EPS 95 HIGHER PENSION CASE STATUS | EPS 95 HIGHER PENSION NEWS | EPS 95 PENSION HIKE
केरल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय द्वारा ईपीएस 95 के हक़ फैसले के बावजूद, यह पुष्टि की गई है कि लाखों लोग अभी भी अपने वेतन के साथ पेंशन के लिए इंतजार कर रहे हैं। ईपीएफओ ने उच्च पेंशन को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध किया है। EPFO ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्रीय श्रम मंत्रालय की एक समीक्षा याचिका और एक अपील का हवाला देते हुए पेंशन में देरी का कारन बता रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार 16 अक्टुबर 2020 ईपीएस 95 पेंशनधारकों से सम्बंधित मामलों की सुनवाई की उम्मीद की गई थी, लेकिन यह अमल में नहीं आया।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट ने कहा कि समीक्षा याचिका और श्रम मंत्रालय की विशेष अनुमति याचिका (SLP) पर शुक्रवार को विचार किया जाएगा। केंद्र सरकार ने हाल ही में केरल उच्च न्यायालय के आदेशानुसार पेंशन न देने से संबंधित अदालती याचिकाओं पर विचार करते हुए इसकी पुष्टि की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मामलों पर विचार नहीं किया, बल्कि यह भी संकेत नहीं है कि यह फिर से होगा।
पिछले साल 1 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने पुरे वेतन के अनुसार उच्चतर पेंशन देने के केरल उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था। इस फैसले के खिलाफ ई.पी.एफ.ओ. शीर्ष अदालत द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर विचार करने में देरी ने मामलों को सीमित कर दिया है। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ श्रम मंत्रालय द्वारा दायर अपील भी उच्चतम न्यायालय में लंबित है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 12 जुलाई को आदेश दिया था कि दोनों को खुली अदालत में एक साथ सुना जाए। लेकिन उसके बाद भी तक कुछ नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर, कई EPS 95 पेंशनधारको ने व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों ने रूप से विभिन्न उच्च न्यायालयों से याचिकायें दाखिल की और अनुकूल आदेश प्राप्त किए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है। यह कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में जो EPFO द्वारा पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है उस पर फैसला होने तक उच्चतर पेंशन का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए।
6 फरवरी को, केंद्र ने शीर्ष अदालत के समक्ष रिट याचिकाओं की सुनवाई का विरोध किया था। अदालत को कहा गया कि अदालत को याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि जो EPFO द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका और अपील लंबित हैं। केंद्र ने कहा है कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सरकार को 15 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
अगली सुनवाई कि बात करे तो अगली कंप्यूटर जनरेटेड तारीख सभी EPS'95 मामलों के लिए 6 नवम्बर 2020 हो सकती है, साथ ही जिन्हें उपरोक्त WP (C) नंबर 352/2019 के साथ टैग किया गया है। (डायरी नंबर 9692 की 2019).
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नोट: इस जानकारी की पूरी पुष्टि होना शेष है अतः इसे संबंधितो से जानकरी लेकर इसकी पुष्टि अपने स्तर जरूर कर ले।
Kendrki darker or supreme court nahi chahte kind poor pensioners ka bhala ho.sarkar me s.c.ke order hote huve bhi pensioner ke khilaf case dauer kits to s.come me sunvaie nahi ho rahi hair old age ke pensioners bina dhan ke abhav me Mar the hai .
ReplyDeleteKoi esse dekhega. unhe kisi ki chinta nahi hai