Thursday, September 10, 2020

EPFO CBT MEETING: Highlights of the 227th meeting of CBT of Employees Provident Fund Organisation

EPFO CBT MEETING | EPS 95 PENSION HIKE IN CBT MEETING | EPS 95 PENSION NEWS


The 227th Meeting of the Central Board of Trustees (CBT), EPF was held today under the Chairmanship of Shri Santosh Kumar Gangwar, Minister of State for Labour & Employment (I/C), and Vice Chairmanship of Shri Heeralal Samariya, Secretary (L&E), Central Provident Fund Commissioner, Sh. Sunil Barthwal, conducted the meeting as Member Secretary, CBT, EPF through Video Conference mode.

Following were the highlights of the Central Board Meeting:-

1. Proposal to increase the maximum amount under the EDLI Scheme from the present 6 Lacs to 7 Lacs;

2. Proposal to amend EPS-95 Scheme to bring in defined contribution pension scheme in place of the present defined benefit scheme (just like NPS applicable to Government employees who joined after 1.01.2004). Strongly opposed by Employee members, but decision deferred to next meeting in December.


3. Employer members wanted amnesty scheme for delayed EPF dues, scrapping of provisions for levying "Damages", in the name of "Ease of doing business". Employees opposed.

4. Interest on PF accumulations 8.15% for the present, but may be increased to 8.5% in December retrospectively.


5. Compensation of Rs.10 Lacs to dependents of EPFO Staff members, who lost their lives during the pandemic (in place of present Rs.3.9 Lacs)

6.Item no.s 30, 31, 32 were not circulated earlier, but on the screen when the virtual meeting was almost concluding.


7. Many issues, such as rescinding punitive actions against EPFO Staff for a legal all India strike on 28.08.2019, non-KYC of PF Members preventing them getting help during lockdown were raised. Stock answer of the Chairman of CBT(Minister of Labour and Employment) was "Write down whatever you want to say and come and meet me in my office, we will sort this out.



CBT MEETING OUTCOME: EPS 95 PENSION HIKE DECISION | EPF INTEREST WILL BE CREDITED IN 2 INSTALLMENT BY OCTOBER & DICEMBER

CBT MEETING OUTCOME: EPS 95 PENSION HIKE DECISION | EPF INTEREST CREDITED IN 2 INSTALLMENT


ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 227वीं बैठक 9 सितंबर 2020 को श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में और श्री हीरालाल सामरिया, श्रम एवं रोजगार सचिव की सह-अध्यक्षता में संपन्न हुई, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त, श्री सुनील बरठवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीबीटी, ईपीएफ के सदस्य सचिव के रूप में बैठक का संचालन किया।

वैसे तो इस बैठक में कई फैसले लिये गए पर देश के लगभग 65 लाख EPS 95 पेंशनधारक इस बैठक से आशा लगाए बैठे थे की इस बैठक में EPS 95 पेंशनधारको की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी की जो मांग है तो उसपर फैसला लिया जायेगा क्यों CBT की बैठक से पहले राष्ट्रिय संघर्ष समिति के राष्ट्रिय अध्यक्ष मा. कमांडर अशोक राउतजी द्वारा CBT के सदस्यों से प्रार्थना कि गई थी की EPS 95 के पेन्शन धारकों को सन्मानपूर्वक पेन्शन मान्य करने के संदर्भ में 9 सितंबर की CBT की बैठक में निर्णय लेने की कृपा करें। इस संदर्भ में संगठन की ओर से दिनांक 5.9.2020 का पत्र भी Email द्वारा भेजा गया था और CBT के सदस्यों से फोन पर बातचीत कर EPS 95 पेन्शन धारकों की भावनाओं से सभी को अवगत कराया था। मा. कमांडर अशोक राउतजी द्वारा पुनः प्रार्थना कि गई थी की अब पेन्शन धारकों के धैर्य की और अधिक परीक्षा न ली जाये। पर इसके बावजूद इस CBT की बैठक में EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के सन्दर्भ में इस बार भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। जिससे देश लगभग 65 लाख EPS 95 पेंशनधारक निराष हो गए, पर हिम्मत नहीं हारे है।


NAC के मुख्यालय बुलढाणा (महाराष्ट्र) में दिनांक 24.12.2018 से अखंडित शुरु क्रमिक अनशन का आज 626 वा दिन है. "बुलढाणा आंदोलन" के चलते बुलढाणा जिले के 68 वीर पेन्शन धारक, जिन्होने इस आंदोलन में प्रत्यक्ष हिस्सा लिया, वह सन्मापूर्वक पेन्शन का इंतजार करते करते संसार से विदा हो गये जब कि देश में ऐसे पेन्शन धारकों की सांख्या कई हजारों में है फिर EPFO के पास पेन्शन फंड में रखा 4.37 लाख करोड का पैसा किस काम का? पेन्शन धारक दिन  प्रतिदिन हमें छोडकर संसार से विदा हो रहे हैं उनके भविष्य की चिंता आप नही करेगे तो कौन करेगा ?


आपके PF पर मिलने वाला ब्याज हुआ तय, अब दो किस्तों में आएगा पैसा

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने आज हुई बैठक में आपके PF से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है. EPFO की बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के ब्याज पर फैसला लिया गया है. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज तय किया है। लेकिन फिलहाल, EPFO की तरफ से सिर्फ 8.15% ब्याज दिया जाएगा. बाकी का 0.35 फीसदी ब्याज दिसंबर महीने में दिया जाएगा।

दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज तय किया गया था, लेकिन अभी तक उसे नोटिफाई नहीं किया गया है। ऐसे में ब्याज तय करने में हुई देरी के मुद्दे को आज हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में उठाया गया।

EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने 5 मार्च की बैठक में EPF पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 फीसदी रखने की सिफारिश की थी. यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 0.15 फीसदी कम है. काफी लंबे समय से यह मामला अधर में अटका था। आज श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में CBT ने तय किया कि सिफारिश के अनुरूप ही ब्याज मिलेगा. हालांकि, इसे दो किस्तों में जारी किया जाएगा. पहला अक्टूबर और दूसरा दिसंबर. EPF की यह प्रस्तावित दर पिछले 7 साल की न्यूनतम दर होगी।


EPFO ने पिछले दो वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. इसमें से करीब 4500 करोड़ रुपए दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) में लगाए गए हैं. इन दोनों को ही भुगतान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 8.55 फीसदी रहा था और वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 फीसदी रहा था। 

 



Wednesday, September 9, 2020

EPFO CBT MEETING HIGHLIGHTS | EPS 95 PENSION HIKE, E-COURT LAUNCHED TO RESOLVE EPFO CASES, EPF INTEREST PAYMENT

EPFO CBT MEETING HIGHLIGHTS | EPS 95 PENSION HIKE IN CBT MEETING | EPF INTEREST RATE

 

ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 227वीं बैठक आज श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में और श्री हीरालाल सामरिया, श्रम एवं रोजगार सचिव की सह-अध्यक्षता में हुई, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त, श्री सुनील बरठवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीबीटी, ईपीएफ के सदस्य सचिव के रूप में बैठक का संचालन किया।

  • केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 227वीं बैठक में श्री संतोष कुमार गंगवारजी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ईपीएफ और एमपी एक्ट, 1952 के अंतर्गत अर्ध-न्यायिक मामलों में वर्चुअल सुनवाई की सुविधा प्रदान की। 
  • EDLI के तहत मिलाने वाले अधिकतम लाभ को 6 लाख रुपये की वर्तमान सीमा से बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक करने के संशोधन को मंजूरी। 
  • केंद्रीय बोर्ड ने 31 दिसंबर, 2020 तक ईटीएफ की बिक्री से 8.15 प्रतिशत, ऋण आय से 8.15 प्रतिशत और शेष 0.35 प्रतिशत (पूंजीगत लाभ) की समान दर की सिफारिश की है। 

केंद्रीय बोर्ड के बैठक की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:-

1. श्री गंगवार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ईपीएफ और एमपी एक्ट, 1952 के अंतर्गत अर्ध-न्यायिक मामलों में डेस्कटॉप/ लैपटॉप/ मोबाइल फोन के साथ संगत और सुरक्षित आईटी अनुप्रयोगों के माध्यम से वर्चुअल सुनवाई सुविधा की शुरूआत की। अनुपालन ई-कार्यवाही पोर्टल (https://eproceedings.epfindia.gov.in) पर ईपीएफओ की ई-कोर्ट प्रक्रिया के साथ वर्चुअल सुनवाई उपयोगिताओं को एकीकृत करने का उद्देश्य, निर्णय देने वाले अधिकारी के समक्ष सुनवाई में पक्षकारों की भौतिक उपस्थिति को समाप्त करना है जिससे नियोक्ताओं और कर्मचारियों को अपनी पसंद के दूरदराज के स्थान से सुनवाई में उपस्थित होने में आसान और सुविधाजनक हो सके। इस प्रणाली में पक्षकारों के समय, यात्रा और खर्च में बचत करने पर बल दिया गया है, जो अर्ध-न्यायिक तंत्र में बेहतर विश्वास उत्पन्न करने, कामगार के ईपीएफ देय राशि का फास्ट ट्रैक्स आकलन करने और महामारी के दौरान सामाजिक दूरी के मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने का काम करता है। यह ईपीएफओ में फेसलेस अर्ध-न्यायिक कार्यवाही के उद्देश्य में एक महत्वपूर्ण विकास है। 


2. केंद्रीय बोर्ड ने कर्मचारियों की जमा लिंक्ड बीमा योजना, 1976 के पैरा 22 (3) में संशोधन के लिए मंजूरी प्रदान की है, जिससे कि वर्तमान अधिकतम आश्वासन लाभ को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक किया जा सके। इस संशोधन के द्वारा सेवारत कर्मचारियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने की स्थिति में योजना के अंतर्गत आने वाले सदस्यों के परिवारों और आश्रितों को अतिरिक्त राहत मिलेगी। सीबीटी को यह भी बताया गया कि ईडीएलआई फंड के बीमांकिक मूल्यांकन में 14.02.2020 के बाद 2.5 लाख रुपये का न्यूनतम आश्वासन लाभ जारी रखने और उन मृतक सदस्यों के परिवार को 2.5 लाख रुपये का न्यूनतम आश्वासन लाभ प्रदान करने की अनुमति दी गई है, जो उस माह से पहले के 12 महीनों के दौरान किन्हीं प्रतिष्ठानों में कार्यरत थे, जिनमें उनकी मृत्यु हो गई। जैसा कि सीबीटी, ईपीएफ ने अपनी 226वीं बैठक में अनुमोदित किया था।

3. कोविड-19 से उत्पन्न हुए असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय बोर्ड द्वारा ब्याज दर से संबंधित एजेंडे की समीक्षा की गई और इसने केंद्र सरकार को 8.50 प्रतिशत की समान दर रखने की सिफारिश की है। इसमें 31 दिसंबर, 2020 तक, ईटीएफ की बिक्री और ऋण आय से 8.15 प्रतिशत और शेष 0.35 प्रतिशत (पूंजीगत लाभ) शामिल होगा। इसने वित्तीय वर्ष 2019-20 की आय में इस प्रकार के पूंजीगत लाभ को एक असाधारण मामले के रूप में ध्यान में रखने की सिफारिश की गई है।



4. केंद्रीय बोर्ड को कोविड-19 महामारी के दौरान हितधारकों को निर्बाध सेवा प्रदान करने के लिए ईपीएफओ द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से अवगत कराया गया। बोर्ड के सदस्यों ने इन पहलों की सराहना की और सभी हितधारकों को सेवा वितरण को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए गए। केंद्रीय बोर्ड को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के अंतर्गत, प्रतिष्ठानों और सदस्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित राहत उपायों से भी अवगत कराया गया, जिसे ईपीएफओ द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सफलतापूर्वक लागू किया गया है।

5. हाल ही में केआईटी पहलों और ईपीएफओ को पेपरलेस संगठन बनाने के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार करने पर केंद्रीय बोर्ड ने ध्यान दिया। बोर्ड के सदस्यों ने इस बात की सराहना की कि ईपीएफओ नवीनतम प्रचलनों और प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है और अन्य सरकारी विभागों की मौजूदा पहलों का उपयोग करके और आंतरिक सेवाओं के लिए अपनी इन-हाउस क्षमताओं का प्रभावी ढंग से उपयोग करके लाभ प्राप्त कर रहा है।

SOURCE OF INFORMATION: PIB




 

EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPS 95 PENSIONERS CASE STATUS IN SUPREME COURT | VERY IMPORTANT FOR EPS 95 PENSION

EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPS 95 PENSIONERS CASE STATUS | EPS 95 PENSION LATEST NEWS


आदरणीय सदस्य गण , तमाम ग्रुप्स में पेंशन से संबंधित कयी तरह की सूचनाएं पोस्ट की जा रही हैं। आपको लगता होगा कि आखिर EPS 95 पेंशनधारको के पेंशन केस का क्या स्टेटस है, केरल वाले मामले को तो सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर कर्मचारियों के पक्ष में दिए गए निर्णय को सही माना है, फिर समस्या कहां है ?

आइए इस पूरे प्रकरण को सरल शब्दों में समझते हैं, पहली बात तो यह कि हमें इम्पलाइज पेंशन स्कीम वाली पेंशन मिलती है जो सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली फेमिली पेंशन से अलग है , (फेमिली पेंशन कर्मचारी के अंतिम वेतन के 50% के बराबर होती है और उन्हें पीएफ नहीं मिलता. इसलिए दोनों में कोई तुलना नहीं है। 



सुप्रीम कोर्ट में इम्पलाइज पेंशन स्कीम से संबंधित लंबित पेंशन मामले, सुप्रीम कोर्ट में लम्बित पेंशन मामलों को चार भागों में बांटा जा सकता है :-

  1. इपीएफओ द्वारा दायर रिव्यू पिटीशन ।
  2. भारत सरकार द्वारा दायर एस एल पी (स्पेशल लीव पिटीशन -यहा लीव का मतलब है अनुमति 
  3. कन्टेम्पट आफ कोर्ट पिटीशन और
  4. इपीएफ ओ की एडवाइजरी दिनांक ३१-५-२०१७ के विरुद्ध  , विभिन्न संस्थाओं के रिटाइरीज द्वारा दायर ४० से अधिक रिट्स या याचिकाएं (हमारी रिट भी इसी श्रेणी में है )

अब इन चारों को थोड़ा और विस्तार से समझ लेते हैं ( बगैर कानूनी बारीकियों में जाते हुए )

ईपीएफओ और सरकार द्वारा दायर रिव्यू और SLP

हुआ यह कि सरकार द्वारा दिनांक 22 अगस्त 2014 को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसका नम्बर था GS R 609(ई)। यह नोटीफिकेशन दिनांक 1 सितम्बर 2014 से लागू हो गया । इसके द्वारा EPS 95 योजना में कुछ परिवर्तन कर दिए गए जैसे -कन्ट्रीब्यूशन की वेतन सीमा 6500 से बढ़ाकर 15000 प्रतिमाह कर दी गयी, वे कर्मचारी जो नये भर्ती होंगे अगर 15000 से ज्यादा वेतन पा रहे हैं तो उनको पेंशन स्कीम की सदस्यता नहीं मिलेगी, निर्धारित वेतन सीमा 15000 के बजाय वास्तविक वेतन पर कान्ट्रीबयूशन कर बढ़ी पेंशन लेने का आप्सन समाप्त कर दिया गया ,पेंशन की गणना के लिए  वेतन का निर्धारण 12 महीने के वेतन के एवरेज के बजाय 60  महीने के वेतन का एवरेज आदि। 


इस नोटीफिकेशन के विरुद्ध केरल के कर्मचारी केरल हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इस नोटीफिकेशन को निरस्त कर दिया जिसके विरुद्ध ईपीएफओ और सरकार ने डबल बेंच में अपील की ,पर अपील खारिज हो गई , फिर इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की , जिसमें इपीएफओ की एस एलपी तो खारिज हो गई जिसके विरुद्ध उन्होंने रिव्यू दाखिल किया है, वहीं सरकार की एस एलपी अभी सुनी जानी है।

कोर्ट ने इस रिव्यू और एस एलपी को एक साथ टैग कर दिया है और दोनों एक साथ ही सुनी जानी है।
अब हमे ज्ञात हो गया कि इस मामले से EPS 95 पेंशनधारको का कोई खास मतलब नहीं है। 

जहां तक कंटेम्पट का मामला है उसमें कुछ कर्मचारियों को पहले बढी पेंशन दिया पर बाद में बन्द कर दिया या रिकवरी कर ली। इससे भी EPS 95 पेंशधारक प्रभावित नहीं हैं ।

EPS 95 पेंशनधारकों का केस -ईपीएफओ की चिट्ठी दिनांक 31-05 -2017
एक  आर सी गुप्ता का जजमेंट अक्टूबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया जिसमें कर्मचारियों को 6500 की सीलिंग के बजाय उनके वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन का निर्धारण करने का आदेश दिया गया । (जैसे किसी का वास्तविक वेतन 100000 है तो उसकी पेंशन फंड में  कटौती 6500 के 8.33 % के बजाय 100000 पर 8.33% कर ली जाय और तदनुसार पेंशन की गणना ६५०० के बजाय १००००० वेतन मान कर की जाय ।
सुप्रीम कोर्ट के उक्त निर्णय के बाद ईपीएफओ ने 23-3-2017 को आदेश को लागू करने का परिपत्र जारी कर दिया।


पर दिनांक 31-5-2017 को ईपीएफओ ने पल्टी मारते हुए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि दिनांक 23-3-2017 का आदेश केवल अन एक्जम्पटेड संस्थाओं पर लागू होगा, एकजेम्पटेड संस्थाओं पर नहीं ।हम लोग एक्जम्पटेड में आते हैं ।

अब हल्के से एक्जम्पटेड वाला फंडा भी देख लेते हैं । एक्ट में ही यह व्यवस्था है कि सक्षम संस्थाएं ईपीएफओ के नियमों का पालन करते हुए अपना खुद का ट्रस्ट बना सकती हैं और वेतन से पीएफ की कटौती कर पैसा ईपीएफओ के पास भेजने के बजाय अपने ही ट्रस्ट में रखेंगी और इस ट्रस्ट पर ईपीएफओ की निगरानी रहेगी । पेंशन के मामले में पेंशन फन्ड ईपीएफओ के पास ही है और ट्रस्ट ,पेंशन वाला पैसा ईपीएफओ को भेज देता है जबकि पीएफ वाला पैसा अपने पास ही रखता है ।

इस मनमाने आदेश के बिरुद्ध 40 से ज्यादा संस्थाओं के रिटाइरीज ने सुप्रीम कोर्ट में सीधे याचिका दायर की है ।

EPS 95 केस मजबूत है

देखिए संविधान में मूल अधिकारों के तहत एक महत्त्वपूर्ण अधिकार है समानता का अधिकार इसके तहत यह कहा गया है कि दो समान लोगों के बीच सरकार भेदभाव नहीं कर सकती । हमारा कहना है कि ईपीएस पेंशन पाने वाले सारे रिटाइट्रीज एक समान है ,सब के लिए एक ही नियम है ,सभी की पेंशन का कन्ट्रीव्यूसन ,सभी का पेंशन भुगतान का तरीका सब कुछ एक समान ही नहीं बल्कि एक ही है सबका पेंशन फन्ड एक ही है सबका पैसा ईपीएफओ के ही पेंशन फंड में ही जमा होता है । केवल और केवल अन्तर पेंशन फंड को पेंशन का पैसा  भेजने के तरीके में है जैसे हम पीएफ ट्रस्ट के माध्यम से भेजते हैं जबकि अन एक्जम्पटेड केस में कर्मचारी से कटौती कर संवधित संस्थान/कंपनी इपीएफओ को भेजता है । यह अंतर कहीं से भी  रिटाइरीज में भेद करने का कारण नहीं हो सकता । 

सभी 40 से ज्यादा याचिकाओं की सुनवाई भी एक साथ होनी है और अब केस फाइनल आर्गूमेंट की स्टेज पर है ।
आशा करता हूं मैं सभी बिन्दुओं को स्पष्ट कर पाया हूं ।

यह जानकारी एक EPS 95 पेंशनधारक धारक द्वारा सांझा की गई है इस ज्यादा से ज्यादा EPS 95 पेंशनधारको शेर करे। 

VIDEO


 

 

Tuesday, September 8, 2020

Good News For 65 Lakh EPS 95 Pensioners | EPFO REVIEW PETION LISTED FOR HEARING IN SUPREME COURT IN OCTOBER 2020

EPS 95 HIGHER PENSION ORDER | EPS 95 CASE STATUS IN SUPREME COURT | 9 SEPT CBT MEETING DETAILS


The Supreme Court in the computer generated sheets, given the next hearing date of EPFO review petition is on 16 -10- 2020. Almost all EPS 95 pensioners  are awaiting for Supreme Court judgement.

The EPFO willfully litigated by filing again Review Petition against the interests of poor pensioners. The EPFO  on behalf of the Government to spending crores of public money to costly Advocates with wilful litigation without even thinking for solution.


Solutions  to EPs 95 pension are many. But, litigation in the Supreme Court is only one.

In this crucial time, the Government has to spray cool water on the heads of poor pensioners duly changing the  gear with positive attitude.

Pl see this video link for more clarity

Jai Bharat.,
Jai Pensioner.


ईपीएफओ की पुनर्विचार याचिका की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 16 अक्टूबर 2020 को हो सकती है यह जानकारी कंप्यूटर जनरेट शीट से प्राप्त हुई है। लगभग सभी 65 लाख  ईपीएस 95 पेंशनरों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।

गरीब पेंशनरों के हितों के खिलाफ फिर से समीक्षा याचिका दायर करके ईपीएफओ को मुकदमेबाजी की जाएगी। ईपीएफओ ने समाधान के लिए बिना सोचे-समझे मुकदमेबाजी के साथ-साथ अधिवक्ताओं को करोड़ों रुपये खर्च करने के लिए सरकार की ओर से खर्च किया।


ईपीएस 95 पेंशन के समाधान कई हैं।  लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में मुकदमेबाजी केवल एक है। इस महत्वपूर्ण समय में, सरकार को गरीब पेंशनरों के सिर पर ठंडे पानी का छिड़काव करना चाहिए, जिससे वे सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ गियर बदल सकते हैं।

जय भारत।,जय पेंशनर



 

EPFO CBT MEETING 9 SEPT 2020 | बुधवार का दिन होगा खास EPF ब्याज सहित EPS 95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढोतरी पर हो सकती है चर्चा

EPFO CBT MEETING | EPS 95 PENSION HIKE IN CBT MEETING | EPF INTEREST RATE IN CBT MEETING


नौकरीपेशा कर्मचारी और अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सदस्य साई हैं तो आपके लिए बुधवार 9 सितम्बर का दिन अहम हो सकता है। क्यों की, बुधवार को EPFO की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में एक अहम मुद्दे पर बात हो सकती है। 

इंटरनेट पर मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज दिए जाने के निर्णय की मंजूरी का मामला उठाया जा सकता है। 


EPFO से जुड़े एक अहम सदस्य ने कहा कि हम ब्याज दर के मंजूरी में विलम्ब का मुद्दा इस बैठक में उठाने वाले है। यह मुद्दा बैठक की कार्यसूची में नहीं है पर हम इसे उठाया जा सकता हैं। आपको बता दें कि EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने पांच मार्च की बैठक में भविष्य निधि पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 प्रतिशत रखने की सिफारिश की थी जो पहले से वितता वर्ष 2018-19 घोषित ब्याज दर से 0.15 प्रतिशत अंक कम है।  EPFO की यह प्रस्तावित दर सात साल की न्यूनतम होगी।

केंद्रीय न्यासी बोर्ड के इस निर्णय को वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेज दिया गया था पर अभी तक वित्त मंत्रालय से उसकी मंजूरी प्राप्त नहीं हुई है। वित्त मंत्रालय की सहमति से ही EPF पर वार्षिक ब्याज दर में संशोधन का फैसला लागू होता है। इससे पहले वर्ष 2018-19 के लिए ईपीएफ खाताधारकों को अपने जमा धन पर 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया गया था। 


इसके साथ ही CBT की बैठक में ईपीएस 95 पेंशन धारको की बड़ी मांग (न्यूनतम पेंशन वृद्धि रु. 7500) को लेकर चर्चा हो सकती है। इसी के मद्दे नजर राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा CBT के सदस्सो को बैठक के पहले पत्र लिखा गया है और EPS 95  पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन 7500 के अन्य मांगो को पूरा करने की मांग की गई है।साथ ही इससे पहले जो पत्र भेजे गए है उनके बारे में भी इस पत्र में जिक्र किया गया है।

इसके साथ ही 9 सितंबर को होनेवाली CBT की बैठक में संघटित क्षेत्र के कर्मचारियों के पास जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अपने स्वयं के पेंशन खाते होने के प्रस्ताव पर चर्च्या हो सकती है, जिनमें फंड के पूल के बजाय योगदान के अपने स्वयं के हिस्से से जुड़े लाभ होंगे। 


इस कदम से उच्च आय वर्ग के श्रमिकों को उच्च पेंशन प्राप्त करने में मदद मिलेगी और इसका उद्देश्य EPFO ​​का पेंशन फंड बनाना है, जो घाटे में है, अधिक टिकाऊ है। “ ईपीएस 1995 में संशोधन [कर्मचारी पेंशन योजना, 1995] बनाई गई है और व्यक्तिगत पेंशन खातों में संचय के आधार पर पेंशन देने के लिए सरकार को सिफारिश की गई है। 

 


EPS 95 PENSIONERS ZOOM MEETING OUTCOME | National Level Meeting of NAC Members & EPS 95 Pesioners for Minimum Pension 7500 Hike

EPS 95 PENSION LATEST NEWS | 9 SEP CBT MEETING DETAIL | EPS 95 HIGHER PENSION 


जैसा की हम सभी को पता है राष्ट्रिय संघर्ष समिति द्वारा 1 सितम्बर 2020 को ऑनलाइन ZOOM के माध्यम से बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में ईपीएस 95 पेंशन बढ़ोतरी को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। इस बैठक में मा. कमांडर अशोक राउत राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रिय संघर्ष समिति के साथ C S Prasad Reddy, Chief coordinator, Southern Region, P. N. पाटिल, तपन दत्ता,दिलीप भट्टाचार्य, अर्जुन कोलेय, गोपाल किशोर पोल, S. N. मिश्रा, और अन्य पेंशनधारक शामिल हुए। आइये जानते है इस बैठक में कोनसे मुद्दों पर चर्चा की गई। 


माननीय कमांडर साहब श्री मान् अशोक राऊत साहब ने देशव्यापी खुली जूम मीटिंग ली और पहली बार बेबाक और स्पष्ट लफ्जों में उन्होंने राष्ट्रीय संघर्ष समिति के संघर्ष एवं इस के मार्ग में आने वाली बाधाओं से अवगत कराया। आंदोलन की वर्तमान एवं आगामी रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए जिन विषयों पर हमें आदेशित निर्देशित किया। आपकी जानकारी के लिए उनमें से कुछ खास बिंदु आपके समक्ष प्रस्तुत करता हूं।

  • हमारे भूतपूर्व माननीय राष्ट्रपति महोदय श्रीमान प्रणब मुखर्जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए eps-95 संघर्ष समिति के लंबे संघर्ष के दौरान ब्रह्मलीन हुए हमारे अपने श्रम वीर योद्धाओं को हार्दिक श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को नमन वंदन अभिनंदन किया। 
  • कमांडर ने कहा कि पेंशनरों के लिए देश में अनगिनत संगठनाएं, संस्थाएं एवं कई श्रमिक संगठन अपने अपने स्तर पर अपने अपने तरीके से प्रयासरत हैं-संघर्षशील हैं। परंतु eps-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले देश के पेंशनरों को न्याय दिलाने के संघर्ष में आप सभी की निष्ठा, ईमानदारी, निस्वार्थ सेवा, त्यागमय, अनुशासित एवं पॉजिटिव अप्रोच के साथ आपका संघर्ष ही मुख्य आधार था कि देश में इन सारे रिकग्नाईज्ड श्रम संगठनों एवं अन्य किसी संस्था अथवा समितियों को नहीं केवल और केवल आपकी राष्ट्रीय संघर्ष समिति को ही भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी ने मिलने का समय दिया और निर्धारित 3 मिनट के बजाए लगभग आधा घंटा आपके नुमाइंदों को सुना यह साबित करता है कि आप ही देश के ईपीएस 95 पेंशनरों के वास्तविक नुमाइंदे हैं इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं और देश के पेंशनरों को आज केवल और केवल आपसे ही सारी आशाएं हैं जिन्हें हमें निस्वार्थ रूप से निष्ठा पूर्वक मिलकर हर हाल में पूरा करना है।

मुख्य रूप से अब 4 मांगे बची हैं

I) भगत सिंह कोश्यारी कमिटी द्वारा 2013 में प्रस्तावित ₹3000 एवं महंगाई उस पर महंगाई भत्ता के आधार पर न्यूनतम ₹7500 प्रति माह पेंशन एवं उस पर महंगाई भत्ता दीया जावे।

II) 31 मई 2017 की अनधिकृत अंतरिम अनुशंसा को निरस्त कर आयुक्त केंद्रीय भविष्य निधि संगठन के दिनांक 23 मार्च 2017 के अनुसार बढ़ी हुई दरों से पेंशन जारी की जावे।

III) समस्त ईपीएस 95 पेंशनरों को मुक्त चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जावे।

IV) अज्ञानतवश जिन कर्मचारियों ने ईपीएस 95 पेंशन के सदस्य नहीं बन पाए उन्हें सदस्य बनाया जावे एवं तब तक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए ₹5000 प्रतिमाह पेंशन के रूप में दिया जावे।

मा. कमांडर ने उन लोगों को भी बेनकाब किया जो नेतागिरी तो मजदूरों/कर्मचारियों के नुमाइंदे बनकर करते हैं परंतु देश के पेंशनरों के हितों के लिए कर तो कुछ भी नहीं रहे अपनी नाक बचाने के लिए की कहीं राष्ट्रीय संघर्ष समिति अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सफल नहीं हो जाए बाधा बने हुए हैं एवं न्यूनतम पेंशन एवं बढ़ी हुई दरों से पेंशन हेतु बजट को मुद्दा बनाकर सरकार एवं ईपीएफओ का पक्ष लेते हैं।

इन लोगों को माननीय कमांडर में आईना बताते हुए भारतीय मजदूर संघ के महासचिव एवं सीबीटी के वरिष्ठतम सदस्य श्री बृजेश पटेल को खुले पत्र द्वारा स्पष्ट लफ्जों में कहा कि वह वास्तव में जिन के प्रतिनिधि हैं उन रेगुलर कर्मचारियों के हितों की रक्षा करलें पेंशनरों के मामले में डांग-पटेलाई अथवा टांग अड़ाने का अपकर्म नहीं करें।


पेंशनरों के लिए हमारे संघर्ष में किसी राजनीतिक विचारधारा के आधार पर बाधा बनने की जरूरत नहीं है क्योंकि राष्ट्रीय संघर्ष समिति विशुद्ध रूप से एक सामाजिक संगठन है जो न किसी राजनीतिक विचारधारा के पक्ष में है, न किसी राजनीतिक विचारधारा के विपक्ष में है, न किसी राजनीतिक पार्टी से संबंधित है ना हमारी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा अथवा एजेंडा है.

हम विशुद्ध रूप से पेंशनर समाज के रूप में एक सामाजिक संगठन की तरह काम कर रहे हैं जिसमें संपूर्ण भारत से सभी जातियों, भाषाविदों, धर्मो-पंथों, विचारधाराओं, समस्त राजनीतिक पार्टियों एवं लगभग सभी प्रकार के श्रम संगठनों की विचारधारा में विश्वास करने वाले हमारे साथी हैं जिनका वर्तमान में केवल एक लक्ष्य है शांति पूर्वक आंदोलन से हमारे अधिकारों को सरकार से मनवाकर प्राप्त करना। इसमें आप लोगों की दखलंदाजी की कोई जरूरत नहीं है।

देश की लगभग समस्त विचारधाराओं में विश्वास करने वाले परंतु हमारे निस्वार्थ, निष्ठावान समर्पित, अनुशासित कार्यकर्ताओं एवं सदस्यों के बलबूते अपना लक्ष्य हम स्वयं हासिल करने की क्षमता रखते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि इन्हीं की फैल्योर से आज देश का बुजुर्ग सड़कों पर हैं। राष्ट्रीय संघर्ष समिति के मूलभूत सिद्धांत को ओर सख्त करते हुए हुए कमांडर साहब ने निर्देश दिया कि कोई भी अनधिक‌त व्यक्ति किसी से भी राष्ट्रीय संघर्ष समिति के लिए न चंदा वसूल करेगा न चंदा देने के लिए किसी को बाध्य करेगा।

प्रदेशाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें की सहयोग राशि देने वाला पूर्णतया स्वेच्छा से प्रदेशाध्यक्ष/अथवा प्रदेशाध्यक्ष द्वारा मनोनीत पदाधिकारी को पूर्व सूचना एवं स्वीकृती के बाद ही अनुमोदित पदाधिकारी के ज़रिए अथवा सीधे राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैंक खाते में जमा करवा रहा है और मनोनीत पदाधिकारी एवं प्रदेशाध्यक्ष की यह जिम्मेदारी रहेगी उक्त सदस्य को उसके द्वारा जमा कराई गई राशि की प्राप्ति रसीद मुहैया करावे। 

प्रदेशाध्यक्ष अनुग्रह राशि की स्वीकृति देने से पहले यह भी सुनिश्चित करें कि सहायता राशि देने वाले की आर्थिक स्थिति कैसी है यदि आर्थिक रूप से कोई अत्यंत कमजोर है तो उससे किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं ली जावे तथापि कोई पेंशनर अपनी हिस्सेदारी दर्ज करवाना ही चाहता है तो संबंधित पेंशन पेंशनर की क्षमतानुसार 5,10, 15, 20 रुपए जो भी उनकी स्थिति है तदनुसार स्वीकृति दी जावे।


31.5.2017 की अंतरिम एडवाइजरी के खिलाफ कोर्ट में जाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कमांडर ने पहली बार बुलंद आवाज में कहा की 4 अक्टूबर 2016 के सुप्रीम कोर्ट की फुल बेंच के फैसले कि अनुपालना में आयुक्त, केन्द्रीय भविष्य निधि विभाग (सीपीएफओ) के 23 मार्च 2017 के आदेश के तहत बढ़ी हुई दरों से पेंशन लेने के अधिकार को जिस 31 मई 2017 की अंतरिम अनुशंसा से रोका हुआ है उसके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा उन लोगों ने दायर किया है जिनका लक्ष्य कोर्ट के खर्चे के नाम पर पेंशनरों से धन कमाना था। मोटे मोटे तौर पर गणना करते हुए कमांडर ने देश के पेंशनरों को बताया कि लगभग 66000 लोगों से कोर्ट में केस के नाम पर पेंशनरों से ₹3000 से ₹10000 तक वसूले गये जिसका एवरेज निकाला जाए तो ₹5000 प्रति पेंशनर होता है इस हिसाब से लगभग ₹33 करोड़ इकट्ठे किए गए हैं।

जबकि 31.5.2000 की यह अंतरिम अनुशंसा जो किसी भी स्तर के सक्षम अधिकारी/सीबीटी/श्रम मंत्रालय/केंद्र सरकार से अनुमोदित नहीं है और इसे हटाने का अधिकार स्वयं ईपीएफओ एवं सीबीटी को है के जरिए हटवा दी जा सकती है। और जहां तक सक्षम प्राधिकृत उक्त सक्षम प्राधिकृत अधिकारी सीबीटी श्रम मंत्रालय भारत सरकार इसका अनुमोदन नहीं करती है तो यह अस्थाई है। परंतु यह दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों ने इसे कमाई का जरिया बनाया।

इसके अलावा भी मार्गदर्शन स्वरूप माननीय कमांडर महोदय ने बहुत कुछ बताया संक्षेप में मैं आपसे इतना ही निवेदन करना चाहता हूं कि आप जितने सक्रिय रहेंगे हमें हमारी मंजिल उतनी ही जल्दी मिलने वाली है अतः आइए वर्तमान आंदोलन जिसमें हमारे दिवंगत साथियों के नाम पर एक पेड़ लगाना एवं एक पत्र प्रधानमंत्री महोदय के नाम स्पीड पोस्ट से अथवा ई-मेल के जरिए भेजना तथा उसकी प्रतिलिपि माननीय वित्त मंत्री महोदया माननीय श्रम मंत्री महोदय एवं माननीय डॉ. जितेंद्र सिंह साहब जो हमारा पेंशन का काम देख रहे हैं उनको अवश्य देवें!
पत्र का नमूना वही है जो माननीय श्री ताहिर साहब ने ग्रुप में पोस्ट कर रखा है।
ज्येष्ठ भारत श्रेष्ठ भारत
राष्ट्रीय संघर्ष समिति जिंदाबाद



 

Monday, September 7, 2020

EPS 95 PENSIONERS LATEST UPDATE | EPS 95 पेंशनधारकों ने CBT की बैठक के पहले न्यूनतम पेंशन 7500 बढ़ोतरी के लिए कसी कमर

EPS 95 PENSION NEWS | EPFO CBT MEETING 9 SEPT. | 9 SEPT. CBT MEETING | EPS 95 HIGHER PENSION ORDER


9 सितम्बर 2020 को CBT की बैठक होने जा रही है जिसमे ईपीएस 95 पेंशन धारको की बड़ी मांग (न्यूनतम पेंशन वृद्धि रु. 7500) को लेकर चर्चा हो सकती है। आपको बता दे की ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के पेंशनधारको की ओर से लम्बे समय से अपनी न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी की मांग सरकार , श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ से की जा रही यही है। पिछली बार की CBT की बैठक में भी पेंशनर्स को आश्वाशन दिया गया था, लेकिन पेंशनवृद्धि पर कोई निर्णय नहीं लिया गया और अब EPS पेंशनर्स की निगाहे CBT की  9 सितंबर  2020 को होनेवाली बैठक पर टिकी हुई है।

इसी के मद्दे नजर राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा CBT के सदस्सो को बैठक के पहले पत्र लिखा गया है और EPS 95  पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन 7500 के अन्य मांगो को पूरा करने की मांग की गई है।साथ ही इससे पहले जो पत्र भेजे गए है उनके बारे में भी इस पत्र में जिक्र किया गया है।


EPS 95 पेंशनधारकों की मांगे 

  • ईपीएस 95 पेंशनधारकों की रु .7500 / – की न्यूनतम पेंशन का वृद्धि कर DA के साथ जोड़ा जाय। 
  • उच्च वेतन पर उच्चतर पेंशन की अनुमति देने के लिए माननीय न्यायालय के 04.10.2016 आदेश का सम्मान किया जाये, जिसपर श्रम मंत्रालयने 23 मार्च, 2017 को मानद के आधार पर मंजूरी दी गई, लेकिन कुछ ईपीएफओ अधिकारियों द्वारा 31.05.2017 को एक आदेश जारी करके सुप्रीम कोर्ट और श्रम मंत्रालय के आदेश को रोक दिया गया जिसे लागु किया जाये।
  • EPS95 पेंशनभोगी और उनके पति / पत्नी को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ दिया जाये।
    सेवानिवृत्त कर्मचारी जो इस ईपीएस 95 योजना में पूर्व में नहीं जोड़े गए थे, उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। अन्यथा वरिष्ठ नागरिक योजनाओं के साथ मानवीय आधार पर रु 5000 / – की न्यूनतम पेंशन प्रदान किया जाये।

 

मा. सीबीटी सदस्यों को ईमेल द्वारा भेजा गया पत्र


 

इसके साथ ही 9 सितंबर को होनेवाली CBT की बैठक में संघटित क्षेत्र के कर्मचारियों के पास जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अपने स्वयं के पेंशन खाते होने के प्रस्ताव पर चर्च्या हो सकती है, जिनमें फंड के पूल के बजाय योगदान के अपने स्वयं के हिस्से से जुड़े लाभ होंगे। 

इस कदम से उच्च आय वर्ग के श्रमिकों को उच्च पेंशन प्राप्त करने में मदद मिलेगी और इसका उद्देश्य EPFO ​​का पेंशन फंड बनाना है, जो घाटे में है, अधिक टिकाऊ है। “ ईपीएस 1995 में संशोधन [कर्मचारी पेंशन योजना, 1995] बनाई गई है और व्यक्तिगत पेंशन खातों में संचय के आधार पर पेंशन देने के लिए सरकार को सिफारिश की गई है। 


EPS 95 NAC MEETING WITH ALL EPS 95 PENSIONER ON 7 SEPTEMBER 2020, SEE HOW TO JOIN ZOOM MEETING

EPS 95 LATEST NEWS | 9 SEPT. CBT MEETING DETAIL | EPS 95 HIGHER PENSION ORDER


It is with great joy to inform you that on 1 September 2020, our respected National President, Honorable Commander Sir, Mr. Ashok Raut Sahab took an open zoom meeting nationwide and for the first time in fearless and clear words, he took the national struggle. Informed about the struggle of the committee and the obstacles that come in its way.

Highlighting the current and upcoming outline of the movement on the topics we directed :-
For your information, I present you some of those special points and I will continue to tell you in the future what I haven't been able to tell you.



Honorable Commander 

a) Paying tribute to our former Hon. President Mr. Pranab Mukherjee while paying heartfelt tribute to our labour warriors who were Brahmalin during the long struggle of EPS-95 Sangharsh Samiti and paid tribute to their contribution.

b) The commander said that countless organizations, institutions and many labour organizations in the country are trying their own way at their own level for the pensioners-are struggling.
But under the banner of EPS-95 Rashtriya Sangharsh Samiti, your struggle with all your loyalty, honesty, selfless service, sacrifice, disciplined and positive approach was the main basis that in the country. Not only your National Struggle Committee and not all recognized labour organizations or any other organization or committees, the Honorable Prime Minister of India gave time to meet and listen to your representatives for about half an hour instead of 3 minutes. This proves. That you are the real representative of the EPS 95 pensioners of the country, you all deserve congratulations and the pensioners of the country have all the hopes from you today only and only from you which we have to selflessly fulfill in every situation.

Let me tell you for your information :- 

Mainly now EPS 95 Pensioner have 4 demands left

I) Bhagat Singh Koshyari Committee proposed in 2013 । 3000 and inflation should be given minimum । 7500 per month pension and inflation allowance on it. 

II) The unauthorized interim recommendation of 31 May 2017 should be cancelled and the pension should be issued with increased rates as per the Commissioner's Central Future Fund Organization's date 23 March 2017. 

III) Free medical facilities should be provided to all EPS 95 pensioners. 

IV) Ignorantly those employees who could not become members of EPS 95 pension should be made members and till then । 5000 per month pension should be given to live a respectable life.


b) The commander also exposed those people who lead as representatives of the laborers / employees, but there is no tax for the interests of the pensioners of the country to save their nose that the National Struggle Committee is successful in fulfilling its goals. No obstacles have been made and they take the side of the government and EPFO by making the budget an issue for pension with minimum pension and increased rates. In an open letter to Mr. Brijesh Patel, the General Secretary of the Indian Labor Union and Senior CBT member, telling these people as a mirror in the Hon ' ble Commander, he should protect the interests of the regular employees who are actually representative in the case of pensioners. Don't abuse Dang-Patelai or Tang. 

Our struggle for pensioners doesn't need to be an obstacle based on any political ideology because the National Struggle Committee is purely a social organization which is neither in favor of any political ideology, nor in opposition to any political ideology, nor any political ideology. Political party related neither we have any political ambition or agenda * we are purely working as a pensioner society as a social organization with all castes, linguistics, religions, ideology, all political parties from all over India And our partners who believe in the ideology of almost all types of labour organisations who currently have only one goal is to get our rights from the government with peaceful movement. There is no need of your interference in this.

Those who believe in almost all the ideology of the country, but with the strength of our selfless, loyal, dedicated, disciplined workers and members, we have the ability to achieve our own goal.
No need to say that the elders of the country are on the streets today due to their failure.
While tightening the fundamental principle of Rashtriya Sangharsh Samiti, Commander Sahab directed that :- 

c) No illegal person will collect donations from anyone for the National Struggle Committee nor will force anyone to give donations.
The State President should ensure that the contributor is fully voluntarily depositing the office bearers nominated by the State President / or State President only after prior notice and approval of the office bearers or directly into the bank account of the Rashtriya Sangharsh Samiti and the nominated office bearers and state president. It will be the responsibility to provide the receipt of the amount deposited by the member.

Before approving the state president's grace amount, make sure that what is the economic situation of the person who gives the aid amount. If someone is very weak financially, then no financial aid should be taken from him However, if any pensioner wants to register his stake, then the concerned pensioner should be given 5,10, 15, 20 rupees as per the capacity of the pensioner Approval accordingly. 


Honorable Commander in fearless words :-

Holding those who went to court against 31.5.2017 interim advisory, the commander for the first time said in a loud voice that the Commissioner in compliance with the decision of the full bench of the Supreme Court on 4 October 2016, the Central Future Fund Department A lawsuit has been filed in the court against the right to take pension from increased rates under the order of (CPFO) March 23, 2017, which has been prevented by interim recommendation of 31 May 2017 Whose aim was to earn money from pensioners in the name of court expenses. 

While calculating in a big way, the commander told the country's pensioners that about 66000 people In the name of the case in the court, pensioners were charged from haiṁ 3000 to haiṁ 10000 whose average is withdrawn, it is haiṁ 5000 per pensioner. According to this, about haiṁ 33 crore has been collected.

Whereas this interim recommendation of 31.5.2000 which is not approved by any level of competent officer / CBT / Ministry of Labor / Central Government and the right to remove it can be removed through EPFO & CBT And as far as capable authorized, capable authorized officer, CBT Labor Ministry of India does not approve it, it is temporary. But it's unfortunate that some people made it a way of earning.

Also, as a guidance, the Honorable Commander has told us a lot. In short, I want to request you that the more active you will be, we will get our destination as soon as possible. So come.

Current movement in which planting a tree in the name of our late colleagues and a letter to the Prime Minister through speed post or email and copy of it Hon ' ble Finance Minister, Hon ' ble Labor Minister and Hon ' ble Dr. Mr. Jitendra Singh, who is looking at our pension work, please give them.

Senior India Best India

Long live National Struggle Committee

Zoom meeting of Honorable Commander of 1.9.2020 Details Below

There will be a National level ZOOM MEETINGS of delegates and EPS95 pensioners which will be organised by C S Prasad Reddy Chief coordinator Southern Region under instructions at 10.10 am on MONDAY ie 7 September 2020.

All EPS 95 Pensioners can download the zoom app and join this meeting by clicking on the link given below.

Join Meeting Click this Link to Join Meeting as Per Schedule start or join a scheduled Zoom meeting. 
or if you already installed zoom app on your mobile open app and enter by typing the meeting ID number and password/passcode given below.

Meeting ID: 5606955619
PASSWORD/PASSCODE:123456

Discipline required for Zoom meeting :-

  • When asked by the host, the participants have to mute their voices.
  • Sit away from family members and children to avoid disturbance to other participants.
  • When turn comes, the participant can UNMUTE and speak.
  • Participant should join the meeting on time sharp at 10.10am. Late joining can not be entertained, since it would be disturbance to others.

STEPS TO LOGIN INTO ZOOM MEETING :-

  • Download ZOOM APP in your mobile or Laptop. IF YOU NOT INSTALLED ZOOM APP ON MOBILE CLICK HERE TO INSTALL FROM PLAY STORE.
  • Select JOIN MEETING.
  • TYPE MEETING ID
  • TYPE PASSCODE/PASSWORD.
  • You can now join the meeting.

PLEASE TRY AT THE START TIME ie STARTING TIME OF MEETING.

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