Monday, June 14, 2021

Good News: सरकार की इस पेंशन योजना में बदलाव करने की तैयारी, पूरा पैसा निकाल ने के साथ ज्यादा पेंशन और महंगाई भत्ता भी मिलेगा

पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से जुड़े नियमों में बदलाव के लिए सरकार से बातचीत कर रहा है। ये बदलाव NPS को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए किए जा रहे हैं। इन बदलावों के तहत टैक्स में ज्यादा छूट, बीमा एजेंट्स की दिलचस्पी बढ़ाने और स्कीम को महंगाई से जोड़ने समेत कई बदलाव करने की तैयारी PFRDA कर रहस है।


पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने जानकारी दी है कि NPS में कई तरह के बदलाव करने के लिए सरकार से बातचीत की जा रही है। NPS को और बेहतर बनाने के लिए कुछ उपायों की शुरूआत भी हो चुकी है। जबकि कुछ पर सरकार से विचार जारी है।

NPS में बदलाव के तहत निवेशक अब अपने पूरे फंड को सिस्टमैटिक विड्रोल प्लान (SWP) में डाल सकेंगे जिससे उनका फायदा बढ़ सकेगा। अभी मौजूदा दौर में निवेशक अपने फंड का केवल 60% रिटायरमेंट के वक्त निकाल सकते हैं, जबकि बाकी बची हुई रकम से उन्हें एन्युटी खरीदनी होती है। जिसके बाद उन पैसों पर उन्हें जीवन भर एक आमदनी होती रहती है।


मान लिजिए आपके NPS में 5 लाख रुपए हैं तो अब नए बदलाव के तहत आप अपना पूरा पैसा एक साथ निकाल सकेंगे। सरकार इस तरह के बदलाव पर विचार कर रही है ताकि जरूरत पड़ने पर कोई भी निवेशक अपना पूरा पैसा एक बार में निकाल सके। अगले कुछ दिनों में इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। अभी इस सिस्टम के तहत निवेशकों को केवल 5% का रिटर्न मिलता है जिसकी वजह से निवेशक इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते है।

बंदोपाध्याय के अनुसार गिरते ब्याज दरों के इस दौर में एन्युटी से निवेशकों को सालाना 5% का ही रिटर्न मिल रहा है। इस वजह से बहुत से निवेशक NPS में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि PFRDA अब एन्युटी से मिलने वाले रिटर्न को महंगाई से जोड़कर फिक्स करने की बात पर विचार कर रहा है। इसके लिए वह बीमा नियामक इरडा से बात करने जा रहा है। इस मामले पर इस समय एक समिति विचार कर रही है।


इसके अलावा PFRDA ने सरकार को सुझाव दिया है कि NPS में निवेश कर टैक्स बचत की जाने वाली रकम की सीमा को मौजूदा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया जाना चाहिए। अगर ये सीमा दोगुनी हो जाती है तो निवेशकों को टैक्स की बचत में भी काफी लाभ मिलेगा।

बंदोपाध्याय के अनुसार सरकार को यह सुझाव दिया जा रहा है कि NPS के तहत एन्युटी में निवेश की मदद से आने वाले पेंशन की रकम को एक निश्चित सीमा तक टैक्स फ्री कर दिया जाए। यह 10 लाख रुपए सालाना तक हो सकता है। इसे या तो टैक्स फ्री कर दिया इस पर मामूली टैक्स लगाया जाए।




Good News for Pensioner: पेंशन के लिए 1313 लोगो की लिस्ट हुई जारी, जानिए लिस्ट नाम और कीन्हे मिलेगा पेंशन का लाभ

Good News for Pensioner:  पेंशन के लिए 1313 लोगो की लिस्ट हुई जारी, जानिए लिस्ट नाम


उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में नई ओल्ड एज पेंशन के लिए 1313 लोग पात्र मिले हैं। इसमें सबसे अधिक तहसील सदर में 287, जगनेर ब्लाक में 187 और सबसे कम शमसाबाद में तीन और किरावली में चार लोग शामिल हैं।



दरअसल, वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के गरीब बुजुर्गों को प्रदेश सरकार 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन देती है। वर्ष 2017 में जब योगी सरकार बनी थी उससे पहले 36 लाख बुजुर्गों को ही यह पेंशन दी जाती थी। सरकार ने धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ा दिया। इस साल मार्च में सर्वाधिक 51.21 लाख बुजुर्गों को सरकार ने पेंशन दी।



योजना के लाभ के लिए इन दस्तावेजों की आवश्यकता

राज्य के वृद्ध नागरिकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पेंशन योजना की शुरुआत की है। राज्य के जिन वृद्ध नागरिको को किसी भी पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है वे इस पेंशन योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए उम्मीदवारों को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता भी होगी। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, बैंक खाते का विवरण, मोबाइल नंबर, विकलांगता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत पड़ती है।

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पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए उम्मीदवार को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है। उम्मीदवार बीपीएल कार्ड धारक होना जरूरी है। योजना के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार गरीबी रेखा से नीचे आते हों। जिन उम्मीदवारों ने आवेदन किया है केवल उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए पात्र माना जाएगा। यूपी पेंशन योजना के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की आयु 60 साल से अधिक होनी चाहिए।


 


EPS 95 Higher Pension Cases Hearing: 5 साल से पेडींग ईपीएस 95 पेंशनरो की समस्या का समाधान सर्वोच्च न्यायालय कैसे हल कर सकता है

5 साल से पेडींग ईपीएस 95 पेंशनरो की समस्या का समाधान सर्वोच्च न्यायालय कैसे हल कर सकता है


अभीतक ईपीएस पेंशनरों की ओरसे न्यायप्रविष्ट मामलो मे उच्च एवंम् सर्वोच्च न्यायालय ने पेंशनरो के हक़ मे फैसले दिए है.

फिर भी ईपीएफओ और विद्यमान सरकार ऊसे मानणे से इन्कार कर रही है। अब तो सरकार ही कामगार (2016 मे सुप्रीम कोर्ट ने पेंशन बढोत्तरी के दिए हुए निर्णय) के खिलाफ फिर से सुप्रीम कोर्ट मे पुनरविचार याचिका दायर करके यह सिद्ध कर दिया की देखो हमारी सरकार कितनी कामगार और कर्मचारी यों के हीत मे सोचती है, कार्य करती है।


और सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने ही दिए हुए निर्णय पर पुनरविचार याचिका मंजुर करके सरकार का फिलहाल साथ तो दिया ही है। लेकीन एक विचार विद्यमान सर्वोच्च न्यायालयाने करना चाहीये की 4 अक्टूबर 2016 को दिए हुए फैसले पर 2021 तक यदी अंमल नही होता हो तो' क्या फायदा है सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का?

पिछले 5 सालो मे करीब करीब 2 लाख से जादा पेंशनरो की मौत हो चुकी है। क्या पता और कितने पेंशनधारक आगे चल बसेंगे। ईस विद्यमान सरकार को क्या 700/800 रुपयो मे यह ईपीएस 95 पेंशनरों का जीवनयापन कैसे होता होगा यह एक साधारण सा विचार करने के लिए 7 साल लगे ह। 


ईसी सरकार मे शामिल मंत्री जब सत्ता मे नही थे तो जंतर मंतर, सेवाग्राम, नागपूर, चंद्रपुर, दिल्ली, और बहोतसे जगहो पर पेंशनरो की हजारो की सभा मे आकर पेंशनरो की समस्या को लेकर तत्कालीन केंद्र सरकार के खिलाफ और पेंशनरो की समस्या के फेवर मे लंबी चौडी स्पिच देकर कहते थे आप एक बार हमे सत्ता मे आने दो। पेंशनरो की सभी समस्या को खत्म कर देंगे।

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समस्या खत्म करने की बात तो दुर सरकार समस्या को और ऊलझाकर EPS 1995 पेंशनधारकों को परेशान कर रही है। ठिक है सुप्रीम कोर्ट का मामला तो हायर पेंशन से समंधित है, लेकीन न्यूनतम पेंशन का मामला तो संसद का मामला है। ईसे तो आप आसानी से सुलझा सकते हो। लेकीन आप तो एक ही राग अलापते रहते हो 'की सरकार पास फंड नही और EPS 95 पेंशन में बढ़ोतरी बिना बजटीय समर्थन के नही हो सकती।

अरे भई खतम करो यह बाते क्यों की आज सबसे अच्छा पैसा जमा करने का तरीका तो आपके पास प्राव्हीडंट फंड और पेंशन फंड ही तो है।

अच्छा चलो एक कॅलक्यूलेशन करके देख लो' यदी एक कामगार कर्मचारी की पेंशनेबल सॅलरी 15000 रु या ईससे ऊपर है तो आप पेंशन फंड मे 8.33% के हिसाब से ऊसके सॅलरी से 1250 रुपये हर महीना काट लेते हो। और जब ऊसकी 33 साल की पेंशनेबल सर्व्हिस हो जाएगी तो ऊसे सिर्फ 7500 रु पेंशन मिलेगी। 

अब 1250 रुपये के हिसाब से ऊसका आर. डी. का अकाऊंट खोल दो। और ऊसपर पी एफ के 8.5% के हिसाब से ब्याज दो। तो 33 साल सिर्फ आर डी अकाऊंट ही रखा तो भी ऊस कामगार के आपके पास 30 लाख से जादा की राशी EPFO के पास जमा होगी।


यदी यही किसी भी बॅंक मे एफ डी मे रखो तो आपको महीने का ब्याज ही 25000 रु के आसपास प्राप्त होगा। अब देखीए आप 25000 के जगह 7500 रुपये दोगे और बाकी के 17500 रुपये खुद ही रख लोगे और पेंशनर और ऊसकी बीबी या ऊस महीला पेंशनर का पती दोनो की म्रुत्यु होने के बाद ऊनके पुरे 30 लाख रुपये EPFO के पास जमा रहेंगे।

तो भी आप ईपीएफओ वाले सम्बधीत मंत्री 'प्रधान मंत्री को यह कैसे बताते हो सुप्रीम कोर्ट को कैसे झुठा ऍफिडेव्हिट दे सकते है ' कि यह पेंशन योजना घाटे की है। हमारे पास पेंशनरो को बढी हुई पेंशन देने के लिए फंड नही है। आप शासकीय अधिकारी है करके आप पर मंत्री, श्रममंत्री प्रधान मंत्री यहा तक की सुप्रीम कोर्ट ने भी भरोसा करके आपकी रिव्हू पिटीशन दाखिल कर ली है।


जब सुप्रीम कोर्ट को असलीयत का पता चलेगा तो यही माननीय मोदी जी आप जैसे को कोर्ट को गुमराह करने वाले अधिकारी को कैसी सजा देना है ईसलिए कानुन मे संशोधन करेगी। ऐसा ईपीएस पेंशनधारकों को विश्वास है।

तो चलते है 5 साल से पेडींग 60 केसेस जो सुप्रीम कोर्ट मे है ऊसे जल्द से जल्द खत्म करते है। अभी शायद 26 जुन से सुप्रीम कोर्ट का कामकाज फीर से शुरु हो सकता है।  तो 23 मार्च 2021 से डे टू डे होनेवाली सुनावाई अब श्री रमन सर सर्वोच्च न्यायाधीश महोदय ईसे सर्वोच्च वरीयता देकर ईस पर स्पष्ट निर्णय देंगे यही प्रार्थना करते है।


मेरे स्पष्ट निर्णय का मतलब यही है की 4/10/2016 के जजमेंट मे यह लिखा था की बढी हुई पेंशन देते वक्त जितना हो सके ऊतना कामगार कर्मचारी ईनके फेवर मे ईपीएफओ काम करे, और बुक अडजेस्टमेंट करे। 

बुक अडजेस्टमेंट का मतलब यही था की यदी किसी का कोर्ट के जजमेंट के हिसाब से 7 लाख रुपये एरीअर्स निकलता है, और ऊसे 5 लाख रुपये ईपीएफओ को भरणा है तो आप ऊसके 7 लाख रुपये मे से 5 लाख रुपये मायनस करके 2 लाख रुपये पेंशनर के खाते मे जमा करे। लेकीन ईपीएफओ वाले अधिकारीयोने ईसका गलत अर्थ निकाल कर सभी को सबसे पहले पैसे भरो बादमे आपको बढी हुई पेंशन का लाभ प्राप्त करो  कहा। यहा एक बात समझने की है की 10 साल पहले यदी रिटायर्ड हो चुका गरीब कामगार जीसे आज मार्केट मे कोई 100 रुपये नही देता वो कहा से पैसे लाकर ईपीएफओ मे जमा करेगा? ईसका मतलब तो यही होगा जीसके पास पैसा होगा ऊसे ही बढी हुई पेंशन का लाभ मिलेगा। और जिनके पास पैसा नही वह बिचारा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी न्याय से वंचित रहेगा।


अबकी बार माननीय श्रममंत्री महोदय को मिनीमम पेंशन बढाने मे कतई दिक्कत नही होनी चाहीये। क्यों की ऊपर बताए हिसाब से आपको कभी भी पैसे की कमी नही आ सकती और अभी भी काफी काॅरपस फंड EPFO के पास जमा है। और हाॅ यह जो मिनीमम पेंशन वाले लोग वो लोग है जो शुरूवाती दौर मे EPS 95 पेंशन योजना को सफल बनाने मे EPFO के साथ थे।  ईपीएफओ के कुछ सिनीयर्स को याद होगा की शुरूवाती दौर मे रीजनल प्राव्हीडंट फंड कमिशनर कंपनीयोमे जा जाकर ईपीएस 95 पेंशन योजना कैसे अच्छी है ईस योजना मे हर साल रिव्हू होगा आपकी पेंशन हर साल बढेगी, यह सब बताते हुए ईस पेंशन योजना का प्रचार किया करते थे।


चलो आगे बढते है। मिनीमम पेंशन वाले लोग दिनोदिन कम होनेवाले लोग है ईन्हे तडफाना मत। अगस्त 2021 मे संसद के सत्र मे मिनीमम पेंशन का मुद्दा हल करते हुए सभी ईपीएस 95 पेंशनरों के चेहरे पे ईस देश के 20 करोड से अधिक विद्यमान कामगार कर्मचारी यों को संतोष दिखना चाहीये और दिखेगा भी क्यो नहीं 'क्यों की जीस देश के  श्रममंत्री आदरणीय श्री संतोष कुमार गंगवार जी है। और पुराने श्रममंत्री आदरणीय श्री बंडारु दत्तात्रय साहब ने महाराष्ट्र शीर्डी के साईबाबा के सामने ईपीएस 95 पेंशनरो को दिए हुए आश्वासन की पुर्ती जरूर करेंगे।  ईसी आशा के साथ सब को प्रणाम। 


और एक बात बहोत दिनो से कहने की सोच रहा था' आज कह देता हु। बात यह है कि कुछ नेतागण जिन्होने अभी अभी काम शुरु किया है आप को मालुम होना चाहिये की ईपीएफओ यह सरकार के सम्बधीत कानुन को ईम्पलीमेंट करने वाली अथाॅरिटी है। ईपीएफओ दफ्तर के ऊपर मोर्चे आंदोलन ना करे ऊनके साथ चर्चा कर सकते है। कुछ बाते समझ सकते है। ऊनसे क़ानूनी सलाह मशविरा लेकर केन्द्र सरकार के साथ निगोशिएशन बारगेनींग कर सकते है। लेकीन ऊनके दफ्तर के सामने जाकर ऊनके खिलाफ नारेवाजी करना नहीं चाहीये। क्यों की आप कीसी को भी अपना निवेदन देंगे तो वही निवेदन ईपीएफओ की राय के लिए ऊनके पास ही आयेगा। और ऊन्होने निवेदन पर दिया हुआ रिमार्क पाॅझीटीव मिले' ऐसा अपना व्यवहार होना चाहिये। ईसलिए नेतागण ईपीएफओ के साथ रिलेशन ठीकठाक रखने की कोशीष करे। 


ईपीएफओ के साथ कैसे बर्ताव रखना चाहीये और क्यों रखना चाहीये यह हमने हमारे वरिष्ठ नेतागण हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रकाश येंडे 'राष्ट्रीय महासचिव श्री प्रकाश पाठक और राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष श्री भीमराव डोंगरे साहब से मार्गदर्शन प्राप्त होता रहता है. ईसलिए ईस अवसर पर मै ऊनका भी धन्यवाद करता हुं। आभार व्यक्त करता हुं।

यु ट्यूब और सोशल मिडीया के ऊपर आनेवाले विडीयो और मेसेजेस को 100 % सच मानने की चेष्टा ना करे। क्यो की जीस दिन सुप्रीम कोर्ट का अंतीम फैसला आयेगा ऊस दिन सरकारी चॅनेल और बाकीकी तमाम मिडीया चॅनेल यह न्युज प्रसारित जरूर करेंगे। 

धन्यवाद!!!!!!

ईसमेसे काफी कुछ ठिक नही भी लगे तो क्षमा करना क्यों की काफी दिनोसे मै जरा सोशल मिडीया से दुर होने की वजह से गलतीयां होगी। माफी चाहता हुं।

आपका ईपीएस पेंशनर.

पी. एन. पांडे.

गणेश नगर, पुलगांव,

जिल्हा: वर्धा. (महाराष्ट्र) 442 302.



 

Sunday, June 13, 2021

National Agitation Committee
EPS95 पेन्शनर्स बचाओ
देशव्यापी महाअभियान


मा. सभी मुख्य समन्वयक/प्रांतीय अध्यक्ष/जिलाध्यक्ष /सचिव -कृपया ध्यान दीजिए। देश भर के सभी प्रांतीय अध्यक्षों/ सचिवों/जिलाध्यक्षों से निवेदन है कि अगले 2-3 दिनों में अपने-अपने प्रांतों/जिलों में Zoom Meetings आयोजित कर चर्चा करें कि "ईपीएस 95 पेंशनर्स बचाओ"राष्ट्र व्यापी अभियान कैसे ठीक ढंग से लागू किया जाए और कैसे संगठन और अधिक मजबूत किया जाए।


Zoom Meetings  में राज्य से अधिक से अधिक पदाधिकारियों को बोलने का अवसर दिया जाए। प्रांतों की इस पहली बैठक में मा.कमांडर साहब मौजूद नहीं रहेंगे। मा.चीफ कोऑर्डिनेटर मौजूद रहेंगे। 

इस बैठक के बाद प्रांतीय स्तर की बैठकों में मा.कमांडर साहब समेत सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। यदि प्रांतीय अध्यक्ष/ सचिव को बैठक आयोजित करने में कोई तकनीकी कठिनाई हो तो उन्हें स्थानीय स्तर पर नई पीढ़ी की मदद लेनी चाहिए। विशेष परिस्थितियों में मा. बापू जी पात्रा, राष्ट्रीय सचिव, आईटी की सलाह//सहयोग लिया जा सकता है।


दक्षिण भारत के अधिकांश प्रांतों में इस तरह की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं.इसलिए ऐसी बैठकें देश के सभी प्रांतों /जिलों में तुरंत आयोजित की जाए। 

National Agitation Committee:
Save EPS 95 Pensioners Nationwide Grand campaign.

For kind attention of all Hon.Chief Coordinators / State /Distt.Presidents /Secretaries. 

All the State/Distt. Presidents / Secretaries across the county are requested to arrange Zoom meetings  in their respective states /Districts in the next 2-3 days to discuss how to implement "Save  EPS 95 Pensioners" Nationwide Campaign and how efforts can be made for increasing organizational Strength.


Maximum office bearers should be given the opportunity to speak in In these 1st meeting. Hon.  Commander Sir will not be present, however, the National Chief Coordinator will be in attendance. After these meetings all the senior leaders along with the Commander will be present for the state level meetings.


If  President / Secretary of State has any technical difficulty in organizing the meeting, he should seek the help of the new generation at the local level. Such meetings are held regularly in most of the states in South India.

Therefore, such meetings should be held immediately in the rest of the state.





Thursday, June 10, 2021

Good News for EPF/EPS Members: EPF/EPS सदस्यों के खातों में जुलाई अंत तक आ सकता है पैसा, सरकार ने दी मंजूरी जानिए कितनी राशि होगी जमा

CHECK YOUR EPF BALANCE NOW


कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच EPFO (Employees' Provident Fund) के 6 करोड़ खाताधारकों को अगले महीने जुलाई अंत तक खुशखबरी मिलने वाली है। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि सब्सक्राइबर्स के PF अकाउंट में जुलाई में मोटी रकम आने वाली है, क्योंकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 8.5 परसेंट ब्याज सब्सक्राइबर्स के अकाउंट में ट्रांसफर कर सकता है, सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी है।


Good News! EPFO सब्सक्राइबर्स के खातों में जुलाई अंत तक आ सकता है 8.5 परसेंट ब्याज?

मिली जानकारी के मुताबिक श्रम मंत्रालय की मंजूरी के बाद EPFO के सब्सक्राइबर्स के खातों में ये 8.5 परसेंट ब्याज की ये रकम जुलाई के अंत तक आ जाएगी। मंत्रालय से मंजूरी के बाद जल्द ही ट्रांसफर की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। इसके पहले पिछली बार वित्त वर्ष 2019-20 में भी KYC में हुई गड़बड़ी की वजह से ब्याज मिलने में कई सब्सक्राइबर्स को 8 से 10 महीने का लंबा इंतजार करना पड़ा था। देश में 6.44 करोड़ लोग PF के दायरे में आते हैं।

आपको बता दें कि EPFO ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दरों को बिना बदलाव के 8.5 परसेंट पर बरकरार रखने का फैसला लिया था जो कि पिछले 7 साल के निचले स्तर की ब्याज दर है। इसके पहले वित्त वर्ष 2013 में EPF पर ब्याज दरें 8.5 परसेंट थीं। पिछले साल मार्च में EPFO ने ब्याज को रिवाइज किया था। इसके पहले वित्त वर्ष 2019 में EPF पर 8।65 परसेंट ब्याज मिलता था। EPFO ने वित्त वर्ष 2018 में 8.55 परसेंट ब्याज दिया था, जो कि इसके पहले वित्त वर्ष 2016 में ये 8.8 परसेंट था। इसके पहले वित्त वर्ष 2014 में ये 8.75 परसेंट था।


इसके अलावा EPF खाताधारकों को दूसरी बार मिली PF एडवांस निकालने सुविधा

इसके अलावा कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए EPFO ने अपने करोड़ों खाताधारकों को एक बार फिर राहत दी है। EPFO ने दूसरी बार PF से एडवांस रकम निकालने की फैसिलिटी दी है। इसके पहले पिछले साल मार्च में EPFO ने अपने सब्सक्राइबर्स को ये राहत दी थी कि वो अपना PF का पैसा एडवांस में निकाल सकते हैं। निकाली गई ये रकम भी नॉन रीफंडेबल है, यानी इसको लौटाने की जरूरत नहीं है। जितनी रकम निकालेंगे, उतनी रकम को उनके PF बैलेंस से घटा दिया जाएगा।


Monday, June 7, 2021

EPS 95 LATEST NEWS TODAY: EPS 95 पेंशनधारकों के अनशन के सफल होने के बाद EPS 95 न्यूनतम पेंशन 7500 बढ़ोतरी को लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की बैठक संपन्न हुई

National Agitation Committee:-

देशव्यापी उपवास-


अनशन के सफल होने के बाद दिनांक 02.06.2021 को शाम 5.00 बजे NAC के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की "Zoom मीटिंग संपन्न हुई। इस बैठक में देश के सभी वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति थी। इस मीटिंग के आयोजक श्री बापूजी पात्रा, राष्ट्रीय सचिव ने किया सभी का स्वागत। मा. NAC चीफ ने किया सभी का स्वागत, देशव्यापी उपवास-अनशन कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए दी सभी को बधाई दी।


राष्ट्रीय महासचिव ने मा.NAC चीफ की पूर्व सम्मति से रखे कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव। दक्षिण भारत के मुख्य समन्वयक श्री सी एस प्रसाद रेड्डी,उत्तर भारत के मुख्य समन्वयक श्री रणजीत सिंह दसुंदी, राष्ट्रीय सचिव श्री ओम शंकर तिवारी,वेस्ट बंगाल के प्रांतीय अध्यक्ष श्री तपन दत्ता, उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष, प्रदीप श्रीवास्तव, महाराष्ट्र के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुभाष पोखरकर, बंगलुरू के उपाध्यक्ष श्री नागराज,NAC नेता श्री रमाकांत नरगुंड, श्री गणेशन जी, शमसुल हसन, श्री राजीव भटनागर , श्री ओ पी शर्मा , राजस्थान के मिडिया प्रभारी श्री रणवीर सिंह जोलावास, मेवाड़ जन जातीय क्षैत्रीय जिलों के संयुक्त जिलाध्यक्ष श्री इंद्रसिंह राणावत, जोधपुर संभागाध्यक्ष श्री दयाल दहलवानी, प्रतापगढ़ जिलाध्यक्ष एवं चित्तोड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ के संयुक्त जिलाध्यक्ष के प्राक्सी श्री सुरेश पाटीदार तथा हरियाणा एवं एनसीआर (नई दिल्ली) से एच. पी. एस. ओबराय मुकेश मेहन, विनोद कुमार सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने चर्चा में भाग लिया व अपने व विचार रखे।


इस बैठक में महत्व पूर्ण निर्णय लिये गये:-

पार्लियामेंट के इसी मान्सून सत्र के पहले या सत्र के चलते EPS 95 पेंशनर्स की मांगों को मंजूर करवाने के लिए किया गया लक्ष्य निर्धारण। दिनांक 1 जून के उपवास कार्यक्रम की अपने अपने राज्य की समीक्षा करने के बाद दिनांक 05.06.2021 को सभी प्रांतों के प्रांतीय अध्यक्ष प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर उस पत्र की प्रतिलिपि अपने अपने प्रांतों के सांसद महोदय को भी इ-मेल द्वारा भेजेंगे।

Save EPS 95 Pensioners: यह देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा व इस अभियान में पेंशनर्स के परिवार के सदस्यों/मित्रों/हितैषियों के सहयोग से अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।

इस कार्यक्रम का अलग से पोस्ट किया जा रहा है: जिला स्तर से राष्ट्रीय स्तर के NAC नेताओं के संपर्क हेतु फोन व पता की डायरी प्रकाशित करने का भी निर्णय लिया गया है।  साथ ही तहसील स्तर तक संगठन विस्तार पर बल दिया गया.

मा. NAC चीफ ने किया विशेष मार्गदर्शन व मीटिंग के आयोजन के लिए दिया श्री बापूजी पात्रा व सभी नेताओं को धन्यवाद दिया।

NAC के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की जूम बैठक ईपीएस 95 पेंशनर्स की मांगों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने के संकल्प के साथ संपन्न हुई।


Salary and Pension Revision Declared: 2017 के इस महीने में नौकरी में आए कर्मचारियों और पेंशनर्स की बल्‍ले-बल्‍ले

CHECK PENSION HIKE LIST 

बँक में काम रहे और सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों के लिए शानदार खबर है। खासकर वे कर्मचारी जो 1 नवंबर 2017 को या उसके बाद नौकरी में आए हैं या सेवानिवृत्त हुए हैं और पेंशन पाने के हकदार हैं। उनकी सैलरी, पेंशन, डेअरनेस रिलीफ, मिनिमम पेंशन और दूसरे भत्‍तों में रिवीजन हुआ है। कोरोना महामारी के बीच यह राहत देने वाली बात है।


Basic Pension:

मूल पेंशन को रिवाइज कर दिया गया है। यह 1 नवंबर 2017 से 3985 रुपए हो गई है। इसमें बढ़ोतरी में पार्ट टाइम कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं होगा।

पारिवारिक पेंशन में भी हुआ संशोधन:

जो कर्मचारी 1 नवंबर 2017 को या उसके बाद सेवानिवृत्त हुए हैं, उनकी पारिवारिक पेंशन 3 तरह से बनेगी।

जिसमे पहला होगा 15880 रुपए तक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी जिनकी Pay का 30 फीसद बेसिक पारिवारिक पेंशन होगी यानि 3985 रुपए/मंथली से कम नहीं होनी चाहिए।


उसके बाद दूसरे वे जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 15,881 से 31,160 पेंशन मिलती है उनकी Pay का 20 फीसद बेसिक पारिवारिक पेंशन होगी यानि 4900 रुपए से कम नहीं होनी चाहिए।

और तीसरे ऐसे सेवानिवृत्त  कर्मचारी जिनको 31,760 से ज्‍यादा पेंशन मिलती है उनकी Pay का 15 फीसद बेसिक पारिवारिक पेंशन होगी। मूल और अतिरिक्‍त फैमिली पेंशन 6365 रुपए से कम नहीं होगी और 13280 रुपए से ज्‍यादा नहीं।


DEARNESS RELIEF

बैंकरों की DEARNESS RELIEF ऑल इंडिया कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (AICPI) के बेसिस पर तय होगा। इसके लिए 6352 प्‍वाइंट को आधार मानकर चलें।

MINIMUM PENSION HIKE

पार्ट टाइम कर्मचारियों के लिए, जो 1 नवंबर 2017 को या उसके बाद रिटायर हुए हैं, उनके लिए मिनिमम पेंशन 1335 रुपए प्रति माह होगी। ये वे कर्मचारी होंगे जो 1/3 स्‍केल वेज पर काम कर रहे होंगे। वहीं 2000 रुपए पेंशन 1/2 स्‍केल वेज पर काम करने वालों को मिलेगी। जबकि 3/4 स्‍केल वेज पर काम करने वालों को 3000 रुपए महीना मिलेगा।



 


Saturday, June 5, 2021

Good News For Pensioners: अब पेंशनधारकों के खाते में कभी भी जमा होगी पेंशन RBI ने जारी किये आदेश, अब नहीं करना होगा इंतजार, जाने पुरे विस्तार

1 अगस्त 2021 से, आपको अपने वेतन, पेंशन, ब्याज, लाभांश, और अन्य भुगतानों और निवेशों को अपने बैंक खाते में जमा करने के लिए सप्ताहांत का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह (NACH) सप्ताह के सभी दिनों में उपलब्ध होगा।

"ग्राहक सुविधा को और बढ़ाने के लिए, और रीयल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) की 24x7 उपलब्धता का लाभ उठाने के लिए, NACH जो वर्तमान में बैंक के कार्य दिवसों पर उपलब्ध है, को 1 अगस्त 2021 से प्रभावी सप्ताह के सभी दिनों में उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है।" RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए जानकारी दी।


सुविधाएं वर्तमान में केवल तभी उपलब्ध होती हैं जब बैंक खुले होते हैं, आमतौर पर सोमवार से शुक्रवार के बीच।

NACH क्या है?

NACH, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा संचालित एक थोक भुगतान प्रणाली, लाभांश, ब्याज, वेतन और पेंशन के भुगतान जैसे एक-से-कई क्रेडिट हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करती है।

यह बिजली, गैस, टेलीफोन, पानी, ऋण के लिए आवधिक किश्तों, म्यूचुअल फंड में निवेश और बीमा प्रीमियम से संबंधित भुगतानों के संग्रह की सुविधा भी प्रदान करता है।

NACH बड़ी संख्या में लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) का एक लोकप्रिय और प्रमुख माध्यम के रूप में उभरा है।


आरबीआई ने कहा कि इससे वर्तमान कोरोनावायरस स्थिति के दौरान समय पर और पारदर्शी तरीके से सरकारी सब्सिडी के हस्तांतरण में मदद मिली है।

NACH प्रणाली के कार्यान्वयन के साथ, NPCI इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए नियमों (परिचालन और व्यापार), खुले मानकों और सर्वोत्तम उद्योग प्रथाओं का एक सेट प्रदान करने का इरादा रखता है, जो सभी प्रतिभागियों, सेवा प्रदाताओं, उपयोगकर्ताओं आदि के लिए समान हैं।


NACH प्रणाली आधार आधारित लेनदेन को सहायता प्रदान करके सरकार, सरकारी एजेंसियों और बैंकों द्वारा शुरू किए गए वित्तीय समावेशन उपायों का भी समर्थन करती है।

NACH प्रणाली प्रतिभागियों को लेनदेन और फ़ाइल-आधारित लेनदेन प्रसंस्करण क्षमताओं दोनों के साथ एक मजबूत, सुरक्षित और स्केलेबल प्लेटफॉर्म प्रदान करती है। इसमें देश भर में सभी प्रतिभागियों के लिए सुलभ बहु-स्तरीय डेटा सत्यापन सुविधा के साथ-साथ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा विशेषताएं, लागत दक्षता और भुगतान प्रदर्शन (STP) है।


NPCI द्वारा विकसित NACH का आधार पेमेंट ब्रिज (APB) सिस्टम प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना को सफल बनाने में सरकार और सरकारी एजेंसियों की मदद कर रहा है। एपीबी सिस्टम आधार नंबरों का उपयोग करके लक्षित लाभार्थियों को सरकारी सब्सिडी और लाभों को सफलतापूर्वक प्रसारित कर रहा है। एपीबी सिस्टम एक तरफ सरकारी विभागों और उनके प्रायोजक बैंकों को और दूसरी तरफ लाभार्थी बैंकों और लाभार्थी को जोड़ता है।


 

Thursday, June 3, 2021

EPS 1995 Higher Pension Cases with the issue of hike of minimum pension as an Urgent Matter During the Vacation and Complete Justice

3rd June 2021 

By email /speed post

For personal kind attention

To 

Sri N V Ramana 

The hon'ble chief justice of India , New Delhi 

Sub: Sincere Request for taking up the EPS 1995 cases with the issue of hike of minimum pension as an URGENT MATTER DURING THE VACATION AS A SUE MOTO CASE and COMPLETE JUSTICE AT THE

EARLIEST kindly sought for all the retirees over the range of meagre pension , found to be FEROCIOS under the provident fund Act , reg .


Respected sir , 

With very humble request before the hon'ble supreme court , it is submitted that there are about 67 lakhs of EPS 95 pensioners among whom the issue is of higher pension on actual wages and it's APPLICABILITY to exempted companies with other issues , the cases of which are to be heard by the hon'ble supreme court that relates to crores of in service employees too for their life security after retirement and rest of other cases that ACCOUNT IN MAJORITY drawing the pension in the range of less than Rs 1000 and about Rs 2800 , even on revision of pension when takes place , or otherwise , being non- beneficiaries of higher pension , due to insufficient Pensionable service unaccounted of the period of family pension scheme 1971 for which Petitions have been submitted to the hon'ble supreme court by number of EPS pensioners/Associations ALSO NEED JUSTICE BY HIKE OF MINIMUM PENSION to meet the present minimum cost of livelihood . What is the average minimum cost of livelihood in present days is not an unknown fact and also very much known to the hon'ble govt .But it is , for sure that the demand made for hike of minimum pension is certainly not much but in fact low just to survive life not totally depending on others . They are going unnoticed disregarding what has been contributed by these retired employees while in service that has built up and helped the growth of the nation what it looks to day . How long and how much they could pour out their sorrows other than with tears before the hon'ble govt speaks what not !


THE MANAGEMENT OF THE COST OF LIVELIHOOD MAINTENANCE DOES MATTER PRIMARILY to the EPS pensioners . What matters to these senior citizens is not touching the hearts of the concerned authorities .

A) Two terms are made for definition of pensionable service .One pensionable service that includes the period family pension scheme 1971 and another that accounts post EPS 1995 service as pensionable service is taken in total for grant of 2 service weightages on completion of 20 years as per the circular reference no pension /7915 dated 22/25-7-2016 of Sri S K Takhur , Addl central P F commissioner -1 (pension) EPFO new Delhi .

 B) The term of pensionable service that includes the service of family pension scheme 1971 is also held to be accountable for determination of pension as per the judgement of National consumer disputes redress-al commission ( N C D R C) new Delhi in case  of Subash Chandra Banerjee case petition no 1563 of 2009 on 21-10-2016.


C) But the EPFO takes only post period of service of EPS 1995 as pensionable service defined for determination of pension that reduces the quantum of benefit of pension in case of the retirees of early period of EPS 1995 . 

D) The pension is not indexed with living cost remaining stagnant throughout .

E) No annual relief / revision has been provided for the past more than 20 years 

All the above factors A to E have contributed for the present situation to the EPS 95 pensioners who have been demanding for hike of minimum pension indexed with cost of living to bear the present cost of minimum life .


The definition of the term of Pensionable service needs to be determined logically and scientifically in the context of two definitions framed for pensionable service .

Therefore the hon'ble supreme court may kindly address the issue the hike of minimum pension applicable to all the retirees to be provided inclusive of non pensioners as a Sue moto case urgently at the earliest date in a humanitarian gesture , ALONG WITH THE EPS 95 CASES posted for hearing to have AN UNISON EQUALITY OF JUSTICE that settles the matter as a whole in respect of all the pensioners in order that no one gets denied of justice kindly not ignoring the position the pensioners have as stated below .


THE PENSION OF EPS 1995 THAT PUT THE PENSIONERS

AT THE MERCY OF OTHERS HAS BEEN FOISTED BRINGING UNIMAGINED STRESS OF DISURPTION OF PERSONAL FAMILY LIFE WITH IT'S DEEP IMPACT ON THE PENSIONERS DEPRIVING NORMAL LIFE WHAT THEY HAD WHILE IN SERVICE IN TOTAL CONTRAST TO THE SYSTEM OF GOVT PENSION WHEREIN MINIMUM PENSION OF RS 8500 IS PROVIDED FOR SERVICE OF 15 YEARS THAT TOO WITHOUT ANY CONTRIBUTION TO THE GOVT ! ! ! WHAT A MAN- MADE CURSE IT IS !

THE LIFE OF THE EPS 1995 PENSIONERS DRAWING PENSION IN THE RANGE THAT DOES NOT SERVE ITS PURPOSE FOR SURVIVAL WITHOUT HELP OF OTHERS WOULD BE TURMOIL UNTIL THE MATTER IS SETTLED . UNFORTUNATE THAT THE POOR AND VERY POOR RETIREES DEPENDING ON OTHERS FOR LIFE MAINTENANCE ARE THE WORST AFFECTED AROUSING PITY AND AWESOME VULNERABILITY .


Having worked in Boards , corporations , big or small industries/ factories on day and night work shift while in service without normal sleep against the nature at the cost of health , now have had to live to see this situation of worrying for the cost of minimum livelihood maintenance after service .

IN ORDER OF QUALITATIVE PENSION SYSTEM , INDIA STANDS AT RANK 32 WITH 45.8 INDEX SCORE -2019 AMONG 37 COUNTRIES OF THE WORLD INCLUDED IN THE INDEX OF PENSION SYSTEM INDICATORS WHEREBY IT NEEDS IMPROVEMENT OBVIOUSLY

FOR BETTERMENT OF THE PRESENT PENSION SCHEME WITH IT'S SUSTAINABILITY FOR ENSURING SOCIO- ECONOMIC SECURITY WITH HUMAN DIGNITY OF THE RETIREES IN LIFE TIME . LIFE THAT LASTS TO IT'S END IS TO BE LIVED BALANCING LIFE AND LIVILIHOOD , FACED WITH PRESENT COST OF LIVILIHOOD . MINIMUM ECONOMIC SUPPORT IS ESSENTIAL TO BALANCE LIFE AND LIVILIHOOD .


  THE PENSION IS OXYGEN INCOME FOR THE RETIREES WHO ARE TOTALLY DEPENDENT ON IT . DEPENDENCE IS DEATH . SO IT IS THE LIABILITY OF THE EMPLOYEES PROVIDENT FUND ORGANIZATION AND THE HONBLE UNION LABOUR MINISTRY TO TAKE CARE OF THE LIVILIHOOD OF PENSIONERS WITH THEIR HEALTH CARE AGAINST THE EMPLOYER'S CONTRIBUTION TO THE PENSION FUND UNDER ALL CIRCUMSTANCES , NEVERTHELESS WHAT THE HONBLE UNION GOVT HAS THE INBUILT POLICY TOWARDS THE RETIREES UNDER THE PROVIDENT FUND ACT .


 It is a CHOKED AND DISHEARTENED VOICE CALL of the retirees of private and public enterprises undergoing the untold sufferings of livelihood for it's maintenance with grave economic insecurity with the pension in the range of less than Rs 1000 and not much above Rs 2500 under the employees pension scheme 1995 FOR a complete JUSTICE to have a LIVABLE AND NORMAL LIFE , in the situation of unsupported of children in nuclear family system of the present days , constrained with present cost of livelihood that is anybody's guess .THE SCALE OF DAMAGE DONE TO THE POOR AND VERY POOR PENSIONERS SUFFERING FOR BASIC NEEDS IN LIVELIHOOD IS UNIMAGINABLE TO BE FOUND VISIBLY NOTICEABLE WHEN THEY ARE LOOKED AT IN THEIR ACTUAL POSITION.

It is the most brazen violation of right to life disrespecting it . There is a total lack of consideration for the lives of Retirees deprived of minimum socio- economic security against the contribution made to the pension fund under the provident fund Act . 


It is the voice of EPS 1995 pensioners and non pensioners majority of whom are not better educated and not economically advantaged living under trying situations accounting in lakhs together worked in small medium and big industries with lower wages of their time to be kindly heard for determination of fair and livable pension that serves it's purpose to meet just minimum cost of life of the day that runs in order of about Rs 10000 , an average minimum cost of life across the country for necessary directions to the hon'ble central govt for protection of minimum economic security for basic survival , given the position that the hon'ble central govt has maintained "a rather Stoic silence " and been answer less logically and the govts of the past that did not make attempts to find an implementable and successful solutions , remained insensitive with no remedial action for redress al of greivences of lakhs of pensioners spread across the country for long period of decades and not acknowledged the human crises , not containing it and not recognizing the Universal right to livelihood and right to health care despite much displeasure , mental torture and unrest growing more and more over the time , expressed in memorandums being submitted continuously and exhibited through their meetings conducted from District levels to the National capital new Delhi with Satyagrahas of chain hunger strike followed by one day hunger strike by all the pensioners settled across the country . No problem exists without it's solution .


More importantly whatever benefit it may be , if the pensioners get it through hike of minimum pension or on actual wages it is consumed for the needs that yield tax to the govt , not turning into black money 

 It does not auger well that the senior , very senior citizens of this democratic country are in turmoil under stressed conditions with bad economic insecurity after service. Some honble members of parliament , being the real representatives of citizens have rightly spoken about the pension problem and demanded for hike of minimum Pension to the EPS 95 pensioners for protection of economic security with sensitivity and humanity concern .

Even the Honble national human rights commission has not addressed the issue for HIKE of MINIMUM PENSION despite having been brought it to it's kind knowledge for violation of human rights in respect of EPS 1995 pensioners drawing meagre pension more than two years back although the issue is very much related to it for rendering justice regardless of the strength of aggreived desolate senior very senior citizens .


 Since inception of the EPS 1995 , no govt of the day that came into power never noticed with sensitiveness as to what has been happening to the EPS 95 pensioners in their livilihood with the meagre pension provided .What has been repeatedly put , time and again is that the system of pension is based on Defined contribution -Defined benefit social security scheme not index or inflation linked remaining stagnant through out until and unless benefit accrues through actuarial valuation of the contribution fund . Resultantly the story is before all the pensioners being faced with it's consequences of economic insecurity for the past more than 25 years . 

 The EPS 1995 of defined contribution -defined benefit not index or inflation linked is designed providing the very meagre pension that creates sever economic insecurity to the pensioners taking away the lives of the pensioners with untold and unspeakable hardships . The concerned authorities continues to be not inclined for revamping this PENSION scheme with immediate hike of minimum pension , despite the reports of parliamentary committee/ committee of 31 hon'ble members of parliament on labour issue in support of hike of minimum pension . Lakhs of pensioners are dieing by degress with injustice of exploitation under unspeakable circumstances and still the issue hangs .


   The hon'ble supreme court held as THE LAST HOPE and TRUST of the citizens aggrieved of injustice has to advise the hon'ble govt for necessary course of action by granting them the relief through hike of minimum Pension with constitutional obligations that addresses the problem as they approach it exhausting the options .

   If the hon'ble highest judiciary of the nation and the hon'ble central govt as well do not decide , at the need of hour , the fate of these retirees crying for just survival with basic needs to be met with by fair minimum pension , being as an important , sensitive and most urgent matter to be addressed , then where would they go deserves to be thought with conscience .

   The senior , very senior citizen EPS 1995 pensioners and also non pensioners need the life protection under the provisions of rights guaranteed in the constitution valuing our contribution made in prime life that led to the growth of the nation . 


Therefore the retirees under the provident fund Act sincerely request the hon'ble supreme court to render the kind justice urgently for providing minimum economic security by moderate fair minimum pension indexed with inflation cost that serves it's purpose in present cost of life alongside the cases of EPS 1995 for kind dispensation of justice .

Sir , we would expect with very much hope that our problem that warrants urgent necessary action by the hon'ble govt , would kindly be solved by your honour .

With very high regards ,

Sincerely your's 

ShamRao , national secretary 

EPS 1995 pensioners coordination committee ,

Bidar , Karnataka .