Showing posts with label eps 95. Show all posts
Showing posts with label eps 95. Show all posts

Thursday, August 12, 2021

EPS 95 SUPREME COURT GOOD NEWS: EPS 95 CASES HEARING 12.08.2021 UPDATE | SUPREME COURT ORDER DT. 12.08.2021

ITEM NO.11     Court 2 (Video Conferencing)          SECTION XI-A

SUPREME  COURT  OF  INDIA

RECORD OF PROCEEDINGS

Petition(s) for Special Leave to Appeal (C)  No(s).  8658-8659/2019

(Arising out of impugned final judgment and order dated  12-10-2018 in WPC No. 602/2015 12-10-2018 in WPC No. 13120/2015 passed by the High Court Of Kerala At Ernakulam)


THE EMPLOYEES PROVIDENT FUND ORGANISATION & ANR.   Petitioner(s)
                                VERSUS
SUNIL KUMAR B & ORS.                               Respondent(s)

WITH
W.P.(C) No. 233/2018 (X)
 W.P.(C) No. 69/2018 (X)
(IA No. 14965/2018 - EX-PARTE STAY)
 W.P.(C) No. 141/2018 (X)
(IA No. 26357/2018 - EX-PARTE STAY


To see complete list of connected maters Download Complete Order below

Click Here to Download Complete Order Copy in pdf

Date : 12-08-2021 These petitions were called on for hearing today.

CORAM :
         HON'BLE MR. JUSTICE UDAY UMESH LALIT
         HON'BLE MR. JUSTICE AJAY RASTOGI

For Parties:    Mr. Himanshu Gupta, Advocate
                Mr. Manoj C. Mishra, AOR
                Mr. Y. Raja Gopala Rao, AOR
                Mr. Pranesh, AOR

Click Here to Download Complete Order Copy in pdf

UPON hearing the counsel the Court made the following
                             ORDER
List on  17.08.2021 as first item on Board.
(INDU MARWAH)                                   (BEENA JOLLY)
COURT MASTER (SH)



 


Friday, August 6, 2021

EPS 95 NAC NEWS: धारकों के लिए खुशखबरी: मा.प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष को न्यूनतम पेंशन 7500+DA बढ़ोतरी का ठोस आश्वासन दिया NAC के प्रतिनिधि मंडल के साथ मा. प्रधानमंत्री जी के साथ बैठक सम्पन्न

कमांडर अशोक राऊत राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा दी  जानकारी के नुसार दिनांक 5 अगस्त 2021 को श्रीमती हेमामालिनी जी की अगुवाई में  EPS 95  पेंशनर्स के लिये राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष कर रहे संगठन NAC  के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने NAC के प्रतिनिधि मंडल के साथ मा. प्रधानमंत्री जी महोदय से प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात की और पेंशनर्स की 4 सूत्रीय मांगो के संदर्भ में ज्ञापन सौपा है।


EPS 95 पेंशनर्स की 4 सूत्रीय मांगे:-

1.मिनिमम पेंशन रु.7500+ मंहगाई भत्ता के साथ ही

2.ईपीएफओ के पत्र दिनांक 23.03.2017 अनुसार वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन के विकल्प की सुविधा। 

3. मेडिकल सुविधा और ,

4. Non EPS 95 रिटायर्ड  कर्मचारियों का योजना में समावेश कर रू. 5000 मासिक पेंशन आदि मुख्य मांगों को संसद के इसी मानसून सत्र में मंजूर करें।

कमांडर अशोक राऊत ने  EPS 95 पेंशनर्स की दयनीय व मरणासन्न अवस्था का जिक्र करते हुए, पेंशनर्स की बढ़ती हुई मृत्यु दर पर चिंता दर्शाते हुए पेंशनर्स की मांगो को मंजूर कर 15 अगस्त 2021 को घोषणा करने की प्रार्थना मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी से की है, जिससे NAC के मुख्यालय बुलढाणा, महाराष्ट्र में पिछले 956 दिनों से जारी क्रमिक अनशन भी समाप्त हो सके। 

साथ ही श्रीमती हेमा मालिनी जी ने भी मा. प्रधानमंत्री जी के समक्ष  राष्ट्रीय संघर्ष समिति की मांगों का  समर्थन करते हुए EPS 95 पेंशनर्स का पक्ष रखा और EPS 95 पेंशनर्स की मांगों को मंजूर करने हेतु निवेदन किया है।


मा.प्रधानमंत्री जी ने बताया कि "इस विषय पर NAC के प्रतिनिधि मंडल से हम पहले भी चर्चा कर चुके है। समस्यायों के समाधान की प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है लेकिन आप लोग व्यथित न हो, हम जरूर इस समस्या का समाधान करेंगे" ऐसा कहते हुए प्रधानमंत्री के कार्यालय के राज्यमंत्री डाक्टर जीतेंद्र सिंह को निर्देशित किया कि वह इस विषय पर विस्तार पूर्वक प्रतिनिधि मंडल से चर्चा करें।

प्रधानमंत्री जी के निर्देशानुसार डाक्टर जीतेंद्र सिंह जी ने श्रीमती हेमा मालिनी जी की उपस्थिति में प्रतिनिधि मंडल के तर्क और तथ्य सुनें। इसके बाद वित्त मंत्री महोदया श्रीमती निर्मला सीथारमन जी से प्रतिनिधि मंडल की बैठक करवाई।


डाक्टर जीतेंद्र सिंह जी और श्रीमती हेमा मालिनी जी की उपस्थिति में NAC राष्ट्रीय अध्यक्ष ने वित्त मंत्री महोदया से निवेदन किया कि EPS 95 पेंशनर्स इतनी कम पेंशन राशि में कैसे गुजारा करते होंगे? इसका जिक्र करते हुए कहा कि हमारी चार सूत्रीय मांगों को शीघ्र पूर्ण किया जाए। EPFO के पास पर्याप्त मात्रा में फंड है लेकिन फिर भी जिस प्रकार से अन्य पेंशन योजनाओं में सरकार ने अपना अंशदान बढ़ाया है उसी प्रकार से EPS 95 पेंशन योजना में सरकार अपना अंशदान बढ़ाए और देश के वृद्ध  EPS 95 पेंशनर्स को सम्मान देते हुए सुरक्षित रखे।

वित्त मंत्री महोदया ने प्रतिनिधि मंडल की बात बहुत ही ध्यान से सुनी। NAC अध्यक्ष ने सभी को धन्यवाद देते हुए एक बार फिर शीघ्र निर्णय लेने के लिए निवेदन किया। NAC के प्रतिनिधि मंडल में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव श्री वीरेन्द्र सिंह राजावत व राष्ट्रीय मुख्य सलाहकार श्री डॉ. पी एन पाटिल उपस्थित रहे।

National Agitation Committee:-
प्रेस नोट
नई दिल्ली 05.08.2021
मा.प्रधानमंत्री जी ने जगाया वृद्ध  EPS 95 पेंशनर्स के मन में विश्वास।
दिया राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष को ठोस आश्वासन
श्रीमती हेमामालिनी जी, सांसद मथुरा की अगुवाई में हुई मुलाकात व चर्चा।





Monday, June 7, 2021

EPS 95 LATEST NEWS TODAY: EPS 95 पेंशनधारकों के अनशन के सफल होने के बाद EPS 95 न्यूनतम पेंशन 7500 बढ़ोतरी को लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की बैठक संपन्न हुई

National Agitation Committee:-

देशव्यापी उपवास-


अनशन के सफल होने के बाद दिनांक 02.06.2021 को शाम 5.00 बजे NAC के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की "Zoom मीटिंग संपन्न हुई। इस बैठक में देश के सभी वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति थी। इस मीटिंग के आयोजक श्री बापूजी पात्रा, राष्ट्रीय सचिव ने किया सभी का स्वागत। मा. NAC चीफ ने किया सभी का स्वागत, देशव्यापी उपवास-अनशन कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए दी सभी को बधाई दी।


राष्ट्रीय महासचिव ने मा.NAC चीफ की पूर्व सम्मति से रखे कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव। दक्षिण भारत के मुख्य समन्वयक श्री सी एस प्रसाद रेड्डी,उत्तर भारत के मुख्य समन्वयक श्री रणजीत सिंह दसुंदी, राष्ट्रीय सचिव श्री ओम शंकर तिवारी,वेस्ट बंगाल के प्रांतीय अध्यक्ष श्री तपन दत्ता, उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष, प्रदीप श्रीवास्तव, महाराष्ट्र के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुभाष पोखरकर, बंगलुरू के उपाध्यक्ष श्री नागराज,NAC नेता श्री रमाकांत नरगुंड, श्री गणेशन जी, शमसुल हसन, श्री राजीव भटनागर , श्री ओ पी शर्मा , राजस्थान के मिडिया प्रभारी श्री रणवीर सिंह जोलावास, मेवाड़ जन जातीय क्षैत्रीय जिलों के संयुक्त जिलाध्यक्ष श्री इंद्रसिंह राणावत, जोधपुर संभागाध्यक्ष श्री दयाल दहलवानी, प्रतापगढ़ जिलाध्यक्ष एवं चित्तोड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ के संयुक्त जिलाध्यक्ष के प्राक्सी श्री सुरेश पाटीदार तथा हरियाणा एवं एनसीआर (नई दिल्ली) से एच. पी. एस. ओबराय मुकेश मेहन, विनोद कुमार सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने चर्चा में भाग लिया व अपने व विचार रखे।


इस बैठक में महत्व पूर्ण निर्णय लिये गये:-

पार्लियामेंट के इसी मान्सून सत्र के पहले या सत्र के चलते EPS 95 पेंशनर्स की मांगों को मंजूर करवाने के लिए किया गया लक्ष्य निर्धारण। दिनांक 1 जून के उपवास कार्यक्रम की अपने अपने राज्य की समीक्षा करने के बाद दिनांक 05.06.2021 को सभी प्रांतों के प्रांतीय अध्यक्ष प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर उस पत्र की प्रतिलिपि अपने अपने प्रांतों के सांसद महोदय को भी इ-मेल द्वारा भेजेंगे।

Save EPS 95 Pensioners: यह देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा व इस अभियान में पेंशनर्स के परिवार के सदस्यों/मित्रों/हितैषियों के सहयोग से अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।

इस कार्यक्रम का अलग से पोस्ट किया जा रहा है: जिला स्तर से राष्ट्रीय स्तर के NAC नेताओं के संपर्क हेतु फोन व पता की डायरी प्रकाशित करने का भी निर्णय लिया गया है।  साथ ही तहसील स्तर तक संगठन विस्तार पर बल दिया गया.

मा. NAC चीफ ने किया विशेष मार्गदर्शन व मीटिंग के आयोजन के लिए दिया श्री बापूजी पात्रा व सभी नेताओं को धन्यवाद दिया।

NAC के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की जूम बैठक ईपीएस 95 पेंशनर्स की मांगों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने के संकल्प के साथ संपन्न हुई।


Saturday, June 5, 2021

Good News For Pensioners: अब पेंशनधारकों के खाते में कभी भी जमा होगी पेंशन RBI ने जारी किये आदेश, अब नहीं करना होगा इंतजार, जाने पुरे विस्तार

1 अगस्त 2021 से, आपको अपने वेतन, पेंशन, ब्याज, लाभांश, और अन्य भुगतानों और निवेशों को अपने बैंक खाते में जमा करने के लिए सप्ताहांत का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह (NACH) सप्ताह के सभी दिनों में उपलब्ध होगा।

"ग्राहक सुविधा को और बढ़ाने के लिए, और रीयल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) की 24x7 उपलब्धता का लाभ उठाने के लिए, NACH जो वर्तमान में बैंक के कार्य दिवसों पर उपलब्ध है, को 1 अगस्त 2021 से प्रभावी सप्ताह के सभी दिनों में उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है।" RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए जानकारी दी।


सुविधाएं वर्तमान में केवल तभी उपलब्ध होती हैं जब बैंक खुले होते हैं, आमतौर पर सोमवार से शुक्रवार के बीच।

NACH क्या है?

NACH, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा संचालित एक थोक भुगतान प्रणाली, लाभांश, ब्याज, वेतन और पेंशन के भुगतान जैसे एक-से-कई क्रेडिट हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करती है।

यह बिजली, गैस, टेलीफोन, पानी, ऋण के लिए आवधिक किश्तों, म्यूचुअल फंड में निवेश और बीमा प्रीमियम से संबंधित भुगतानों के संग्रह की सुविधा भी प्रदान करता है।

NACH बड़ी संख्या में लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) का एक लोकप्रिय और प्रमुख माध्यम के रूप में उभरा है।


आरबीआई ने कहा कि इससे वर्तमान कोरोनावायरस स्थिति के दौरान समय पर और पारदर्शी तरीके से सरकारी सब्सिडी के हस्तांतरण में मदद मिली है।

NACH प्रणाली के कार्यान्वयन के साथ, NPCI इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए नियमों (परिचालन और व्यापार), खुले मानकों और सर्वोत्तम उद्योग प्रथाओं का एक सेट प्रदान करने का इरादा रखता है, जो सभी प्रतिभागियों, सेवा प्रदाताओं, उपयोगकर्ताओं आदि के लिए समान हैं।


NACH प्रणाली आधार आधारित लेनदेन को सहायता प्रदान करके सरकार, सरकारी एजेंसियों और बैंकों द्वारा शुरू किए गए वित्तीय समावेशन उपायों का भी समर्थन करती है।

NACH प्रणाली प्रतिभागियों को लेनदेन और फ़ाइल-आधारित लेनदेन प्रसंस्करण क्षमताओं दोनों के साथ एक मजबूत, सुरक्षित और स्केलेबल प्लेटफॉर्म प्रदान करती है। इसमें देश भर में सभी प्रतिभागियों के लिए सुलभ बहु-स्तरीय डेटा सत्यापन सुविधा के साथ-साथ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा विशेषताएं, लागत दक्षता और भुगतान प्रदर्शन (STP) है।


NPCI द्वारा विकसित NACH का आधार पेमेंट ब्रिज (APB) सिस्टम प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना को सफल बनाने में सरकार और सरकारी एजेंसियों की मदद कर रहा है। एपीबी सिस्टम आधार नंबरों का उपयोग करके लक्षित लाभार्थियों को सरकारी सब्सिडी और लाभों को सफलतापूर्वक प्रसारित कर रहा है। एपीबी सिस्टम एक तरफ सरकारी विभागों और उनके प्रायोजक बैंकों को और दूसरी तरफ लाभार्थी बैंकों और लाभार्थी को जोड़ता है।


 

Wednesday, June 2, 2021

EPS 95 Latest News: EPS 95 Pensioners 1 Day Hunger Strike Successful , Minimumu Pension Hike 7500+DA, Free Medical Facilities, Higher Pension

Respected Honorable Prime Minister,

Elected Representative of Lok Sabha,


On behalf of 67lakhs EPS-95 Pensioners all over India observed a 1 day hunger strike today from 08 AM to 5pm to press our pending demand of hike in minimum pension.

Glimpses of photo are attached for perusal.


QUR DEMAND:

MINIMUM PENSION OF INR. 7,500/- PER MONTH.

FREE MEDICAL FACILITIES.

Hundreds of senior citizens in this category are suffering for minimum living standards and quality of life due to meagre monthly income of less than INR.500/-


We are confident that our elected sensitive Government under the able leadership of Prime Minister Shri Narendra Modi ji will resolve the issue on top priority and save old life in this heavenly Bharat Bhumi.

The starvation, suffering and sickness of this EPS-95 Pensioners category in this great country is serious than the current prevailing Pandemic.


I on behalf of the country man and women with folded hands pray the responsible authorities to consider the legitimate demand.

Regards

Baburay Naik

Ex- Executive, Goa Shipyard Ltd.

Vasco Da Gama, Goa 403802.



 






1-6-2021 को माननीय अध्यक्ष महोदय कमाण्डर अशोक जी राऊत के आव्हान पर सुबह 8बजे शाम 5बजे तक पत्नी सहित उपवास किया ।एक हजार पेन्शन मे रोज उपवास होता ही हे पर आदरणीय मोदी जी को वादा याद दिलाना भी जरूरी हे ।एन ए सी जिन्दाबाद ।


 

Monday, May 10, 2021

EPS 95 Pension Hike News: EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी 7500 + DA को लेकर 65 लाख पेंशनधारकों के लिए NAC की जरुरी सूचना

National Agitation Committee

NAC का अगला आंदोलन कार्यक्रम

1. अपने अपने घर से ही सम्पर्क अभियान.
2 सभी राज्यों में तहसील स्तर के संगठन का गठन
3. दिनांक 1 जून 2021 को एक दिन का देश व्यापी उपवास कार्यक्रम


आदरणीय भाइयों एवं बहनों,
आपको विदित ही है कि हमारी मांगों को सरकार द्वारा पिछले अधिवेशन/बजट सत्र में मंजूर करने के संकेत हमें मिल रहे थे लेकिन कोरोना महामारी के चलते व EPFO के अन्यायपूर्ण व्यवहार के कारण इसमें रुकावटें आई है ऐसा स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है.

हम पेंशनर्स की आवाज को व सत्य तत्थ्यों को सरकार तक तथा संबंधितों तक पहुंचाने का कार्य आप सभी,हमारे नेताओं ने दिनांक 06.04.2021 से विरोध दिवस के माध्यम से देश के सभी ईपीएफओ कार्यालयों पर मा. प्रधानमंत्री जी/मा.अध्यक्ष सीबीटी के नाम निवेदन देकर संपन्न किया है.


आप सभी को विदित ही है कि हमारे संगठन की सभी टीमें अपने अपने मोर्चे पर प्रभावशाली रीति से काम रही हैं व NAC के मुख्यालय, बुलढाणा महाराष्ट्र में क्रमिक अनशन का आज 869 वा दिन है. आप सभी को यह भी विदित है कि कोरोना की महामारी तो पिछले वर्ष से आई लेकिन हमारे पेंशनर्स में तो इपीएस 95 पेंशन महामारी* पिछले कई सालों से शुरू है जिसमें प्रति माह लगभग 5000 की दर से हमारे पेंशनर्स भाई बहन संसार से बिदा होते जा रहे थे व अब कोरोना महामारी आने के कारण मृत्युदर और अधिक बढ़ गई है.


सभी सदस्यों में ईपीएफओ के प्रति रोष व पेंशनर्स भाई बहनों की बढ़ती हुई मृत्युदर को देखते हुए , *किसी भी हालत में आने वाले मानसून अधिवेशन में या उसके पहले हमारी चार प्रमुख मांगों को पूर्ण करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लक्ष्य प्राप्ति के लिए सभी सदस्य व सभी नेताओं से निवेदन है कि स्वयं को व अपने परिजनों को सुरक्षित रखते हुए कृपया निम्नलिखत बिंदुओं /NAC के इस आंदोलन कार्यक्रम पर विशेष ध्यान दीजिए:-


  1. 1.सोशल मीडिया /इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से (व्हाट्सएप, ट्विटर, ई मेल, एसएमएस, फोन से संपर्क आदि) अपनी आवाज को प्रभावशाली ढंग से मा.प्रधानमंत्री, मा.वित्त मंत्री, मा.श्रम मंत्री, अपने अपने क्षेत्र के मा.सांसद व सीबीटी सदस्यों तक पहुंचाने का कार्यक्रम. पिछले महासंपर्क अभियान के अनुसार जिन नेताओं को जो जवाबदारी दी गई थी उसी के अनुसार इस अभियान को संसद के मान्सून सत्र के शुरू होने के पहले तक अपने अपने क्षेत्र के मुख्य समन्वयक/प्रांतीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में पूर्ण किया जाए. 
  2. 2.दिनांक 31.05.2021 तक सभी राज्यों के तहसील स्तर के संगठन का गठन करना.
  3. 3. जो महान सदस्य हमें छोड़कर संसार से बिदा हो गए उनकी स्मृति में व मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा दिनांक 04.03.2020 को पेंशनर्स की मांगों को पूर्ण करने हेतु, दिए गए वचन पूर्ति की एक बार फिर से याद दिलाने के लिए दिनांक 01.06.2021 को सभी ईपीएस 95 द्वारा अपने अपने घर से देश व्यापी उपवास कार्यक्रम.

कृपया सुरक्षित रहिए,लक्ष्य प्राप्ति के लिए जागरूक रहिए व संगठित रहिए. कृपया याद रहे कि आप सभी उन सदस्यों के प्रतिनिधि हैं, जो हमारे संगठन के ग्राउंड स्तर के कार्यकर्ता भाई बहन है व जिनके पास तो साधारण फोन भी नहीं हैं ,इस कोरोना महामारी के चलते हम उनसे प्रत्यक्ष संपर्क भी नहीं कर सकते हैं.
जेष्ठ भारत-श्रेष्ठ भारत

आपका अपना,

कमांडर अशोक राऊत,
राष्ट्रीय अध्यक्ष


 

Sunday, May 2, 2021

Good News For EPS 95 Pensioners: Kerala High Court Dismisses Review Petition Filed By EPFO & CBT, Kerala High Court Order


IN THE HIGH COURT OF KERALA AT ERNAKULAM

PRESENT

THE HONOURABLE MR. JUSTICE RAJA VIJAYARAGHAVAN V

THURSDAY, THE 08TH DAY OF APRIL 2021 / 18TH CHAITHRA, 1943

RP. No. 267 OF 2021 IN WP(C). 26944/2019

AGAINST THE JUDGMENT IN WP(C) 26944/2019(P) OF HIGH COURT OF KERALA

REVIEW PETITIONER/RESPONDENTS 2 & 3 IN WPC:

1. BOARD OF TRUSTEES OF EMPLOYEES PROVIDENT FUND ORGANIZATION,  REPRESENTED BY THE CENTRAL PROVIDENT COMMISSIONER, BHAVISYA NIDHI BHAVAN, 14, BHIKAJI CAMA PALACE, NEW DELHI-110 066

2. REGIONAL PROVIDENT FUND COMMISSIONER, EPF ORGANISATION, SUB REGIONAL OFFICE, BHAVISHYANIDHI BHAVAN, KALOOR, COCHIN-682 017


BY ADV. SRI.SAJEEV KUMAR K.GOPAL

RESPONDENTS/PETITIONER 1 & RESPONDENTS 1 & 4 IN WPC:

1 T. RADHAKRISHNAN,  S/O. LATE THANKAPPAN ASARI, NEERCHALIL HOUSE, MANATHUPADOM ROAD, UNICHIRA, ERNAKULAM-682 033, (P.F.NO.KR/2729/175)(PPO NO.KR/ KCH/ 00083431)

2 UNION OF INDIA, REPRESENTED BY ITS SECRETARY, MINISTRY OF LABOUR AND EMPLOYMENT, GOVERNMENT OF INDIA, SHRAM SHAKTI BHAVAN, RAFI MMARG, NEW DELHI-110 001

3 ERNAKULAM REGIONAL CO-OPERATIVE MILK PRODUCERS UNION LTD. NO.E-150 (D),REPRESENTED BY ITS MANAGING DIRECTOR, HEAD OFFICE EDAPPALLY, COCHIN-682 024

SRI K SUDHINKUMAR, SC


THIS REVIEW PETITION HAVING COME UP FOR ADMISSION ON 08.04.2021, THE COURT ON THE SAME DAY PASSED THE FOLLOWING:

ORDER

This Review Petition is preferred seeking review of the judgment dated 18.2.2020 in W.P.(C) No.26944 of 2019. 

2. I have heard Sri. Sajeev Kumar K. Gopal, the learned counsel appearing for the review petitioner and Sri. Prakash M.P., the learned counsel appearing for the party respondent.

3. It is by now settled that review of a judgment is permitted only when it is shown that the judgment suffers from any error apparent on the face of the record.


4. The contention advanced by the petitioner while seeking review of the judgment, is that though the challenge raised by the EPFO to the judgment of a Division Bench of this Court in Sasikumar P. V. Union of India and Ors.1 was repelled by the Apex Court in SLP(C) No.8658-8659 of 2019, a review petition filed against the judgment was entertained by the Apex Court and the same is pending. It is also submitted that the Central Government has also preferred an appeal and the same is pending. It is further submitted that their Lordships of the Division Bench in the judgment dated 21.12.2020 in W.A.No.944/2020 had expressed doubts about the correctness of Sasikumar (supra). According to the petitioner, as this Court in the judgment under Review placed profused reliance on Sasikumar (supra), due to the aforesaid reasons, the judgment is to be reviewed.


5. I have considered the submissions advanced.

6. The power of review may be exercised on the discovery of new and important matter or evidence which, after the exercise of due diligence was not within the knowledge of the person seeking the review or could not be produced by him at the time when the order was made; it may be exercised where some mistake or error apparent on the face of the record is found; it may also be exercised on any analogous ground. But, it may not be exercised on the ground that the decision was erroneous on merits. That would be the province of a court of appeal. A power of review is not to be confused with appellate powers which may enable an appellate court to correct all manner of errors committed by the subordinate court.

7. In Haridas Das vs. Usha Rani Banik (Smt.) and Others2, while considering the scope and ambit of Section 114 CPC read with Order 47 Rule 1 CPC it is observed and the Apex Court had occasion to hold as follows in paragraph 13 to 18 as under:


“ 13. In order to appreciate the scope of a review, Section 114 CPC has to be read, but this section does not even adumbrate the ambit of interference expected of the court since it merely states that it ‘may make such order thereon as it thinks fit’. The parameters are prescribed in Order 47 CPC and for the purposes of this lis, permit the defendant to press for a rehearing ‘on account of some mistake or error apparent on the face of the records or for any other sufficient reason’. The former part of the rule deals with a situation attributable to the applicant, and the latter to a jural action which is manifestly incorrect or on which two conclusions are not possible. Neither of them postulate a rehearing of the dispute because a party had not highlighted all the aspects of the case or could perhaps have argued them more forcefully and/or cited binding precedents to the court and thereby enjoyed a favourable verdict. This is amply evident from the Explanation to Rule 1 of Order 47 which states that the fact that the decision on a question of law on which then judgment of the court is based has been reversed or modified by the subsequent decision of a superior court in any other case, shall not be a ground for the review of such judgment. Where the order in question is appealable the aggrieved party has adequate and efficacious remedy and the court should exercise the power to review its order with the greatest circumspection.


14. In Meera Bhanja v. Nirmala Kumari Choudhury, [(1995) 1 SCC 170] it was held that:

“8. It is well settled that the review proceedings are not by way of an appeal and have to be strictly confined to the scope and ambit of Order 47 Rule 1 CPC. In connection with the limitation of the powers of the court under Order 47 Rule 1, while dealing with similar jurisdiction available to the High Court while seeking to review the orders under Article 226 of the Constitution, this Court, in Aribam Tuleshwar Sharma v. Aribam Pishak Sharma, (1979) 4 SCC 389 speaking through Chinnappa Reddy, J. has made the following pertinent observations:

‘It is true there is nothing in Article 226 of the Constitution to preclude the High Court from exercising the power of review which inheres in every court of plenary jurisdiction to prevent miscarriage of justice or to correct grave and palpable errors committed by it. But, there are definitive limits to the exercise of the power of review. The power of review may be exercised on the discovery of new and important matter or evidence which, after the exercise of due diligence was not within the knowledge of the person seeking the review or could not be produced by him at the time when the order was made; it may be exercised where some mistake or error apparent on the face of the record is found, it may also be exercised on any analogous ground. But, it may not be exercised on the ground that the decision was erroneous on merits. That would be the province of a court of appeal. A power of review is not to be confused with appellate power which may enable an appellate court to correct all manner of errors committed by the subordinate court.’” 

15. A perusal of Order 47 Rule 1 shows that review of a judgment or an order could be sought: (a) from the discovery of new and important matters or evidence which after the exercise of due diligence was not within the knowledge of the applicant; (b) such important matter or evidence could not be produced by the applicant at the time when the decree was passed or order made; and (c) on account of some mistake or error apparent on the face of the record or any other sufficient reason.


16. In Aribam Tuleshwar Sharma v. Aribam Pishak Sharma, AIR 1979 SC 1047, this Court held that there are definite limits to the exercise of power of review. In that case, an application under Order 47 Rule 1 read with Section 151 of the Code was filed which was allowed and the order passed by the Judicial Commissioner was set aside and the writ petition was dismissed. On an appeal to this Court it was held as under: (SCC p. 390, para 3) “It is true as observed by this Court in Shivdeo Singh v. State of Punjab, AIR 1963 SC 1909 there is nothing in Article 226 of the Constitution to preclude a High Court from exercising the power of review which inheres in every court of plenary jurisdiction to prevent miscarriage of justice or to correct grave and palpable errors committed by it. But, there are definitive limits to the exercise of the power of review. The power of review may be exercised on the discovery of new and important matter or evidence which, after the exercise of due diligence was not within the knowledge of the person seeking the review or could not be produced by him at the time when the order was made; it may be exercised where some mistake or error apparent on the face of the record is found; it may also be exercised on any analogous ground. But, it may not be exercised on the ground that the decision was erroneous on merits. That would be the province of a court of appeal. A power of review is not to be confused with appellate powers which may enable an appellate court to correct all manner of errors committed by the subordinate court.”


17. The judgment in Aribam case has been followed in Meera Bhanja. In that case, it has been reiterated that an error apparent on the face of the record for acquiring jurisdiction to review must be such an error which may strike one on a mere looking at the record and would not require any long drawn process of reasoning. The following observations in connection with an error apparent on the face of the record in Satyanarayan Laxminarayan Hegde v. Millikarjun Bhavanappa Tirumale, AIR 1960 SC 137 were also noted: “An error which has to be established by a long drawn process of reasoning on points where there may conceivably be two opinions can hardly be said to be an error apparent on the face of the record. Where an alleged error is far from self evident and if it can be established, it has to be established, by lengthy and complicated arguments, such an error cannot be cured by a writ of certiorari according to the rule governing the powers of the superior court to issue such a writ.”


8. The petitioner has not been able to show that there is any error manifest on the face of the order. What is contended is that proceedings are pending before superior courts and in that view of the matter, the judgment ought to be reviewed. It is settled that while considering an application for review, the court must confine its adjudication with regard to the material which was available at the time of initial decision. The happening of some subsequent event or development cannot be taken note of for declaring the initial order/decision as vitiated by an error apparent. It is also settled that review is not maintainable on the basis of a subsequent decision/judgment of a co-ordinate or larger bench of the court or of a superior court. A review petition can by no means be an appeal in disguise.


Having considered the matter in all perspectives, I find that the petitioner has not made out any grounds for review. This review petition will stand dismissed. 

Sd/-

RAJA VIJAYARAGHAVAN V 

NS JUDGE



Thursday, April 29, 2021

देश के 67 लाख EPS 95 पेंशनधारकों को एक महत्वपूर्ण संदेश: EPS 95 पेंशनधारकी हालत देख आपकी रूह कांप जाएगी। आखिर कब सरकार की बंद आँखे खुलेगी और EPS 95 पेंशनधारकों न्याय मिलेगा?

National Agitation Committee


देश के 67 लाख EPS 95 पेंशनधारकों को एक महत्वपूर्ण निवेदन:-

आदरणीय भाइयों व बहनों, क्या आप EPS 95 के पेन्शनर हैं?

क्या आप EPS 95 योजना के सदस्य हैं यानि कि किसी सरकारी/अर्ध सरकारी या फिर प्राइवेट क्षेत्र में काम करते हैं?

क्या आप देश के एक संवेदनशील व जवाबदार महानुभाव हैं?


क्या आपके कोई नजदीकी व्यक्ति EPS 95 के पेंशनर या EPS 95 के सदस्य हैं तो कृपया इस वीडीयो को जरूर देखिए और वृद्ध EPS 95 पेंशनर्स की आवाज को आपके माध्यम से सरकार तक पहुंचाइये।

राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) के वृद्ध पेंशनर्स का संघर्ष, समस्त EPS 95 समाज का, पेंशनर्स के परिवारों का और उन EPS 95 सदस्यों का भी संघर्ष है जो EPS 95 योजना से जुड़े हैं और अभी कार्यरत हैं।

कृपया सहयोग कर हमें कृतार्थ करें, यही नम्र निवेदन

वीडियो निचे है। देखे और इसे हर एक ईपीएस 95 पेंशनधारक के साथ सांझा (SHARE) करे। 


Tuesday, April 27, 2021

Very IMP For 67 lakhs EPS pensioners: EPS 95 Pensioners Minimum Pension 7500+DA Hike order, Medical Facilities, Higher Pension Supreme Court Order, Govt Decision ?i

EPS 95 Pensioners Minimum Pension 7500+DA Hike order, Medical Facilities, Higher Pension


Dear EPS 95 Pensioners Friends,

There may be about 70 lakhs EPS pensioners in the country. They are, curiously awaiting decisions from 2 institutions. One is the Central Government ie Mr. Modi the supreme leader. The second one is the Supreme Court, the highest judiciary of the country.

Mr. Modi was propitiated many times by many leaders including leaders of the party in the ruling. They have many times, many statements gave cajoling pensioners that Mr. Modi heard them attentively and ordered for immediate consideration and a decision. One of them was Mrs. Hema Malini Member of Parliament BJP and a celebrity from the cine field. What they said was that they have pleaded with Mr. Modi was a minimum pension of Rs 7500/. The leaders who were along with these MPs gave statements that Mr. Modi was very considerate in hearing them and they conveyed to their grass root level followers that Mr Modi is going to take a favourable decision.


Mr Javedekar who during the 2014 elections made several statements once the BJP  comes to power will implement Koshiyari recommendations and grant DR linked minimum pension of Rs 3000/. BJP came to power twice in 2014 and 2019 and Mr. Javdekar continues to cabinet minister since 2014. But this great leader never bothered to raise the issue in public or in the cabinet.



Now the High Empowered  Monitoring Committee appointed by the government recommended Rs 2000/as minimum pension. Minister for labour replied in the parliament that they are not in a position to implement recommendations. This is the statement for Rs 2000/ minimum pension. After being in power for the last 7 Years. We failed to take the validity of statements like ELECTION JUMLA and continue to have hope for the party in power. This poor EPS pensioner had/have great expectations from BJP. That is where EPS pensioners are stranded.



The second hope was from the judiciary. Supreme Court judgment on higher on 16-10-2016 and Upholding of Kerala Court judgment (12-10-2018) on 01-04-2019. EPS pensioners had confidence that the government will honor the Judgements of the Supreme Court. Years and years are passing. Pensioners are monitoring

the posting of the cases in the itinerary of the supreme Court, Three Chief judges have come and gone but no decision on the cases. Mr. Gogai Came and retired. Mr. Bobde came and retired. Mr. Bobde had vo conceded to the government and withdrawn the judgment on 01-04-2019.EPS pensioners hopes are totally belied the hopes on Judiciary.



Now EPS pensioners are facing the 2nd wave of the Corona pandemic. Many have become prey to this pandemic and left this world without achieving minimum pension. This notorious government did not heed to consider minimum financial relief as was given to the workers in service in the form of paying EPF contribution for 6 months. 

Also Read This: 

Very Important Letter From General Secretary for hike of Eps 95 pension

EPS 95 Higher Pension Cases News: EPS 95 पेंशनधारकों की बढ़ी मुश्किल, आखिर कब आएगा हायर पेंशन मामलो पर अंतिम फैसला


Dear Friends there are lakhs and lakhs of EPS pensioners who are leading a miserable old age life. Even while in service in private industries they had wages that were only handed to mouth. We can name the industries like Sugar private, cooperative, Beedy, cement, quarry and many more pri ate Industries.



Now, this corona is robbing remnants of the poor including EPS pensioners had. EPS pensioners are unable to organize themselves. In a perplexing situation. We have no other go except to wait. But when time cones EPS pensioners had to rise like one man. Let us prepare and wait for that event.

M N REDDY, President, AICCEPFPAs

EPS 95 Pension Hike, Higher Pension News: Appeal to Supreme Court & Government of India to Allow Higher Pension & 7500+DA to EPS 95 Pensioners

APPEAL TO SUPREME COURT & Government of India


Many High Courts in India have placed Orders in favor of Employees pertaining to Exempted PSUs for availing the full pension option in line with SC judgment. Many exempted PSUs from EPFO are enjoying the FULL PENSION options already.

Selected PSUs that are exempted from EPFO are only denied by EPFO. It is a sheer personal vendetta by an IAS Officer. However, to our dismay, many Exempted PSUs are enjoying these full pension options. Is it not partial treatment?


Sr Citizens are dying daily. Corona too takes away our brothers and sisters.  The SC judges and Registry have been dilly-dallying our Review Petition. There is no fellow human being and sense of responsibility in giving utmost priority to the LEGITIMATE GENUINE PENSION DEMANDS OF SR CITIZENS.

Please share this appeal as much as possible so that it is tabled on SC Judges and PM of India. At least let the survivors of Sr Citizens of India get the benefits of EPS95 pension before they kick their buckets.


The whole world knows that there is no financial crisis to EPFO. EPFO is a Kamadhenu as every month new employees are joining and PF deductions are deposited into their kitty.

THE PRIME MINISTER HAS TO GET THIS SOCIAL MEDIA APPEAL ON HIS TABLE FOR IMMEDIATE INTERVENTION.

JUST SHARE IT

WE ARE 21k members. In other words, 21000 shares create a big viral. Servo Srinivasan , Chennai.


 

Monday, April 26, 2021

EPS 95 Higher Pension Cases Hearing News: देश के 67 लाख EPS 95 पेंशनधारकों का बढ़ा इंतजार, भारत के मुख्य न्यायाधीश ने लिया बड़ा फैसला, EPS 95 पेंशनधारकों मामलों पर फिर से अनिच्छितता

EPS 95 HIGHER PENSION CASES NEXT HEARING DATE


देश के लगभग 67 लाख EPS 95 पेंशनधारक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल EPS 95 पेंशनधारकों से जुड़े हुए हायर पेंशन के मामलों के पर सुनवाई के लिए इंतजार कर रहे हैं। EPS 95 पेंशनधारकों को आशा थी कि उनके मामलों पर 23, 24, 25 मार्च 2021 को सुनवाई हो जाएगी पर ऐसा नहीं हुआ और इन्हें 15 मार्च 2021 तक के लिए टाल दिया गया था। उसके बाद इन मामलों को 15 मार्च की जगह फिर से 22 अप्रैल 2021 तक के लिए टाल दिया गया था, पर उसी बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक सर्कुलर जारी किया जिसमें कोविड-19 की स्तिथि को देखते हुए 22 अप्रैल 2021 से केवल महत्वपूर्ण मामलों को सुनवाई के लिए लिया जाएगा ऐसा कहा गया।


इसकी वजह से जो 22 अप्रैल 2021 को EPS 95 पेंशनधारकों से जुड़े हुए लगभग 60 मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए गए थे तो उनकी जगह पर केवल 6 मामलों को सुनवाई के लिए लिया गया और EPS 95 पेंशनधारकों से जुड़ा हुआ एक भी मामला 22 अप्रैल 2021 को सुनवाई के लिए नहीं लिया गया।

उसके बाद हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना ने बार के सदस्यों के साथ परामर्श के बाद दिल्ली में COVID-19 स्थिति के मद्देनजर शीर्ष अदालत की गर्मियों की छुट्टी को एक सप्ताह पहले ही शुरू करने के लिए सहमत हुए हैं । जिसकी वजह से EPS 95 पेंशनधारकों के मामलों के ऊपर जो अगली होने वाली सुनवाई है वह कब होगी इसके बारे में कोई अपडेट नहीं है।

एक बार फिर से 95 पेंशनधारकों के मामलों की सुनवाई के ऊपर अनिच्छितता दिखाई दे रही है क्योंकि जो गर्मियों की छुट्टियों को 1 सप्ताह पहले ही शुरू करने का फैसला लिया गया है। जिसकी वजह से अब EPS 95 पेंशनधारकों को 27 जून तक का इंतजार करना पड़ेगा क्यों कि 27 जून 2021 तक सुप्रीम कोर्ट को गर्मी की छुट्टि होगी। यानी इस दौरान सुप्रीम कोर्ट का कोई भी कामकाज नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट का कामकाज 28 जून 2021 से शुरू होगा उसके बाद ही EPS 95 पेंशनधारकों के मामले हैं तो उनके ऊपर कब फैसला होगा तो इसके बारे में जानकारी मिल सकती है।


सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के प्रतिनिधियों और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना द्वारा आपात बैठक में निर्णय लिया गया ।

साथ ही भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना ने कम से कम 60 बेड और अन्य सुविधाओं जैसे RT-PCR परीक्षण, COVID-19 टीकाकरण आदि के लिए चिकित्सा सुविधाओं की स्थापना के लिए उपयुक्त क्षेत्र प्रदान करने के लिए भी मंजूरी दी है।

SCBA अध्यक्ष विकास सिंह के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना ने अधिवक्ताओं के चैंबर ब्लॉक को COVID केयर यूनिट के रूप में उपयोग करने के लिए मंजूरी दी है।


तहसीलदार चाणक्यपुरी को व्यवस्था करने के लिए संक्षिप्त किया गया है ताकि भवन का निरीक्षण किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने इससे पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश को लिखा था कि अप्पू घर परिसर में नवनिर्मित अधिवक्ता चैंबर बिल्डिंग को COVID-19 केयर सेंटर में बदलने के लिए वकीलों, कोर्ट स्टाफ और उनके परिवारों के हित के लिए जो COVID-19 केयर सेंटर में बदलें।

इस बड़े फैसले से फिलहाल EPS 95 पेंशनधारकों मामलों पर कब सुनवाई होगी इसके बारे में अभी कोई अपडेट नहीं है 22 अप्रैल को जो मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए गए थे तो उन पर भी सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में गर्मियों की छुट्टियों का ऐलान सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर दिया गया है और उसे भी 1 सप्ताह पहले से ही शुरू करने का फैसला लिया गया है। इसकी वजह से अभी EPS 95 पेंशनधारकों को और लंबा इंतजार करना होगा। उम्मीद की जा रही थी कि पिछले महीने यानी 23, 24, और 25 मार्च को जो सुनवाई शुरू हुई थी तो उन सुनवाई के दौरान भी कोई अंतिम फैसला आ जायेगा पर EPS 95 पेंशनधारकों के मामलों को बार-बार टाल दिया गया जा रहा है।


23 24, 25 मार्च की सुनवाई के लिए 59 याचिकाएं क्रमांक 15 न्यायालय संख्या 3 में सूचीबद्ध थी। जिनमे से एक मामले की सुनवाई यानी SLP NO. 20,417/2017 जो की M/S Daiichi Sankyo Company Ltd बनाम OSKAR Investments Ltd पर सुनवाई होने के बाद सुनावाई हुई थी। उसके बाद EPS 95 मामलों को लिया जाना था। पर EPS 95 पेंशनधारकों को एक बार फिर से 13 अप्रेल 2021 फिर 15 अप्रेल 2021 और 22 अप्रेल 2021 को सुनवाई होनी थी।