Saturday, January 9, 2021

EPS 95 Pension Hike Latest News: EPS 1995 के सभी 68 लाख पेंनशर्स और उनकी धर्मपत्नियो के समस्याओं का समाधान प्रधानमंत्री कार्यालय, भारत सरकार,नई दिल्ली

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दिनाँक 01 जनवरी 2021

अहमदनगर

प्रति,

आदरणीय,

मा.श्री.नरेन्द्रजी मोदी साहब,

मा.प्रधानमंत्री,भारत सरकार,

प्रधानमंत्री कार्यालय, भारत सरकार,नई दिल्ली।

Email - 

connect@mygov.nik.in

narendramodi1234@gmail.com


आपको सविनय सादर ......

सादर कर्ता - श्री.आर.बी.रोहोकले,अहमदनगर, (महाराष्ट्र राज्य)

आदरणीय महोदय,

आपको,

मैं,भारत देश के EPS 1995 के 67 लाख पेंशनर्स और उनकी पत्नियों की ओर से आपको दिल से प्रणाम!!! और करबद्ध नमन करता हूँ।

विषय - EPS -1995 के 67 लाख गरीब और वयोवृद्ध पेंशनर्स की कुछ दैनिक वास्तव समस्याओं का समाधान करने हेतू आपको सविनय निवेदन।......

संदर्भ - 

  1. मा.सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा दिनाँक 04 अक्तूबर 2016 को आर सी गुप्ता के बारे में दिया गया फैसला।
  2. मा.उच्च न्यायालय केरल, हैदराबाद, इंदौर,राजस्थान,मद्रास,आदि दूसरे मा.न्यायालयों के विविध फैसले।
  3. भारत सरकार की हाय एम्पावर कमिटी द्वारा की गई शिफारिशें।

आदरणीय महोदय,

आपको उपरोक्त विषय और सभी सन्दर्भ के अनुसार हमारी ओर से अतिशय विनम्रतापूर्वक करबद्ध बिनती की जाती हैं कि,अपने भारत देश के EPS 1995 के  67 लाख ग़रीब और वयोवृद्ध पेंशनर्स और उनकी पत्नियों की कुछ वास्तव समस्याओं का आपके द्वारा बड़ी आस्थापूर्वक समाधान किया जाए। 

ये सभी पेंशनर्स 60 से लेकर 80 साल और अधिक उम्र के  पुरुष तथा महिला भी सीनियर सिटिजंस है। 

हमारे EPFO के पास हमारे पेंशन के लिए पर्याप्त मात्रा में यानी 05 लाख  हजार करोड़ से भी कहीं अधिक ज्यादा फंड होंनेके बावजूद भी,इन में से किसी को भी 30 से 35 सालों की सर्विस प्रामाणिकता के साथ करनेके बाद भी 1000 ₹ से लेकर ज्यादा से ज्यादा 2500 ₹ तक की पेंशन EPFO द्वारा मिलती है।


ईतनी सी कम पेंशन की रक़म में वयोवृद्ध और गरीब पेंशनर और उन की पत्नि का दैनंदिन गुजारा और दोनों का हॉस्पिटल का खर्चा,घर का किराया,बिजली का बिल,गैस सिलेंडर आदी का खर्चा करना कत्तई सम्भव नहीं हो जाता हैं।

हमारे इस भारत देश को महासत्ता की कगारपर लाकर खड़ा करनेवाले इन गरीब और वयोवृद्ध EPS 1995 के पेंशनरोंको और उनकी पत्नीयोंको बहुतही खस्ता हालत में जिना पड़ रहा है।बुढ़ापे की तमाम मर्यादाओं के बीच में अमर्याद समस्याओं का सामना करते करते और दर दर की ठोकरें खाते खाते बहुतही यातनामय और साथ साथ अपमानजनक जीवन भी जिना पड़ रहा हैं।क्योंकि इनको अपनेही घर में अल्प पेंशनधारक होने से अपनी ही बहुएँ और बेटोद्वारा हमेशा अवमानित किए जाने से और मजबूर होकर भिखारी से भी ज्यादा बदहाल स्थिति में असह्य ऐसे बुढ़ापे में जिना पड़ रहा है।हम सब अभागी बूढ़े पेंशनर्स ऐसी घरेलू जिंदगी जी रहे हैं कि, जिसकी आप थोड़ी सी भी कल्पना  नहीं कर सकते।हमारी पेंशन बहुतही कम यानी की,ना के बराबर है।इसलिए हम में से हर किसी को इतनी उम्र होने के बावजूद और बढ़ती उम्र के साथ साथ शारिरिक कमजोरी, बी.पी., शुगर, घुटनों का दर्द और अन्य शारिरिक समस्याओं के बावजूद भी केवल और केवल मजबूर होकर ही कहीं होटलों में वेटर का काम करना पड़ता हैं,तो किसी को कही किसी बंगले पर रखवाली करनी पड़ती हैं,तो किसी को ड्राइविंग करनी पड़ती हैं, तो किसी को किराना दुकान में काम करना पड़ता हैं।अगर कोई पेंशनर भाई खुद कुछ पैसे नहीं कमा सकता हैं,तो उसकी धर्मपत्नी को पैसों के लिए ही किसी के घर के बर्तन माँजना, झाडू पोछा करना, किसी के बच्चोंको संभालना, बाकी का अन्य घरकाम करना पड़ता हैं। हम सभी के जीवन में सदा के लिए हमारी जिने की राह पर संघर्ष का सामना अंत तक शुरू रहता हैं। मृत्यु होने तक हमारी यह जिने की लड़ाई खत्म नहीं होती हैं। आपको इन सब बातों से दर्द हो रहा होगा,और क्या यह सब सच भी हो सकता हैं? 


यह सवाल भी आपको जरूर सताएगा।

आदरणीय सर,

हमारे भारत देश के मा.सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तथा अनेकों मा.उच्च न्यायालयों द्वारा भी उपरोक्त सभी संदर्भ के अनुसार मा.न्यायलयोंद्वारा उचित न्याय मिलने के बावजूद भी हम जैसे वयोवृद्ध गरीबों का कोई वाली नहीं है।अपने देश की पैंतीस पैतीस साल की अखण्ड सेवा बहुत ही प्रामाणिकता के साथ साथ करते समयही मंथली सैलरी में से  इन्कम टैक्स के साथ साथ और भी दूसरे सभी प्रकार के टैक्सेस देंनेवाले ये ग़रीब और वयोवृद्ध बूढ़े सीनियर सिटीजन पेंशनर्स अपनी बूढ़ी धर्मपत्नि के साथ 1000 ₹ या ज्यादा से ज्यादा 2500 ₹ की बहुत ही थोड़ी सी रकम में एक महीने का  दैनंदिन गुजारा करतें करतें हॉस्पिटल का खर्चा भी कैसे करतें होंगें इसका आपको बराबर अंदाजा आ जाएगा।


आदरणीय महोदय,

आपको हम सभी 68 लाख पेंशनधारक एवं हमारी धर्मपत्नियों को सम्मानजनक जिंदगी के साथ जिना सम्भव हो इसलिए कम से कम 10,000 ₹ (दस हजार ₹ ) पेंशन और उसके साथ साथ समय समय पर दिया जानेवाला महँगाई भत्ता भी अगर दिया गया तो ये बुजुर्ग और गरीब पेंशनर्स आपको जिंदगी के साथ साथ हमेशा के लिए याद करते रहेंगें। साथ में ही आपको यह भी बिनती की जाती हैं कि,पेंशनर की खुद की मृत्यु हो जाने के बाद उनकी विधवाओं को जो 50% पेंशन दिया जाता हैं, और यह बात सरासर गलत है,अन्यायकारी भी है।इसलिए पेंशनरोकी विधवाओं भी 50% के बजाय 100 % ही पेंशन देने के लिए आप हमारे श्रम मंत्रालय तथा EPFO को आदेशित करने की कृपादृष्टि करनेकी बिनति करते हैं।

साथ ही EPS 1995 के पेंशनर्स और उसके पत्नी को आयुष्यमान भारत नाम की जो हमारे सरकार की मेडिकल इन्शुरन्स योजना हैं,उसमें समाविष्ट करें जिससे ये गरीब और वयोवृद्धों को मेडिकल फैसिलिटी मिलने में निश्चित तौर पर मदद मिलेगी।


आदरणीय सर !!

आपने हाल ही के करोना की भयंकर वैश्विक महामारी के संकटमें जिस धीरज का और स्थितप्रदन्यता का अतुलनीय परिचय समूचे विश्व को जिस रूप से दिया हैं,वह बेमिसाल ही है। धारा 370 हो,या सीएए हो,तीन तलाक जैसे दूरगामी परिणाम साध्य करनेवाले कार्य हो,सभी का कोई जवाब नहीं है।बस इन सभी बातों जितनी ही EPS 1995 के वयोवृद्ध और गरीब सीनियर सिटीजन पेंशनर्स की सम्मानजनक जीवन जिने के लिए पेंशन की समस्या का भी सुलझना आवश्यक हो गया हैं।

कृपया आप कृपावन्त होकर हमें जरूर न्याय प्रदान करें, यह आपके चरणों में सविनय प्रार्थना करतें हैं।

आपका  कृपाभिलाषी

श्री आर बी रोहोकले

और

EPS 1995 के सभी 68 लाख पेंनशर्स और उनकी धर्मपत्नियाँ

आर बी रोहोकले, अहमदनगर(महाराष्ट्र)



 

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