Sunday, October 4, 2020

EPS 95 PENSION HIKE NEWS | Former Secretary to the Central Government Dr. EAS Sarma Demands EPS 95 Pension Hike to Finance Minister Nirmala Sitaraman

EPS 95 PENSION HIKE NEWS | EPS 95 MINIMUM PENSION HIKE 7500 NEWS | EPS 95 HIGHER PENSION NEWS


केंद्र सरकार के पूर्व सचिव EAS Sarma ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से ईपीएस 95 के तहत पारिवारिक पेंशन राशि बढ़ाने का तत्काल निर्णय लेने का आग्रह किया है।

मंगलवार 22 सितंबर 2020 को यहां एक पत्र में उन्होंने कहा कि, Covid19 संकट के समय में आज ईपीएस -95 के तहत 60 लाख पेंशनधारक असहाय स्थिति में प्रतीत होने वाले लोगों में से एक है ईपीएस -95 को भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा प्रबंधित किया जाता है।

“इसमें से 40 लाख प्रति माह 1,500 रुपये से कम और कई ईपीएस 95 पेंशनधारकों को 1,000 रुपये प्रति माह से कम पेंशन मिल रहे हैं। मैं समझता हूं कि 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन पांच साल से अधिक समय से स्थिर है, हालांकि जीवन यापन की लागत में भारी बढ़ोतरी हुई है। यह वह खंड है जो बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में है। जिस स्थिति में वे आज खुद को पाते हैं वह वास्तव में दयनीय है, इस योजना के वित्तपोषण की समीक्षा और पेंशनरों को न्यूनतम अधिकार देने की आवश्यकता है जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने के अधिकार के अनुरूप है। 

ईपीएस -95 आंशिक रूप से कर्मचारियों के योगदान पर आधारित है। इसलिए, 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन का एक बड़ा हिस्सा वास्तव में पेंशनभोगी-कर्मचारी द्वारा स्वयं / स्वयं द्वारा किये गए अंशदान पर आधारित है। इस हद तक, यह एक बचत योजना है। कर्मचारी ने क्या योगदान दिया है और सेवानिवृत्ति पर कर्मचारी को गरिमा में रहने के लिए क्या मिलना चाहिए, इसके बीच अंतर नियोक्ता और सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा के उपाय के रूप में वित्त पोषित होना चाहिए। कुछ अर्थशास्त्रियों को लगता है कि पेंशन न्यूनतम मजदूरी का कम से कम आधा होना चाहिए। जो भी सिद्धांत है, पेंशन की राशि को पेंशनभोगी को एक गरिमापूर्ण जीवन जीने में सक्षम होना चाहिए। 


“इस विषय पर कई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और कम से कम एक संसदीय समिति की रिपोर्ट आ चुकी है। वास्तव में, 3 सितंबर 2013 की अपनी 147 वीं रिपोर्ट में याचिकाओं पर राज्यसभा की समिति ने श्री प्रकाश जावड़ेकर (वर्तमान में एक केंद्रीय मंत्री) द्वारा दायर याचिका पर विचार किया, तब राज्यसभा के एक सदस्य ने ईपीएस -95 में संशोधन की मांग की और सिफारिश की है कि न्यूनतम पेंशन 3,000 रुपये प्रति माह तक बढ़ाई जानी चाहिए और जीवनयापन की लागत को अनुक्रमित किया जाना चाहिए। यहां तक ​​कि इसके आधार पर, सरकार को सितंबर, 2013 के बाद से रहने की लागत में वृद्धि के साथ 3,000 रुपये का समायोजन करके पेंशन में वृद्धि करनी चाहिए और उसके बाद उस समिति द्वारा अनुशंसित दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए, यह डॉ. सरमा ने कहा है।


न्यूनतम वेतन स्तर और अन्य जीवन यापन संबंधी तर्कों से जुड़ी पेंशन के आधार पर, ट्रेड यूनियनों ने बढ़ती लागत को कम से काम 6,500 रुपये की न्यूनतम पेंशन करने की मांग की कर रहे है। साथ ही ईपीएस 95 पेंशनधारकों के लिए ईएसआई के तहत स्वास्थ्य सुविधा भी देनी चाहिए ऐसा उन्होंने याद किया।

शायद, उस मांग पर विचार करने के लिए एक मजबूत मामला था क्योंकि यह वृद्ध पेंशनभोगियों को एक सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए है। “किसी भी मामले में, यह एक ऐसा मामला है जिस पर सरकार अपने निर्णय को विलंबित नहीं कर सकती है। मुझे आशा है कि आपका मंत्रालय, केंद्रीय श्रम मंत्रालय के परामर्श से, ऊपर बताए अनुसार न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने के लिए एक तत्काल निर्णय लेता है।


 


EPS 95 PENSION NEWS | अंतरास्ट्रीय पेंशनधारक दिवस के मौके पर EPS 95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन 7500 बढ़ोतरी के लिए बैठक संपन्न।

जैसा की सभी EPS 95 पेंशनधारकों को अवगत है की राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी  के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा EPS 95 पेन्शनर्स को न्यूनतम पेंशन 7500 समेत महंगाई भत्ते जोड़े जाने के साथ, चिकित्सा सुविधा, मा. उच्चतम न्यायलय के आदेशानुसार उच्च्चतम वेतन पर पेंशन के भुगतान की मांगे की जा रही है। इसी मांगो को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए राष्ट्रिय संघर्ष समिति बरेली की ओर से एक प्रेस नोट जारी करते हुए बताया गया है की 1 अक्टुम्बर 2020 को “अंतरास्ट्रीय पेंशनधारक दिवस” के मौके पर और महात्मा गाँधी जयंती की पूर्व संध्या पर ईपीएस 95 राष्ट्रिय संघर्ष समिति बरेली की एक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता, सुधीर उपाध्याय, जिला अध्यक्ष राष्ट्रिय संघर्ष समिति बरेली इनके द्वारा की गई।


इस बैठक में ईपीएस EPS 95 पेंशनधारकों की प्रमुख मांगो के बारे में लोगो को जागरूक किया गया और सभा के मुख्य अतिथि कैलाश किशोर चतुर्वेदी प्रांतीय समन्यवयक ने जोरदार तरीके से पेंशनर्स की मांगो को दोहराते हुए सरकार से इन्हे जल्द पूरा करने की अपील की है। 

EPS 95 पेंशनधारकों की प्रमुख मांगे 

  1. EPS 95 पेंशनधारकों को कम से कम 7500 /- रुपये बेसिक व मंहगाई भत्ता दिया जाए। 
  2. EPFO द्वारा जारी किया गया अन्तरिम पत्र दिनांक 31/05/2017 को रद्द कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के अनुसार वास्तविक वेतन व मंहगाई पर पेंशन दी जाए। 
  3. सभी EPS 95 पेंशनधारकों को और उनके परिवार को फ्री चिकित्सा सुविधा दी जाए। 
  4. जिन सेवानिव्रत कर्मचारियों को इस स्कीम मे सामील नहीं किया गया है उन्हे योजना का सदस्य बनाया जाए या 5000/- रुपये न्यूनतम पेंशन दी जाए। 


1 अक्टुम्बर 2020 को “अंतरास्ट्रीय पेंशनधारक दिवस” के मौके पर हुई इस बैठक में श्री चतुर्वेदी ने आगे कहा की पेंशनर्स की ओर से अपनी मांगो के लिए 15 जुलाई 2019 को EPFO बरेली पर धरना प्रदर्शन कर High Empored Monitoring Committee की रिपोर्ट और EPFO का अंतरिम पत्र दिनांक 31 मई 2017 की होली जलाकर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त को ज्ञापन सौप चुके है।

आगे उनके द्वारा बताया गया इसके अलावा केंद्रीय श्रम मंत्री जी से मिलकर कई बार ज्ञापन दिया है। इसके साथ मथुरा सांसद श्रीमती हेमा मालिनी जी ने भी प्रधानमंत्री जी से मुलाकात कर पेंशन वृद्धि की मांग की और साथ ही इस सम्बन्ध में अलग से दो बार पत्र भी लिख चुकी है। एनएसी की ओर से इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति और श्रम मंत्री जी को कई बार पत्र लिखे जा चुके है।


बैठक में EPS 95 पेंशनधारकोंस की अन्य सभी समस्याओ पर विस्तार से चर्चा भी की गई, सभी महानुभाओ ने अपने अपने विचार प्रकट किये और EPS 95 पेंशनधारकों का बुलढाणा में चल रहे 647 दिनों के क्रमिक आसन के बारे में भी बात करते हुए सरकार से गुजारिस की है की जल्द से जल्द EPS 95 पेंशनधारकों की मांगो को मंजूर किया जाये।

EPS 95 Pension News : देश के 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए काम की खबर, बेसिक पेंशन 7500 को लेकर हो सकता है फैसला

EPS 95 MINIMUM PENSION 7500 HIKE NEWS | EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPS 95 

Pension News : देश के 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए यह एक अच्‍छी खबर है। जल्‍द ही इनकी बेसिक पेंशन की राशि में इजाफा हो सकता है। सरकार इस संबंध में निर्णय कर सकती है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन यानी EPFO इसे लेकर व्‍यवस्‍था बना सकता है। असल में, भाजपा ने श्रम मंत्रालय को इस आशय का एक प्रस्‍ताव भेजा है। इसमें कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में मासिक पेंशन राशि बढ़ाने और अन्‍य सुविधाओं का लाभ 65 लाख से अधिक पेशनधारकों को दिलाए जाने की मांग की गई है। 

EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) के अनुसार पेंशनभोगी महंगाई भत्ते (DA) के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं (Health Service) देने की मांग लंबे समय से की जा रही है। EPS 95 एनएसी के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (सेवानिवृत्‍त) का कहना है कि 30 वर्ष तक काम करने और पेंशन फंड में योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के तौर पर केवल 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं।



आपको बता दें कि EPS-95 एक प्रकार की कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPS) की कर्मचारी पेंशन योजना का नाम है। EPS (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (बेसिक और महंगाई भत्ता) का 12 फीसदी अंश भविष्य निधि (Provident fund) में जमा कराया जाता है। दूसरी तरफ कंपनी, नियोक्‍ता से भी 12 प्रतिशत का अंशदान लेकर 8.33 प्रतिशत EPS में जमा कराया जाता है। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने हाल ही में एक पत्र श्रम मंत्री संतोष गंगवार को लिखकर बुजुर्ग पेंशनरों की मांग पर ध्‍यान देने की अपील की है।


यहां कर्मचारियों के लिए प्रयास EPS 95 पेंशन योजना की शुरुआत

प्राइवेट सेक्टर में कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रयास पेंशन योजना की शुरुआत बुधवार को क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय में क्षेत्रीय आयुक्त उपेंद्र प्रताप सिंह व पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल ने की। इस योजना में अब जो भी कर्मचारी जिस भी दिन रिटायर होगा, उसकी पेंशन उसी दिन से तैयार हो जाएगी और महीने की एक तारीख को उसके खाते में पेंशन की राशि आ जाएगी। इस व्यवस्था को कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ा बदलाव माना जा रहा है क्योंकि आमतौर पर सरकारी या निजी कर्मचारी को रिटायर होने के बाद व्यवस्थित पेंशन पाने में महीनों लग जाते हैं। कागजी कार्यवाही लंबे समय तक चलती है और पेचीदा कवायद के बाद पेंशन का क्रम बन पाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब कर्मचारी को तुरंत इसका लाभ मिलेगा। इसके तहत जो कर्मचारी 30 सितंबर को रिटायर हुए उनके खाते में एक अक्टूबर को राशि भेजने के लिए प्रबंध कर दिया गया।

सांकेतिक फोटो, फोटो सोर्स NAC

 

Saturday, October 3, 2020

Review Petition | Practice and Procedure being followed by the Supreme Court of India for EPS 95 Pensioners

EPS 95 PENSIONERS HIGHER PENSION CASE STATUS IN SC | EPS 95 HIGHER PENSION NEWS


The Handbook on Practice and Procedure being followed by the Supreme Court of India for the information of my pensioner friends. Some relevant extracts from the same are also being shared hereunder. 

SLP no. 8658-8659 of 2019 had been dismissed on 01.04.2019. As per the status on SC website, Review Petition no. 1430-1431 of 2019 had been filed by EPFO on 30.04.2019 (04:54 PM) but was registered on 04.06.2019


Page 29: Review Petition 

A petition under Article 137 of the Constitution read with Order XLVII of the Rules shall be registered as a Review Petition. It may be either civil or criminal.

Page 35: V. Review Petition 

(i)(a) An application for review under Order XLVII of the Rules read with Article 137 of the Constitution and shall, as far as practicable, be circulated to the same Judge or Bench of Judges that delivered the judgment or order sought to be reviewed: Provided that in case of non-availability of a Judge or Judges of the Bench, by reason of retirement or otherwise, an application for review shall be heard by a Judge or Bench of Judges, as may be ordered by the Chief Justice. 


(b) Unless otherwise ordered by the Court, an application for review shall be disposed of by circulation without any oral arguments. In the case of Mohd. Arif @ Ashfaq vs. The Registrar, Supreme Court of India & Others in 2014 9 SCC 737, the Supreme Court held that :- “........in review petitions arising out of those cases where the death penalty is awarded, it would be necessary to accord oral hearing in the open court......”

(c) Where an application for review of any judgment and order has been made and disposed of, no further application for review shall be entertained in the same matter. 

(ii) (a) An application seeking a review, clarification or modification of an award, passed by a Bench of Lok Adalat, shall be placed before the same Bench at any subsequent Lok Adalat for consideration.


(b) Where any of the members comprising such Bench is/are not available, the application shall be placed before the Chief Justice for constitution of a Bench of Lok Adalat for consideration. 

(c) In case settlement, by consent, is not arrived at on the application for review, clarification or modification before the Lok Adalat, the same shall be placed, as per roster, before the Division Bench or as ordered by the Chief Justice.

Page 74: Review Petition 

An application for review under Article 137 of the Constitution read with Order XLVII of the Rules shall be filed on the grounds mentioned in Order XLVII Rule 1 of the Code, namely, discovery of new and important matter or evidence which, after exercise of due diligence was not within the knowledge or could not be produced by the petitioner at the time when the decree was passed or order made, or on account of some mistake or error apparent on the face of the record, or for any other sufficient reason. It shall be accompanied by -- (i) a certified copy or authenticated copy of the order or judgment sought to be reviewed; and (ii) a certificate of the advocate on-record certifying that it is the first application for review and is based on the grounds admissible under 66 the Rules.


Page 106-109: CHAPTER XII - LIMITATION - Nature of the Case Period of limitation Nature of the Case: Review Petition Period of limitation: 30 days from the date of order sought to be reviewed. 

[Where any particular number of days is prescribed by the Rules, or is fixed by an order of the Court, in computing the same, the day from which the said period is to be reckoned shall be excluded, and, if the last day expires on a day when the Court is closed, that day and any succeeding days on which the Court remains closed shall also be excluded.]

Page 114: Coram

In a review petition, the coram of the Bench, which passed the order sought to be reviewed shall be updated in the computer. The case shall be listed before the Bench, which issued notice. On retirement of one of the Judges, the case shall be listed before the Judge constituting the second/third coram. In case of retirement of both/all the Judges constituting coram, the case shall be listed as per subject category through computer allocation.

CLICK HERE TO DOWNLOAD: Handbook on Practice and Procedure being followed by the Supreme Court of India 



Friday, October 2, 2020

EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPS 95 पेंशनधारकों की हायर पेंशन है खतरे में, रोकी जा सकती है हायर पेंशने, EPS 95 पेंशनधारकों की होष उडाने वाली खबर

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्तों को चेतावनी दी है कि वे उच्च पेंशन के दावों के लिए सहमत न हों और बाद में अदालत में समान दावों को चुनौती दें। इसने अपने क्षेत्र और क्षेत्रीय कार्यालयों को उच्च पेंशन के लिए सभी दावों की सावधानी पूर्वक जांच करने के लिए कहा है, साथ ही संबंधित उच्च न्यायालयों के समक्ष ईपीएफओ सदस्यों द्वारा दायर याचिकाओ को भी प्रभावी रूप से बचाव करने के लिए भी कहा गया है।

नवीनतम EPFO ​​आदेश का पालन करने में विफलता होती है तो क्षेत्रीय पीएफ आयुक्तों के खिलाफ "उचित प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी ऐसा भी इस आदेश में कहा गया है। अतिरिक्त क्षेत्रीय आयुक्त जगमोहन ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को एक परिपत्र में कहा, "ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जहां फील्ड ऑफिसों ने पहली बार उच्च पेंशन के लिए याचिकाकर्ताओं की पात्रता की पुष्टि की है और बाद में इसे अदालतों में लड़ा है।" 

“यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि एक बार कानूनी अधिकार की पुष्टि हो जाने के बाद, बाद में इसका मुकाबला करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए यह निर्देशित किया जाता है कि इस तरह के किसी भी बयान या पुष्टि के मुद्दे से सख्ती से बचा जाना चाहिए। जब भी इस तरह के बयान का मुद्दा एक कानूनी आवश्यकता है, तो इसे क्षेत्रीय क्षेत्रीय केंद्रीय अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के साथ जारी किया जाएगा"।

EPFO द्वारा जारी किये गए आदेश को देखने के लिए यहाँ दबाए (CLICK करे)


सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा उठाए गए दावों से संबंधित नवीनतम निर्देश जो महसूस करते हैं कि वे 2001 में पेश किए गए 6,500 रुपये प्रति माह की सीमा के बावजूद पेंशन में अपने वास्तविक वेतन का 8.33% हकदार हैं। कई पेंशनभोगियों ने ईपीएफओ द्वारा किए गए भुगतान को चुनौती दी है और उच्च पेंशन की मांग के लिए रिट याचिका भी दायर की।

“उच्च पेंशन के दावों की सावधानीपूर्वक जांच की जानी चाहिए साथ ही इस तरह की रिट याचिकाओं का प्रभावी ढंग से बचाव किया जाना चाहिए। ईपीएफओ के परिपत्र में कहा गया है कि इन मामलों को व्यक्तिगत निगरानी में पूरी गंभीरता के साथ बचाव किया जाना चाहिए।

क्षेत्रीय और क्षेत्रीय पीएफ आयुक्तों को प्रतिकूल निर्णय के मामले में ईपीएफओ मुख्यालय को तुरंत सूचित करने के लिए कहा गया है।


“उपरोक्त प्रभाव के निर्देशों का अनुपालन व्यक्तिगत रूप से क्षेत्रीय अतिरिक्त केंद्रीय आयुक्तों और क्षेत्रीय पीएफ आयुक्तों द्वारा निगरानी की जाएगी। कोई भी विचलन उनके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगा और उचित प्रशासनिक कार्रवाई को आमंत्रित करेगा,” ऐसा अतिरिक्त क्षेत्रीय आयुक्त जगमोहनजी ने कहा है।

ईपीएफओ के सभी फील्ड और क्षेत्रीय कार्यालयों को एक महीने के भीतर अनुपालन रिपोर्ट देने को भी निर्देश में कहा गया है।

EPFO के इस आदेश की वजह से जिन ईपीएस 95 पेंशनधारकों को हायर पेंशन का भुगतान काया जा रहा है उनके भी हायर पेंशन दावों की समीक्षा दोबारा की जा सकती है और अगर उसमे कूच विसंगति पायी जाती है तो पेंशन दवा रद्द कर हायर पेंशन को रोका जा सकता है। 

साथ नवीतम उच्च्चतम पेंशन दावों के लिए भी सहमत न होंने के लिए इस आदेश में कहा गया है भले उच्च्चतम पेंशन के दावे कोर्ट के आदेश के साथ हो। इसकी वजह से ईपीएस 95 पेंशनधारकों को  मिलने वाली उच्च्चतम पेंशन खतरे  है। साथ नवीतम उच्च्चतम पेंशन दावे दाखिल करने वाले पेंशनधारकों को भी मुश्किल का सामना करना पद सकता। 


EPFO द्वारा जारी किये गए आदेश को देखने के लिए यहाँ दबाए (CLICK करे)

यह भी पढ़े: EPFO ISSUE INSTRUCTION ON DEALING WITH MATTERS OF HIGHER PENSION

 
SOURCE  TOI ENGLISH NEWS  इस खबर की सत्यता आप आपके स्तर पर जरूर जाँच ले। इसकी सत्यता की दावा नहीं करते 

Thursday, October 1, 2020

EPS 95 Pension Hike News Today : राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. कमांडर अशोक राउतजी ने मा. श्रम मंत्रीजी के साथ EPS 95 पेंशन बढोतरी पर की बातचीत कहा गेजेट नोटिफिकेशन जारी करे

देश के 65 लाख EPS 95 पेन्शनर्स की मांगे मंजूर करवाने के लिए राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा EPS 95 पेन्शनर्स को न्यनतम पेंशन 7500 समेत महंगाई भत्ते जोड़े जाने के साथ, चिकित्सा सुविधा, मा. उच्चतम न्यायलय के आदेशानुसार उच्च्चतम वेतन पर पेंशन के भुगतान की मांगे की जा रही है। इसी मांगो को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. कमांडर अशोक राउतजी ने मा. श्रम मंत्री जी के साथ दिनांक 30.9.2020 को बातचीत की है।

इस बातचीत में EPS 95 पेन्शनर्स की मांगो को मंजूर करने हेतु CBT की स्पेशल मीटिंग तुरंत बुलाई जाये ऐसा भी राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. कमांडर अशोक राउतजी ने मा. श्रम मंत्री जी से कहा और इस सन्दर्भ में गेजेट नोटिफिकेशन जारी करने हेतु मा. श्रममंत्री जी से किया निवेदन।


इस बातचीत का समाचार विस्तार से पढ़िए।

NAC के प्रमुख कमांडर अशोक राऊत ने दिनांक 30.9.2020 मा. श्रममंत्री महोदय श्री संतोषकुमार गंगवार जी से EPS 95 पेन्शन धारकों की मांगो के सदर्भ में फोन पर बातचीत की और मंत्री महोदय से पेन्शन धारकों की मांगो को विना विलंब मंजूर करने हेतु निवेदन किया है।

इस बातचीत के तुरंत बाद इसी संदर्भ में NAC चीफ द्वारा मा. श्रममंत्री जी को एक पत्र लिखा गया है और  पत्र की प्रतीलीपी मा. प्रधानमंत्री जी, मा. वित्तमंत्री जी, मा. राज्य मंत्री , प्रधानमंत्री कार्यालय, मा. श्रीमती हेमा मालिनी जी, संसद सदस्य, मथुरा सभी सन्माननीय CBT सदस्य व मा. CPFC को भेज दी गई है। 


इस पत्र में मा. प्रधानमंत्री के साथ 4 मार्च 2020 हुई बैठक, मा. श्रीमती हेमा मालिनी जी द्वारा लिखे गये दो पत्र और   NAC के पत्र दिनांक 13.5.2020 का संदर्भ दिया गया है.

पत्र में EPS 95 पेन्शन धारकों की परिस्थिति का उल्लेख करते हुये लिखा गया है कि वृद्धावस्था, कम पेन्शन व किसी भी प्रकार की मेडिकल सुविधा न होने के कारण पेन्शन धारक संसार से बिदा होते जा रहे हैं।

पत्र के अंत में लिखा गया है पेन्शन धारकों की दयनीय आर्थिक स्थिति, मृत्यु दर में वृद्धि व लगभग रु.5 लाख करोड की पेन्शन में उपलब्धता को देखते हूये CBT की विशेष मीटिंग पेन्शनधारकों की मांगो को मंजूर करने हेतु आयोजित की जाये और गेजेट नोटीफिकेशन तुरंत जारी किया जाये। 


EPS 95 पेंशनधारकों की मांगे विस्तार से (DEMANDS OF EPS 95 PENSIONERS)

I) भगत सिंह कोश्यारी कमिटी द्वारा 2013 में प्रस्तावित ₹3000 एवं महंगाई उस पर महंगाई भत्ता के आधार पर न्यूनतम ₹7500 प्रति माह पेंशन एवं उस पर महंगाई भत्ता दीया जावे।

II) 31 मई 2017 की अनधिकृत अंतरिम अनुशंसा को निरस्त कर आयुक्त केंद्रीय भविष्य निधि संगठन के दिनांक 23 मार्च 2017 के अनुसार बढ़ी हुई दरों से पेंशन जारी की जावे।

III) समस्त ईपीएस 95 पेंशनरों को मुक्त चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जावे।

IV)अज्ञानतवश जिन कर्मचारियों ने ईपीएस 95 पेंशन के सदस्य नहीं बन पाए उन्हें सदस्य बनाया जावे एवं तब तक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए ₹5000 प्रतिमाह पेंशन के रूप में दिया जावे।

CIDEO




 

 

 


Good News For EPS 95 Pensioners | National Agitation Committee: Special meeting of CBT be convened immediately to approve the demands of EPS 95 pensioners.

MORE EPS 95 PENSION NEWS | EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPS 95 PENSION HIKE 

National Agitation Committee: -

Dt. 1st October 2020 

NAC Chief Commander Ashok Raut had a telephonic conversation with the Labour Minister on 30.9.2020. He demanded the following.....

Special meeting of CBT be convened immediately to approve the demands of EPS 95 pensioners. Gazette notifications may kindly be issued by the labour ministry to that effect .


News in Detail: - Dtd.30.9.2020, The NAC Chief Commander Ashok Raut had a telephonic conversation with Hon.Santosh Kumar Gangwar Ji, the Labour Minister regarding urgent demands of EPS 95 pensioners and requested the Hon Minister to grant the pension holders' demands without any further delay.

After the conversation, the NAC Chief in the same context has written a Letter to the Hon.Labour Minister with a copy to the Hon. Prime Minister, Hon.Finance Minister, Hon.Minister of State, Prime Minister's Office, Hon.Smt. Hema Malini ji, Member of Parliament, Mathura and all Honorable CBT Members and Hon. CPFC.


In this letter, the references of Meeting with the Hon.Prime Minister, two letters written by Hon.Smt. Hema Malini ji and the NAC's letter dated 13.5.2020 are specifically mentioned in the reference. 

In the letter, while depicting the situation of EPS 95 pension holders, it has been written that .....

"Due to an old age, meagre pension and nonavailability of any kind of medical facility, the pensioners are leaving the world everyday in large numbers.


In view of the pathetic economic condition of pensioners,, increase in the prevailing death rate of EPS 95 Pensioners and availability of the generous pension fund ie at about Rs.5 lakh crore, the special CBT meeting for resolving EPS 95 Pensioners demands shall be called urgently and a Gazette notification for fulfilling the NAC demands be issued immediately.


Letter
 


EPFO Should Stop Foul Play : Matter of 65 Lakh EPS 95 Pensioners/PF pensioners | Allow Higher Pension to EPS 95 Pensioner

Editorial – Mathrubhumi – September 28, 2020

Malayalam to English translation for EPS 95 Pensioners Information

Do not steal from the porridge bowl of pensioners in the evening of life. The Kerala High Court judgment of October 12, 2018 upheld by the Supreme Court will be fully implemented.....

Pension is a deferred payment and is a legitimate right of the working class. This has been emphasized by highest judiciary in the country and communicated to the government several times in the past. The Supreme Court has also severely criticized the Govt several times for their approach in scuttling the Pension Scheme implemented with contributions from the workers. In spite of that the Labor Ministry and the EPF Organization continues with their effort to deny the Pensioners benefits to the workers.


It is more than 10 years the affected have been fighting court cases for their just rights .The majority of them do not even get Rs 1000/-monthly pension. The PF Pension in many cases is less than the welfare Pension offered by State Govt in many places .The EPFO /Labor Ministry is trying to deny justice that has been given by Judiciary.

Vide judgment dated 12th October 1018 , The Kerala High Court Division Bench has declared that EPF contributing workers are entitled to Pension proportionate to their contribution and the 2014 amendment of EPFO curtailing their right is unlawful. The EPFO amendment of 1st September 2014 was limiting the max. salary at Rs 15000/-pm and denied further option for the workers in this regard. This amendment was brought in the context of several of the High court judgments have pointed out that such restriction on Cutoff date and also pension for a part of the salary is unfair.


In the context of EPFO refusing to implement the High Court orders the beneficiaries have approached the Court with Contempt petitions. In several cases the Court has given orders to pay higher pension with arrears .Though the High Court orders are applicable for the entire country, EPFO adopted a strange procedure of conceding the benefits to only such persons who preferred a contempt Petition.

Now they have stopped even that- going back to the old arguments they are denying the benefits. EPFO is insisting that those who have not made any option while in Service and did not make matching contributions cannot be given any option now. Their stand is that until the review Petition is decided only the old norms will prevail. Instructions have been passed on that those who have gone for contempt petition also need be given any increased benefit.


By this life has been made miserable for millions of PF members and retired employees The Central Govt. authorities must remember that a scheme that has been brought in for the welfare of the working class should not make the situation worse as pointed out by the Supreme Court earlier miserable. The authorities should not attempt to loot the pensioners at the fag end of their life. The Prime Minister should intervene personally to ensure that the Kerala high court judgement of 12th Oct 2018, okayed by Supreme Court, is implemented in totality.



 

65 लाख EPS 95 पेंशनरों को मिल सकता है त्‍योहारी गिफ्ट, लेबर मिनिस्‍टर के पास पहुंची सिफारिश

65 लाख पेंशनरों को अच्‍छी खबर मिल सकती है. अगर लेबर मिनिस्‍ट्री ने BJP MP के इस प्रस्‍ताव को मान लिया तो बेसिक पेंशन में बढ़ोतरी हो सकती है. दरअसल, लोकसभा सदस्य हेमा मालिनी (Hema malini) ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में मासिक पेंशन बढ़ाने और दूसरी सुविधाओं का लाभ 65 लाख से अधिक पेशनधारकों को दिलाने की मांग को लेकर श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा है. 
EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) के मुताबिक पेंशनभोगी महंगाई भत्ते (DA) के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं (Health Service) देने समेत अन्य मांग कर रहे हैं. 

बयान के मुताबिक BJP सांसद हेमा मालिनी ने लिखा है-रिटायरमेंट के बाद EPS-95 के पेंशन धारकों को बहुत मामूली पेंशन मिल रही है. इतनी महंगाई में इतने कम पैसे में गुजारा काफी मुश्किल है. 


EPS-95 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPS) की कर्मचारी पेंशन योजना है. EPS (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (बेसिक और महंगाई भत्ता) का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि (Provident fund) में जाता है. वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत EPS में जाता है. 

EPS 95 एनएसी के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (रिटायर) का दावा है कि 30 साल काम करने और पेंशन फंड में योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं. इससे गुजर-बसर करना मुश्किल है.


मथुरा की सांसद ने पत्र में लिखा है कि वह पेंशनधारकों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंप चुकी हैं. उन्होंने श्रम मंत्री से बुजुर्ग पेंशनरों की मांग पर गौर करने की अपील की है. राउत ने दावा किया कि EPS राष्ट्रीय संघर्ष समिति 65 लाख ईपीएस-95 पेंशनधारकों का प्रतिनिधित्व करती है.