Thursday, October 1, 2020

EPFO Should Stop Foul Play : Matter of 65 Lakh EPS 95 Pensioners/PF pensioners | Allow Higher Pension to EPS 95 Pensioner

Editorial – Mathrubhumi – September 28, 2020

Malayalam to English translation for EPS 95 Pensioners Information

Do not steal from the porridge bowl of pensioners in the evening of life. The Kerala High Court judgment of October 12, 2018 upheld by the Supreme Court will be fully implemented.....

Pension is a deferred payment and is a legitimate right of the working class. This has been emphasized by highest judiciary in the country and communicated to the government several times in the past. The Supreme Court has also severely criticized the Govt several times for their approach in scuttling the Pension Scheme implemented with contributions from the workers. In spite of that the Labor Ministry and the EPF Organization continues with their effort to deny the Pensioners benefits to the workers.


It is more than 10 years the affected have been fighting court cases for their just rights .The majority of them do not even get Rs 1000/-monthly pension. The PF Pension in many cases is less than the welfare Pension offered by State Govt in many places .The EPFO /Labor Ministry is trying to deny justice that has been given by Judiciary.

Vide judgment dated 12th October 1018 , The Kerala High Court Division Bench has declared that EPF contributing workers are entitled to Pension proportionate to their contribution and the 2014 amendment of EPFO curtailing their right is unlawful. The EPFO amendment of 1st September 2014 was limiting the max. salary at Rs 15000/-pm and denied further option for the workers in this regard. This amendment was brought in the context of several of the High court judgments have pointed out that such restriction on Cutoff date and also pension for a part of the salary is unfair.


In the context of EPFO refusing to implement the High Court orders the beneficiaries have approached the Court with Contempt petitions. In several cases the Court has given orders to pay higher pension with arrears .Though the High Court orders are applicable for the entire country, EPFO adopted a strange procedure of conceding the benefits to only such persons who preferred a contempt Petition.

Now they have stopped even that- going back to the old arguments they are denying the benefits. EPFO is insisting that those who have not made any option while in Service and did not make matching contributions cannot be given any option now. Their stand is that until the review Petition is decided only the old norms will prevail. Instructions have been passed on that those who have gone for contempt petition also need be given any increased benefit.


By this life has been made miserable for millions of PF members and retired employees The Central Govt. authorities must remember that a scheme that has been brought in for the welfare of the working class should not make the situation worse as pointed out by the Supreme Court earlier miserable. The authorities should not attempt to loot the pensioners at the fag end of their life. The Prime Minister should intervene personally to ensure that the Kerala high court judgement of 12th Oct 2018, okayed by Supreme Court, is implemented in totality.



 

65 लाख EPS 95 पेंशनरों को मिल सकता है त्‍योहारी गिफ्ट, लेबर मिनिस्‍टर के पास पहुंची सिफारिश

65 लाख पेंशनरों को अच्‍छी खबर मिल सकती है. अगर लेबर मिनिस्‍ट्री ने BJP MP के इस प्रस्‍ताव को मान लिया तो बेसिक पेंशन में बढ़ोतरी हो सकती है. दरअसल, लोकसभा सदस्य हेमा मालिनी (Hema malini) ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में मासिक पेंशन बढ़ाने और दूसरी सुविधाओं का लाभ 65 लाख से अधिक पेशनधारकों को दिलाने की मांग को लेकर श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा है. 
EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NAC) के मुताबिक पेंशनभोगी महंगाई भत्ते (DA) के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने, पेंशनभोगियों के पति या पत्नी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं (Health Service) देने समेत अन्य मांग कर रहे हैं. 

बयान के मुताबिक BJP सांसद हेमा मालिनी ने लिखा है-रिटायरमेंट के बाद EPS-95 के पेंशन धारकों को बहुत मामूली पेंशन मिल रही है. इतनी महंगाई में इतने कम पैसे में गुजारा काफी मुश्किल है. 


EPS-95 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPS) की कर्मचारी पेंशन योजना है. EPS (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (बेसिक और महंगाई भत्ता) का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि (Provident fund) में जाता है. वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत EPS में जाता है. 

EPS 95 एनएसी के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत (रिटायर) का दावा है कि 30 साल काम करने और पेंशन फंड में योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में 2,500 रुपये ही मिल रहे हैं. इससे गुजर-बसर करना मुश्किल है.


मथुरा की सांसद ने पत्र में लिखा है कि वह पेंशनधारकों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंप चुकी हैं. उन्होंने श्रम मंत्री से बुजुर्ग पेंशनरों की मांग पर गौर करने की अपील की है. राउत ने दावा किया कि EPS राष्ट्रीय संघर्ष समिति 65 लाख ईपीएस-95 पेंशनधारकों का प्रतिनिधित्व करती है.

Wednesday, September 30, 2020

उमंग ऐप में EPS 95 स्कीम सार्टिफिकेट आवेदन करना हुआ आसान | EPS 95 PENSION SCHEME CIRTIFICATE CAN APPLY ON UMANG App

श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) ने एक बयान जारी कर कहा है कि EPF के सदस्य अब UMANG App (उमंग ऐप) पर कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees Pension Scheme - EPS) के तहत सार्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं। कोरोना वायरस महामरी के दौरान Unified Mobile Application for New-age Governance (UMANG) ऐप EPF के सदस्यों के लिए बेहतर रहा। कई सदस्यों ने इस ऐप के जरिए घर बैठे सुविधा का लाभ लिया।

 

उमंग ऐप में पहले से ही 16 सर्विस मुहैया कराई जा रही है। अब इसमें एक और सर्विस जुड़ गई है। EPFO ने इस ऐप के जरिए कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना EPS, 1995 के तहत Scheme Certificate के लिए अप्लाई करने की सुविधा शुरू कर दी है।

Scheme Certificate उन EPF सदस्यों को जारी किया जाता है, जो अपना EPF कंट्रीब्यूशन निकाल लेते हैं, लेकिन रिटायरमेंट की उम्र पर पेंशन कर सुविधा का फायदा लेने के लिए EPFO के साथ अपनी मेंबरशिप बनाए रखना चाहते हैं। एक सदस्य सिर्फ तभी पेंशन के लिए पात्र होता है, जब वो कर्मचारी पेंशन योजना (Employees Pension Scheme) 1995 का कम से कम 10 साल तक सदस्य रहता है।


नई नौकरी ज्वाइन करने पर स्कीम सर्टिफिकेट ये सुनिश्चित करता है कि पिछली पेंशन योग्य सर्विस को नई कंपनी के साथ पेंशन योग्य सर्विस के साथ जोड़ दिया जाए। इससे कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन राशि बढ़ जाती है। इसके अलावा पेंशन के लिए योग्य मेंम्बर के असामयिक मौत की स्थिति में परिवार के सदस्यों के लिए परिवार पेंशन हासिल करने में भी ये स्कीम सर्टिफिकेट काफी उपयोगी है।

आसान है आवेदन करना 

उमंग ऐप के जरिए स्कीम सर्टिफिकेट अप्लाई करना बहुत आसान हो जाएगा। अब इस सर्टिफिकेट के लिए कर्मचारी या परिवार के किसी भी सदस्य को EPFO के दफ्तर में जाने की जरूरत नहीं होगी। खास तौर से इस समय कोरोना वायरस महामारी के समय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही पेपर वर्क भी कम हो जाएगा।


मंत्रालय ने कहा है कि इस स्कीम सार्टिफिकेट की सुविधा से 5.89 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को फायदा होगा।  EPFO का उमंग ऐप बेहतर सर्विस के चलते सदस्यों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है। अगस्त 2019 के बाद से उमंग ऐप को 47.3 करोड़ हिट्स मिले। जिसमें से 41.6 करोड़ यानी 88 फीसदी EPFO सर्विस के लिए थे। बता दें कि उमंग ऐप पर सभी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए एक्टिव यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) और EPFO में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होना जरूरी है।




EPS 95 पेंशनधारकों को भगतसिंह कोशियारी समिति शिफारसो के अनुसार पेंशन 7500 बढ़ोतरी और महंगाई बत्ता लागु किया जाये, प्रधान मंत्रीजी को निवेदन

सभी 65 लाख ईपीएस 95 पेंशनधारकों को अवगत करना चाहता हु की हल ही में प्रकाश पाठकजी National General Secretary Employees Pension (1995), National Coordination Committee द्वारा ईपीएस 95 पेंशनधारको को भगतसिंह कोशियारी समिति की संशोधन रिपोर्ट के अनुसार पेंशन बढ़ोतरी के लिए मा. प्रधानमंत्री जी को निवेदन किया है।आइये इसके बारे जानते है। 


मा. प्रकाश पाठकजी द्वारा कहा गया है, मैं हमारी समिति की ओर से सभी सम्मानित, संसद सदस्यों और राज्यसभा सदस्यों को विनम्र निवेदन करता हूं कि हमारे इस मुद्दे को कृपया लोकसभा और राज्यसभा में बलपूर्वक रखा जाये।

क्या हम जानते हैं कि सरकार को यह सुविधा क्यों नहीं है कि पिछले 2013 से संशोधन की रिपोर्ट लंबित है।



भगतसिंह कोशियारी समिति की संशोधन रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया गया है। डी. ए. के लिए प्रावधान है और इसके लिए धन कैसे जुटाया जाता जाये इसके बारे में भी बताया गया है। कई, कई पेंशनरों ने कई बार मुझसे राष्ट्रीय महासचिव कर्मचारी पेंशन (1995), राष्ट्रीय समन्वय समिति नागपुर (पूछे गए प्रश्नो) के बारे में पूछा। भगतसिंह कोशियारी की रिपोर्ट को सरकारों ने अभी तक क्यों नहीं अपनाया है?।

इसलिए फिर से मैं एक सवाल पूछ रहा हूं माननीय प्रधान मंत्री भारत सरकार और संसद सदस्य क्यों नहीं भगतसिंह कोश्यारी समिति की संशोधन रिपोर्ट लागु नहीं किया जा रहा है? इसलिए हमारा विनम्र अनुरोध है कि कृपया असंगठित क्षेत्र के पेंशनरों और काम करने वाले श्रमिकों के लिए जो ई.पी.एस. 95 या एन.पी.एस में कवर है उनके लिए भगतसिंह कोश्यारी समिति की संशोधन की सिफारिसो लागु कर इन्हे कृतार्थ करे।

महोदय,
दिन पर दिन बैंक की ब्याज दर कम होती जा रही है। सरकार महंगाई भत्ते की मांग को व्यवस्थित रूप से टाल रही हैं। प्रकाश पाठक



 

 

CBT सदस्यों ने EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी 7500 करने की श्रम मंत्रालय से की मांग | EPS 95 MINIMUM PENSION MAY INCREASE TO 7500

EPS 95 पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन 1,000 से बढ़ाकर 7,500 करने का प्रस्ताव


हलाकि EPFO के अंतर्गत आने वाले ईपीएस 95 पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन 1,000 से बढ़ाकर 7,500 करने की मांग सालो से चली आ रही है अपनी पेंशन वृद्धि के लिए पेंशनर्स ने धरना , आंदोलन , ज्ञापन जैसे कई रास्ते अपनाये है और अब केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की अगली बैठक में पेंशनधारको की इस मांग को भी अजेंडा के रूप में रखने का प्रस्ताव दिया गया है।

केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) के सदस्यों के द्वारा ईपीएफओ खाताधारकों के लिए पीएफ कटौती की सिमा 15 हजार से बढाकर 25 हजार रुपए और ईपीएस 95 पेंशन धारको की न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये करने को लेकर श्रम मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।


मिडिया की एक खबर के मुताबित केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) के सदस्य हरभजन सिंह ने बताया है की आने वाली केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में ईपीएफओ खाताधारकों के लिए पीएफ कटौती की सिमा 25000 रुपए और ईपीएस 95 पेंशन धारको की न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये करने के प्रस्ताव को रखा जायेंगा। जिसे लेकर श्रम मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा चूका है। साथ ही ईपीएफओ के अंतर्गत अनक्लाइमेड पीएफ की राशि जो वर्ष 2014 में 40 हजार करोड़ रुपये बताई गई थी। जिसे वर्ष 2019 में 27 हजार करोड़ रुपये बताया गया है इसके बारे में भी जानकारी ली जाएगी।


इसके आलावा PF में कटौती की सिमा 15000 से बढ़ाकर 25000 करने का प्रस्ताव

वर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि के अंतर्गत आने वाले पीएफ खाताधारकों की वेतन का 12% पीएफ में जमा करना होता है जिसमे यदि 15 हजार रुपये से ज्यादा किसी कर्मचारी की वेतन है तब भी उनका पीएफ में अंशदान 15 हजार रुपये की सीलिंग लिमिट पर ही होता है। जिसके हिसाब से कर्मचारी का अधिकतम 1,800 रुपये ही प्रति महीने पीएफ में जमा होते है। यदि इस प्रस्ताव को आने वाली केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में मंजूरी मिलती है तो पीएफ खाताधारकों का पीएफ में अंशदान बढ़ जायेंगा जिससे की पीएफ की राशि भी ज्यादा मिलेंगी और रिटायरमेंट पर पेंशन में वृद्धि होंगी। लेकिन इन हेंड सैलरी में थोड़ी कमी आएँगी।

21000 रुपए तक वेतन वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देने का प्रस्ताव तैयार

कर्मचारियों की समाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने के मकसद से सरकार आने वाले दिनों में एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। श्रम मंत्रालय ने आवश्यक कवरेज के तहत वेतन सीमा में 6 हजार की बढ़त का प्रस्ताव तैयार किया है। नए प्रस्ताव के तहत ईपीएफओ के तहत आवश्यक कवरेज के लिए वेतन की सीमा 15 हजार से बढ़कर 21 हजार कर दिया जाएगा। 



ऐसा करने ईपीएफओ सदस्यों की संख्या भी बढ़ेगी, साथ ही सदस्यों की तरफ से आने वाला कंट्रीब्यूशन भी बढ़ेगा। सरकार का ये प्रस्ताव फिलहाल वित्त मंत्रालय के पास दोबारा भेजा गया है। पहले का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय ने कुछ संशोधनों के लिए श्रम मंत्रालय के पास भेज दिया था। अब श्रम मंत्रालय ने एक नया प्रस्ताव तैयार किया है और वित्त मंत्रालय को भेज दिया है। सरकार इस प्रस्ताव पर फिलहाल आगे नहीं बढ़ पा रही है, क्योंकि इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर से पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की मंजूरी भी चाहिए होती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में सरकारी सदस्यों की संख्या तो नियत रहती है और लेकिन गैर सरकारी सदस्यों का कार्यकाल 5 साल का ही होता है। पुराने बोर्ड का कार्यकाल इस साल मई में खत्म हो गया है। नए सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज यानि सीबीटी का गठन मई के बाद शुरू हो जाना था लेकिन अब तक केवल सरकार ने सभी संगठनों से इसके लिए नाम मांगे हैं। सूत्रों की माने तो इस पूरी प्रक्रिया में एक से दो महीने का वक्त और लग सकता है। इस बोर्ड के गठन के बाद ही कर्मचारियों से जुड़े प्रस्ताओं को अमलीजामा पहनाना शुरू किया जाएगा। 


अभी क्या है प्रावधान

ईपीएफ एंड एमपी एक्ट में ये प्रावधान हैं कि कंपनी और कर्मचारी आमतौर पर मूल वेतन का 12 फीसदी एम्प्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) एकाउंट में जमा करते हैं। कर्मचारी की तरफ से जमा कराया गया 12 प्रतिशत ईपीएफ के मद में ही जाता है। वहीं कंपनी की तरफ से जमा कराए गए 12 फीसदी में से 8.33% को ईपीएस या कहें पेंशन फंड में जमा किया जाता है जबकि बाकी बचे 3.67 फीसदी हिस्से को ईपीएफ में निवेश किया जाता है। इस प्रस्ताव के पास होने के बाद ईपीएफओ के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन की राशि में भी इजाफा संभव है क्योंकि वेतन सीमा बढ़ाए जाने के बाद एंप्लॉई पेंशन स्कीम के तहत सरकार का योगदान भी बढ़ जाएगा।

(नोट : यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से मिली जेकरि के आधार पर सांझा की गई है, अतः इसकी सत्यता आप आपके स्तर पर जरूर जाँच ले। इसकी सत्यता की दावा नहीं करते)



 

Tuesday, September 29, 2020

EPS 95 HIGHER PENSION | FALSE EPF MUST END | IMPLEMENT HIGHER PENSION TO EPS 95 PENSIONER AS PER COURT ORDER

EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPS 95 LATEST NEWS | EPS 95 PENSION 7500 HIKE

 
जीवन की शाम में पेंशनरों के दलिया के कटोरे से चोरी न करें। सुप्रीम कोर्ट ने 12 अक्टूबर, 2018 के केरल उच्च न्यायालय के फैसले को पूरी तरह से लागू कर दिया .....

पेंशन एक आस्थगित भुगतान है और श्रमिक वर्ग का एक वैध अधिकार है। देश में उच्चतम न्यायपालिका द्वारा इस पर जोर दिया गया है और अतीत में कई बार सरकार को सूचित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी श्रमिकों से योगदान के साथ लागू की गई पेंशन योजना को खत्म करने के लिए सरकार की कई बार आलोचना की है। इसके बावजूद कि श्रम मंत्रालय और ईपीएफ संगठन पेंशनरों को श्रमिकों को लाभ से वंचित करने के अपने प्रयास के साथ जारी है।


यह 10 साल से अधिक समय से प्रभावित है, अपने न्यायिक अधिकारों के लिए अदालती मामलों से लड़ रहे हैं। उनमें से अधिकांश को 1000 / -मुख्य रूप से पेंशन भी नहीं मिलती है। कई मामलों में पीएफ पेंशन राज्य सरकार द्वारा कई स्थानों पर दी गई कल्याणकारी पेंशन से कम है। ईपीएफओ / श्रम मंत्रालय न्यायपालिका द्वारा दिए गए न्याय को अस्वीकार करने का प्रयास कर रहा है।

EPFO Recruitment 2020: 27 Vacancies For the Post of Assistant Director (Vigilance)

12 अक्टूबर 1018 को दिए गए वीडियो फैसले में, केरल उच्च न्यायालय डिवीजन बेंच ने घोषणा की है कि ईपीएफ योगदान करने वाले कर्मचारी अपने योगदान के लिए पेंशन अनुपात के हकदार हैं और 2014 में ईपीएफओ द्वारा उनके अधिकार को रद्द करने का संशोधन गैरकानूनी है। 1 सितंबर 2014 का ईपीएफओ संशोधन अधिकतम सीमित था। वेतन 15000 / -pm और इस संबंध में श्रमिकों के लिए आगे के विकल्प से वंचित। यह संशोधन उच्च न्यायालय के कई फैसलों के संदर्भ में लाया गया था जिसमें कहा गया है कि कटऑफ की तारीख पर प्रतिबंध और वेतन के एक हिस्से के लिए पेंशन भी अनुचित है।


ईपीएफओ ने उच्च न्यायालय के आदेशों को लागू करने से इंकार करने के संदर्भ में लाभार्थियों को अवमानना ​​याचिकाओं के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। कई मामलों में न्यायालय ने बकाया राशि के साथ उच्च पेंशन का भुगतान करने के आदेश दिए हैं। पूरे देश में उच्च न्यायालय के आदेश लागू होते हैं, EPFO ​​ने केवल ऐसे व्यक्तियों को लाभ प्रदान करने की एक अजीब प्रक्रिया को अपनाया जिन्होंने अवमानना ​​याचिका को प्राथमिकता दी।

अब उन्होंने यह भी बंद कर दिया है- पुराने तर्कों पर वापस जाकर वे लाभ से इनकार कर रहे हैं। ईपीएफओ जोर दे रहा है कि जिन लोगों ने सेवा में रहते हुए कोई विकल्प नहीं बनाया है और मैचिंग योगदान नहीं दिया है उन्हें अब कोई विकल्प नहीं दिया जा सकता है। उनका रुख यह है कि जब तक समीक्षा याचिका पर फैसला नहीं हो जाता तब तक पुराने नियम ही लागू रहेंगे। इस पर निर्देश पारित किए गए हैं कि जो लोग अवमानना ​​याचिका के लिए गए हैं, उन्हें भी बढ़ा हुआ लाभ दिया जाना चाहिए।


इसके द्वारा जीवन के लाखों पीएफ सदस्यों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए दयनीय बना दिया गया है। अधिकारियों को यह याद रखना चाहिए कि मजदूर वर्ग के कल्याण के लिए जो योजना लाई गई है, वह स्थिति को बदतर नहीं बनाना चाहिए जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में दयनीय बताया था। अधिकारियों को पेंशनरों को अपने जीवन के अंतिम छोर पर लूटने का प्रयास नहीं करना चाहिए। प्रधान मंत्री को व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ठीक किया गया 12 अक्टूबर 2018 का केरल उच्च न्यायालय का निर्णय समग्रता में लागू हो।

(नोट : मल्यालम  भाषा  का ट्रांसलेशन आपको हिंदी भाषा में बताया गया है इसमें कुछ संभावित त्रुटिया हो सकती है। अतः इसकी सत्यता आप आपके स्तर पर जरूर जाँच ले। इसकी सत्यता की दावा नहीं करते)

 

 

EPFO Recruitment 2020: 27 Vacancies For the Post of Assistant Director (Vigilance)

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने सहायक निदेशक (सतर्कता) के पद के लिए भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। 


अधिसूचना के अनुसार इच्छुक उम्मीदवार निर्धारित आवेदन प्रारूप के माध्यम से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भर्ती 2020 के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

 ईपीएफओ भर्ती 2020 में 27 खाली पदों को भरा जाएगा। सरकारी संगठन ने आवश्यक योग्यता रखने वाले पात्र व्यक्तियों से 27 सहायक निदेशक (सतर्कता) पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। 


ये भर्तियां दिल्ली, मुंबई, महाराष्ट्र, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद, तेलंगाना कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर की जाएंगी। इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट www.epfindia.gov.in पर लॉग इन करना होगा। 

ईपीएफओ भर्ती 2020 रिक्ति विवरण 

-हेड ऑफिस दिल्ली - 5 पद 

-नोर्थ जोन दिल्ली - 6 पद 

-वेस्ट जोन मुंबई - 05 पद 


-SZ हैदराबाद - 5 पद 

-ईस्ट ज़ोन कोलकाता - 6 पद



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Monday, September 28, 2020

EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPFO ATTEMPT TO BLOCK EPS 95 HIGHER PENSION

EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPS 95 MINIMUM PENSION 7500+DA NEWS | EPFO NEWS


27 सितंबर को EPS 95 उच्च पेंशन के संबंध में मल्यालम भाषा में समाचार दिखाई दिए। सभी EPS 95 पेंशनभोगी की जानकारी के लिए हिंदी भाषा में अनुवाद किया है। सभी पेंशनरों की ओर से उन्हें मेरा हार्दिक धन्यवाद।

हिंदी अनुवाद को नीचे के रूप में साझा किया जा रहा है

ईपीएफओ के नियमों में संशोधन लाने के लिए संकेत हैं कि वेतन में पेंशन अनुपात का भुगतान करने के लिए केएचसी जजमेंट को दूर करने का लक्ष्य रखा गया है।


संशोधन श्रम संहिता नियमों के अनुरूप होगा जो संसद द्वारा पारित किए गए थे।

अदालती आदेश द्वारा समर्थित उच्च पेंशन के आवेदनों पर विचार नहीं करने के लिए ईपीएफओ के क्षेत्रीय और क्षेत्रीय अधिकारियों को मौखिक निर्देश दिए गए हैं।

यह कदम या तो लेबर कोड में संशोधन या ईपीएफ पेंशन स्कीम में नए नियम लाने के अदालती आदेश पर काबू पाने के लिए है।

यह 2018 में था कि केएचसी ने फैसला दिया कि पेंशन को वेतन के अनुपात में दिया जाएगा। केएचसी फैसले के खिलाफ ईपीएफओ की अपील को एससी ने खारिज कर दिया था।


EPFO और मंत्रालय द्वारा बाद में दायर की गई समीक्षा याचिका पर SC द्वारा विचार किया जाना बाकी है।

इसी समय, जो लोग अदालत के फैसले की ओर इशारा करते हुए अपने दृष्टिकोण पर अदालत का रुख कर रहे थे, उन्हें उच्च पेंशन मिल रही थी। अब, इन आवेदनों को भी वापस करने का निर्देश दिया गया है। यह भी निर्देश दिया जाता है कि नियमों में संशोधन होने तक अदालत से अनुकूल आदेश प्राप्त करने वालों से संबंधित फाइलों को संसाधित न करें।

हालांकि नए सदस्यों के लिए यह प्रस्तावित किया गया था कि यदि उन्हें अधिक योगदान दिया जाता है तो उन्हें अधिक पेंशन दी जाती है, लेकिन ट्रस्ट बोर्ड में निर्णय नहीं लिया गया और स्थगित कर दिया गया।


श्री एन के प्रेमचंद्रन, सांसद (एलएस) 

"उस क्षेत्र में संशोधन की संभावना है जहां श्रम संहिता में ईपीएफ पेंशन का उल्लेख किया गया है। यह श्रम मंत्री द्वारा इंगित किया गया था। जब मामला अदालत में आया, तो पीएमओ ने हस्तक्षेप किया। न्यायपालिका का विरोध करने के लिए एक सामरिक आंदोलन और साजिश है। आंदोलन अत्यधिक आशंका है " 

(नोट : मल्यालम  भाषा  का ट्रांसलेशन आपको हिंदी भाषा में बताया गया है इसमें कुछ संभावित त्रुटिया हो सकती है।)




EPS 95 Pension Calculation on Higher/Actual salary and also Calculation of NORMAL Pension & Pension on Higher/Actual Salary

Calculate EPS 95 Higher Pension Below:

As Parveen Kohali Sir, receiving a large number of telephonic requests for sharing an UPDATED TEMPLATE for calculating Differential amount & Interest amount payable to EPFO for revision of Pension on Higher/Actual salary and also Calculation of NORMAL Pension & Pension on Higher/Actual  Salary (Tentative) in accordance with EPFO HQ circular dt. 23.3.2017. 

Accordingly, on Parveen Kohali Sirs personal request, his Ld. friend Mr. Neeraj Bhargava of Jaipur with constant interactions/ consultations with me and technical support from Mr. C. Ramasamy of Bangalore has developed the said updated Template wherein data can be calculated upto 31.3.2021. 

FIRST, PLEASE READ THE INSTRUCTIONS AND THEN FEED DATA IN THE INPUT WORK SHEET IN PINK CELLS ONLY.  YOU WILL GET THE TENTATIVE RESULTS IN THE RESULT WORKSHEET INSTANTANEOUSLY.

Please see the file and also share the same in all the groups so that maximum beneficiaries i.e. pensioners as well as serving employees may make full use of our effort.

From all the EPS 95 Pensioner sincere thanks to Mr. Bhargava and Mr. Ramasamy on behalf of all the EPS’95 Pensioners and serving employees covered under the EPS’95 Scheme.

Instruction:

Please read Instructions given in INSTRUCTIONS sheet carefully before proceeding for EPS-95 Pension Calculations

1. This Excel file is prepared for the benefit of pensioners, “who joined the Scheme prior to the introduction of Employees' Pension Scheme-1995,
Before 16-11-1995”, for knowing pension & allied calculations based on their monthly salaries."

2. Pension Calculations for All retirees i.e. before or after 01.09.2014
  • a. Normal Pension
  • b. Higher Pension
  • c. Differential amount to be paid to EPFO
  • d. Interest amount from 16-11-1995 till retirement
  • e. Interest amount from retirement till commencement of Higher Pension
  • f. Pension Revision Arrears (Higher & Normal Pension difference)"
3. Calculations done for Superannuation Pension only, i.e. cases wherein there is NO Commutation, NO Return of capital, NO Early/Reduced pension etc.

4. The calculations in this file are formulae based, whereas calculations done by EPFO has manual interventions also 

5. The calculations have been developed based on few pensioners actual data, if anyone has further inputs to improve it, please mail on “pensionseva.jpr@gmail.com”

6. Rate of Interest for 2019-20 is yet to be approved by Ministry of Finance and Rate of Interest for the year 2020-21 is yet to be declared

7. The "Pensionable Salary" has been calculated on the average salary of last 12 months for all, (whether pre 01.09.2014 or post 01.09.2014) because Hon'ble Kerala High Court's judgment was upheld by Hon'ble Supreme Court on 01.04.2019 and implemented as such to Petitioners of Contempt cases by EPFO ROs, Kerala
8. Refer Judgment dt. 05/10-02-2020 of High Court of Jharkhand at Ranchi in WPC No. 1856 of 2018 - Case title: Steel Executives Federation of India (SEFI) vs UOI, CPFC & ors wherein at Para 6, it has been specified that the Hon’ble Supreme Court in case of Kusum Ingots & Alloys Ltd vs UOI [(2004) 6 SCC 254)] while considering the effect of the order passed by the High Court under Article 226 of Constitution of India questioning the Constitutionality of a central legislation has held as under:

The Court must have the requisite territorial Jurisdiction. An order passed on a writ petition questioning the constitutionality of a parliamentary Act, whether interim or final keeping in view the provisions contained in clause (2) of Article 226 of the Constitution of India, will have effect throughout the territory of India subject to course to the applicability of the Act.”"

"9. The “Inputs” to be fed as follows
a. Fill data only in PINK cells, One can make entries in ""Input"" sheet only, other sheets are protected
  1. Fill Name
  2. Fill dates from existing Normal pension from existing Normal ""Pension Pay Order"" (PPO)
  • (a) Date of birth,
  • (b) Date of joining PF and
  • (c) Date of Commencement of Normal Pension

Non Contributory Period, if any (nos. in Days), during service period except noncontributory period for last 12 months, if NCP exist in last 12 months, the calculation results will vary, NCP for last 12 months are not considered, if NCP exists in last 12 months, the calculations results will vary

iv. Service weightage 2 or 0 as per PPO
v. Date of commencement of Higher Pension (proposed)
vi. Last 12 months PF'able salary, it includes Basic wages, Dearness allowance (Cost of living allowance or under any other heading), Retaining allowance (production bonus or under any other heading) and Cash value of food concession.

(a) These monthly salaries must be without arrears, if any.
vii. Monthly Salary (on right side in L20 to O20, D22 to O22 etc., cells, below each month) (For Dec.95 -Input 15 days salary only)"

10. E & OE: This is rough indicative calculation and may vary from the actual figures of EPFO by (+/-) 1-2% approx.