EPS 95 PENSION HIKE NEWS | EPS 95 NAC NEWS | EPS 95 PENSION 7500 HIKE NEWS
इस बैठक में ईपीएस 95 पेंशन बढ़ोतरी को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। इस बैठक में मा. रंजीत सिंह दासुंदी Chief coordinator, North India, C S Prasad Reddy, Chief coordinator, Southern Region, तपन दत्ता स्टेट प्रेसिडेन्ट पच्छिम बंगाल, महादेव गाडगे, सुधीर उपाध्याय, काली चरण, नागराजा एस., पंकज दास गुप्ता और लगभग 60 अन्य पेंशनधारक शामिल हुए। आइये जानते है इस बैठक में कोनसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक की जानकारी जानने सबसे पहले सभी EPS 95 पेंशनधारकों को अवगत करना चाहूंगा की मा. रंजीत सिंह दासुंदी द्वारा हमें बताया की बैठक की जानकारी को मसाला लगा कर ना साजा किया जाये अगर ऐसा होता है तो यह आपत्तिजनक होगा इसलिए उनके आदेश को सरआंखों पर रखते है पर बहोत सारे EPS 95 पेंशनधारक इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए उन सभी EPS 95 पेंशनधारकों इस बैठक के बारे में जानकारी देना जरुरी है इसी उद्देश्य से इस बैठक में जो बाते मा. रंजीत सिंह दासुंदी द्वारा दी गई उसे अभी हम जानने वाले है।
साथ ही मा. कमांडर अशोक राउत द्वारा जो बात सभी को इससे पहले कही गई थी की, एनएसी के बैनर तले किसी भी आंदोलन कार्यक्रम के लिए नहीं जाना चाहिए उसे भी बताया गया। कमांडर अशोक राउत सर के अनुसार एनएसी केंद्रीय टीम अनुकूल निर्णय के लिए नवम्बर महीने तक प्रतीक्षा करेगी क्योंकि माननीय पीएम ने हमें आश्वासन दिया।
साथ ही तपन दत्ता स्टेट प्रेसिडेन्ट पच्छिम बंगाल द्वारा कहा की ज्यादा से ज्यादा ईपीएस पेंशनरों को हमें संघटन में शामिल करना होगी यदि कोई हमारी सदस्यता लेना चाहता है लेकिन पूर्ण सदस्यता (रु. 10 / प्रति माह या रु 120 / प्रति वर्ष) का भुगतान करने की स्थिति में है।
उस स्थिति में हम उन्हें एक विशेष मामले के रूप में मानते हैं (कमांडर सर के अनुरोध के अनुसार) केवल 1 वर्ष के लिए हमारी सदस्यता के लिए एक टोकन मनी के रूप में रु. 10 देकर भी संघटन में शामिल हो सकते। अगर आप भी राष्ट्रिय संघर्ष समिति से जुड़ना चाहते है तो आप राष्ट्रिय संघर्ष समिति के सदस्यों बात कर इसमें शामिल हो सकते है। राष्ट्रिय संघर्ष समिति के सदस्यों की राज्य के हिसाब से जानकारी निचे दी गई। आप उनसे संपर्क करके राष्ट्रिय संघर्ष समिति में शामिल हो सकते है।
हम अपनी एनएसी गतिविधियों में हर व्यक्ति की भागीदारी चाहते हैं। इस बार हमें देश से बाहर जाकर अधिक गहन आंदोलन कार्यक्रम बनाना है।
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