EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPS 95 LATEST UPDATE FROM LOKSABHA
जैसा की हम सभी जानते है की, लोकसभा का सत्र शुरू हो गया है। लोकसभा के इस सत्र में 19 सितंबर, 2020 को आतंरिक प्रश्न संख्या 1342 तहत कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के पेंशनधारकों केरला हाय कोर्ट के फैसले को लागु किये जाने और उच्चतम न्यायलम में लंबित मामले के सन्दर्भ में जो सवाल मा. एडवोकेट ए. एम. आरिफ और श्री. एन. के. प्रेमचन्द्रन जी द्वारा पूछे गए थे। इन सवालों के जवाब में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार जी द्वारा जो जवाब लोकसभा में दिए गए है उसी के बारे में पूरी जानकारी यहाँ पर दी गई है। इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा EPS 1995 पेंशनधारकों के साथ इस पोस्ट को शेयर करके पहुचाये।
भारत सरकार
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
लोक सभा
अतारांकीत प्रश्न संख्या 1342
शनिवार, 19 सितंबर, 2020/28 भाद्रपद, 1942 (शक)
ईपीएफ पेंशन
1342. एडवोके ट ए. एम. आरिफ:
श्री एन. के . प्रेमचन्द्रन:
क्या मा श्रम और रोजगार भंत्री यह बताने की कृपा करेंगे की:
(क) क्या EPF पेंशन की दरों को बढाने के मुद्दे पर माननीय उच्चतम न्यायलय के समक्ष लंबित किसी मामले की सर्कार को जानकारी है और यदि हा तो तत्संबधी ब्यौरा क्या है;
(ख) यदि हां, तो उक्त मामले के तीव्र निपटान हेतु सरकार द्वारा क्या कदम उठाये गए है;
(ग) क्या सरकार का वेतन पर आधारित उच्च पेंशन सबंधी विकल्प संबध में केरल उच्च न्यायलय के आदेश को लागू करने का विचार है और यदि हा तो तत्संबधी ब्यौरा क्या है;
(घ) क्या सरकार ने केरल उच्च न्यायलय के आदेश को लागू करने पर उच्चतम न्यायलय में स्थगन प्राप्त कर लिया है और यदि हा तो तत्संबधी ब्यौरा क्या है ;
(ङ)क्या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने इस संबध में केरल उच्च न्यायलय के आदेश को अधीनस्थ कार्यालयों में लागु करने के निर्देश जारी किये हो और यदि हा, तो इसके क्या कारन है ; और यदि नहीं, तो केरल उच्च न्यायलय के आदेश को लागू नहीं करने क्या कारन है; और
(च) क्या EPFO केरल उच्च न्यायलय के आदेश से बाध्य है और यदि हां, तो इसे लागू करने में विलंब के क्या कारण हैं और यदि नहीं तो इसके क्या कारन है?
उत्तर
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
(श्री संतोष कुमार गंगवार)
(क): पूरी मजदूरी पर पेंशन की स्वीकृति मामले पर क्रमशः यूनियन ऑफ़ इंडिया और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा विशिष्ठ अवकाश याचिका (एसएलपी) (सिविल) संख्या 16721-16722/2019 और समीक्षा याचिका (सिविल) संख्या 1430-1431/2019 प्रस्तुत कय दी गई है। माननीय उच्चतम न्यायलय ने दिनांक 12. 07. 2019 के आदेश के मध्यम से खुले न्यायलय में उल्लिखित एसएलपी और समीक्षा याचिका की सूचि बनाने निर्णय लिया हैं।
इसके अतिरिक्त, रीट याचिका (के) संख्या 233/2018 (एम. चोकलिंगम बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया) में दिनांक 06.02.2020 के आदेश के तहत माननीम न्यायालय छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों द्वारा रिट याचिकाओं को एसएलपी और समीक्षा याचिका साथ सुचिबद्ध करने का निर्देश है।
(ख) से (च): यह मामला विचारधीन है। जैसा की, इस मामले में आगे की कार्ववाई पूर्वोक्त मामले में माननीय उच्चतम न्यायलय के निर्णय पर हुई है।