Tuesday, November 10, 2020

EPS 95 Pensioners Latest News | EPS 95 पेंशन 7500+DA बढ़ोतरी के लिए राष्ट्रीय संघर्ष समिति कानपुर मंडल की बैठक संपन्न


राष्ट्रिय संघर्ष समिति NAC की ओर से लगातार ईपीएस 95 पेंशन बढ़ोतरी के लिए किये जा रहे प्रयासों के मद्देनजर दिनाँक: 08.11.2020 दिन रविवार को, रावतपुर बस स्टेशन कानपुर में ईपीएस 95,राष्ट्रीय संघर्ष समिति कानपुर मंडल की बैठक का सफल संचालन हुआ। जिसमें मंडल के अंतर्गत आने वाले छेत्रों से काफी संख्या में ईपीएफ सेवानिवृत्त पेंशनरों ने भाग लिया और केंद्र सरकार से रुपये 7500 प्लस महंगाई भत्ते के साथ चिकित्सा सुविधा की जोरों से नारेबाजी करते हुए मांग की।


इस बीच प्रमुख समाचार पत्रों के पत्रकार व फोटोग्राफरों ने अपने प्रसिद्ध समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के लिए फ़ोटो भी खींची। 

ईपीएस 95 पेंशनधारको की पेंशनवृद्धि के लिए विशेष मांगे

  • EPFO द्वारा जारी किया गया अन्तरिम पत्र दिनांक 31/05/2017 को रद्द कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुसार वास्तविक वेतन व मंहगाई पर पेंशन दी जाए।
  • ईपीएस 95 पेंशनधारको को कम से कम 7500 /- रुपये बेसिक व मंहगाई भत्ता दिया जाए। 

  • सभी eps 95 पेंशन कर्मचारियों और उनके परिवार को फ्री मेडिकल सुविधा दी जाए। 
  • जिन सेवानिव्रत कर्मचारियों को इस स्कीम मे सामील नहीं किया गया है उन्हे योजना का सदस्य बनाया जाए या 5000/- रुपये न्यूनतम पेंशन दी जाए। 



Monday, November 9, 2020

EPS 95 Minimum Pension Hike | EPS 95 पेंशन 7500 बढ़ोतरी, महंगाई भत्ता, चिकित्सा सुविधा, और उच्चतम पेंशन भुगतान पर, श्रम मंत्रालय से आया जवाब

EPS 95 पेंशनधारक अपनी न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी  के लिए इंतजार कर रहे। देश के लगभग 65 लाख वृद्ध ईपीएस 95 पेंशनधारक के लिए महत्पूर्ण खबर निकल कर आ रही है। सभी  EPS 95 पेंशनधारको को अवगत है की पिछले दिनों मथुरा सांसद माननीय श्रीमती हेमा मालिनी जी के द्वारा एक प्रपत्र, ईपीएस 95 पेंशनधारको की न्यूनतम पेंशन वृद्धि समेत, राष्ट्रिय संघर्ष समिति के द्वारा की जा रही चार सूत्रीय मांगो का जिक्र करते हुए माननीय श्रममंत्री व प्रधानमंत्री जी के नाम पत्र लिखा गया था जिसके जवाब में श्रम मंत्रालय की ओर से एक प्रपत्र लिखकर 28 अक्टूबर को जवाब दिया गया है।

इस पत्र में EPS 95 के तहत पेंशन बढ़ोतरी पर जवाब दिया  गया है

संतोष कुमार गंगवार राज्य श्रम और रोजगार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार की ओर से 26 अक्टूबर 2020 को मथुरा हेमा मालिनी जी को उनके पत्र दिनांक 20 सितम्बर 2020 जिसमे राष्ट्रिय संघर्ष समिति के पत्र दिनांक 13 मई  2020 के अनुसार ईपीएस 95 पेंशनवृद्धि के लिए मांगो का जिक्र किया गया था उसका जवाब दिया गया है। 

इस पत्र में कहा गया है की  ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा उठाए गए मांगों के संबंध में, मैं यह याद दिलाना चाहूंगा कि मेरे मंत्रालय ने 2018 के बाद से वित्त मंत्रालय के साथ, ईपीएस 1995 के तहत न्यूनतम पेंशन में वृद्धि का मुद्दा उठाया है। 9 सितम्बर 2020 को सचिव, श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा, वित्त मंत्रालय को 19 अक्टूबर 2020 को फिर से याद दिलाया गया है।


महंगाई भत्ते के संबंध में, इस पत्र में बताया गया है कि ईपीएस 1995 के पूर्ण मूल्यांकन और समीक्षा के लिए एक उच्च अधिकार प्राप्त निगरानी समिति का गठन मेरे मंत्रालय ने 2018 में किया था, जिसने ईपीएस, 1995 के तहत महंगाई भत्ते के मुद्दों पर विचार किया था। समिति की सिफारिश के तहत ईपीएस 95 के तहत स्वीकार्य पेंशन को महंगाई भत्ते की लागत के साथ जोड़ना संभव नहीं है। महंगाई भत्ता, चिकित्सा सुविधा, उच्चतम  भुगतान 

ईपीएस, 1995 के पेंशनरों को चिकित्सा लाभ के संबंध में, मैं बताना चाहूंगा कि, ईपीएस 1995 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, ईपीएस, 1995 में चिकित्सा लाभ देने के लिए एक पायलट योजना, 1000 रुपये प्रति माह पेंशन पाने वाले और दिल्ली में रहने वाले  पेंशनभोगी के लिए चलाई जा रही है और यह मंत्रालय में परीक्षा के अधीन हैं।



वास्तविक / उच्च वेतन पर पेंशन के संशोधन का मुद्दा वर्तमान में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उप-न्याय है। माननीय न्यायालय के निर्णय के बाद इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।





Very Impoertant Information to All EPS 95 Pensioner must know fronm C S Prasad Reddy Chief Coordination South Zone NAC

EPS 95 NAC NEWS | EPS 95 MINIMUM PENSION 7500+DA | EPS PENSION HIKE


8th November 2020.


Dear friends,

Today Mr Swamy, Vice President, and Mr Kumar, of Telangana state have met Mr Banda Prakash garu, Hon. M.P Warangal, who is the member in Parliamentary Committee from Telangana state and submitted the representation and requested to help the 65 lakh EPS’95 Pensioners by proposing Rs. 7500 minimum pension +DA, Medical facilities and higher pension.


He has responded well and assured for discussing the matter in the committee meeting.

Congratulations to both of them. All pensioners are grateful to you both of you sirs for the excellent efforts. 

YOURS
C S Prasad Reddy
Chief coordinator
Southern Region
All India EPS 95 Pensioners Sangharshan samithi and National Agitation Committee





Sunday, November 8, 2020

EPS 95 HIGHER PENSION NEWS: Kerala High Court Landmark Decision Give Higher Pension to EPS 95 Pensioner Within Six Month, Order on 6 November

EPS 95 HIGHER PENSION CASE STATUS | EPS 95 HIGHER PENSION SC ORDER 


The Kerala High Court has directed to pay PF pension in accordance with salary within six months as per the previous order. The division bench including Justices A. M. Shefeeq and P Gopinath directed to implement the Kerala High Court order issued on October 12, 2018. The new order was issued after settling around 80 contempt of court cases questioning the non-implementation of the previous Kerala High Court verdict.

The Kerala High Court also clarified that the verdict will be subject to the judgments of the petition filed by the EPF and the Union Ministry of Labour in the Supreme Court. The present directive will be applicable to around 400 people who had joined as a party in the contempt of court case. Employees from Kerala Forest Development Corporation, HOC, HNL, and others have approached the court.


The Employees' Provident Fund Organisation (EPFO) was not ready to implement the court order issued in 2018. After the contempt of court case was filed, many people started receiving a pension in accordance with their salaries.

Following this, the EPFO filed a petition in the Supreme Court, which was rejected. Following this, the EPFO filed a review petition. Meanwhile, the Union Ministry of Labour also approached the SC. The EPFO then issued a circular stating that a higher pension need not be provided as the matter was under the consideration of the apex court.



Following this, the employees moved the contempt of court petition in HC. Before implementing the EPF pension, an employee used to receive Rs 1,500 to Rs 3,000 as a pension. If the pension is raised in accordance with the salary, this amount would increase considerably. However, the EPFO argued that it did not have the funds to provide such a large amount of pension.


 

Good News For EPS 95 Pensioners: केरल उच्च न्यायालय का एक और बड़ा फैसला EPS 95 पेंशनधारकों पुरे वेतन पर भुगतान करने का EPFO को दिया आदेश

EPS 95 HIGHER PENSION CASE STATUS | EPS 95 HIGHER PENSION SC ORDER


केरल उच्च न्यायालय ने पिछले आदेश के अनुसार छह महीने के भीतर वेतन के अनुसार पीएफ पेंशन का भुगतान करने का निर्देश दिया है। जस्टिस ए. एम. शेफिक और पी. गोपीनाथ सहित डिवीजन बेंच ने 12 अक्टूबर, 2018 को जारी केरल उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने का निर्देश दिया। पिछले केरल उच्च न्यायालय के फैसले को लागू नहीं करने पर सवाल उठाने वाले अदालती मामलों के लगभग 80 अवमानना ​​मामलों को निपटाने के बाद नया आदेश जारी किया गया था।


केरल उच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय में ईपीएफ और केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा दायर याचिका के निर्णयों के अधीन होगा। वर्तमान निर्देश लगभग 400 लोगों पर लागू होगा जो अदालत के मामले की अवमानना ​​में एक पक्ष के रूप में शामिल हुए थे। केरल वन विकास निगम, HOC, HNL, और अन्य के कर्मचारियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) 2018 में जारी अदालत के आदेश को लागू करने के लिए तैयार नहीं था। अदालत के अवमानना ​​का मामला दायर होने के बाद, कई लोगों को उनके वेतन के अनुसार पेंशन मिलना शुरू हुआ।


इसके बाद ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद, ईपीएफओ ने एक समीक्षा याचिका दायर की। इस बीच, केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने भी SC से संपर्क किया। ईपीएफओ ने तब एक परिपत्र जारी किया था जिसमें कहा गया था कि उच्च पेंशन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मामला शीर्ष अदालत के विचाराधीन है।


इसके बाद, कर्मचारियों ने कोर्ट की अवमानना ​​याचिका को कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया। ईपीएफ पेंशन को लागू करने से पहले, एक कर्मचारी पेंशन के रूप में 1,500 से 3,000 रुपये प्राप्त करता था। यदि पेंशन वेतन के अनुसार बढ़ा दी जाती है, तो यह राशि काफी बढ़ जाएगी। हालांकि, ईपीएफओ ने तर्क दिया कि उसके पास इतनी बड़ी मात्रा में पेंशन प्रदान करने के लिए धन नहीं था।


Very Important Message for 65 Lakh EPS 95 Pensioners from National Agitation Committee, Very Important Meeting Held for EPS 95 Penioners Pension

On 07th November, 2020, a meeting was arranged by Buldana Post Office regarding E jeevan Praman Patra. Three members of National Agitation Committee Mr J. J. Garkal, Hon. Bhanudas Narkhede and Hon. Vilas Patil had attended the meeting on behalf of NAC National President Hon. Commander Ashok Raut Sir.


Detailed message received from Post Office for all EPS Pensioners is reproduced below 

Department of Post through the India Post Payments Bank has launched the facility for Jeevan Pramaan (Digital Life Certificate) at the doorstep.


This will be a big relief for the pensioners especially in the current scenario. For the same, the pensioner can contact their beat Postman or the Delivery Post Office and request for the same. They can also download the 'Postinfo' app and register their request through the 'Service Request' section. The Postman will service their request at the doorstep through Aadhaar enabled biometric authentication.
The pensioner must keep the following things handy for the same -

  1. Type of pension
  2. Sanctioning authority 
  3. Disbursing agency
  4. PPO number
  5. Pension account number
  6. Mobile number
  7. Aadhaar number

In addition to the same, the pensioner should ensure that his/ her Aadhaar number is linked to the PPO and that the disbursing agency accepts the Jeevan Pramaan digitally.


The charges for the same will be Rs. 70 (inclusive of taxes) per Jeevan Pramaan. This year on wards, provide the Jeevan Pramaan through the safety of your home in a hassle free manner!

Click here to know step by step to avail Jeevan Pramaan from your home submission facility.

 


EPS 95 Pension Rs. 5000 Hike | What were Decision in 3rd & 4 rt November Parliamentary Committee Meeting on EPS 95 Pension Hike?

As 65 lakh EPS 95 Pensioners aware, In Many newspapers news were published about the minimum pension of Rs.5000 has been approve by the parliamentary committee in the meeting. The parliamentary committee has discussed the minimum pension issue in the meeting of 3rd & 4th November and finalized the pension hike for EPS 95 Pensioners. Because of this news, every old age EPS 95 pensioner becomes happy.


But after that news, no official statement has come from the properly authorized person or an authorized representative of the said  EPS 95 pension issue. Sometimes EPS 95 Pensioners have doubt that the government forming such type of committee for the show-off. If the government seriously feels about the pensioner especially the BJP government instead of showing the only dream every time. They must remember the time of before the parliament election.

Before the 2014 parliamentary Election, the BJP has promised that if we come to power within 90 days we will implement the Bhagat Singh Koshiyari committee Report and will give a minimum pension of Rs.5000 with DA. They should stand with their commitment which they have given before the parliamentary Election.and do not pass the time.


If EPS 95 Pensioner remember the BJP in the year 2012 /2013 for the minimum pension issue  Hon. Prakash Javdekar files the petition in Rajya sabha and because of that petition  Dr. Manmohan Sing government has appointed the committee under the Chairperson of Hon. Bhagat Sing Koshiyari and committee has recommended Rs.3000 with Dearness Allowance with the solution for the funding for the EPS 95 and submitted it's reported to Rajya sabha. After that, the BJP government has come to power therefore  BJP government should fulfill the commitment instead of passing the time and irritating the pensioner.


EPS 95 Pensioners said once again request to realize the condition of pensioners who is in a helpless situation today. The cost of living has increased steeply and become very difficult to live. Therefore government should take an urgent decision on this issue before its too late.



EPS 95 PENSION HIKE NEWS | 3 और 4 नवंबर की बैठक में न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी के फैसला क्या हुआ?

सभी EPS  95 पेंशनर्स को अवगत है की, कई समाचार पत्र में न्यूनतम पेंशन रु. 5000 के बारे में समाचार प्रकाशित किये गए थे। संसदीय समिति ने 3 और 4 नवंबर की बैठक में न्यूनतम पेंशन मुद्दे पर चर्चा करेगी और पेंशन बढ़ोतरी को अंतिम रूप दिया जायेगा। इस खबर की वजह से हर वृद्ध पेंशनर खुश था।

लेकिन उस समाचार के बाद, ठीक से अधिकृत व्यक्ति या उक्त ईपीएस 95 पेंशन मुद्दे के अधिकृत प्रतिनिधि की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कभी-कभी हमें संदेह होता है कि सरकार दिखावे के लिए इस प्रकार की समिति बना रही है या समय गुजरने के उद्देश्य से। अगर सरकार हर बार एकमात्र सपना पेंशनधारको  को दिखाने के बजाय, खासकर भाजपा सरकार इसके बारे में गंभीरता से महसूस करती है। उन्हें संसद चुनाव से पहले का समय याद रखना चाहिए।

2014 के संसदीय चुनाव से पहले, भाजपा ने वादा किया है कि अगर हम 90 दिनों के भीतर सत्ता में आते हैं, तो हम भगत सिंह कोशियारी समिति की रिपोर्ट को लागू करेंगे और डीए के साथ 5000 रुपये की न्यूनतम पेंशन देंगे। उन्हें अपनी प्रतिबद्धता के साथ खड़ा होना चाहिए जो उन्होंने संसदीय चुनाव से पहले दिया है।


अगर हम न्यूनतम पेंशन जारी करने वाले माननीय के लिए वर्ष 2012/2013 में भाजपा को याद करते हैं। प्रकाश जावड़ेकरजी ने राज्यसभा में याचिका दायर की और उस याचिका के कारण डॉ. मनमोहन सिंग सरकार ने चेयरपर्सन ऑफ ऑनर के तहत समिति की नियुक्ति की। भगत सिंग कोशियारी और समिति ने ईपीएस 95 के लिए धन के समाधान के साथ महंगाई भत्ते के साथ रु. 3000 की सिफारिश की है और इसे राज्यसभा को सूचित किया है। उसके बाद, भाजपा सरकार सत्ता में आई है इसलिए भाजपा सरकार को समय बीतने और पेंशनभोगी को परेशान करने के बजाय प्रतिबद्धता को पूरा करना चाहिए।


हम एक बार फिर से उन पेंशनभोगियों की स्थिति का एहसास करने का अनुरोध करते हैं जो आज असहाय स्थिति में हैं। जीने की लागत बहुत बढ़ गई है और जीना मुश्किल हो गया है। इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर बहुत देर से पहले एक तत्काल निर्णय लेना चाहिए। 


 

Saturday, November 7, 2020

Supreme Court Latest Order: Very Good Judgement of the favour of Retired Employee Deliverd on 5 November

On 05.11.2020, the Supreme Court delivered a significant Judgment for retired employees. The Supreme Court held that a retired employee can file Writ Petition, against the order of stopping pension, in the territorial Jurisdiction of that High Court, where he is residing or receiving pension. The place of the pension authority is not the sole place, to determine territorial Jurisdiction in such matters.

A 3-judge bench held that part of the cause of action for filing writ arises at the place where the pensioner is residing and drawing the pension.


  • Case Details
  • Title: Shanti Devi Alias Shanti Mishra v Union of India and others
  • Case No.: Civil Appeal 3630 of 2020
  • Bench: Hon’ble Justice Ashok Bhushan, Hon’ble Justice R Subhash Reddy and Hon’ble Justice M R Shah
  • Date of Judgment: 05.11.2020
CLICK HERE TO DOWNLOAD JUDGEMENT COPY

Brief Things:

Late B.N. Mishra was an employee of Coal India Ltd. All of sudden after 8 years, Coal India, Stopped the payment of pension. In 2013 Coal India stated that the reason for stoppage is not opting the Family Pension Scheme of 1998. Late Mr Mishra was also directed by the Coal India to refund the pension amount he received, which was about 8 lac Rupees, Late Mr Mishra challenged the order before the Patna High Court. The High Court dismissed the writ petition on the ground of territorial Jurisdiction.
The High Court held that the High Court of Jharkhand shall have the Jurisdiction, as the Pension Authority was situated within the territorial Jurisdiction of that High Court. Sadly, during the pendency of the Writ Petition, Mr Mishra died and his wife, Shanti Mishra was substituted in his place.


Views of the Supreme Court

The Supreme Court disagreed with the view of the Patna High Court. The Court observed that the pensioner was receiving the pension at his residence in Darbhanga Bihar. Therefore in view of Article 226(2) of the Constitution, if a part of the cause of action arises at a place, then writ petition can be maintain before the High Court having Jurisdiction at such place.

Hon’ble Judges observed that since the pensioner was receiving pension at his native place, therefore the stoppage of the pension has given him the cause of action, at that place too. The Supreme Court held that the dismissal of Writ Petition on the ground of lack of territorial Jurisdiction is absolutely erroneous and caused great hardship to the Petitioner.


The Supreme Court held that for a retired person, it is convenient to file a case from the place, where he was getting the pension. Further, the Supreme Court referred to the Judgment of Kusum Ingots & Alloys Ltd. Vs. Union of India and Anr., (2004) 6 SCC 254 and Nawal Kishore Sharma Vs. Union of India and Ors., (2014) 9 SCC 329

Final Order Of Supreme Court:

The Supreme Court has allowed the appeal and remanded the matter back to the High Court. Considering the fact that the substituted Appellant is the widow of the pensioner and there is no other source to maintain, the Court has directed for payment of provisional pension.