Thursday, September 24, 2020

EPS 95 PENSIONERS NEWS | आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत EPS 95 पेंशनर्स के साथ हो पंतप्रधान श्री. नरेंद्र मोदीजी से गुजारिस

जानते हैं आप? आत्मनिर्भर भारत अभियान

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के इस दौर में भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इस पैकेज को आत्मनिर्भर भारत अभियान का नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि इस बड़े राहत पैकेज से भारत में लोगों को कामकाज करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और यह कोशिश की जाएगी कि अगले कुछ सालों में भारत अपनी जरूरत की अधिकतर चीजों के लिए खुद पर निर्भर हो जाए. इस हिसाब से अभियान का नाम आत्मनिर्भर भारत अभियान रखा गया है। 


केंद्र सरकार ने नया लेबर कोड लाकर श्रमिकों के हित में एक बड़ा काम किया है. सरकार ने कहा है कि नए लेबर कोड की वजह से पूरे देश में एक जैसी न्यूनतम मजदूरी की व्यवस्था करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही सभी श्रमिकों को समय पर भुगतान कराने में भी मदद मिलने की उम्मीद है। इस समय न्यूनतम वेतन का फायदा सिर्फ 30 फ़ीसदी श्रमिक उठा पाते हैं. इसके साथ ही सभी मजदूरों को नियुक्ति के लिए अपॉइंटमेंट लेटर दिया जाएगा। इसके साथ ही हर इम्पलॉई का सालाना हेल्थ चेकअप अनिवार्य कर दिया जाएगा।

इसी को देखते हुए ई.पी.एस. 95 पेंशनर्स की लगातार आवाज बनते जा रहे ईपीएस 95 पेंशनर्सपुत्र, सुदर्शन बैस ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को सम्बोधित करते हुए सभी ईपीएस 95 पेंशनर्स के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना को पेंशनधारको से सुरु करने का अनुरोध किया है।


EPS 95 पेंशनर्सपुत्र, सुदर्शन बैस की प्रधानमंत्री से गुजारिस

आदरणीय पंतप्रधान,
श्री नरेंद्र मोदीजी,
भारत सरकार

विषय:- सर आपके आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत हम ई.पी.एस 95 पेंशनर्स के साथ हो बस यही गुजारिश.

आदरणीय सर,
आपने जब से आत्म निर्भर भारत का नारा दिया है हम सेवानिवृत्त, बूढ़े, बेसहारा ई.पी.एस. 95 पेंशनर्स के जीवन में खोई हुई आत्मनिर्भरता की भावना जैसे पुन: जागृत हो गई हो जैसे महसूस हो रही है।

सर हम आपको याद दिलाना चाहते है हम 65 लाख ई.पी.एस 95 पेंशनर्स आझादी के बाद से पी.एस.यू, निजी क्षेत्र में बड़ी ईमानदारी और मेहनत से 30-35 वर्ष लगभग सेवा करते आए है। सर कम तनख्वाह होने के बावजूद भी हम अपने मासिक उत्पन्न में से पी.एफ में नियमित तौर पे अपना अंशदान बिना पूछे बेझिझक कटवाते आए है क्यूंकि हमे अपने देश की सरकार और न्यायप्रणाली पर पूरा भरोसा था। पर हमारी सेवानिवृत्त होने के बाद हमारा भरोसा पूरी तरह चकनाचूर हो गया, किसी को 500 किसी को 200 किसी को 800 ऐसे लगभग ज्यादा से ज्यादा 2500 तक प्रतिमाह पेंशन मिल रही है पिछले 20 सालों से इस महंगाई से टक्कर देने में असमर्थ हो रहे है अपना दर्द अंदर ही अंदर समेटे हुए जीते आए है। 


पर सर सच कहु आपके आत्मनिर्भर भारत के नारे ने हम गरीब पेंशनर्स को एक छोटीसी आशा की किरन दिखाई दे रही है सर आप ही सोचो जरा अपने जीवन में 30-35 वर्ष मेहनत करके अपने देश के तरक्की में अपना पूरी ईमानदारी से योगदान देकर भी अगर कोई बुजुर्ग पेंशनर आत्म निर्भर नही होता है तो इसमें देश का और देश के न्यायप्रणाली का अपमान नही होगा क्या? सर हम सब 65 लाख ई.पी.एस 95 पेंशनर्स आपकी ओर समस्त भारत सरकार की और आशा भरी नजरों से देख रहे है उम्मीद है भारत के पंतप्रधान और समस्त भारत सरकार हम ई.पी.एस. 95 पेंशनर्स को जरुर आत्मनिर्भर बनाके, हमे इंसाफ दिलाएगी।
धन्यवाद सर।

आपका,
सुदर्शन भगवानसिंह बैस,
ई.पी.एस 95 पेंशनर्सपुत्र



 

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