Tuesday, December 29, 2020

EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी के लिए राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडेय जी ने मा प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, Recomendation for EPS 95 Minimum Pension Hike 7500+DA to PM

जैसा कि सभी EPS 95 पेंशन धारकों को अवगत है कि राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय कमांडर अशोक राउतजी द्वारा चलाए जा रहे जनप्रतिनिधियों से देशव्यापी संपर्क अभियान के अंतर्गत EPS-95 पेंशनधारकों की मांगों से अपने अपने क्षेत्र के सांसदों से अवगत कराए जाने के लिए कराते हुए शीघ्र समाधान हेतु आग्रह किया जा रहा है।


इसी क्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष श्री एल एन सिद्दीकी जी के नेतृत्व में राज्य के माननीय सांसदों से विगत दिनों क्रमबद्ध रूप से संपर्क किया जा रहा है। और EPS 95 पेंशनधारकों की मांगो का  ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इसी के चलते दुर्ग छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडे जी के साथ EPS 95 पेंशनधारकों का ज्ञापन है तो वह सौंपा गया। और माननीय सांसद  सुश्री सरोज पांडे जी सांसद राज्यसभा द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी को एक पत्र EPS 95 पेंशनधारकों की मांगों के संदर्भ में लिखा गया है। 


उन्होंने उनके पत्र में लिखा है कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन वृद्धि के संबंध में।  आगे उन्होंने उनके पत्र में माननीय प्रधानमंत्री जी को संबोधित करते हुए लिखा है, आदरणीय महोदय जी, मेरे संसदीय क्षेत्र से राष्ट्रीय संघर्ष समिति छत्तीसगढ़ राज्य के सदस्यगण मिले उन्होंने बताया कि ईपीएफ 1995 पेंशनर्स को अत्यंत अल्प पेंशन मिलता है। और न्यूनतम मात्र ₹1000 प्रति महा है जिससे पति और पत्नी दोनों लोगों का गुजारा हो ना आज की महंगाई में बहुत ही कठिन है। और इन पर इसकी हालत अत्यंत दयनीय है छत्तीसगढ़ में लगभग 88000 पेंशन धारक है।


उन्होंने समय-समय पर विभिन्न ज्ञापनो के माध्यम से विभिन्न संबंधित मंत्रालय और अधिकारियों  को भी इस संबंध में अवगत कराया है।

मैं आग्रह करती हूं कि इनकी  वृद्धावस्था को दृष्टि में रखकर न्यूनतम पेंशन को कम से कम 7500 रुपए प्रतिमाह बढ़ाने और महंगाई भत्ते सूचकांक से जोड़ने  पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें। ताकि यह वृध्द पेंशनर्स अपने जीवन के अंतिम दिनों को गुजारा सम्मान पूर्वक व्यतीत कर सकें।


दुर्ग छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद  सुश्री सरोज पांडे जी के द्वारा eps-95 पेंशनधारकों की जो मांगे है तो उसे मंजूर करवाने हेतु माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री महोदय भारत सरकार को एक पत्र लिखा गया है। EPS-95 पेंशन धारकों की मांगों के संदर्भ में दुर्ग छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडे जी के साथ जब ज्ञापन सौंपा गया तब तक प्रेसिडेंट सिद्धकी दुर्ग प्रेसिडेंट उमेश उपाध्याय और सेक्रेटरी के एस ठाकुर मौजूद थे।



Monday, December 28, 2020

EPS 95 Higher Penshion Cases Update: Letter to The Honorable Chief Justice of India, Supreme Court, For Plea on EPS 95 Pensioners Higher Pension related cases

EPS 95 HIGHER PENSION CASE NEXT HEARING DATE


On behalf of sixty-five lakhs of pensioners President of Pensioners Association APCO BHAVAN -- D.NO. 21/61 Y.S.R. Circle, KADAPA, Y.S.R. District write a letter to The Honorable Chief Justice of India, Supreme Court, New Delhi. for Plea on EPS 95 Pensioners, Higher Pension related cases in Supreme Court of India. The detailed letter is as below shared for EPS 95 Pensioners Information only.

On behalf of sixty-five lakhs of pensioners under Employees Pension Scheme 95 who are living hand to mouth with the lowest monthly pension they are getting at the existing precarious financial conditions we submit this Appeal and Plea to the Honorable chief Justice of India. At the same time we may kindly be excused and pardoned for approaching the Honorable chief Justice directly and encroaching upon the precious, valuable time of the Honorable chief Justice but we have no other option except to do so as we, Pensioners who are getting monthly pension below ₹1000/ are financially, economically very very poor and could not afford to meet legal expenses existing in the country. Also submit that at this juncture it is impossible for the Pensioners who are already crossed 75 years to go to New Delhi and present the case.


It is submitted that nearly fifty percent of pensioners are getting monthly pension below₹900/and forty percent are getting monthly pension below₹1700/ and the remaining ten percent are getting monthly pension above ₹1700/.

In this context it is submitted that the Honourable Supreme Court Bench headed by the then Honorable chief Justice of India Sri Ranjan Gogoi has ordered for payment of heigher Pension to all Pensioners irrespective of Establishment in a case R C Gupta and others under SLP(C) No 33032-33033 of 2015 but the Government of India and EPFO officials have searched and researched the judgement and filed writ petitions against the judgement.


It is further submitted that all Honorable High'Courts in the country have also pronounced judgements in favour of the Pensioners and directed EPFO officials to implement the judgement given in the RC Gupta and others case under SLP (C) No 33032-33033 but the Government and official of EPFO have searched and researched and filed writ petition against the judgements in the Honorable Supreme Court and the same pending for disposal and final judgement by the Honorable chief Justice of India.

It is fact that the same are pending for disposal and final judgement for the last two years. We may kindly be permitted to bring to the kind notice of the Honorable chief Justice of India that the lakhs of pensioners who are already crossed 75 years of age are ready to retire from life permanently and they may not be in a position to get the benefits of the judgement if pronounced at later stage.


Respected Honorable chief Justice , keeping in view of the sufferings, strugglings, precarious financial and economic conditions of the lakhs of pensioners we submitted Appeal and Plea to the Honorable chief Justice of India through representations which the Honorable Supreme Court has accepted as Public Interest Litigation and given Diary No29891/SCI/PIL(E)/2020 & No 65945/SCI/PIL(E)/2020 & 68016/SCI/PIL(E)/2020 by the Honorable Supreme Court.

On behalf of the sixty-five lakhs Pensioners in the country who are about to retire from life Humbly and respectfully request, appeal, urges the Honorable chief Justice of India that necessary instructions, directions, advises, guide lines may kindly be issued to the Officials of the Employees Provident Fund Organisation to immediately implement the order pronounced by the Honorable Supreme Court in judgement given in R C Gupta and others under SLP (C) No 33032-33033 and fixeup heigher Pension to all Pensioners irrespective of the Establishment they belong to.


We may kindly be permitted to bring to the kind notice of the Honorable chief Justice of India that no stay has been made against the judgement or verdict on the said SLP .We also respectfully pleads and urges the Honorable Supreme Court that for balancing the equities among the Pensioners and EPFO that the benefits of Employees Pension Scheme 95 may be provisionally conferred upon the Pensioners and all benefits remain alive or subsist only till a conclusive verdict against the Pensioners becomes and if any adversarial decision or verdict goes against the Pensioners the EPFO can realise excess payment, if any, EPFO can prosecute any Pensioner for default.


Also pleads and urges the Honorable chief Justice of India to fixeup time bound programme i.e stipulation of definate date for implementation to the officials of EPFO to implement the judgement Kindly save the lives of lakhs of pensioners under Employees Pension Scheme 95 other wise all Pensioners will retire from life without getting any benefit from the judgement pronounced in the RC Gupta and others under the said SLP With great hope and trust that we will get justice.

Submitted by
(P.Ravindranath)
President
To
The Honorable chief Justice of India, Supreme Court, New Delhi.


EPS 95 NAC Latest News: EPS 95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन को 7500 रु. बढ़ोतरी मांग पहुंची प्रधानमंत्रीजी के संसदीय कार्यालय वाराणसी

EPS 95 PENSION HIKE | EPS 95 HIGHER PENSION ORDER


जैसा कि सभी EPS 95 पेंशनधारकों को अवगत है कि माननीय श्री मुरली कृष्णा गुरुजी प्रांतीय जनरल सचिव EPS 955 राष्ट्रीय संघर्ष समिति आंध्र प्रदेश द्वारा 21 दिसंबर 2020 को वाराणसी के लिए यात्रा शुरू की गई थी। इस यात्रा में EPS 95 पेंशनधारकों की जगह जगह बैठक बुलाकर उनको EPS 95 पेंशनधारकों की मांगों के संदर्भ में अवगत किया जा रहा है। उनका यह सफर गुंटूर से वाराणसी तक है बीच में आंध्र प्रदेश, ओडिशा, वेस्ट बंगाल, झारखंड, बिहार में जगह जगह बैठक हुई।


दिनांक 28 फरवरी 2020 को प्रातः सुबह 9:30 बजे माननीय मुरली कृष्णा गुरुजी का आगमन वाराणसी में हुआ। उसके बाद वरिष्ठ पदाधिकारी श्री बी. के. श्रीवास्तव जी के आवास पर श्री कमलाकर त्रिपाठी मंडल सचिव श्री बी. के. श्रीवास्तव, श्री राजेंद्र श्रीवास्तव, एवं श्री गुरु प्रसाद पांडे जी के द्वारा स्वागत किया गया। इसके उपरांत माननीय प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र कार्यालय में कार्यालय सचिव श्री त्रिपाठी जी को EPS 95 पेंशनधारकों की मांगो का ज्ञापन सौंपा गया है।

इस यात्रा के दौरान माननीय श्री मुरली कृष्णा गुरु प्रांतीय जनरल सचिव द्वारा जगह-जगह EPS 95 पेंशनधारकों के साथ बैठक की गई और इपीएस 95 पेंशनधारकों की जो मांगे हैं तो उसके बारे में अवगत किया गया। इसके चलते इनके द्वारा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, वेस्ट बंगाल, झारखंड, बिहार, में जगह-जगह बैठक की गई है और यहां पर जो EPS 95 पेंशनधारक है और जो राष्ट्रीय संघर्ष समिति के सदस्य हैं तो उनके द्वारा इनका स्वागत भी किया गया और स्वागत करने के बाद EPS 95 पेंशनधारकों को इनके द्वारा सम्बोधित किया गया है।


EPS 95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन को 7500 रु. बढ़ोतरी कर उसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़े जाये, इसके अलावा द्वारा जो EPFO द्वारा अंतरिम पत्र 31 मई 2017 को जारी किया गया है तो उसे भी रद्द कर माननीय उच्चतम न्यायालय के अनुसार जो फैसला दिया गया था तो उसके अनुसार EPS 95 पेंशनधारकों को उच्चतम वेतन पर पूरी पेंशन का भुगतान किया जाए। साथ में जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को EPS 95 पेंशन योजना में शामिल नहीं किया गया है उन्हें भी इस योजना में शामिल करके उनसे जो योगदान बनता है तो वह लेकर उन्हें नियमानुसार पेंशन दिया जाए, अन्यथा उन्हें मानवीय अधिकार पर ₹5000 पेंशन दिए जाए। 

यह जानकारी सभी EPS 95 पेंशनधारकों के लिए माननीय श्री प्रदीप श्रीवास्तवजी, प्रांतीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश द्वारा साझा की गई है। जिसके तहत उनके द्वारा बताया गया है कि राष्ट्रीय संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश माननीय श्री मुरली कृष्णा गुरु जी से साहस, कर्तव्यनिष्ठा, लगन, बीरता के आगे नतमस्तक है और उनका नमन करती है।


देश के 65 लाख EPS 95 पेंशनधारक पेंशन बढ़ोतरी के लिए इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में माननीय श्री मुरली ग्रुप कृष्णा गुरु प्रांतीय जनरल सचिव EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा यह जो अनूठा प्रयास EPS 95 पेंशनधारकों में जनजागृति के लिए किया गया है तो काफी सराहनीय है। इनके द्वारा गुंटूर से यात्रा शुरू की गई और यह यात्रा वाराणसी आकर खत्म हो गई है। इस दौरान माननीय री मुरली कृष्णा गुरु वाराणसी पहुंचने के बाद EPS 95 पेंशनधारकों और EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति वरिष्ठ पदाधिकारी मंडल है तो उनके साथ माननीय प्रधानमंत्रीजी का जो संसदीय कार्यालय है तो उस कार्यालय में सचिव  श्री त्रिपाठीजी को ज्ञापन भी सौंपा गया है। जिनके ऊपर eps-95 पेंशनधारकों की मांगो का ज्ञापन सौंपा गया है।


Sunday, December 27, 2020

EPS 95 PENSIONERS NEWS: 65 लाख EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी को लेकर रणजीत सिंह दसुंदी, प्रदेशाध्यक्ष (राजस्थान) एवं मुख्य समन्वयक (उत्तर भारत) ने जरुरी जानकारी

EPS 95 PENSION 7500 HIKE | EPS 95 HIGHER PENSION ORDER


राष्ट्रीय संघर्ष समिति के चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ के संयुक्त अध्यक्ष नरेंद्र सिंह शक्तावत, अध्यक्ष चित्तौड़गढ़ प्रेम सिंह झाला, अध्यक्ष प्रतापगढ़ सुरेश पाटीदार, अध्यक्ष उपखंड निंबाहेड़ा सुरेश चंद्र कुदाल नेतृत्व में चित्तौड़गढ़ एवं प्रतापगढ़ जिलों में निवासरत 25,000 से अधिक eps95 पेंशनरों की वर्षों से लंबित मांगों को पूरा करने के लिए क्षेत्र के माननीय सांसद एवं माननीय सदस्य


Standing Committee on Petition, (याचिका संबंधी स्थाई समिति)
Standing committee on railways (रेलवे संबंधी स्थाई समिति)
Consultative committee for ministry of tourism and culture (संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति)

भारत सरकार

श्रीमान सी.पी. जोशी साहब से कलेक्ट्री स्थित सभागार में भेंटकर विस्तार पूर्वक ईपीएस95 पेंशनरों, जिनका लाखों रुपए कर्मचारी भविष्य निधि में जमा है, परंतु उन्हें मात्र ₹200 से ₹3000 मात्र पेंशन मिलती है एवं इसके अलावा किसी प्रकार की अन्य कोई भी सामाजिक सुरक्षा अथवा चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती है की दुर्दशा से अवगत कराया एवं संक्षेप में पूर्ण विवरण सहित 4 सूत्रीय मुख्य मांगों का अपना ज्ञापन सौंपा।


क्षैत्रिय सांसद एवं वरिष्ठ उप प्रदेशाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी सी.पी. जोशी साहब ने पेंशनरों के प्रतिनिधियों की बात ध्यान पूर्वक गंभीरता से सुनी।

प्रतिनिधियों ने अपने सांसद को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च 2020 को राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत के नेतृत्व में सांसद हेमा मालिनी मथुरा के सानिध्य में ईपीएस-95 पेंशनरों की मांगे गंभीरता पूर्वक सुनी एवं इन पेंशनरों की दयनीय स्थिति देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को निर्देशित किया की शीघ्र ही इन पेंशनरों की समस्या का सम्मानजनक, समुचित समाधान किया जाए।


उसके तुरंत बाद डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने लोकसभा स्थित अपने कार्यालय में संबंधित तीनों मंत्रालयों के 13 आईएएस अधिकारियों की उपस्थिति में हमारे राष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल से इस प्रकरण पर विस्तार पूर्वक विचार विमर्श कर शीघ्र ही पेंशन बढ़ोतरी एवं पेंशनर एवं आश्रित को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने का आश्वासन दीया।

परंतु 9 माह से अधिक व्यतीत हो जाने पर भी ईपीएस-95 पेंशनरों की समस्या का निराकरण नहीं हो पाने से क्षेत्र के पेंशनर अपनी दयनीय आर्थिक स्थिति एवं लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करवाने के लिए अपने क्षेत्र के सांसद से सहयोग हेतु अनुरोध किया।

सांसद सीपी जोशी ने प्रकरण की गंभीरता एवं अपने क्षैत्र में निवासरत अति अल्प भोगी पेंशनरों की व्यथा को देखते हुए अविलंब माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार को पत्र द्वारा इस समस्या का शीघ्रता-अति-शीघ्र समाधान करने हेतु ईमेल द्वारा निवेदन किया।


उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को यह भी आश्वासन दिलाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय में माननीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से व्यक्तिगत संपर्क कर इस मानवीय समस्या का जहां तक हो सकेगा जल्दी से जल्दी समाधान करवाने का पूरा प्रयास करेंगे।

इस प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अन्य पदाधिकारी गिरिराज वर्मा, सत्यनारायण सेन, कैलाश पोखरना, सुधीर मेहता, नाहर सिंह चुंडावत, चांदमल जायसवाल, आरपी जैन,नाथूलाल पालीवाल, अशोक जैन, लाल चंद नाहर,कान सिंह राठौड़, रमेश प्रजापत, तरुण दत्त, विजय अग्रवाल, दिलीप गांधी, नरेश टांक के नेतृत्व में कोरोना के नियमों का पूर्णतः पालन करते हुएसमेत चित्तौड़ एवं प्रतापगढ़ के विभिन्न विभागों जिनमें हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, सीमेंट सेक्टर, राजस्थान रोडवेज, कोऑपरेटिव सेक्टर डेयरी कर्मचारी परमाणु बिजली घर आदि के लगभग 100 से अधिक  eps-95 पेंशनर ज्ञापन सोंपने अपने सांसद के समक्ष उपस्थित हुए।


राजस्थान ही नहीं पूरे देश के eps-95 पेंशनरों की ओर से चित्तौड़गढ़ प्रतापगढ़ निंबाहेड़ा के संघर्षरत योद्धाओं को साधुवाद इसमें निरंतरता बनाए रखें

प्रेषक:
रणजीत सिंह दसुंदी, प्रदेशाध्यक्ष (राजस्थान) एवं
मुख्य समन्वयक (उत्तर भारत)
eps-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति,
मुख्यालय : बुलढाणा (महाराष्ट्र)


 

EPS 95 Higher Pension Order, सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा केरला उच्च न्यायालय के फैसले को और हायर पेंशन मिलने का रास्ता किया साफ, पर कब मिलेगी हायर पेंशन?

EPS 95 PENSION NEWS | EPS 95 HIGHER PENSION CASES HEARING DATE


हाल ही में EPS 95 पेंशनधारकों को अनिल कुमार नामदेव जी द्वारा जो स्वयं एक EPS 95 पेंशनधारक है, द्वारा आवाहन किया गया है। उन्होंने केरला उच्च न्यायलय द्वारा  EPS 95 पेंशनधारकों के हक़ दिए अभीतक के फैसलों का सन्दर्भ देते हुए सभी  EPS 95 पेंशनधारकों से कहाहै .........

एक PDF इन दिनों सोशल मीडिया में लहराया जा रहा है,जो केरला उच्च न्यायालय में पेंशनरों के पक्ष में दिये निर्णयों पर उक्त न्यायालय की फुल बेंच को कानूनी मुद्दों पर सलाह हेतु संदर्भित किया गया है। इसमें कुल 32 पन्ने हैं, पता नहीं कितने EPS 95 पेंशनधारकोंने इसे पढ़ा है और कितनों ने पढ़ा भी है कि नहीं।


Click to See Kerala High Court Order: Kerala High Order In For Allowing Higher Pension under EPS 95

ये विचारणीय है कि FCI के सेवनिवृतों सहित अनेक ऐसी संस्थानों के सेवनिवृतों को हायर पेंशन के लिये विभिन्न उच्च न्यायालयों सहित सर्वोच्च न्यायालय तक दौड़ लगाना पड़ रहा है, और ये सिलसिला एक दशक से भी अधिक समय से बद्दतसुर जारी है।

EPS 95 के पेंशनधारक जहाँ लाखों में हैं तो न्यायालयों से न्याय की गुहार लगाने वाली याचिकाओं की संख्या भी हजारों में है, लेकिन विपक्ष में केवल दो ही प्रतिवादी हैं, एक केंद्रीय सरकार और दूसरा EPFO, जिन्होंने कानून का सहारा ले कर, लाखों पेंशनधारकों को ऐसे सिलसिले में लगा रखा है, जिसका कोई ओर दिखाई दे रहा है न कोई छोर।


सरकार के पास एक ही जबाव है कि वो तब तक कुछ नहीं कर सकते जब तक न्यायलयों से लंबित मामलों का निराकरण नहीं हो जाता। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 4/10/2016 का अनुपालन भी कहीं कहीं किया गया है तो उसके लिये भी बहुत को काफी पापड़ बेलने पड़े हैं और न जाने उन्हें कितने पापड़ आगे भी बेलने पड़े।

आगे अनिल कुमार नामदेव जी कहते है सिर्फ एक ही मंतव्य था कि EPFO और सरकार तो अपनी रणनीतियों  को तो बड़े ही सुनियोजित तरीकों से अंजाम देने में जुटी हुई है, और वो अब तक सफल भी दिखाई दे रहे है और, एक हम पेंशनर्स हैं कि आपस में कोई तालमेल ही नहीं बना पा रहे हैं, न व्यक्तिगत रूप से न सोशल मीडिया के माध्यमों से। 


सबका लक्ष्य एक ही है पर संघर्ष का कानूनी रास्ता हो या अन्य कोई सब जुदा जुदा, कोई किसी से कुछ भी शेयर नहीं करना चाहता, कोई चर्चा नहीं करना चाहता, सब वकीलों और अपने ऐसे अग्रजनों के ऊपर छोड़ रखा है जो अपने अपने प्रकरणों के वास्तविक स्तिथि से अवगत कराना तो दूर पेशी की तारीख या तारीख पर हुई कार्यवाही तक को बताने से परहेज रखते नजर आते हैं। 

आम पेंशनरों ने भी अब रुचि लेना लगभग छोड़ दिया है, वो भी न्याय की छोड़ अब जिन्दा जीते किस्मत की बात मानने लगे हैं। इतने असमर्थ  जितना कि शायद वे पहले सेवा के दौरान कभी भी न रहे हों। कोई रास्ता इससे बाहर निकलने का किसी को ज्ञात हो तो कृपया दो शब्द जरूर कहें, सांत्वना में ही सहीं, कुछ तो शुकून मिलेगा, निराश होते हमारे हजारों मित्रों ऐसा सभी EPS 95 पेंशनधारकों को अनिल कुमार नामदेव जी द्वारा आवाहन किया गया है।


 

 

EPS 95 Pensioners News: Can Govenrment Increase EPS 95 Pension? EPS 95 Pensioners Hopes for EPS 95 Pension Hike form Government?

EPS 95 पेंशनधारक पिछले कई दिनों से EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के लिए प्रयास कर रहे हैं। EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले EPS 95 पेंशनधारकों द्वारा EPS 95 पेंशनधारकों की मांगों के संदर्भ में ज्ञापन कई बार कई सांसद महोदय को सौंपा गया है।  यह ज्ञापन माननीय श्रम मंत्री, माननीय प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री जी के नाम सौंपे गए हैं पर अभी तक EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के ऊपर सरकार द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अभी EPS 95 पेंशनधारक बजट 2021-22 में EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। और ऐसे में EPS 95 पेंशनधारकों को यह भी लग रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा EPS 95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी के लिए कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है।


क्योंकि लगभग 8 साल हो गए हैं इनका प्रयास जारी है और अभी तक कोई ठोस कदम सरकार द्वारा उठाया नहीं गया है। 2021-22 के बजट में EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन वृद्धि के लिए श्री शामराव, राष्ट्रीय सचिव EPS 95 राष्ट्रिय समन्वय समिति द्वारा एक ईमेल माननीय प्रधानमंत्री जी को बेजा गया है। ऐसे में कई EPS 95 पेंशनधारकों को यह भी लग रहा है कि केंद्र सरकार से EPS 95 न्यूनतम पेंशन में वृद्धि के लिए निकट भविष्य में कोई उम्मीद नहीं है। यह एक तथ्य है कि कई राज्य सरकार अपने वृध्द जो 60 साल पार कर चुके है उन्हें वृद्धावस्था की पेंशन रु. 1500 हर महीने बिना किसी योगदान दे रहे है।


यह अफ़सोस की बात है कि EPS 95 के पेंशनरों में से कई ने 1972 से EPS 95 पेंशन योजना में योगदान दिया और 30 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए। और सेवानिवृत्ति के बाद ईपीएस 95 पेंशन के रूप में 1000 न्यूनतम पेंशन  पा रहे है।

केंद्र सरकार के समय और फिर से बैंकों पर FD पर ब्याज कम करने से भी ईपीएस 95 पेंशनभोगियो को परेषानी हो रही है क्योंकि उन्हें अपने जैविका के लिए एफडी पर ब्याज से आय प्राप्त होती है। अब सबसे अधिक प्रभावित EPS 95 पेंशनर्स अधिकांश आवश्यक वस्तुओं पर बढ़ते मूल्य वृद्धि से भी पीड़ित हैं। गरीब EPS 95 पेंशनभोगी  बढाती उम्र के कारण अपनी चिकित्सा पर अपनी आय का एक अच्छा हिस्सा खर्च भी करते हैं। ऐसे में EPS 95 पेंशनधारक पेंशन बढ़ोतरी के साथ मुफ्त चिकित्सा सुविधाओंकी मांग कर रहे है


केंद्र सरकार को EPS 95 पेंशन में बढ़ोतरी के लिए EPS 95 पेंशनरों की ओर अपनी आँखें खोल EPS 95 पेंशन की बढ़ोतरी करनी चाहिए, ESI में चिकित्सा उपचार का विस्तार EPS 95 पेंशनरों के लिए करना चाहिए, और एफडी पर कम से कम एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज भी देना चाहिए ताकि गरीब EPS 95 पेंशनर्स शेष जीवन आनंद से जी सकें।

हम भगवान से प्रार्थना करते और उम्मीद करते हैं कि हम इस मुकाम पर पहुंच सकते हैं।


 

Saturday, December 26, 2020

Court Order on Pension Payment: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पेंशन जारी करने को लेकर सुनाया बड़ा फैसला

HIGHER PENSION NEWS | PENSION NEWS | EPS 95 PENSION HIKE


हाल ही में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पेंशन जारी करने को लेकर पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के खिलाफ दो रिट याचिकाओं का निपटारा किया। उच्च न्यायालय ने कहा कि विश्वविद्यालय हर महीने की 10 तारीख तक कर्मचारियों की पेंशन जारी करने के लिए सभी प्रयास करेगा।


विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कमचारी पेंशन राशि प्राप्त करने में देरी का विरोध कर रहे हैं, और सेवानिवृत्त कमचारीयो ने अदालत में रिट याचिका दायर की थी। शाम सिंह और अन्य द्वारा एक मामला दायर किया गया था जबकि दूसरा गुरमेल सिंह और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा उसी कारण से दायर किया गया था।

सेवानिवृत्त कमचारीयों ने पहले कहा है कि विश्वविद्यालय अपने वेतन को उनके खातों में जमा करने में देरी कर रहा है। विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार, कई बार इसमें सेवारत कमचारीयों के वेतन को जारी किया था, लेकिन उसी अवधि के लिए पेंशन राशि जारी करने में देरी हुई।


न्यायमूर्ति हरसिमरन सिंह सेठी की पीठ ने कहा कि दो रिट याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं की शिकायत थी कि वे सेवानिवृत्त कर्मचारी थे और उनकी पेंशन समय पर जारी नहीं की जा रही थी। विश्वविद्यालय के वकील ने कहा कि कुछ प्रक्रियात्मक देरी के कारण पेंशन में देरी हुई थी, लेकिन यह जानबूझकर नहीं था और कहा कि कर्मचारियों की पेंशन को जल्द से जल्द जारी करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे थे।


अदालत ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय हर महीने की 10 तारीख तक कर्मचारियों की पेंशन जारी करने के लिए सभी प्रयास करेगा ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को किसी तरह का पूर्वाग्रह न हो।

कोर्ट के फैसले का सारांश:

विश्वविद्यालय हर महीने की 10 तारीख तक पेंशन जारी करने का प्रयास करेगा, ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को किसी तरह का पूर्वाग्रह न हो।


EPFO NEWS TODAY: श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने पुरे वेतन 100% पर PF कटौती का दिया सुझाव

भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने गुरुवार को भत्ते सहित पुरे वेतन 100% पर अनिवार्य ईपीएफ कटौती के लिए सुझाव रखा, जो औपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवर बढ़ाएगा।


अन्य ट्रेड यूनियन भी मजदूरी पर कोड के तहत मजदूरी को परिभाषित करने के सुझाव पर इस तरह सहमत हैं कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत कवर किए गए कार्यकर्ता के पुरे वेतन 100% पर कटौती की जाये। हालांकि, अन्य यूनियनों ने गुरुवार को श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा बुलाए गए एक त्रिपक्षीय बैठक के दौरान स्पष्ट रूप से इस बात को आगे नहीं रखा, जिसमें नियोक्ताओं के साथ-साथ कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया था।


BMS ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “श्रम संहिता नियमों पर श्रम मंत्रालय द्वारा आयोजित परामर्श बैठक में, BMS ने मांग की कि कुल वेतन के 50 प्रतिशत तक भत्ते को सीमित करने वाली वेतन परिभाषा को फ्रीज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि 2019 के विवेकानंद विद्यालय मामले में सर्वोच्च न्यायालय यह जनादेश दिया है। समूह 4 सुरक्षा मामला (उच्चतम न्यायालय का) पहले वेतन का हिस्सा होने के लिए 100 प्रतिशत भत्ते को अनिवार्य करता है। "

वेतन की नई परिभाषा यह प्रदान करती है कि किसी कर्मचारी का भत्ता कुल वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है। इससे भविष्य निधि की तरह सामाजिक सुरक्षा कटौती बढ़ जाएगी। वर्तमान में, नियोक्ता और कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की दिशा में प्रत्येक में 12 प्रतिशत (मूल वेतन का) योगदान करते हैं।



वर्तमान में, बड़ी संख्या में नियोक्ताओं ने सामाजिक सुरक्षा योगदान को कम करने के लिए वेतन को कई भत्तों में विभाजित किया है। इससे कर्मचारियों के साथ-साथ नियोक्ताओं को भी मदद मिलती है। श्रमिकों का टेक-होम वेतन बढ़ता है जबकि नियोक्ताओं की भविष्य निधि योगदान देयता कम हो जाती है।

कुल वेतन के 50 प्रतिशत तक भत्ते पर प्रतिबंध लगाने से उन कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भुगतान पर नियोक्ता का भुगतान भी बढ़ेगा, जो एक फर्म में पांच साल से अधिक समय तक काम करते हैं। ग्रेच्युटी की गणना औसत वेतन के अनुपात के रूप में भी की जाती है। मजदूरी की नई परिभाषा पिछले साल संसद द्वारा पारित मजदूरी पर कोड, 2019 का हिस्सा है। कानून लागू करने के नियमों को भी पिछले साल खत्म कर दिया गया था।


अब, 1 अप्रैल, 2021 से औद्योगिक संबंधों, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक स्वास्थ्य सुरक्षा और कामकाजी परिस्थितियों पर अन्य तीन कोड के साथ इसके कार्यान्वयन की योजना है।

भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा, “हमने अपने नौ अन्य सहयोगी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ आज हुई बैठक में विशेष रूप से वेतन परिभाषा मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। हम पहले भी उसी लाइन पर सुझाव दे रहे हैं (उच्च ईपीएफ कटौती के लिए)। ”

बीएमएस के बयान के अनुसार, इसके अलावा, अन्य केंद्रीय ट्रेड यूनियनों जैसे INTUC, TUCC (ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर) और NFITU (नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस) ने भी बैठक में भाग लिया। इस बीच, उद्योग निकाय CII ने कहा, “मजदूरी की परिभाषा में यह उल्लेख किया गया है कि यदि कुछ भत्तों का योग, कुल वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक है, तो वह हिस्सा जो 50 प्रतिशत  से अधिक है उसे मजदूरी के रूप में माना जाएगा।


हालांकि, CII ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है कि कुल पारिश्रमिक क्या होगा। कुल पारिश्रमिक शब्द को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए ताकि किसी भी भ्रम से बचने और सरलता और सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। “कुल पारिश्रमिक में उन भत्तों को शामिल किया जाना चाहिए जो मूल वेतन सहित मासिक आधार पर एक कर्मचारी को नियमित रूप से और नियमित रूप से भुगतान किए जाते हैं। शायद यह परिभाषा की मंशा भी हो सकती है ऐसा CII ने कहा।

यह भी सुझाव दिया गया कि वैधानिक बोनस को 50 प्रतिशत लॉजिक चेक (50 प्रतिशत पर कैपिंग अलाउंस) के लिए भत्ते से बाहर रखा जाना चाहिए। यह नियम (मजदूरी पर कोड) उस तरीके के बारे में चुप हैं, जिसमें लाभ को 'मजदूरी' की परिभाषा के तहत इलाज किया जाना है।



यह सुझाव दिया गया कि ऐसे सभी लाभ जो अनिवार्य रूप से अनुलाभ हैं और पारिश्रमिक नहीं है उन्हें स्पष्ट रूप से ’मजदूरी’ की परिभाषा से बाहर रखा जाना चाहिए और कुल पारिश्रमिक के तहत विचार से बाहर रखा जाना चाहिए।

मजदूरी की नई परिभाषा के कारण समिति ने ग्रेच्युटी गणना में किसी भी बदलाव के बारे में स्पष्टीकरण मांगा।

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Friday, December 25, 2020

EPS 95 Pension Hike: वित्त वर्ष 2021-22 के बजट मे ईपीएस 95 पेंशन वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को किया ईमेल


जैसा कि सभी 65 लाख ईपीएस 95 पेंशनर्स जानते हैं कि दो महीने के बाद फरवरी में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट वित्त मंत्री द्वारा घोषित किया जायेगा। आगामी बजट के मद्देनजर ईपीएस 95 पेंशनभोगी ईपीएस 95 पेंशन वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। और जैसा कि सभी जानते हैं कि ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ईपीएस 95 पेंशन को रु. 1000 से रु. 7,500 प्रति माह बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। लेकिन सरकार ने ईपीएस 95 पेंशनरों की मांगो को मंजूरी नहीं दी है। श्री शामराव, राष्ट्रीय सचिव ईपीएस 95 पेंशनर्स समन्वय समिति कर्नाटक ने ईपीएस 95 पेंशन वृद्धि के बारे में प्रधानमंत्री को ईमेल किया और ईपीएस 95 पेंशनरों की स्थिति को व्यक्त किया और आगामी बजट में ईपीएस 95 पेंशनरों के लिए बजटीय समर्थन देने की मांग की। इसके लिए उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को एक मेल दिनांक 20 दिसंबर 2020 लिखा हैं और ईपीएस 95 पेंशनरों की मांग और स्थिति को व्यक्त किया हैं,  ईमेल नीचे दिया है:

सेवा

1) भारत के माननीय प्रधान मंत्री
पीएमओ के माननीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के माध्यम से।
2) माननीय वित्त मंत्री
3) माननीय श्रम और रोजगार मंत्री, भारत सरकार
नई दिल्ली।

विषय: ईपीएस 1995 पेंशनरों के लिए न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा के लिए बजटीय समर्थन, हेतु।

आदरणीय महोदय,
वित्त मंत्री जी का यह कथन कि वर्ष 2021-22 का आगामी बजट पूर्व की तरह नहीं होगा, सबसे अधिक स्वागत योग्य है और हमारा मानना ​​है कि 2021-22 के बजट में हमारी पेंशन का मुद्दा नहीं छूटेगा। निम्नलिखित स्थिति को ध्यान में रखते हुए, ऐसा न हो कि हम अपनी पेंशन संकट से पीड़ित न हों।


यह हमारे लिए अपरिहार्य है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक बजट प्रस्तुति की प्रक्रिया चल रही के संदर्भ में, यह हमारी शिकायतों को प्रस्तुत करना है कि महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन की बढ़ोतरी के लिए ईपीएस 1995 पेंशनरों की अपीलें बनी हुई हैं। कई वर्षों तक शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से विभिन्न मांगों को सरकार  के समक्ष रखा गया है।

नागरिकों के ज्ञान में यह निर्विवाद और बहुत अधिक है कि माननीय सरकार ने नागरिकों की भलाई के लिए सराहनीय / उल्लेखनीय प्रगतिशील कार्य किया है, जिसने LPG आपूर्ति, राशन वितरण में गरीब और सामान्य श्रेणी के नागरिकों के जीवणलागत मूल्य को कम किया है। बेहतर प्रशासनिक प्रक्रिया के साथ बीपीएल कार्ड द्वारा खाद्य सामग्री, किसानों, व्यापारियों, क्षुद्र व्यापारियों, सड़क विक्रेताओं और वित्तीय राहत के लिए सामाजिक कल्याण उपायों के रूप में आवश्यक के रूप में कई राहतें।


इसके अलावा, माननीय सरकार ने अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार द्वारा नियमित रूप से नियोजित विकास में आगे बढ़ते हुए, रोजगार के नुकसान पर Covid -19 संकट में वित्तीय सहायता प्रदान करके श्रमिक वर्ग के असंगठित श्रमिकों का बचाव करने के लिए भी आया है। यातायात और वस्तुओं के तेज आंदोलनों और जीवन की मुख्यधारा से जुड़े आवश्यक क्षेत्रों में प्रगतिशील उपायों के लिए उच्च स्तर पर राजमार्ग कनेक्टिविटी का निर्माण भी किया है।
लेकिन ईपीएस पेंशनर्स अनदेखी और उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उनकी समस्याओं को कम करने के लिए कोई भी वित्तीय राहत नहीं दी गई है।

एक देय पेंशन के साथ मूल जीवणलागत मूल्यके रखरखाव के लिए आर्थिक न्याय की समानता से मुलाकात की जा सकती है, जो कि नियमित आवधिक संशोधनों, पेंशनरों के संबंध में पेंशन प्रणाली में व्याप्त है, सरकार पेंशनरों के संबंध में चिकित्सा सुविधाओं और पेंशन के लिए दूसरों द्वारा प्राप्त कई पेंशन का आनंद ले रही है।


ईपीएस 1995 के पेंशनरों की पेंशन से जुड़ा मुद्दा जो मानवता की चिंता के साथ गंभीर रूप से ध्यान देने योग्य है, माननीय सरकार द्वारा खराब स्थिति और दूसरों पर निर्भरता के साथ दुर्बलता के साथ असहनीय कष्टों को समझते हुए राजनीतिक इच्छा के साथ हल किया जाना चाहिए। वर्तमान में 1000 रुपये से कम और लगभग 3000 रुपये के बीच पेंशन की एक मामूली मिल रही है जिसमे जीवनयापन करना मुश्किल है। और बुनियादी जरूरतों की लागत को पूरा नहीं करता है। पेंशन को मानवीय गरिमा के साथ सुनिश्चित की गई जीवन की आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदान किया जाता है। पर कर्मचारी पेंशन योजना 1995 इसमें विफल है।


पेंशन उचित मात्रा में होनी चाहिए जो जीवन की बुनियादी जरूरतों और चिकित्सा सुविधाओं की लागत को पूरा कर सके। अब जो प्रदान किया जाता है वह कर्मचारी पेंशन स्कीम 95 के तहत अयोग्य पेंशन है। प्रमुख / लघु उद्योगों, निगमों, बोर्डों के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में दिन और रात की पारी के साथ जीवन के सुनहरे दिनों में अथक मेहनतकशों के साथ ईपीएस पेंशनरों की सेवा, केंद्रीय और राज्य सरकार, परिवहन, कपड़ा उद्योग, सोने की खदानों, इस्पात संयंत्रों, के स्वामित्व में सीमेंट कारखानों सोने की खानों आदि और असंख्य कुटीर उद्योगों में, सभी नागरिकों को दिखाई देने वाले राष्ट्र के विकास में योगदान दिया है, जो आज दिखता है। लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद पेंशनधारकों की दुर्दशा आर्थिक असुरक्षा के साथ खराब हो गई है। साथ ही पेंशन योजना की शुरुआत के बाद से सत्ता में आने वाले सभी उत्तराधिकारियों द्वारा इसपर ध्यान नहीं दिया गया है।

मुख्य रूप से किसानों, संगठित या असंगठित वर्ग के मजदूरों को द्वारा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान दिया जा रहा है, इसके अलावा जनसंख्या की अघोषित ताकत के लिए राष्ट्र को उच्च सम्मान में रखने के लिए उनकी समर्पित सेवा का समान महत्व है जो मानव के लिए सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।


लेख 14, 21 और भारतीय संविधान के ऐसे अन्य जो नागरिकों और मानव अधिकारों के जीवन की सुरक्षा की रक्षा करते हैं, जिसमे 1) भोजन और स्वास्थ्य का अधिकार, 2) जीवन के पर्याप्त मानक का अधिकार, 3) सामाजिक सुरक्षा का अधिकार जो सभी का उल्लंघन नहीं है, ईपीएस 95 पेंशनरों की वर्तमान स्थिति के लिए अप्रासंगिक हो गए हैं, उनकी सेवा का अवमूल्यन किया गया है, जो वर्षों से / दशकों से न्याय के लिए रो रहे हैं और बिना पेंशन प्रदान किए हुए अल्प पेंशन के खिलाफ हैं। जिसमे 20 वर्षों  बदलाव नहीं किया गया है।

माननीय सरकार कृपया इस वास्तविक मुद्दे को पेंशन योजना में आवश्यक परिवर्तन करके हल कर सकती है, जिसमें से अंशदान अंशदान और पेंशन फंड के बेहतर प्रबंधन में उपलब्ध है जो समय-समय पर अपने निवेश लाभों के साथ वित्तीय पूंजी बनाता है। उच्चतम न्यायपालिका ने जोर देकर पुष्टि की है कि पेंशन योजना की शर्तों पर उठाए गए रुख से असहमत जीवन की आर्थिक सुरक्षा के लिए ईपीएस पेंशनर्स क्या मांग कर रहे हैं।



इन सभी घटनाक्रमों के आलोक में और ईपीएस 1995 के तहत पेंशनभोगियों की वित्तीय असुरक्षा की समस्याओं को समझने के लिए, माननीय संसद सदस्य, विधायी राज्य विधानसभाओं के सदस्य और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी आपके माननीय सरकार को बढ़ाने के लिए सिफारिश की है। मानवता की चिंता के साथ पेंशनरों की मांग का समर्थन करने वाले अपने पत्रों के माध्यम से महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी का समर्थन किया है।

यह सभी ईपीएस पेंशनरों की आवाज है, जो पूरे देश में बिखरे हुए करोड़ों लोगों के लिए जिम्मेदार हैं, उनमें से अधिकांश गरीब हैं और बहुत गरीब नागरिक अपने जीवनयापन  करने  के लिए छोटीमोटी मासिक नौकरी कर रहे हैं, उनके बच्चों को COVID-19 महामारी में नौकरी की तलाश है। कृपया इन पेंशनभोगियों को संकट से छुटकारा दिलाएं और उनके जीवन को  बेहतर करें। माननीय सरकार द्वारा समिति की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना तार्किक रूप से देश भर में एक जोड़े के जीवन की औसत न्यूनतम लागत के वर्तमान मूल्यांकन के साथ है। लगभग 10000 रुपये के क्रम में कि वे माननीय वित्त मंत्री द्वारा आश्वासन के रूप में वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक बजट में ध्यान दे और नागरिकों के स्वास्थ्य को पूर्वता प्रदान करे।

उच्च संबंध के साथ।

आपका
शामराओ, राष्ट्रीय सचिव, ईपीएस 1995 पेंशनर्स समन्वय समिति।
बीदर, कर्नाटक