Monday, February 8, 2021

Suprme Court Order on Pension: Supreme Court Refuses to Hear Plea on Removal of Disparity in Pension Benefits Dt. 8 Feb 2021


सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के तहत सशस्त्र बलों के कर्मियों को पेंशन लाभ में असमानता को दूर करने के लिए एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हालांकि, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट की पीठ ने 'हमरा देश हमार जवान ट्रस्ट' को अपनी याचिका के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की अनुमति दी।

ट्रस्ट ने वकील अजय अग्रवाल के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा है कि 2005 की केंद्र सरकार की अंशदायी हाइब्रिड पेंशन योजना को सेना जैसे सशस्त्र बलों पर लागू नहीं किया गया था।


याचिका में कहा गया है की अर्धसैनिक बलों, BSF CISF, CRPF, ITBP, NSG, SSB और असम राइफल्स, जो कि MHA के अधीन हैं, के साथ असमान व्यवहार किया गया है और उन्हें हाइब्रिड पेंशन स्कीम के तहत रखा गया है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई संक्षिप्त सुनवाई में पीठ ने अग्रवाल जी से कहा, "अगर आप चाहते हैं कि आप इसे वापस ले सकते हैं और उच्च न्यायालय में जा सकते हैं। यदि आप बहस करना चाहते हैं, तो हम आपकी सुनवाई करेंगे। आप क्या चाहते हैं?" जब सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि यह याचिका खारिज कर रही है, तो अग्रवाल ने उच्च न्यायालय को स्थानांतरित करने के लिए स्वतंत्रता की मांग की। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा "हम आपको उच्च न्यायालय जाने की स्वतंत्रता दे रहे हैं।

ट्रस्ट ने अक्टूबर 2020 में MHA और MOD के तहत सशस्त्र बलों के कर्मियों को पेंशन लाभ में असमानता को दूर करने की याचिका दायर की थी। दलील में कहा कि केंद्र द्वारा नई अंशदायी पेंशन योजना शुरू की गई और 1 जनवरी, 2004 से प्रभावी हुई। 

1 जनवरी, 2004 को एक अधिसूचना के माध्यम से सरकार ने पेंशन योजना को अंशदायी बनाया और अंशदान कर्मचारी के वेतन से काटा जायेगा।

“केंद्र सरकार एक हाइब्रिड पेंशन स्कीम लागू कर रही है जो सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए पुरानी और नई पेंशन योजनाओं का मिश्रण है जो MHA के तहत आए थे और जो 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में शामिल हुए थे। याचिका में कहा गया है "लेकिन यह विशेष रूप से प्रदान किया जाता है कि यह नई अंशदायी पेंशन योजना भारत के सशस्त्र बलों के लिए लागू नहीं है।

जनहित याचिका में कहा गया है कि BSA, CISF, CRPF, ITBP, NSG, SSB और असम राइफल्स जैसे MHA के तहत आने वाले बलों के लिए 6 अगस्त 2004 को एक स्पष्टीकरण जारी किया गया था कि ये सभी मंत्रालय के तहत सशस्त्र बल हैं।

इसमें कहा गया है कि सशस्त्र बलों के प्रत्येक जवान जो कि MHA के तहत आता है, पुरानी योजना के तहत पेंशन प्राप्त करना चाहता है, लेकिन केंद्र सरकार ने इससे इनकार कर दिया है, इसलिए रक्षा मंत्रालय के तहत सशस्त्र बलों के साथ भेदभाव किया जाता है, जबकि दोनों सेना सशस्त्र बल हैं। कई अभ्यावेदन के बाद भी, सरकार द्वारा कुछ भी नहीं किया गया है, यह इस याचिका में कहा गया है।


 

Sunday, February 7, 2021

EPS 95 MINIMUM PENSION 7500 HIKE: EPS-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन ₹7500 बढ़ोतरी पर फरवरी में होगी बड़ी बैठक, जल्द बढ़ेगा EPS-95 पेंशन

देश के 65 लाख EPS-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन ₹7500 बढ़ोतरी के लिए राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। EPS-95 पेंशनधारकों की जो 4 सूत्रीय मांगे हैं तो उन मांगों को मंजूर करवाने हेतु कई बार माननीय श्रम मंत्री जी को पत्र लिखे गए हैं पर अभी तक EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन को बढ़ाया नहीं गया है। EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के क्रम को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय संघर्ष समिति आजमगढ़ मंडल ने सभी ईपीएस 95 पेंशनधारकों को एक महत्वपूर्ण मासिक बैठक के बारे में सूचित किया गया है।

आजमगढ़ मंडल राष्ट्रीय संघर्ष समिति की ओर से सभी EPS-95 पेंशनधारकों को हर महीने जो मंडल की बैठक आयोजित की जाती है तो उस बैठक के बारे में जानकारी दी गई है। यह बैठक दिनांक 18 फरवरी 2021 को रोडवेज बस स्टैंड आजमगढ़ 11 बजे आहूत की गयी है। जिसमे मंडल के सभी सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है। इस संदर्भ में सभी EPS-95 पेंशनधारकों पेंशनधारकों को अवगत किया गया है।  दिनांक 18 फरवरी 2021 को रोडवेज बस स्टैंड आजमगढ़ पर मंडल की बैठक संपन्न होगी जिसमें समस्त EPS-95 पेंशनधारकों की उपस्थिति अनिवार्य है।


सरकार के आश्वासन के बावजूद भी बजट मे पेंशन बढ़ोतरी नहीं हुयी पर राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री अशोक राउत जी ने विडिओ के माध्यम से अवगत कराया है की इसी बजट सत्र मे ही EPS 95 पेंशनधारको कि मांग पूरी होने की पूरी सम्भावना है  जिससे लोगो मे काफ़ी उत्साह है और उम्मीद भी, सरकार से EPS 95 पेंशनधारको कि मांग अवश्य पूरी होंगी!

उक्त बैठक मे मुख्यरूप सभी मंडल अध्यक्ष / मंडल सचिव एवं जिला अध्यक्ष /जिला सचिव पूर्वी क्षेत्र से एवं संगठन के बरिष्ठ पदाधिकारीयों राष्ट्रीय सचिव श्री ओम शंकर तिवारी जी कानपुर, प्रान्तीय अध्यक्ष श्री प्रदीप श्रीवास्तव, बलिया, कार्यकारिणी अध्यक्ष (मध्य क्षेत्र) श्री के. एस तिवारी जी लखनऊ, कार्यकारिणी अध्यक्ष (पूर्वी क्षेत्र) श्री चंद्रभान सिंह प्रयागराज, मंडल सचिव वाराणसी श्री कमलाकर त्रिपाठी, मंडल उपाध्यक्ष गोरखपुर श्री पी पी मिश्राजी. उपस्थित होने की पूरी सम्भावना है।

इस बैठक का समय दोपहर 11:00 बजे होगा। इस बैठक में आगामी कार्यवाही की महत्वपूर्ण जानकारी सभी इपीएस 95 पेंशनधारकों को दी जाएगी और जो राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जो पदाधिकारी है तो वह भी इस बैठक के दौरान उपस्थित रहेंगे। 

इस बैठक की जानकारी सभी EPS-95 पेंशनधारकोंको मा. रामफेर उपाध्याय, मंडल सचिव पूर्वी क्षेत्र द्वारा दी गई है।



 

EPS 95NAC NEWS: 65 लाख EPS-95 पेंशनधारकों न्यूनतम पेंशन 7500 बढ़ोतरी पर NAC के राष्ट्रिय अध्यक्ष माननीय कमांडर अशोक राऊत जी द्वारा एक महत्वपूर्ण संदेश

EPS 95 MINIMUM PENSION 7500+DA LATEST NEWS | HIGHER PENSION


हाल ही में देश के 65 लाख EPS-95 पेंशनधारकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रिय अध्यक्ष माननीय कमांडर अशोक राऊत जी द्वारा एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने ईपीएस 95 पेंशनधारकों की जो न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी के साथ 4 सूत्रीय मांगे हैं तो मांगे बजट 2021 में क्यों पूरी नहीं की गई है। और आगे ईपीएस 95 पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन 7500 /- समेत चारसूत्रीय मांगो पर क्या हो सकता है।

सबसे पहले खुद के संबोधन में उनके द्वारा गुजरात से आए हुए 12 सदस्य टीम का बहुत-बहुत धन्यवाद किया।  जिन्होंने बुलढाणा में पिछले 700 के ऊपर दिनों से चल रहे श्रृंखला आंदोलन को अपना सपोर्ट किया। इसकी वजह से उन्होंने गुजरात टीम का धन्यवाद किया है। यह 12 सदस्य टीम माननीय मा.किरीट गोहिल, राष्ट्रीय सचिव के नेतृत्व में बुलढाणा पहुंची और इनके द्वारा बुलढाणा में EPS-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी के लिए जो श्रृंखला अनशन पिछले 700 के ऊपर दिनों से किया जा रहा है तो ऐसे सभी पेंशनधारकों को बहुत-बहुत बधाई दी और उनका सपोर्ट भी किया।


माननीय कमांडर अशोक जी रावत द्वारा जानकारी दी गई कि उनको EPS-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी को लेकर कई फोन प्राप्त हुए है। जिसमें पूछा जा रहा है कि EPS-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी बजट 2021 में क्यों पूरी नहीं की गई है। इसके ऊपर उनबढ़ोतरी द्वारा जो EPS-95 पेंशनधारक है तो उनको महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।

इन सभी सवालों के ऊपर उनके द्वारा सभी EPS-95 पेंशनधारकों को जानकारी दी गई कि माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ उनकी 4 मार्च 2020 को महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई है। इस बैठक में माननीय कमांडर अशोक जी रावत सहित माननीय सांसद हेमा मालिनी जी भी मौजूद थी जिनकी अगुवाई में यह बैठक संपन्न हुई है। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों की जो मांगे हैं तो उन्हें जल्द से जल्द पूरा करवाने का आश्वासन भी दिया गया है। उनके द्वारा कहा गया कि EPS-95 पेंशनधारकों की मांगे हैं तो वह माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा तत्वतः मान्य कर ली गई है।


EPS-95 पेंशनधारकों की जो 4 सूत्रीय मांगे हैं जो कि इपीएस 95 पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को ₹7500 करना उसके साथ महंगाई भत्ते को जोड़ना, EPS-95 पेंशनधारकों को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाना, और जिन कर्मचारियों को EPS-95 पेंशन योजना में शामिल नहीं किया गया है तो उनको भी इस योजना में शामिल करके उनको पेंशन दिया जाए अन्यथा उन्हें मानवीय धिकार पर ₹5000 पेंशन दी जाये। 

आगे उनके द्वारा कहा गया कि इसी आश्वासन के चलते उनके द्वारा एक राष्ट्रीय महासम्पर्क अभियान भी चलाया जा रहा है जिसके तहत EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जो सदस्य हैं तो वह अपने अपने क्षेत्र के सांसदों से मिलकर EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के लिए ज्ञापन दे रहे हैं। उनके द्वारा कहा गया है कि राष्ट्रीय संघर्ष समिति के सदस्य देश के ट्रेड यूनियन सचिव है सदस्य है, सांसदों से मिल रहे हैं और इन सभी का साथ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के साथ है। इसकी वजह से उनकी मांगे जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी ऐसा विश्वास भी माननीय कमांडर अशोक जी राउत द्वारा उनके संबोधन में दिया गया है।


आगे उनके द्वारा कहा गया कि EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के साथ देश के गणमान्य लोगों का साथ है। ऐसे में EPS-95 पेंशनधारकों का जो काम है वह जरूर होकर रहेगा। और EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन में बढ़ोतरी जरूर होगी। 

उसके बाद उन्होंने जानकारी दी कि श्रम पर संसदीय कमेटी के जो अध्यक्ष है मा. भर्तृहरि महताब जी साहब तो उनसे भी उन्होंने मुलाकात की और EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के संदर्भ में अहवाल  उनको दिया है और माननीय भर्तृहरि महताब जी द्वारा इसे स्वीकार भी किया गया और us-95 पेंशन धारकोंEPS-95 पेंशनधारकों को आश्वस्त किया गया है। उसके बाद उन्होंने जानकारी दी कि 26 जनवरी 2020 के बाद माननीय श्रम मंत्री जी की बिनती पर राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा सभी आंदोलन वापस ले लिए गए हैं। केवल बुलढाणा महाराष्ट्र में श्रंखला अनशन जारी है। ऐसा भी उनके द्वारा बताया गया।


साथ ही उनके द्वारा जानकारी दी गई कि देश भर में किसी भी आंदोलन को वह अपना सपोर्ट नहीं कर रहे हैं।  उनके द्वारा किसी भी आंदोलन के लिए आवाज नहीं उठाई जा रही है। साथ ही उनके द्वारा कहा गया है कि देश में किसी भी तरह का आंदोलन राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा नहीं चलाया जा रहा है। ऐसे समय में उनके द्वारा संगठन को और मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए गए जिसकी वजह से संगठन और भी मजबूत हुआ है। साथ ही उनके द्वारा दी जानकारी दी गई की संसद का सत्र है वह जब तक खत्म नहीं होता तब तक उनका राष्ट्रीय संपर्क अभियान जो चलता रहेगा। और वह अपनी आवाज संसद तक पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे।


इसलिए उनके द्वारा सभी EPS-95 पेंशनधारकों से निवेदन किया गया कि यह राष्ट्रव्यापी अभियान है तो इसे आप और भी मजबूत कीजिए ताकि EPS-95 पेंशनधारकों की  मांगे जल्द से जल्द पूरी हो सके। साथ ही उनके द्वारा जानकारी दी गई कि आने वाले कामगार दिवस यानी 1 मई को राष्ट्रव्यापी अधिवेशन होगा। आगे यह भी जानकारी दी गई है कि 1 मई के 1 दिन पहले यानी 30 अप्रैल को CWC कार्यकारिणी की एक बैठक का आयोजन किया जाएगा और 1 मई 2021 को EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति का एक बहुत बड़ा अधिवेशन होगा जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी और उसे सभी EPS-95 पेंशनधारकों को अवगत किया जाएगा।


साथ ही उनके द्वारा सभी प्रेस नोटिफाई पेंशनधारकों को विश्वास भी दिलाया गया कि eps-95 पेंशन धारकों की मांगे है तो वह 31 मई 2021 तक या फिर यह जो बजट सत्र है तो उससे पहले जो है वह जरूर पूरी हो जाएगी। तो यह महत्वपूर्ण संदेश EPS-95 पेंशनधारकों को माननीय कमांड अशोक जी रावत द्वारा दिया गया है जिसकी जानकारी आप सभी को देनी थी।




Friday, February 5, 2021

EPS 95 Higher Pension Order by Supreme Court: Review Petition (Civil) Nos. 1430-1431 of 2019 full Order Copy pdf Download

UPON hearing the counsel the Court made the following

ORDER 

Review Petition (Civil) Nos. 1430-1431 of 2019 in SLP (C) Nos. 8658-8659 of 2019 

SLP(C) Nos.8658-59/2019 challenging the judgment and order dated 12.10.2018 passed by the Division Bench of the High Court of Kerala in Writ Petition (C) 602/2015 and 13120/2015 were dismissed by this Court on 1.4.2019.


Thereafter, SLP(C) Nos. 16721-22/2019 at the instance of Union of India challenging the same judgment dated 12.10.2018 came up before this Court on 12.07.2019. While condoning the delay in preferring the SLPs, this Court directed that said SLPs be listed along with Review Petition (C) Nos.1430-31/2019 (which had since then been preferred against the order dated 01.04.2019 in SLP(C) Nos.8658-59/2019) in open Court.


Mr. C.A. Sundaram, learned Senior Advocate appearing for the petitioners in said Review Petitions invited our attention to the order dated 21.12.2020 passed by another Division Bench of the High 8 Court of Kerala by which the correctness of the earlier decision dated 12.10.2018 was doubted and the matter was referred to Full Bench of the High Court.

Mr. Sundaram, also invited our attention to the decision of this Court in M/s Pawan Hans Ltd. & Ors. vs. Aviation Karmachari Sanghatana & Ors [2020(2)SCALE 194] and specially paragraph 6.6 of the decision.


It was submitted that as a result of the directions issued by the High Court in its order dated 12.10.2018, benefit would get conferred upon employees retrospectively which, in turn, would create great imbalance.

CLICK HERE TO DOWNLOAD FULL PDF COPY OF SUPREME COURT ORDER

Having heard learned counsel for the petitioners and perused the relevant material, in our view SLP(C) Nos.8658-59/2019 call for a closer look. We, therefore, allow these review petitions and recall the order dated 01.04.2018 and direct;


(a) Let SLP(C) Nos.8658-59/2019 along with all connected matters be listed for preliminary hearing before the appropriate Court on 25.02.2021.

(b) Learned counsel appearing for the parties are at liberty to file short synopsis before the next date of hearing. 

(INDU MARWAH)                                                                                                  (PRADEEP KUMAR) 

COURT MASTER(SH)                                                                                            BRANCH OFFICER


 

Wednesday, February 3, 2021

EPS 95 HIGHER PENSION: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश को याद करते हुए केरल उच्च न्यायाल के फैसले को रखा बरक़रार, कहा कि कर्मचारी की पेंशन वेतन के आनुपातिक होनी चाहिए


उच्चतम न्यायालय ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अवकाश याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश को वापस ले लिया है, जिसमें कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को अलग रखा गया है, जिसमें अधिकतम पेंशन योग्य वेतन प्रतिमाह 15,000 प्रति माह था।

जस्टिस उदय उमेश ललित, एस। हेमंत गुप्ता, और रवींद्र भट की बेंच ने 25.02.2021 को प्रारंभिक सुनवाई के लिए भारतीय संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर एसएलपी को पोस्ट किया।


केंद्र सरकार का तर्क है कि उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए निर्देशों के परिणामस्वरूप, कर्मचारियों को पूर्वव्यापी रूप से उन कर्मचारियों को लाभ दिया जाएगा जो बदले में महान असंतुलन पैदा करेंगे।

संशोधन से पहले अधिकतम पेंशन योग्य वेतन रु. 15,000 प्रति माह तक सीमित करता है। हालांकि 2014 के पहले अधिकतम पेंशन योग्य वेतन केवल रु. 6,500 प्रति माह था, उक्त अनुच्छेद के अनंतिम एक कर्मचारी को उसके द्वारा प्रदान किए गए वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन का भुगतान करने की अनुमति दी गई थी, इस पर उसके द्वारा योगदान दिया गया था उनके नियोक्ता द्वारा संयुक्त रूप से इस तरह के उद्देश्य के लिए किए गए एक संयुक्त अनुरोध से पहले उनके द्वारा खींचे गए वास्तविक वेतन का आधार उक्त उकसावे को संशोधन द्वारा छोड़ दिया गया है, जिससे अधिकतम पेंशन योग्य वेतन रु. 15,000 हो गया है। इस योजना को बाद की अधिसूचना द्वारा संशोधित किया गया है, कर्मचारी पेंशन (पांचवां संशोधन) योजना, 2016 यह प्रदान करने के लिए कि मौजूदा सदस्यों के लिए पेंशन योग्य वेतन जो एक नया विकल्प पसंद करते हैं, उच्च वेतन पर आधारित होगा।

मौजूदा सदस्यों पर 1.9.2014 के रूप में एक विकल्प प्रदान करता है, जो अपने नियोक्ता के साथ संयुक्त रूप से एक नया विकल्प प्रस्तुत करते हैं, जो प्रति माह 15,000 रुपये से अधिक वेतन पर योगदान करना जारी रखते हैं। इस तरह के विकल्प पर, कर्मचारी को वेतन पर 1.16% की दर से 15,000 / - रुपये से अधिक की दर से एक और योगदान करना होगा। इस तरह के एक ताजा विकल्प को 1.9.2014 से छह महीने की अवधि के भीतर प्रयोग करना होगा। छह महीने की एक और अवधि द्वारा छह महीने की अवधि के भीतर नए विकल्प का उपयोग करने की छूट की अनुमति देने की शक्ति क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त द्वारा प्रदान की जाती है। यदि ऐसा कोई विकल्प नहीं बनाया गया है, तो पहले से ही मजदूरी सीमा सीमा से अधिक में किए गए योगदान को ब्याज सहित भविष्य निधि खाते में भेज दिया जाएगा।

यह प्रदान करता है कि मासिक पेंशन, पेंशन की सेवा के आधार पर 1 सितंबर, 2014 तक अधिकतम पेंशन योग्य वेतन रु। 6,500 और उसके बाद की अवधि में अधिकतम पेंशन योग्य वेतन रु। 15,000 प्रति माह के आधार पर निर्धारित की जाएगी।

उन लाभों को वापस लेने का प्रावधान करता है जहां किसी सदस्य ने आवश्यकतानुसार योग्य सेवा प्रदान नहीं की है।

केरल उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2018 में, कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के प्रावधानों द्वारा कवर किए गए विभिन्न प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों द्वारा दायर रिट याचिकाओं को अनुमति दी। उनकी शिकायत कर्मचारियों की पेंशन के बारे में लाए गए परिवर्तनों के साथ थी। संशोधन) योजना, 2014, जो उनके लिए देय पेंशन को काफी कम कर देती है।

1 अप्रैल 2019 को, C J I रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता, और जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ में शामिल बेंच ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा दायर विशेष अवकाश याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कोई योग्यता नहीं है।

इस बर्खास्तगी के बाद, केंद्र ने उसी उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एसएलपी दायर की और ईपीएफओ ने समीक्षा याचिकाएं दायर कीं। जब ये मामले पिछले सप्ताह उठाए गए थे, तो केंद्र ने न्यायालय के संज्ञान में 21.12.2020 एक आदेश पारित किया, जो केरल उच्च न्यायालय की एक और डिवीजन बेंच द्वारा पारित किया गया था, जिसके द्वारा दिनांक 12.10.2018 के पहले के निर्णय की शुद्धता पर संदेह किया गया था यह मामला उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ को भेजा गया था। यह प्रस्तुत किया गया था कि उच्च न्यायालय के लागू आदेश का प्रभाव यह है कि लाभ पूर्वव्यापी रूप से कर्मचारियों को मिल जाएगा, जो बदले में, बहुत असंतुलन पैदा करेगा।

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Very Important Information: The Big myth on Income Tax Payers in India Every Tax Payer, Pensioners, Employee must Know

The big myth on Income Tax Payers in India.

Based on Data from a Chartered Accountants' Company Secretaries and other professional bodies and groups.

The Finance Minister said during her budget speech that we are largely a Tax 'non-compliant' society and presented that only 3.7 Crores are  filing ITRs in this poor country of 125 Crore population.

The reply by CAs , CSs, CMAs is given below:-


Madam,

We have 82 Crore Voters out of which, 75% are Agriculturists/Farmers i.e. 61.5 Crores (You exempted them straightaway, but they can also buy cars , bungalows etc. as you quoted. Your political colleagues, who called themselves agriculturist/farmers, are also enjoying this exemption) 

Balance remains, 20.5 Crores

Less:24% BPL Class (Below poverty line)

Means 15 Crore population (who are non-agriculturist and non-BPL).


Less: Non-working wives, unemployed youths, below-taxable income earners, political class (all these are 75%), in a typical indian family only 1 earning member and 5 or 6 are dependent on him.

Balance: 15 -11.25 = 3.75 Crores, is the earning class which can file ITRs and they are already filing ITRs. So almost no gap as FM is stressing unnecessarily without knowing well her country.

If FM wants more people to come into tax net, then, instead of foolishly resorting to rampant raids, surveys, notices, scrutiny,  demonetization etc., viewed as tax evasion/terrorism and should defy her negative bureaucrats.


Some suggestions are:-

  • 1. Introduce Income Tax on Agricultural Income on big landlords (Say 10 Acres plus), this way, you can add 26% of Agriculturists as tax payers (Politicians are also enjoying this exemption).
  • 2. Instead of introducing 5000/10000 penalties on late filers of IT return, come out with positive approach and introduce incentives to IT Return filers (learn from Pakistan where IT Assessee gets discount in purchase of Car).
  • 3.Introduce Privilege Card to  those paying taxes above certain limit. Privilege Card to entitle assesses with benefits like Priority quota in railway tickets, use of airport lounges, subsidized medical facilities, etc. and let Tax Payers feel proud.
  •  4. Introduce medical insurance/life insurance on basis of average ITR filled, like coverage upto twice of Gross Income in ITR filed for mediclaim and ten times risk cover in case of life insurance.
  • 5. Introduce Pension after 65 Years of age on the basis of tax paid by tax payer during his/her working life.


Let honest taxpayers get certain direct benefits.

As on today, 3.3% of Indian population is filing ITRs as compared to 8% of China. Adding big Agriculturists/Farmers to Income Tax may shoot the figure to more than 10%. It may help you to cool your tax evasion/terrorism mindset and a tax compliant nation.

LET'S SPREAD THIS TO EDUCATE HONEST TAX PAYERS.

Please forward it to maximum people.



EPS 95 Pensioners: Brief About EPS 95 Pensioners Higher Pension Case Status in Supreme Court, Very IMP Every EPS 95 Pensioner Must Know

Respected EPS 95 Pensioners, Brief About EPS 95 Pensioners Case Status:


All the WPs (writ petions) 45+ pending on EPS95 for higher pension on actual salary including contempt petition with SLP (Special Leave Petition) and RP (Review Petition) are tagged together by Supreme Court.

KHC (Kerala High Court) gave a verdit in Dec 2018 striking down the notifications issued by EPFO dt. Aug 28, 2014 and May 31, 2017 declaring them that they are unconstitutional. EPFO/UGI filed an SLP challenging the decision of KHC which was disallowed by SC on APR 04, 2019.  EPFO/UGI had filed a Review Petition (RP) also.


Earlier 10 SLP were dismised by SC it ous major strength. Former CJI Sri Rajan Gogoi dismissied one SLP on GSR 609 and allowed RP on it in open court.

The contention in RP are: 

  1. (i) Pension Fund will become unviable if higher pension considered.  
  2. (ii) EPFO/UGI also calculated the average as 83 years. 
  3. (iii) Where as UN the average age is only 70yrs. 
  4. (iv) Actuarial deficit shown as Rs.15,28,519.47 Cr. required 
  5. (v) Without Govt. support it is not possible to  EPFO. 


Our Union Govt. budget itself is 34 Lakh Crores. On Jan 29, 2021 - SC recalled the SLP filed by EPFO/UGI (Union Govt. of Inida) as a Speaking order was given earlier on it. Nothing more than this. 

Quashing of GSR 609 was prayed only in our & NCR/NCOA petions out of 45+ petitions.

  • Preliminary hearing got posted for Feb 25, 2021.  We may not get a chance of oral submission.
  • EPS 95 Pensioner have to submit a "short synopsis" to our respective AORs before Feb 23rd 2021 to get an opportunity for dismiss of SLP on that day.  In short send your points. 

  • Short synopsis cover should cover points like : GSR609, Pre & Post 01.09.2014 (option), Exempted &  unexempted establishments (Pawan Hans, Actuary report and Financial burden.
  • This shows how clearverly EPFO/UGI misleading not only themselves but SC and Pensioners.

Vidyasagar,


 

EPS 95 Pensioners Higher Pension News: Countdown Has Began for Next Hearing- Preliminary Submission in Supreme Court on 25-2-2021.


Date:2-2-2021

Dear EPS 95 Pensioners,

Attn: Shri Gurmukh Singh President NCR 

Countdown has began for next hearing- preliminary submission in SC on 25-2-2021.It is right time rather high time that all petitioners in SC come together form a common platform or united forum for joint fight in EPS 95 matter.

Why United forum? Because issue is common, interest is common & goal is common. Further stakes are very high & we can not take chance United forum among other things will discuss,debate to identify the best legal brain, eminent lawyer to match AG in Supreme Court.


Different Eminent Lawyer can be considered who will be  equal match & can counter effectively AG. It is do or die situation ( Karo ya Maro).

This is very important as entire fate of pensioners will depend upon out come of SC hearing on 25th Feb.

EPS 95 Pensioners need to use these data,info circulars, orders etc  for getting justice for pensioners in Supreme Court. Earlier, attempts were made to form coordination committee, the same needs to be done once again.


What can be done now?

NCR can arrange a meeting or webinar to discuss various aspects including identifying Sr Advocate for next hearing in SC on 25-2-2021

Final decision to be taken after consultation & opinion from AOR of NCR 

Money or Legal fee should not be constraint for hiring best legal brain of India who will get is justice (enhanced Pension) from Supreme Court.


Any adverse or negative remarks of Supreme Court, may affect chances&  pensioners may loose once for all.

Please do the needful on priority 

Sudhir Nanjangud 

Ex-ONGC Mumba


 

Tuesday, February 2, 2021

EPS 95 HIGHER PENSION: 65 लाख EPS 95 पेंशनधारको को उच्च पेंशन का इंतजार, 25 फरवरी को सर्वोच्च न्यायलय केरल उच्च न्यायालय के फैसले की फिर से जांच करेगा


सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2019 के आदेश को वापस ले लिया है, जिसने ₹ 15,000 की वर्तमान वेतन सीमा को हटाकर कर्मचारियों के लिए एक उच्च पेंशन का रास्ता पारित किया था।

न्यायमूर्ति उदय यू ललित की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा दायर समीक्षा याचिकाओं की अनुमति दी और अपने पिछले आदेश पर पुनर्विचार करने का फैसला किया, जिसने कर्मचारी पेंशन योजना 95 के पेंशनधारकों को वेतन के अनुपात में पेंशन के लिए अनुमति दी थी।


खंडपीठ जिसमें न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने संयुक्त रूप से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की समीक्षा याचिका और केंद्र सरकार द्वारा पिछले सप्ताह शुक्रवार को दायर अपील पर सुनवाई की।

25 फरवरी को सर्वोच्च न्यायलय की खंडपीठ अब 2018 के केरल उच्च न्यायालय के फैसले की फिर से जांच करेगी, जिसने संगठन से कहा था कि वह कर्मचारियों को उनकी कुल वेतन के आधार पर सेवानिवृत्त करने के बदले पूरी पेंशन का भुगतान करे, जिसमें पुरे वेतन राशि का योगदान होगा।

उच्च न्यायालय ने तब नोट किया था कि कुछ श्रमिकों ने ईपीएफओ के लिए स्वेच्छा से अधिक योगदान दिया था, लेकिन उनकी पेंशन गणना 15,000 वेतन की सिमा पर की गई थी, जो श्रमिकों के सेवानिवृत्ति के बाद उचित नहीं थी।


शीर्ष अदालत ने, हालांकि, केंद्र सरकार और ईपीएफओ की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम की दलीले सुनने के बाद उच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी मंजूरी वापस ले ली और उच्च न्यायालय के फैसले की समीक्षा करने के लिए सहमत हो गई। पीठ ने इस तर्क पर ध्यान दिया कि केरल उच्च न्यायालय के फैसले से पूर्वव्यापी रूप से कर्मचारियों को लाभ होगा, जो असंतुलन पैदा करेगा।

वेणुगोपाल और सुंदरम ने आगे बताया कि केरल उच्च न्यायालय में एक अन्य पीठ ने पेंशन मामले में अपने 2018 के फैसले पर संदेह व्यक्त किया है और वहां के मामले को फिर से देखने के लिए एक बड़ी खंडपीठ के समक्ष रखा गया है।


1 अप्रैल, 2019 को, एक संक्षिप्त आदेश के द्वारा, सुप्रीम कोर्ट ने केरलउच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ EPFO ​​की अपील को खारिज कर दिया था, जिससे रिटायरमेंट फंड बॉडी को रिव्यू पिटीशन दायर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उसी समय, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने भी उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक अलग अपील दायर करने का फैसला किया ताकि यह उजागर हो सके कि ऐसा आदेश संगठन को वित्तीय रूप से अविभाज्य बना देगा क्योंकि हर साल कई हजार करोड़ की कमी होगी।

सुप्रीम कोर्ट में मामले के लंबित होने की वजह से केरल उच्च न्यायालय के फैसले को लागू नहीं किया गया जबकि श्रम मंत्रालय ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाई।


वर्तमान में, एक संगठित क्षेत्र का कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12 प्रतिशत अंशदान कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में हर महीने देता है और उतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा योगदान की जाती है। नियोक्ता के योगदान में से 8.33 प्रतिशत पेंशन योगदान की ओर जाता है, लेकिन यह राशि ₹ 1,250 प्रति माह है। शेष 3.67 प्रतिशत भविष्य निधि कोष में जाता है।

जबकि EPFO ​​को 6 करोड़  से अधिक ग्राहकों से प्रति वर्ष लगभग 36,000 करोड़ का ईपीएस योगदान मिलता है, इसमें 23 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं, जिन्हें हर महीने ₹ 1,000 की पेंशन मिलती है। हालांकि, पीएफ में उनका योगदान इसके एक चौथाई से भी कम है, ऐसा भी बताया गया।