जैसा कि सभी EPS-95 पेंशन धारकों को अवगत है कि 29 दिसंबर 2020 को माननीय श्रम मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार जी द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के संदर्भ में माननीय सांसद श्री प्रतापराव जाधव जी द्वारा जो पत्र 15 सितंबर 2020 को लिखा गया था तो इसके जवाब में EPS-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी समेत 4 सूत्रीय मांगे हैं तो उनके मंजूर करने को लेकर संशय जनक जवाब दिया गया था। जिसके चलते EPS-95 पेंशनधारक काफी निराश हो चुके थे। माननीय श्रम मंत्री जी द्वारा यह जो जवाब दिया गया था तो उसके बाद राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों की जो न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी है तो उसके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम एक पत्र का प्रारूप तैयार किया गया जिसे क्षेत्रीय सांसदों के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को दिया जाना है।
जिसमें राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने अपनी प्रक्रिया समेत यह भी बताया है कि किस तरह से EPS-95 पेंशनधारकों को न्यूनतम पेंशन ₹7500 के साथ महंगाई भत्ता, उच्चतम पेंशन, का लाभ दिया जा सकता है। तो चलिए श्रम मंत्रालय से निराशाजनक पत्र मिलने के बाद EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम यह जो पत्र का प्रारूप तैयार किया गया है जिसे सभी क्षेत्रीय सांसदों के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम लिखा जाना है।
इस पत्र में EPS-95 पेंशनधारकों की जो 4 सूत्रीय मांगो के साथ में EPS-95 पेंशनधारकों की जो है न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी की मांग है तो उसे मंजूर करवाने हेतु निवेदन किया गया है। इस पत्र में EPS-95 के तहत न्यूनतम पेंशन और उसे किस तरह से महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जा सकता है, उसके बाद उच्चतम वेतन पर उच्चतम पेंशन का भुगतान भी किस तरह से किया जा सकता है, EPS-95 पेंशन धारकों को और उनके पति या फिर पत्नी को फ्री में चिकित्सा सुविधाएं किस तरह से दी जा सकती है तो उस के संदर्भ में जिक्र किया गया है तो उसे अभी हम देख लेते हैं.......
विषय: – EPS 95 पेंशनरों की मांगों को स्वीकार करने के लिए विनम्र प्रार्थना।
- 04 मार्च 2020 को हमारी बैठक माननीय प्रधानमंत्री जी हुई।
- राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) पत्र संख्या. 1205 दिनांक 13.05.2020
- माननीय श्रम मंत्री का पत्र क्रमांक. DO / 15911/01/2018-SS-II [pt] दिनांक 26.10.2020 को श्रीमती हेमा मालिनी जी ने सौपा।
माननीय महोदय,
श्रीमती हेमा मालिनी जी, सांसद मथुरा के माध्यम से 04 मार्च 2020 को NAC प्रतिनिधियों को आपका सम्मान करने का सौभाग्य मिला। यह संगठन हमें धैर्यपूर्वक सुनने के लिए सदैव आपका आभारी रहेगा।
EPS-95 पेंशनरों की ओर से हमारी जायज मांगों को सुनने के बाद, आप माननीय डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्य मंत्री, को निर्देशित करने के लिए बहुत धन्यवाद। डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्य मंत्री, को प्रधानमंत्री कार्यालय से इस मामले पर तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा।
इसके बाद, माननीय राज्य मंत्री (पीएमओ) ने संबंधित अधिकारियों के साथ हमारे प्रतिनिधियों की बैठक की। उन्हें हमारी मांगों को पूरा करने के लिए एक प्रस्ताव / योजना तैयार करनी थी। MOS TO PMO ने तब माननीय से भी संपर्क किया। फोन पर श्रम मंत्री से भी बातचीत हुई। तब से 65 लाख ईपीएस 95 पेंशनर्स और उनके परिवार आपकी ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं।
माननीय महोदय, इस संबंध में श्रीमती हेमा मालिनी जी ने आपके माननीय स्व. 2.7.2020 और 20.09.2020 को स्मरण स्वरुप लिखा। इस बीच, माननीय MOL & E, ने श्रीमती को एक पत्र भी लिखा। हेमा मालिनी जी, के पत्र के जवाब में न्यूनतम पेंशन के बारे में कहा गया है कि न्यूनतम पेंशन में वृद्धि का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय में 2018 से विचाराधीन है और 09.09.2020 को एक और प्रस्ताव श्रम सचिव द्वारा वित्त मंत्रालय को भेजा गया था। और दोबारा भी 19.10.2020 के लिए भेजा गया था। लेकिन उस पत्र में यह नहीं कहा गया था कि प्रस्ताव में क्या सिफारिश की गई है।
EPF Minimum Pension With DA Issue
न्यूनतम पेंशन के DA को जोड़ने के संबंध में, माननीय मंत्री ने उच्च अधिकार प्राप्त निगरानी समिति की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि समिति ने किसी भी डीए की सिफारिश नहीं की है। लेकिन तथ्य यह है कि श्री भगत सिंह कोशियारी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने 2013 के दौरान न्यूनतम पेंशन के साथ डीए देने की सिफारिश की थी। इस संगठन की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, 31.03.2019 की पेंशन निधि 4.3 लाख करोड़ रुपए है और अब तक यह 5.5 लाख करोड़ रुपए हो गई है।
Higher Pension Issue
वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के संबंध में, माननीय MOL & E ने पत्र में उल्लेख किया है कि मामला उप-न्याय है। हालांकि, तथ्य यह है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट पहले ही 04.10.2016 के फैसले पर वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के पक्ष में फैसला सुना चुका है। इसलिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने माननीयों के अनुपालन के लिए दिनांक 23.3.2017 को पत्र जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद में हालाँकि, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा 31.05.2017 को एक अंतरिम सलाह जारी की गई और छूट वाले संगठनों को इस लाभ से वंचित कर दिया गया। वहाँ के बाद भारत के संघ ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की और EPFO ने एक समीक्षा याचिका दायर की। इस संबंध में, हम सरकार से एक निर्णय लेने और दोनों पक्षों की याचिकाओं को वापस लेने का अनुरोध करते हैं।
माननीय महोदय, हमारे संगठन द्वारा 20.08.2019 और 04.03.2020 को MOL & E को प्रस्तुत प्रस्तावों के अनुसार, यह बताया गया है कि न्यूनतम पेंशन रु. 7500 + डीए और वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन, अगर इन दोनों मांगों को एक साथ मंजूरी दे दी जाती है, तो वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन पाने वाले पेंशनरों की संख्या नगण्य होगी क्योंकि डीए उस पर लागू नहीं होगा। इसलिए, सरकार को न्यूनतम पेंशन के लिए 7500 + महंगाई भत्ते की योजना में प्रावधान करना होगा। हमारे संगठन के प्रस्ताव दिनांक 04.03.2020 के अनुसार, महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन को रु 7500 समान बढ़ाया जा सकता है।
EPF Pension Medical Facilities Issue
EPF Pension EPS-95 पेंशनरों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के संबंध में, माननीय MOL&E ने अपने पत्र में लिखा है कि योजना में कोई प्रावधान नहीं है। इस संबंध में, हम आपके सम्मान से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि आयुष्मान भारत योजना में EPS-95 पेंशनरों को शामिल करने पर विचार करें, इन वरिष्ठ नागरिकों की उम्र और हमारे देश के लिए प्रदान की गई सेवाओं पर विचार करें। यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि ईपीएफओ के कार्यरत कर्मचारियों को इन EPS-95 पेंशनरों द्वारा संचित फंड से चिकित्सा भत्ता के रूप में 2000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं, हालांकि वे EPS-95 योजना के सदस्य भी नहीं हैं।
माननीय महोदय, EPS-95 पेंशनरों (EPF Pensioners) की दयनीय स्थिति को देखते हुए, हम आपके सम्मान के लिए विनम्रतापूर्वक संबंधित मंत्रालयों को निर्देश देने का अनुरोध करते हैं और कृपया न्यूनतम वेतन रु. 7500+DA, वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन और चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का अनुरोध करते हैं।
पत्र निचे सलग्न किये गए है........
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