EPS 95 HIGHER PENSION ORDER BY SUPREME COURT
EPS-95 पेंशनधारक उनकी पेंशन बढ़ोतरी के लिए और सुप्रीम कोर्ट में जो उच्चतम वेतन पर हायर पेंशन के मामले दाखिल है तो इन मामलों के ऊपर सुनवाई के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट बार-बार इन EPS-95 पेंशनधारकों के धैर्य की परीक्षा भी ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 21 महीने के बाद 18 जनवरी 2021 को EPS-95 पेंशनधारको के इन मामलों पर सुनवाई की तारीख दी थी। जिसे फिर से एक बार सुप्रीम कोर्ट द्वारा बढ़ा दिया गया है।
देश के 65 लाख eEPS-95 पेंशनधारक उनकी पेंशन बढ़ोतरी के लिए और हायर पेंशन के मामले सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है तो इन मामलों की सुनवाई के लिए इंतजार करें। ऐसे में EPS-95 पेंशनधारकों के लिए एक अच्छी खबर निकल कर आई थी जिसके तहत सभी EPS-95 पेंशनधारकों को लग रहा था कि जब 17 जनवरी 2020 आ गया तब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा तारीख आगे नहीं बढ़ाई गई है तो पूरा पक्का यकीन हो गया था कि 18 जनवरी 2021 को इन मामलों के पर सुनवाई हो जाएगी और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाएगा। पर ऐसा नहीं हुआ, एक बार फिर से इन मामलों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनी तारीख बदल दी गई और इसे आगे की तारीख दे दी गई।
EPS-95 पेंशन के मामलो की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने टाला, लाखों लोगों का बढ़ा इंंतजार अब 25 जनवरी नई तारीख
सभी 65 लाख EPS-95 पेंशनधारकों को अवगत है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल 2019 को कर्मचारी पेंशन योजना में मासिक पेंशन पर केरल उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था। जिसमें केरल उच्च न्यायालय द्वारा कहा गया था कि EPS-95 पेंशनधारकों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद पूरे वेतन पर पेंशन का भुगतान किया जाए। केरला उच्च न्यायालय के इस फैसले पर ईपीएफओ द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। पर 1 अप्रैल 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने केरला हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। और EPS-95 पेंशनधारकों को उच्चतम वेतन पर पेंशन भुगतान का रास्ता साफ कर दिया था।
इस फैसले के बावजूद ईपीएफओ द्वारा फिर से एक समीक्षा याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई जिसके ऊपर सभी EPS-95 पेंशनधारक सुनवाई के लिए इंतजार कर रहे है। साथ ही श्रम मंत्रालय द्वारा जो उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है तो उसके ऊपर भी सुनवाई के लिए इंतजार किया जा रहा है। पर इन दोनों याचिकाओं के ऊपर लंबे समय से कोई सुनवाई नहीं हुई है।
मीडिया सूत्रों के के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक EPS-95 पेंशनधारकों की हायर पेंशन के अनुसार केंद्र सरकार ने अन्य पक्षियों को बिना सुने पूर्ण पेंशन पर केरला हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का एक बार फिर से 16 जनवरी 2021 को दरवाजा खटखटाया है। जब सर्वोच्च न्यायालय में 21 महीने के लंबे समय के बाद सोमवार को मामलों पर विचार करने वाली थी तब श्रम मंत्रालय ने एक ताजा याचिका 16 जनवरी 2021 को दायर की। जिसमें कहा गया कि पूर्ण पेंशन प्रदान करना व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने इस संबंध में और दस्तावेज जमा करने की अनुमति दी सर्वोच्च न्यायालय से मांगी है।
केंद्र सरकार द्वारा दायर अपनी याचिका में कहा गया है कि ₹15000 की सीमा का निर्धारण आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को ध्यान में रखकर किया गया था। अगर इस सीमा को रद्द करने के फैसले को लागू किया गया तो EPS-95 योजना में लगभग 15,28,519 की कमी होगी। हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही EPFO को 839.76 करोड रुपए देने थे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों के लिए हायर पेंशन के मामलों पर पुनर्विचार के लिए एक बार फिर से नई तारीख दे दी गई है। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट संभवतः 25 जनवरी 2021 को सुनवाई एक नई पीठ के सामने कर सकता है। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट ने तारीख आगे बढ़ा दी हो, इससे पहले भी 6 से 7 अवसरों पर सुप्रीम कोर्ट ने EPS-95 पेंशनधारकों के उच्चतम पेंशन के मामलों पर तारीख को आगे बढ़ा दिया था।
देश के सभी EPS-95 पेंशनधारकों को अवगत है कि 1 अप्रैल 2019 को EPS-95 पेंशनधारकों के हक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो फैसला दिया गया था तो इस फैसले की वजह से देश के करोड़ों लोगों को फायदा होने वाला था। जिसके तहत सभी प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी हैं तो उनको उनके उच्चतम वेतन पर पेंशन का भुगतान होना था। ऐसे में यहां पर लगभग 65 लाख EPS-95 पेंशनधारक है, जो कार्यरत कर्मचारी है तो इनको मिलने वाली पेंशन में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती थी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो फैसला दिया गया था तो इस फैसले के अनुसार EPS-95 पेंशनधारकों को उनके अंतिम वेतन के हिसाब से पेंशन का भुगतान किया जाने वाला था। इसके लिए जिन कर्मचारियों ने EPS-95 पेंशन योजना में अपना अंशदान पुरे वेतन पर दिया है तो उनको उनके पूरे वेतन पर पेंशन मिलेगी। मान लीजिए किसी कर्मचारी का वेतन अगर ₹15000 तो इसका 8.33 फ़ीसदी 1250 हो जाता है। ऐसे में किसी कर्मचारी का वेतन ₹20000 है तो इसका जो 8.33 फ़ीसदी यानी 1250 के ऊपर जो भी अमाउंट रहेगा तो वह सीधा कर्मचारी पेंशन योजना में चला जाएगा। यानी उच्चतम वेतन पर योगदान और इतनी सैलरी पर आप की पेंशन की गणना की जाएगी।
इसकी वजह से आप की पेंशन में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती थी है। पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो फैसला दिया गया था तो इस फैसले के ऊपर ईपीएफओ द्वारा एक समीक्षा याचिका को दायर किया गया जिसके ऊपर अभी भी कोई फैसला नहीं आया है। जिसकी वजह से EPS-95 पेंशनधारक लंबे समय से उच्चतम वेतन पर पेंशन भुगतान का इंतजार कर रहे है। क्योंकि इस याचिका पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। और कोई फैसला भी नहीं आया है। इसकी वजह से ईपीएफओ द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों के पुरे वेतन पर पेंशन के आवेदन है तो उन्हें भी स्वीकार नहीं किया जा रहा है।
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