोली, अशोक पुरोहित सहित सैंकड़ों पेंशनर झापन देने के लिए उपस्थित हुए।

माननीय संपादक महोदय, आप इस क्षेत्र के आवाम की आवाज हैं और इन पेंशनरों की जिनको मात्र 200 से रू. 3000 प्रतिमाह बिना महंगाई भत्ते के पेंशन मिलती है इसके अलावा किसी प्रकार की कोई भी सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती है की आवाज बनकर हमें अनुगृहित करें।

सादर, (नरेंद्र सिंह शक्तावत)



Monday, January 18, 2021

EPS 95 HIGHER PENSION NEWS: Hearing of EPS-95 Pension Cases Deferred by Supreme Court, Waiting Increasd Till 25 January

18-01-2021 Dear EPS 95 Pensioners friends,

Greetings to all.

At the outset the long awaited pension case was posted for hearing today and postponed to next Monday 25-01-2021.


A new bench will hear the case.

The changes in judges also pointed out. The cases will be posted in Appropriate Bench. Justice Mr.Sanjeev Khanna and Justice Mr.Anirudh Bose along with another judge will hear our case. Justice Mr.Sanjeev Khanna  is who dismissed the SLP on 01-04-2019.

The Senior advocates attended 20th January's  hearings and informed that the EPFO INFORMED THE COURT THAT A CASE IS PENDING IN KERALA HIGH COURT FOR HEARING by full bench. In the EPFO affidavit totally misguided the court by giving false information as if the Madras High Court judgment was stayed. I’m Kerala High Court also.


Mr.Sundaram Iyer educate all the contesting advocates about this.

1. Two SLPs filed by MOL&E , one against Sunil kumar and another against  BKNK Sangh,

2. The dismissed Review Petition by EPFO.

3. 46 +2 (new WPs) Writ Petitions.

4. One Stay Petition and another IA for submission of new documents.


These are the cases  pending in Supreme Court for hearing on 25-01-2021 Monday.

Today’s developments posted for information to all.

Let us hope the best

G.Murugaiyan 

President, JAC


 

EPS 95 HIGHER PENSION HEARING STATUS: 18 जनवरी 2021 को क्या है EPS 95 हायर पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी जनकारी

EPS 95 HIGHER PENSION ORDER BY SUPREME COURT


EPS-95 पेंशनधारक उनकी पेंशन बढ़ोतरी के लिए और सुप्रीम कोर्ट में जो उच्चतम वेतन पर हायर पेंशन के मामले दाखिल है तो इन मामलों के ऊपर सुनवाई के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट बार-बार इन EPS-95 पेंशनधारकों के धैर्य की परीक्षा भी ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 21 महीने के बाद 18 जनवरी 2021 को EPS-95 पेंशनधारको के इन मामलों पर सुनवाई की तारीख दी थी। जिसे फिर से एक बार सुप्रीम कोर्ट द्वारा बढ़ा दिया गया है।


देश के 65  लाख eEPS-95 पेंशनधारक उनकी पेंशन बढ़ोतरी के लिए और हायर पेंशन के मामले सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है तो इन मामलों की सुनवाई के लिए इंतजार करें। ऐसे में EPS-95 पेंशनधारकों के लिए एक अच्छी खबर निकल कर आई थी जिसके तहत सभी EPS-95 पेंशनधारकों को लग रहा था कि जब 17 जनवरी 2020 आ गया तब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा तारीख आगे नहीं बढ़ाई गई है तो पूरा पक्का यकीन हो गया था कि 18 जनवरी 2021 को इन मामलों के पर सुनवाई हो जाएगी और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाएगा। पर ऐसा नहीं हुआ, एक बार फिर से इन मामलों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनी तारीख बदल दी गई और इसे आगे की तारीख दे दी गई।


EPS-95 पेंशन के मामलो की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने टाला, लाखों लोगों का बढ़ा इंंतजार अब 25 जनवरी नई तारीख

सभी 65 लाख EPS-95 पेंशनधारकों को अवगत है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल 2019 को कर्मचारी पेंशन योजना में मासिक पेंशन पर केरल उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था। जिसमें केरल उच्च न्यायालय द्वारा कहा गया था कि EPS-95 पेंशनधारकों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद पूरे वेतन पर पेंशन का भुगतान किया जाए। केरला उच्च न्यायालय के इस फैसले पर ईपीएफओ द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। पर 1 अप्रैल 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने केरला हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। और EPS-95 पेंशनधारकों को उच्चतम वेतन पर पेंशन भुगतान का रास्ता साफ कर दिया था।

इस फैसले के बावजूद ईपीएफओ द्वारा फिर से एक समीक्षा याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई जिसके ऊपर सभी EPS-95 पेंशनधारक सुनवाई के लिए इंतजार कर रहे है। साथ ही श्रम मंत्रालय द्वारा जो उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है तो उसके ऊपर भी सुनवाई के लिए इंतजार किया जा रहा है। पर इन दोनों याचिकाओं के ऊपर लंबे समय से कोई सुनवाई नहीं हुई है।


मीडिया सूत्रों के के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक EPS-95 पेंशनधारकों की हायर पेंशन के अनुसार केंद्र सरकार ने अन्य पक्षियों को बिना सुने पूर्ण पेंशन पर केरला हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का एक बार फिर से 16 जनवरी 2021 को दरवाजा खटखटाया है। जब सर्वोच्च न्यायालय में 21 महीने के लंबे समय के बाद सोमवार को मामलों पर विचार करने वाली थी तब श्रम मंत्रालय ने एक ताजा याचिका 16 जनवरी 2021 को दायर की। जिसमें कहा गया कि पूर्ण पेंशन प्रदान करना व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने इस संबंध में और दस्तावेज जमा करने की अनुमति दी सर्वोच्च न्यायालय से मांगी है।

केंद्र सरकार द्वारा दायर अपनी याचिका में कहा गया है कि ₹15000 की सीमा का निर्धारण आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को ध्यान में रखकर किया गया था। अगर इस सीमा को रद्द करने के फैसले को लागू किया गया तो EPS-95 योजना में लगभग 15,28,519 की कमी होगी। हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही EPFO को 839.76 करोड रुपए देने थे।


सुप्रीम कोर्ट द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों के लिए हायर पेंशन के मामलों पर पुनर्विचार के लिए एक बार फिर से नई तारीख दे दी गई है। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट संभवतः 25 जनवरी 2021 को सुनवाई एक नई पीठ के सामने कर सकता है। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट ने तारीख आगे बढ़ा दी हो, इससे पहले भी 6 से 7 अवसरों पर सुप्रीम कोर्ट ने EPS-95 पेंशनधारकों के उच्चतम पेंशन के मामलों पर तारीख को आगे बढ़ा दिया था।

देश के सभी EPS-95 पेंशनधारकों को अवगत है कि 1 अप्रैल 2019 को EPS-95 पेंशनधारकों के हक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो फैसला दिया गया था तो इस फैसले की वजह से देश के करोड़ों लोगों को फायदा होने वाला था। जिसके तहत सभी प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी हैं तो उनको उनके उच्चतम वेतन पर पेंशन का भुगतान होना था। ऐसे में यहां पर लगभग 65 लाख EPS-95 पेंशनधारक है, जो कार्यरत कर्मचारी है तो इनको मिलने वाली पेंशन में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती थी।


सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो फैसला दिया गया था तो इस फैसले के अनुसार EPS-95 पेंशनधारकों को उनके अंतिम वेतन के हिसाब से पेंशन का भुगतान किया जाने वाला था। इसके लिए जिन कर्मचारियों ने EPS-95 पेंशन योजना में अपना अंशदान पुरे वेतन पर दिया है तो उनको उनके पूरे वेतन पर पेंशन मिलेगी। मान लीजिए किसी कर्मचारी का वेतन अगर ₹15000 तो इसका 8.33 फ़ीसदी 1250 हो जाता है। ऐसे में किसी कर्मचारी का वेतन ₹20000 है तो इसका जो 8.33 फ़ीसदी यानी 1250 के ऊपर जो भी अमाउंट रहेगा तो वह सीधा कर्मचारी पेंशन योजना में चला जाएगा। यानी उच्चतम वेतन पर योगदान और इतनी सैलरी पर आप की पेंशन की गणना की जाएगी।


इसकी वजह से आप की पेंशन में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती थी है। पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो फैसला दिया गया था तो इस फैसले के ऊपर ईपीएफओ द्वारा एक समीक्षा याचिका को दायर किया गया जिसके ऊपर अभी भी कोई फैसला नहीं आया है। जिसकी वजह से EPS-95 पेंशनधारक लंबे समय से उच्चतम वेतन पर पेंशन भुगतान का इंतजार कर रहे है। क्योंकि इस याचिका पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। और कोई फैसला भी नहीं  आया है। इसकी वजह से ईपीएफओ द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों के पुरे वेतन पर पेंशन के आवेदन है तो उन्हें भी स्वीकार नहीं किया जा रहा है।



Sunday, January 17, 2021

EPS 95 HIGHER PENSION NEWS: Centre Approaches Supreme Court Seeking Stay on Kerala High Court Order | EPS 95 हायर पेंशन मामले कि सुनवाई के पहले श्रम मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में खेला बड़ा दाव

EPS 95 HIGHER PENSION ORDER | CALCULATE EPS 95 HIGHER PENSION


केंद्र सरकार ने अन्य पक्षों को सुने बिना पूर्ण पेंशन पर केरल उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय ने EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) के सदस्यों को उनके वेतन के अनुसार पूर्ण पेंशन प्रदान करने का निर्देश दिया था।

जब सर्वोच्च न्यायलय में 21 महीने के अंतराल के बाद सोमवार को मामले पर विचार करने वाली थी तब श्रम मंत्रालय ने एक ताजा याचिका 16 जनवरी को दायर की जिसमें कहा गया कि पूर्ण पेंशन प्रदान करना व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने इस संबंध में और दस्तावेज जमा करने की अनुमति भी मांगी है।


केरल उच्च न्यायालय ने 12 अक्टूबर 2018 को फैसला सुनाया था की पूर्ण वेतन के अनुसार पेंशन EPS 95 पेंशनधारकों को पेंशन मिलनी चाहिए। EPS 95  (कर्मचारी पेंशन योजना 1995) में कर्मचारी की हिस्सेदारी की गणना के आधार पर वेतन की 15,000 रुपये की सीमा तय की गई थी जिसे निरस्त कर दिया गया। इसके साथ, कर्मचारियों के वेतन के अनुसार पेंशन की अनुमति दी गई थी।


सर्वोच्च न्यायालय ने भी 1 अप्रैल 2019 को कर्मचारी पेंशन योजना से मासिक पेंशन पर केरल उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था। इसके बाद, ईपीएफओ ने एक समीक्षा याचिका दायर की और श्रम मंत्रालय ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर की।



केंद्र द्वारा दायर नई अपील में, यह बताया गया है कि 15,000 रुपये की सीमा का निर्धारण आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को लक्षित किया गया था। अगर सीमा को रद्द करने के फैसले को लागू किया गया था, तो EPS में 15,28,519.47 करोड़ रुपये की कमी होगी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद EPFO ​​को 839.76 करोड़ रुपये देने थे।

केंद्र ने कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायलय श्रम मंत्रालय की अपील को बरकरार रखती है, तो बढ़ी हुई पेंशन वापस नहीं ली जा सकती। फैसले के बाद पेंशन 50 गुना बढ़ जाएगी। यह भारी भरकम राशि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति अवधि के दौरान वसूल नहीं की जा सकती। इसलिए, फैसले को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए, श्रम मंत्रालय के अवर सचिव समीर कुमार दास ने अनुरोध किया।

न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सोमवार को श्रम मंत्रालय द्वारा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ जो उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखती है ईपीएफओ की समीक्षा याचिका पर विचार करेगी। ईपीएफ सदस्यों को वर्तमान पेंशन की पूर्ण विवेचना से इनकार किया जाता है कि अपील और समीक्षा याचिका न्यायालय के विचाराधीन है।



EPS 95 Pension Hike 7500+DA Latest News: 65 लाख EPS-95 पेंशनधारकों की मांगों का समर्थन करने सभी ट्रेड यूनियन के नेताओं से NAC की अपील

EPS 95 PENSION HIKE | EPS 95 HIGHER PENSION ORDER 


EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के संदर्भ में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय कमांडर अशोक जी राउतजी ने दिनांक 13 जनवरी 2021 को देश के सभी ट्रेड यूनियन को EPS-95पेंशनधारकों की पेंशन के बढ़ोतरी के संदर्भ में पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय समिति का समर्थन करने की अपील की है। यह देश के प्रमुख ट्रेड यूनियन BMS / INTUC / CITU / AITUC / HMS / AIUTUC आदि के नेताओं, अध्यक्षों, महासचिव को लिखा गया है। जिसमें eps-95 पेंशन धारकों की जो 4 सूत्रीय मांगे हैं तो उसका जिक्र किया गया है।


उसके बाद इस पत्र में माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ माननीय सांसद हेमा मालिनी की अगुवाई में 4 मार्च 2020 को जो बैठक संपन्न हुई है तो उसका भी जिक्र किया गया है। देश के लगभग 68 लाका EPS-95 पेंशनधारकों के लिए न्यूनतम पेंशन को 7500 हजार समेत अन्य चार सूत्रीय मांगे हैं तो उनको पूर्ण करने के लिए प्रमुख और प्रभावी ट्रेड यूनियन BMS / INTUC / CITU / AITUC / HMS / AIUTUC की ओर से राष्ट्रीय संघर्ष समिति को सहयोग किए जाने के लिए अपेक्षा व्यक्त की गई है। इस पत्र में EPS-95 पेंशनधारकों की जो मौजूदा स्थिति है तो उसका जिक्र करते हुए कहा गया है कि आज के मूल्य में प्रत्येक व्यक्ति का योगदान 15 से 20 लाख रुपए है। जिसमें उन्हें केवल पेंशन के रूप में ₹200 से लेकर ₹3000 की पेंशन का भुगतान किया जा रहा है


इस अल्प पेंशन राशि में दो व्यक्तियों का जीवन यापन करना बहुत ही मुश्किल है। राष्ट्रीय संघर्ष समिति इन 68 लाख वृद्ध EPS-95 पेंशनधारकों को न्याय दिलाने के लिए लंबे समय से मेहनत कर रही है पर अभी तक उनको सफलता नहीं मिली है और वह अपना प्रयास जारी रखे हुए हैं। सभी 68 लाख EPS-95 पेंशनधारकों को अवगत है कि 4 मार्च 2020 को माननीय सांसद श्रीमती हेमा मालिनी जी की अगुवाई में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडलने माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ मुलाकात कर ईपीएस 95 पेंशनधारकों की मांगे जिसमें मुख्य रुप से पेंशन को  ₹7500 किए जाए और उसे महंगाई भत्ते के साथ भी जोड़ा जाए तो यह मांग शामिल थी। उसके बाद जो अन्य मांगे हैं तो उसके संदर्भ में भी माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ चर्चा की गई थी। उसके बाद माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा माननीय ड़ॉ जितेंद्र सिंह राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय को इस के संदर्भ में जानकारी देकर इस समस्या का समाधान के लिए कहा गया था।

आगे इस पत्र में लिखा गया है EPS-95 पेंशनधारकों के मामले में सभी ट्रेड यूनियन सक्रिय रूप से EPS-95 पेंशनधारकों के लिए पेंशन वृद्धि की मांग कर रहे हैं। हालांकि यह भी देखा गया है कि प्रत्येक ट्रेड यूनियन की मांग अलग-अलग है और इसलिए सरकार के मन में भ्रम पैदा होने की संभावना है। इसलिए हम विनंतीपूर्वक अपने देश के ट्रेड यूनियन के सभी माननीय और जिम्मेदार नेताओं सदस्य और सचिवों और अध्यक्ष से विनम्रतापूर्वक EPS-95 पेंशनधारकों और राष्ट्रीय संघर्ष समिति की मांगों का समर्थन करने की अपील करते हैं। इस मुद्दे पर आप से सकारात्मक प्रक्रिया का अनुरोध करते हैं।


EPS-95 पेंशनधारकों की जो मांगे राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा रखी जा रही है तो उन मांगों का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय संघर्ष समिति के माननीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउतजी द्वारा देश के सभी ट्रेनें नियमों को यह पत्र लिखा है। जिसमें माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ मुलाकात, EPS-95 पेंशनधारकों की मांगे इसका जिक्र करते हुए सभी को राष्ट्रीय संघर्ष समिति का जो मांगे हैं तो उनका समर्थन करने के लिए यहां पर अपील की गई है।


 

EPS 95 PENSIONERS LATEST NEWS TODAY: न्युनतम पेंशन बढ़ोतरी 7500 पर श्रम मंत्रीजी के जवाब के बाद NAC का बड़ा कदम


जैसा कि सभी EPS-95 पेंशन धारकों को अवगत है कि 29 दिसंबर 2020 को माननीय श्रम मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार जी द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के संदर्भ में माननीय सांसद श्री प्रतापराव जाधव जी द्वारा जो पत्र 15 सितंबर 2020 को लिखा गया था तो इसके जवाब में EPS-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी समेत 4 सूत्रीय मांगे हैं तो उनके मंजूर करने को लेकर संशय जनक जवाब दिया गया था। जिसके चलते EPS-95 पेंशनधारक काफी निराश हो चुके थे। माननीय श्रम मंत्री जी द्वारा यह जो जवाब दिया गया था तो उसके बाद राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों की जो न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी है तो उसके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम एक पत्र का प्रारूप तैयार किया गया जिसे क्षेत्रीय सांसदों के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को दिया जाना है।


जिसमें राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने अपनी प्रक्रिया समेत यह भी बताया है कि किस तरह से EPS-95 पेंशनधारकों को न्यूनतम पेंशन ₹7500 के साथ महंगाई भत्ता, उच्चतम पेंशन, का लाभ दिया जा सकता है। तो चलिए श्रम मंत्रालय से निराशाजनक पत्र मिलने के बाद EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम यह जो पत्र का प्रारूप तैयार किया गया है जिसे सभी क्षेत्रीय सांसदों के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम लिखा जाना है।


इस पत्र में EPS-95 पेंशनधारकों की जो 4 सूत्रीय मांगो के साथ में EPS-95 पेंशनधारकों की जो है न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी की मांग है तो उसे मंजूर करवाने हेतु निवेदन किया गया है। इस पत्र में EPS-95 के तहत न्यूनतम पेंशन और उसे किस तरह से महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जा सकता है, उसके बाद उच्चतम वेतन पर उच्चतम पेंशन का भुगतान भी किस तरह से किया जा सकता है, EPS-95 पेंशन धारकों को और उनके पति या फिर पत्नी को फ्री में चिकित्सा सुविधाएं किस तरह से दी जा सकती है तो उस के संदर्भ में जिक्र किया गया है तो उसे अभी हम देख लेते हैं.......

माननीय,
श्री नरेंद्र जी मोदी जी, 
प्रधानमंत्री, 
भारत सरकार नई दिल्ली

विषय: – EPS 95 पेंशनरों की मांगों को स्वीकार करने के लिए विनम्र प्रार्थना।

  • 04 मार्च 2020 को हमारी बैठक माननीय प्रधानमंत्री जी हुई।
  • राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) पत्र संख्या. 1205 दिनांक 13.05.2020
  • माननीय श्रम मंत्री का पत्र क्रमांक. DO / 15911/01/2018-SS-II [pt] दिनांक 26.10.2020 को श्रीमती हेमा मालिनी जी ने सौपा।

माननीय महोदय,

श्रीमती हेमा मालिनी जी, सांसद मथुरा के माध्यम से 04 मार्च 2020 को NAC प्रतिनिधियों को आपका सम्मान करने का सौभाग्य मिला। यह संगठन हमें धैर्यपूर्वक सुनने के लिए सदैव आपका आभारी रहेगा।

EPS-95 पेंशनरों की ओर से हमारी जायज मांगों को सुनने के बाद, आप माननीय डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्य मंत्री, को निर्देशित करने के लिए बहुत धन्यवाद। डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्य मंत्री, को प्रधानमंत्री कार्यालय से इस मामले पर तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा।



इसके बाद, माननीय राज्य मंत्री (पीएमओ) ने संबंधित अधिकारियों के साथ हमारे प्रतिनिधियों की बैठक की। उन्हें हमारी मांगों को पूरा करने के लिए एक प्रस्ताव / योजना तैयार करनी थी। MOS TO PMO ने तब माननीय से भी संपर्क किया। फोन पर श्रम मंत्री से भी बातचीत हुई। तब से 65 लाख ईपीएस 95 पेंशनर्स और उनके परिवार आपकी ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं।

माननीय महोदय, इस संबंध में श्रीमती हेमा मालिनी जी ने आपके माननीय स्व. 2.7.2020 और 20.09.2020 को स्मरण स्वरुप लिखा। इस बीच, माननीय MOL & E, ने श्रीमती को एक पत्र भी लिखा। हेमा मालिनी जी, के पत्र के जवाब में न्यूनतम पेंशन के बारे में कहा गया है कि न्यूनतम पेंशन में वृद्धि का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय में 2018 से विचाराधीन है और 09.09.2020 को एक और प्रस्ताव श्रम सचिव द्वारा वित्त मंत्रालय को भेजा गया था। और दोबारा भी 19.10.2020 के लिए भेजा गया था। लेकिन उस पत्र में यह नहीं कहा गया था कि प्रस्ताव में क्या सिफारिश की गई है।


EPF Minimum Pension With DA Issue

न्यूनतम पेंशन के DA को जोड़ने के संबंध में, माननीय मंत्री ने उच्च अधिकार प्राप्त निगरानी समिति की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि समिति ने किसी भी डीए की सिफारिश नहीं की है। लेकिन तथ्य यह है कि श्री भगत सिंह कोशियारी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने 2013 के दौरान न्यूनतम पेंशन के साथ डीए देने की सिफारिश की थी। इस संगठन की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, 31.03.2019 की पेंशन निधि 4.3 लाख करोड़ रुपए है और अब तक यह 5.5 लाख करोड़ रुपए हो गई है।


Higher Pension Issue

वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के संबंध में, माननीय MOL & E ने पत्र में उल्लेख किया है कि मामला उप-न्याय है। हालांकि, तथ्य यह है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट पहले ही 04.10.2016 के फैसले पर वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के पक्ष में फैसला सुना चुका है। इसलिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने माननीयों के अनुपालन के लिए दिनांक 23.3.2017 को पत्र जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद में हालाँकि, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा 31.05.2017 को एक अंतरिम सलाह जारी की गई और छूट वाले संगठनों को इस लाभ से वंचित कर दिया गया। वहाँ के बाद भारत के संघ ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की और EPFO ​​ने एक समीक्षा याचिका दायर की। इस संबंध में, हम सरकार से एक निर्णय लेने और दोनों पक्षों की याचिकाओं को वापस लेने का अनुरोध करते हैं।

माननीय महोदय, हमारे संगठन द्वारा 20.08.2019 और 04.03.2020 को MOL & E को प्रस्तुत प्रस्तावों के अनुसार, यह बताया गया है कि न्यूनतम पेंशन रु. 7500 + डीए और वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन, अगर इन दोनों मांगों को एक साथ मंजूरी दे दी जाती है, तो वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन पाने वाले पेंशनरों की संख्या नगण्य होगी क्योंकि डीए उस पर लागू नहीं होगा। इसलिए, सरकार को न्यूनतम पेंशन के लिए 7500 + महंगाई भत्ते की योजना में प्रावधान करना होगा। हमारे संगठन के प्रस्ताव दिनांक 04.03.2020 के अनुसार, महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन को रु 7500 समान बढ़ाया जा सकता है।


EPF Pension Medical Facilities Issue

EPF Pension EPS-95 पेंशनरों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के संबंध में, माननीय MOL&E ने अपने पत्र में लिखा है कि योजना में कोई प्रावधान नहीं है। इस संबंध में, हम आपके सम्मान से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि आयुष्मान भारत योजना में EPS-95 पेंशनरों को शामिल करने पर विचार करें, इन वरिष्ठ नागरिकों की उम्र और हमारे देश के लिए प्रदान की गई सेवाओं पर विचार करें। यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि ईपीएफओ के कार्यरत कर्मचारियों को इन EPS-95 पेंशनरों द्वारा संचित फंड से चिकित्सा भत्ता के रूप में 2000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं, हालांकि वे EPS-95 योजना के सदस्य भी नहीं हैं।

माननीय महोदय, EPS-95 पेंशनरों (EPF Pensioners) की दयनीय स्थिति को देखते हुए, हम आपके सम्मान के लिए विनम्रतापूर्वक संबंधित मंत्रालयों को निर्देश देने का अनुरोध करते हैं और कृपया न्यूनतम वेतन रु. 7500+DA, वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन और चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का अनुरोध करते हैं।

पत्र निचे सलग्न किये गए है........


Friday, January 15, 2021

EPS 95 Higher Pension Cases Latest News From Supreme Court: 21 महीने के बाद 18 जनवरी को ईपीएफ पेंशन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

CALCULATE YOUR HIGHER PENSION AS PER SUPREME COURT ORDER


21 महीने के लम्बे इंतजार के बाद, सुप्रीम कोर्ट कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा दायर अपील पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर समीक्षा याचिका पर होने के आसार दिखाई दे रहे है।


न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली तीन पीठ 18 जनवरी को इन याचिकाओं पर विचार करेगी। 65 लाख EPS पेंशनधारक उम्मीद कर रहे हैं कि पुरे वेतन के अनुसार पेंशन के लिए उनका लंबा इंतजार इस फैसले के साथ समाप्त होगा। इससे पहले, केरल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय दोनों ने 65 लाख EPS पेंशनधारको के पक्ष में फैसला सुनाया था। EPFO द्वारा पुरे वेतन पर पेंशन के आवेदन को यह कहकर अस्वीकार कर दिया जाता रहा है की श्रम और रोजगार मंत्रालय की अपील और EPFO ​​की समीक्षा याचिका को लंबित है।


भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल, 2019 को केरल उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था जिसमे कहा गया था की कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS 95) से पुरे वेतन पर मासिक पेंशन दिए जाये। इसके बाद, श्रम मंत्रालय ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर की बावजूद EPFO ​​द्वारा पहलेसे दायर समीक्षा याचिका के।


तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 12 जुलाई, 2019 को खुली अदालत में दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करने का आदेश दिया। हालांकि, इस संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस बीच, संसदीय स्थायी समिति ने पिछले अक्टूबर में इस मामले के बारे में स्पष्टीकरण मांगा।


 

Thursday, January 14, 2021

Good News From Supreme Court: EPS 95 Higher Pension Cases Hearing Date Update, This Day is Very Important for EPS 95 Pensioners


अप्रेल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने EPS 95 पेंशनधारको के हक़ मे फैसला सुनाते हुये और केरला हाईकोर्ट फैसले को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने EPS 95 पेंशनर्स को उनकी अंतिम महीने की सैलरी के हिसाब से पेंशन का भुगतान करने का आदेश दिया था। 


लेकिन आज डेढ़ साल से ज्यादा होने के बाद भी EPS 95 पेंशनर्स के हाथ में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पेंशन नहीं आयी है। आपको बता दे की लम्बे समय से चल रहे EPS 95 पेंशनधारको की पेंशन बढ़ोतरी और उच्चतम पेंशन पर भूकतान के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर , EPFO की ओर से दायर की गई पुनःविचार याचिका के कारण यह मामला अभी तक सुप्रीम कोर्ट में अटका हुया है। 

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सुप्रीम कोर्ट बढ़ा रहा है तारीख पर तारीख

EPFO की ओर से दायर पुनःविचार याचिका को करीबन दो साल होने को है EPS 95 पेंशनर्स अपनी हायर पेंशन बढ़ोतरी के लिए इंतजार कर रहे है। इस बिच सुप्रीम कोर्ट इन मामलों को कई बार आगे बढ़ा चूका है, हाल ही में खबर थी की WP No. 1134/2018 के साथ और जो सलग्न मामले है उनके ऊपर 18 जनवरी 2021 को सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में होनेवाली सुनवाई के बारे जानकारी के मुताबिक इन मामलों के साथ अन्य ममलों को भी 18 जनवरी 2021  सूचीबद्ध किया गया है। 


वही EPS 95 पेंशनधारको की 58 से 80 वर्ष के बुजुर्ग है वह धीरे धीरे परलोक सिधार रहे है। लेकिन फिर भी इस उम्र में EPS 95 पेंशनधारको के द्वारा सरकार को चेताने और अपनी ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई बार श्रममंत्री, वित्तमंत्री व् प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखे व् प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात भी की गई है जरुरत के समय धरने और आंदोलन भी किये गए है. लेकिन इन पेंशनर्स की कोई सुनवाई अभी तक नहीं हो पाई है। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कितनी बड़ेगी EPS 95 पेंशनधारको की पेंशन ?

1 अप्रेल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के पेंशनधारको के हित मे एक बड़ा फैसला किया था। जिसमे कर्मचारियो की मासिक पेंशन मे कई गुना व्रद्धि की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से अब EPS 95 पेंशनधारको को उनके अन्तरिम महीने की सेलरी के हिसाब से पेंशन मिलेंगी। जहा पहले कर्मचारियो को पिछले 60 महीनो के औसतन वेतन पर पेंशन मिलती थी।


2014 मे ईपीएस 95 पेंशन मे किए गए बदलाओ को लेकर नाराज EPS 95 पेंशनधारको की निम्न मांगे है जिसको लेकर ईपीएफ़ओ कार्यालयो पर कई बार धरना दिया जा चूका है।

  • EPFO द्वारा जारी किया गया अन्तरिम पत्र दिनांक 31/05/2017 को रद्द कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुसार वास्तविक वेतन व मंहगाई पर पेंशन दी जाए।

  • कम से कम 7500 /- रुपये बेसिक व मंहगाई भत्ता दिया जाए।

  • सभी eps 95 पेंशन कर्मचारियों और उनके परिवार को फ्री मेडिकल सुविधा दी जाए।

  • जिन सेवानिव्रत कर्मचारियों को इस स्कीम मे सामील नहीं किया गया है उन्हे योजना का सदस्य बनाया जाए या 5000/- रुपये न्यूनतम पेंशन दी जाए।


    इसके साथ 2 नए मामलों पर भी इस दौरान  सकती है।