Tuesday, February 2, 2021

EPS 95 HIGHER PENSION: 65 लाख EPS 95 पेंशनधारको को उच्च पेंशन का इंतजार, 25 फरवरी को सर्वोच्च न्यायलय केरल उच्च न्यायालय के फैसले की फिर से जांच करेगा


सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2019 के आदेश को वापस ले लिया है, जिसने ₹ 15,000 की वर्तमान वेतन सीमा को हटाकर कर्मचारियों के लिए एक उच्च पेंशन का रास्ता पारित किया था।

न्यायमूर्ति उदय यू ललित की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक खंडपीठ ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा दायर समीक्षा याचिकाओं की अनुमति दी और अपने पिछले आदेश पर पुनर्विचार करने का फैसला किया, जिसने कर्मचारी पेंशन योजना 95 के पेंशनधारकों को वेतन के अनुपात में पेंशन के लिए अनुमति दी थी।


खंडपीठ जिसमें न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने संयुक्त रूप से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की समीक्षा याचिका और केंद्र सरकार द्वारा पिछले सप्ताह शुक्रवार को दायर अपील पर सुनवाई की।

25 फरवरी को सर्वोच्च न्यायलय की खंडपीठ अब 2018 के केरल उच्च न्यायालय के फैसले की फिर से जांच करेगी, जिसने संगठन से कहा था कि वह कर्मचारियों को उनकी कुल वेतन के आधार पर सेवानिवृत्त करने के बदले पूरी पेंशन का भुगतान करे, जिसमें पुरे वेतन राशि का योगदान होगा।

उच्च न्यायालय ने तब नोट किया था कि कुछ श्रमिकों ने ईपीएफओ के लिए स्वेच्छा से अधिक योगदान दिया था, लेकिन उनकी पेंशन गणना 15,000 वेतन की सिमा पर की गई थी, जो श्रमिकों के सेवानिवृत्ति के बाद उचित नहीं थी।


शीर्ष अदालत ने, हालांकि, केंद्र सरकार और ईपीएफओ की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम की दलीले सुनने के बाद उच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी मंजूरी वापस ले ली और उच्च न्यायालय के फैसले की समीक्षा करने के लिए सहमत हो गई। पीठ ने इस तर्क पर ध्यान दिया कि केरल उच्च न्यायालय के फैसले से पूर्वव्यापी रूप से कर्मचारियों को लाभ होगा, जो असंतुलन पैदा करेगा।

वेणुगोपाल और सुंदरम ने आगे बताया कि केरल उच्च न्यायालय में एक अन्य पीठ ने पेंशन मामले में अपने 2018 के फैसले पर संदेह व्यक्त किया है और वहां के मामले को फिर से देखने के लिए एक बड़ी खंडपीठ के समक्ष रखा गया है।


1 अप्रैल, 2019 को, एक संक्षिप्त आदेश के द्वारा, सुप्रीम कोर्ट ने केरलउच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ EPFO ​​की अपील को खारिज कर दिया था, जिससे रिटायरमेंट फंड बॉडी को रिव्यू पिटीशन दायर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उसी समय, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने भी उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक अलग अपील दायर करने का फैसला किया ताकि यह उजागर हो सके कि ऐसा आदेश संगठन को वित्तीय रूप से अविभाज्य बना देगा क्योंकि हर साल कई हजार करोड़ की कमी होगी।

सुप्रीम कोर्ट में मामले के लंबित होने की वजह से केरल उच्च न्यायालय के फैसले को लागू नहीं किया गया जबकि श्रम मंत्रालय ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाई।


वर्तमान में, एक संगठित क्षेत्र का कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12 प्रतिशत अंशदान कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में हर महीने देता है और उतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा योगदान की जाती है। नियोक्ता के योगदान में से 8.33 प्रतिशत पेंशन योगदान की ओर जाता है, लेकिन यह राशि ₹ 1,250 प्रति माह है। शेष 3.67 प्रतिशत भविष्य निधि कोष में जाता है।

जबकि EPFO ​​को 6 करोड़  से अधिक ग्राहकों से प्रति वर्ष लगभग 36,000 करोड़ का ईपीएस योगदान मिलता है, इसमें 23 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं, जिन्हें हर महीने ₹ 1,000 की पेंशन मिलती है। हालांकि, पीएफ में उनका योगदान इसके एक चौथाई से भी कम है, ऐसा भी बताया गया।



 

EPS 95 LATEST NEWS FROM SUPREME COURT: EPS 95 HIGHER PENSION CASES STATUS, HIGHER PENSION ORDER REVIEW PETITION ORDER

देश के 65 लाक EPS-95 पेंशनधारक सर्वोच्च न्यायालय में EPS-95 पेंशनधारकों के उच्च पेंशन को लेकर जो मामले दाखिल है तो इन मामलों के ऊपर सुनवाई के लिए इंतजार कर रहे थे। 2021 के शुरुआत में 18 जनवरी 2021 को इन मामलों के ऊपर सुनवाई हुई। उसके बाद इन मामलों को 25 तारीख के लिए टाल दिया गया, उसके बाद 25 तारीख को फिर से टालकर 29 जनवरी 2021 को सूचीबद्ध किया गया। 29 जनवरी 2021 EPS-95 पेंशनधारकों के लिए महत्वपूर्ण दिन था क्योंकि इसी दिन EPS-95 पेंशनधारकों के उच्च पेंशन के संबंधित मामलों पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होने वाली थी। सभी EPS 95 पेंशनधारकों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट से क्या फैसला दिया जाता है तो इसके ऊपर लगी हुई थी। सभी EPS 95 पेंशनधारकों को अवगत है कि 1 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा EPS 95 पेंशनधारकों के हक में फैसला देते हुए केरल उच्च न्यायालय के फैसले बरकरार रखा था और EPS 95 पेंशनधारकों को पूरे वेतन पर पेंशन भुगतान का रास्ता साफ कर दिया था।

पर उसके बाद EPFO द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसके के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल कि गई थी। जिसके ऊपर अभी 29 जनवरी 2021 को सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2019 को जो आदेश दिया था तो उसे वापस ले लिया। हालांकि यूनियन ऑफ इंडिया द्वारा जो याचिका दाखिल की गई है तो उसके ऊपर सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई में कोई भी फैसला नहीं दिया है और उसे 25 फरवरी 2021 तक के लिए फिर से टाल दिया है।


साथ ही शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय द्वारा जो फैसला दिया गया था तो उस फैसले पर रोक नहीं लगाई है। इसकी वजह से जिन EPS 95 पेंशनधारकों को केरला उच्च न्यायालय के फैसले की वजह से लाभ मिला था तो उनके लाभ भी वापस नहीं ले जा सकेंगे। साथ में यहां पर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्रीय श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ द्वारा दायर अपील पर प्रारंभिक सुनवाई 25 फरवरी 2021 को होनी तय की गई है। सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश को वापस लेने से लाखों EPS 95 पेंशनधारकों को काफी निराशा हुई है। लेकिन EPS 95 पेंशनधारकों को एक राहत भरी यहां पर खबर है कि शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक नहीं लगाई ने की बात भी इस फैसले के दौरान कई है।


सभी EPS 95 पेंशनधारकों को अवगत है कि केरला उच्च न्यायालय द्वारा 12 अक्टूबर 2018 में EPS 95 पेंशनधारकों के हक में एक बड़ा फैसला देते हुए कहा था कि EPS 95 पेंशनधारकों को उनके उच्चतम वेतन पर यानी आखिरी सैलरी के बेसिस पर पेंशन का भुगतान किया जाए। इस वजह से लाखोंEPS 95 पेंशनधारकों को उनकी उच्चतम वेतन पर उच्चतम पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया था।


इस सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति यू यू ललित की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि केरल उच्च न्यायालय का आदेश रुक नहीं सकता है। इस पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकती है। और इस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया गया है, अब यह सुनवाई 25 फरवरी 2021 को होनी है। केरल उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में ₹15000 की जो सीलिंग लिमिट है तो उसे हटा दिया था। यानी अगर किसी कर्मचारी की सैलरी ₹15000 के ऊपर है तो उस ज्यादा सैलरी को पेंशन की गणना में कंसीडर करके पेंशन का कैलकुलेशन किया जाएगा इसकी वजह से पेंशन में काफी बढ़ोतरी हो जाती है। 

1 अप्रैल 2019 को केरल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बरकरार रखा था और केरल उच्च न्यायालय द्वारा जो फैसला दिया गया था तो उसके अनुसार EPS 95 पेंशनधारकों को उनके उच्च वेतन पर और आखरी सैलरी के हिसाब से पेंशन का रास्ता साफ कर दिया था। इसकी वजह से कई EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन में कई गुना बढ़ोतरी हो सकती थी।


इस सुनवाई के दौरान केंद्र द्वारा अपने पक्ष में कहा गया कि पूरे वेतन पर पेंशन देना व्यवहारिक नहीं है। साथ ही अपनी दलों में केंद्र की तरफ से कहा गया कि ₹15000 की सीमा को आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को लक्षित कर तय किया गया था। अगर इसे निकाल दिया जाता है तो इसकी वजह से EPS 95 में 1528519.47 करोड़ की कमी होगी। साथी केरल उच्च न्यायालय के फैसले के बाद EPFO द्वारा 839.6 करोड रुपए का भुगतान भी करना था। ऐसे में श्रम मंत्रालय द्वारा अगर पेंशन के लिए मंजूरी दी जाती है और ऐसी पेंशन पर रोक लगती है तो इसे बाद में रिकवर करना मुश्किल होगा ऐसा भी सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की तरफ से दी गई दलीलों में कहा गया। साथ ही अदालत द्वारा दिए गए फैसले की वजह से पेंशन में 50% की वृद्धि हो जाती है ऐसा भी बताया गया था।



 

Sunday, January 31, 2021

EPS 95 NAC NEWS: EPS 95 पेंशनधारकों न्यूनतम पेंशन 7500 बढ़ोतरी को लेकर बैठक हुई संपन्न | जल्द मिलेगी 7500 पेंशन बढ़ोतरी

National Agitation Committee News


पिम्परी-चिंचवड़(महाराष्ट्र) की पेंशनधारकों की सभा:- दिनांक 24.1.2021को पिम्परी-चिंचवड़ की पेंशन धारकों की सभा सफलता पूर्वक सम्पन्न। कोरोना के प्रभाव को देखते हुए केवल तहसील /जिला स्तर के नेताओं की उपस्थिति।
संगमनेर से पधारे महाराष्ट्र के कार्यकारी अध्यक्ष मा. सुभाष पोखरकर जी ने किया विशेष मार्गदर्शन। मा. राष्ट्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे संपर्क अभियान की हुई समीक्षा व अभियान को शीघ्रातिशीघ्र और अधिक प्रभावशाली ढंग से पूर्ण करने के लिए संकल्प।


आज की परिस्थिति व आगे की रणनीति पर भी हुआ विचारों का आदान प्रदान। पुणे के जिलाध्यक्ष श्री सतीश शिंदे जी ने भी किया सभा को संबोधित। पिम्परी-चिंचवड़ के सलाहकार श्री राजपाठक जी,अध्यक्ष श्री इंद्रसिंह राजपूत, सचिव श्री जलवादी, उपाध्यक्ष श्री जगदीश खोड़के जी, श्री कोल्हापुरे जी व विशेष रूप से उपस्थित श्री राजेन्द्र गावडे जी ने भी रखे अपने प्रभावी विचार। 

सफल आयोजन के लिए पिम्परी - चिंचवड़ टीम का विशेष अभिनंदन


National Agitation Committee News

Pimpri-Chinchwad (Maharashtra) EPS 95 Pension Holder's Meeting. Pimpri-Chinchwad EPS 95  pension holders' meeting was successfully held on 24.1.2021.

Presence of Tehsil / District level NAC leaders only,due to impact of Corona. The Working President of Maharashtra, from Sangamner,Hon Subhash Pokharkar ji gave a special guidance. A review of the nationwide contact campaign being conducted under the guidance of the National President and a resolution to complete the campaign as quickly and more effectively.


Exchange of views of various leaders on today's situation and the strategy ahead was discussed. Pune District President Shri Satish Shinde Ji also addressed the gathering. Advisor Pimpri-Chinchwad Mr. Rajpathak ji, President Mr. Indrasingh Rajput, Secretary Mr. Jalwadi, Vice President Mr. Jagdish Khodke ji, Mr. Kolhapure ji and specially present Mr. Rajendra Gavade ji also gave their effective views.

Special greetings to the Pimpri-Chinchwad team for arranging successful meeting.





 

EPS 95 PENSION 7500+DA LATEST NEWS: EPS 95 पेंशनधारकों को मा. सांसद हेमा मालिनी जी ने दिलाया विश्वास और कहा कि वह उनके साथ है | EPS 95 7500+DA

EPS 95 PENSION HIKE 7500+DA LATEST NEWS TODAY

राष्ट्रीय संघर्ष समिति की केंद्रीय टीम ने की मा. श्रीमती हेमा मालिनी जी सांसद महोदया, मथुरा से की मुलाकात। मा. हेमा मालिनी जी ने EPS 95 पेंशन धारकों को दिलाया विश्वास और कहा कि वह उनके साथ है।

मा. कमांडर अशोक राऊत, राष्ट्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में NAC संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री आशाराम शर्मा के नेतृत्व में संगठन की केंद्रीय टीम ने NAC संगठन की शुभ चिंतक मा. हेमा मालिनी जी से की दिनांक 13 जनवरी 2021 को मुलाकात की। मा. हेमामालिनी जी ने EPS पेंशनधारकों से साधा सीधा संवाद और जानी EPS पेंशनधारकों की व्यथा, और EPS 95 पेंशनधारकों के मन में विश्वास जगाया। साथ ही दी उनके द्वारा किए गये प्रयत्नों की जानकारी। मा. सांसद महोदया ने आगे कहा कि आप सभी धैर्य रखे, मैं आप की मांगों के समर्थन में आपके साथ हूं।

मा. हेमा मालिनी जी के द्वारा दिए गए ठोस आश्वासन के बाद वृद्ध EPS 95 पेंशनधारकों के चेहरे पर आशा की किरणे साफ दिखाई दी।

प्रतिनिधियों में श्री पूरन सिंह, अध्यक्ष ,श्री रामबाबू गुप्ता, सचिव,पश्चिम उत्तर प्रदेश, कमल सिंह, डंबर सिंह, सूरेश शर्मा, अशोक शर्मा, देवदत्त शर्मा व अभय प्रताप सिंह आदि का समावेश था।

ज्ञातव्य हो कि मा. हेमा मालिनी जी संगठन की शुभ चिंतक रही है व उनकी अगुआई में संगठन के प्रतिनिधियों की दिनांक 4 मार्च 2020 को मा. प्रधानमंत्री जी से मुलाकात हुई थी और मा. प्रधानमंत्री द्वारा ठोस आश्वासन भी दिया गया था।

ज्ञातव्य हो कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत के नेतृत्व में संगठन के मुख्यालय बुलढाणा में पिछले 768 दिनों से क्रमिक अनशन जारी है।

CODE M

 



 


EPS 95 Higher Pension: Update on proceedings in Supreme Court for EPS-95 Enhanced Pension

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Update on 29 January"s proceedings in SC for EPS-95 Enhanced Pension

HALE President has witnessed today's proceedings at SC via teleconferencing.


The Counsel of EPFO spoke vehemently that

  • 1. RC Gupta case was entirely for those who were contributory to EPFO.
  • 2. Exempted trusts maintain their own account, only EPS funds come to EPFO.
  • 3. There will be imbalance of funds as EPFO disburses from the interest accrued from the funds deposited.
  • 4. By allowing with retrospective effect, no. of pensioners will increase multifold.
  • 5. Pawan Hans employees case was referred - and Counsel pleaded not to allow.
  • 6. The dismissed SLP to be reviewed.

Counsel for some petitioners requested for linking all related WP's which were not listed today.

The judgement was in favour of EPFO, in a way, as the SC allowed the Review Petition stating that there are issues involved which require a 'closer look' and fixed up the next date in Feb.

The SC asked Registery to list all the interlinked cases together and allowed all the respondants to file their replies/affidavits.

A Naushad,

General Secretary, HALE


 

Saturday, January 30, 2021

EPS 95 Higher Pension Order: Analysis of Supreme Court Judgement Delivered on 29 January 2021 for Easy Understanding of EPS 95 Pensioners

Analysis of Supreme Court Judgement delivered on 29 January 2021 Shared by Mr. Pankaj Sreevasthava for EPS 95 Pensioners Information. who was a top retired executive who served in Wipro, Siemens, Reliance IT & IBM.

There is some misconception on the whole SC proceedings and that is understandable as we are all not too well versed with the SC Court functioning and its nuances.

On speaking to some experts – my understanding on what has happened now is as under:

1. SC by dismissing the earlier order of 1st April 2019 – has only allowed the SLP from UOI to be accepted for further hearing on the validity of their objections for the dismissal by a three bench judge headed by CJI. 

2.There was no hearing from our lawyers during this hearing – as it was not called for  as per process – they only heard the petitioners on the reasons for seeking acceptance of the SLP

3.Since our lawyers were not expected to provide any input – and only the judges were hearing the UOI plea on the SLP – no stay was given on the Kerala HC order – that remains – including the ability to file contempt proceedings – where ever HC have given judgement and action not initiated.


4. Again on 25th Feb – a more detailed submission has to be done by the UOI on why there is merit in their petition – in which again our lawyers will not be required to present any counter argument to the plea

5. Based on the details submitted and during the plea hearing  on 25th Feb or any subsequent date set for further hearing based on the hearing of 25th Feb - the Judges would be able to question and seek clarifications of any missing details not provided by the UOI. 

6. In case the SC  are not satisfied with the UOI objections to the earlier SC judgements as also HC – including the one on 1st Apr 2019 – they may dismiss the plea again – and earlier decision stands – which means case is won by us.

C

7. In case the SC feels there is some merit to the objections of UOI – then since the earlier decisions were decided by a 3 court bench – they will refer the case to a 5 court bench which has to be constituted – as this 3 court bench is not empowered to overrule the earlier 3 court bench judgement

8. In the above case – when the 5 court bench is constituted – our lawyers will be called to challenge all the objections of UOI – and only after proper hearing will a final order gets passed.

Agreed we have delays at hand in the above process – but we do not need to lose hope – there is a high probability that on 25th Feb or during any subsequent hearing at the stage of admissibility of the UOI plea we may get a decision which is earlier decision stands.


I thought of sharing the above for the benefit of all – than we all ending up putting negative comments. This is the judicial process of the country – and we should respect and also wait for the final outcome. My personal view is that we have a strong case – and we need not despair – even though it is a wait we are all looking forward to see a closure.



 

EPS 95 Supreme Court Latest Update: The order of dismissal dated 1.4.2019 is being re-called by which that SLP filed by EPFO

EPS 95 HIGHER PENSION STATUS AFTER SUPREME COURT ORDER

The order of dismissal dated 1.4.2019 is being re-called by which that SLP filed by EPFO is reinstated and will be heard along with Secretary's SLP cc. Nos.16721-22 after two weeks.

Mr C. A. Sundaram Senior Advocate appeared for central government in Review petition. He cited Pawan Hans judgement of S. C. In the year 2020. Saying retrospective contribution willcreate imbalance


SLP no. 8658-59 require closer look. So Review petition revived. 

Next preliminary hearing on 25/2/2021 before appropriate court.

All parties to file their synopsis and documents.

C. M. Sundaram iyer
Advocate

Friday, January 29, 2021

EPS 95 HIGHER PENSION SUPREME COURT ORDER: सुप्रीम कोर्ट ने पुरे वेतन के अनुसार पेंशन को मंजूरी देने वाले आदेश को वापस लिया, लाखो EPS 95 पेंशनरों को निराशा

EPS 95 MINIMUM PENSION 7500+DA, EPS 95 LATEST NEWS


सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 29 जनवरी 2021 को अपने उस आदेश को वापस ले लिया जिसने केरल उच्च न्यायालय के फैसले को वेतन के अनुसार पेंशन देने के फैसले को बरकरार रखा था। न्यायमूर्ति यू यू ललित की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा दायर एक समीक्षा याचिका के बाद यह निर्णय दिया गया है।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायलय के उस आदेश पर रोक नहीं लगाई है जिसमें वेतन के अनुसार पेंशन को मंजूरी दी गई थी। उच्च न्यायलय के आदेश के खिलाफ केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय और EPFO ​​द्वारा दायर अपील पर प्रारंभिक सुनवाई 25 फरवरी 2021 को होनी तय की गई है।


सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को वापस लेने से लाखो EPS 95 पेंशनरों को निराशा हुई है। लेकिन साथ ही, शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायलय के आदेश पर रोक नहीं लगाना एक राहत की बात भी है।

केरल उच्च न्यायलय ने 12 अक्टूबर 2018 को वेतन के अनुसार पेंशन को मंजूरी देने का फैसला सुनाया था। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से केरल उच्च न्यायलय के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया गया।


लेकिन, न्यायमूर्ति यू यू ललित ने स्पष्ट किया कि केरल उच्च न्यायलय का आदेश नहीं रुक सकता है और इसके खिलाफ दायर अपील को प्रारंभिक सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। अन्यथा, याचिका की समीक्षा याचिका पर एक नोटिस जारी करना होगा ऐसा भी पीठ ने कहा।

केरल उच्च न्यायलय ने अपने आदेश में कर्मचारियों से EPF अंशदान की गणना के लिए 15,000 रुपये की सिमा को हटा दिया था। इसने EPS 95 पेंशनधारकों को कुल वेतन के अनुसार पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है।


1 अप्रैल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने केरल उच्च न्यायलय के इस आदेश को मंजूरी दे दी थी। अब, शीर्ष अदालत ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा जारी आदेश को वापस ले लिया है।

केंद्र द्वारा मजबूती से पुरे वेतन के अनुसार पेंशन के लिए विरोध किया गया

केंद्र सरकार ने केरल उच्च न्यायलय के आदेश पर वेतन के अनुसार पेंशन को मंजूरी देने पर रोक लगाने की मांग की थी। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वेतन के अनुसार पेंशन व्यावहारिक नहीं थी।

15,000 रुपये की सिमा को आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग को लक्षित कर तय किया गया था। यदि इस सिमा को हटा दिया जाता है, तो ईपीएस में 15,28,519.47 करोड़ रुपये की कमी होगी, क्योंकि केरल उच्च न्यायलय के आदेश के बाद, ईपीएफओ को 839.76 करोड़ रुपये देने थे। यदि श्रम और रोजगार मंत्रालय से अपील को मंजूरी दे दी जाती है, तो पेंशन की वसूली संभव नहीं हो पाएगी।


अदालत द्वारा दिए गए फैसले के कारण पेंशन में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। इस तरह की महत्वपूर्ण वृद्धि एक व्यक्ति के अतिरेक के दौरान बरामद नहीं की जा सकती है ऐसा केंद्र की दलीलों में कहा गया।


 

Thursday, January 28, 2021

EPS 95 Higher Pension News: EPS 95 पेंशन को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला, आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

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29 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने ईपीएस 95 (कर्मचारी पेंशन योजना) से संबंधित याचिका को उसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया, जिसने इस मामले पर पहले विचार किया था।

न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 18 जनवरी को एक अन्य उपयुक्त पीठ के समक्ष मामलों को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था। हालाँकि, मामले को अब उसी पीठ के समक्ष 29 जनवरी को सूचीबद्ध किया गया है।


न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस ने पहले दलीलों पर विचार किया था। इसलिए, न्यायमूर्ति यू यू ललित ने कहा कि पीठ के समक्ष उन याचिकाओं को सूचीबद्ध करना बेहतर होगा जिनमें न्यायमूर्ति संजीव खन्ना या न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस शामिल हैं। और यह मामला मुख्य न्यायाधीश के विचार पर छोड़ दिया गया था। लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने फैसला किया कि न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ को इस मामले पर विचार करना चाहिए।


केरल उच्च न्यायालय ने 12 अक्टूबर, 2018 को फैसला सुनाया था जो वेतन के अनुसार पेंशन सुनिश्चित करता है। ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में कर्मचारी की हिस्सेदारी की गणना के आधार पर वेतन की 15,000 रुपये की सीमा तय की गई थी जिसे निरस्त कर दिया गया था। इसके साथ, कर्मचारियों के वेतन के अनुसार पेंशन की अनुमति दी गई थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल, 2019 को कर्मचारी पेंशन योजना से मासिक पेंशन पर केरल उच्च न्यायालय के फैसले को भी बरकरार रखा। इसके बाद, EPFO ​​(कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने एक समीक्षा याचिका दायर की और श्रम मंत्रालय ने एक अपील दायर की। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ।


केंद्र द्वारा दायर नई अपील में, यह बताया गया है कि 15,000 रुपये की सीमा आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को लक्षित करने के लिए निर्धारित की गई थी। अगर सीमा को रद्द करने के फैसले को लागू किया गया था, तो ईपीएस में 15,28,519.47 करोड़ रुपये की कमी होगी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद EPFO ​​को 839.76 करोड़ रुपये देने थे।