Sunday, December 27, 2020

EPS 95 Higher Pension Order, सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा केरला उच्च न्यायालय के फैसले को और हायर पेंशन मिलने का रास्ता किया साफ, पर कब मिलेगी हायर पेंशन?

EPS 95 PENSION NEWS | EPS 95 HIGHER PENSION CASES HEARING DATE


हाल ही में EPS 95 पेंशनधारकों को अनिल कुमार नामदेव जी द्वारा जो स्वयं एक EPS 95 पेंशनधारक है, द्वारा आवाहन किया गया है। उन्होंने केरला उच्च न्यायलय द्वारा  EPS 95 पेंशनधारकों के हक़ दिए अभीतक के फैसलों का सन्दर्भ देते हुए सभी  EPS 95 पेंशनधारकों से कहाहै .........

एक PDF इन दिनों सोशल मीडिया में लहराया जा रहा है,जो केरला उच्च न्यायालय में पेंशनरों के पक्ष में दिये निर्णयों पर उक्त न्यायालय की फुल बेंच को कानूनी मुद्दों पर सलाह हेतु संदर्भित किया गया है। इसमें कुल 32 पन्ने हैं, पता नहीं कितने EPS 95 पेंशनधारकोंने इसे पढ़ा है और कितनों ने पढ़ा भी है कि नहीं।


Click to See Kerala High Court Order: Kerala High Order In For Allowing Higher Pension under EPS 95

ये विचारणीय है कि FCI के सेवनिवृतों सहित अनेक ऐसी संस्थानों के सेवनिवृतों को हायर पेंशन के लिये विभिन्न उच्च न्यायालयों सहित सर्वोच्च न्यायालय तक दौड़ लगाना पड़ रहा है, और ये सिलसिला एक दशक से भी अधिक समय से बद्दतसुर जारी है।

EPS 95 के पेंशनधारक जहाँ लाखों में हैं तो न्यायालयों से न्याय की गुहार लगाने वाली याचिकाओं की संख्या भी हजारों में है, लेकिन विपक्ष में केवल दो ही प्रतिवादी हैं, एक केंद्रीय सरकार और दूसरा EPFO, जिन्होंने कानून का सहारा ले कर, लाखों पेंशनधारकों को ऐसे सिलसिले में लगा रखा है, जिसका कोई ओर दिखाई दे रहा है न कोई छोर।


सरकार के पास एक ही जबाव है कि वो तब तक कुछ नहीं कर सकते जब तक न्यायलयों से लंबित मामलों का निराकरण नहीं हो जाता। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 4/10/2016 का अनुपालन भी कहीं कहीं किया गया है तो उसके लिये भी बहुत को काफी पापड़ बेलने पड़े हैं और न जाने उन्हें कितने पापड़ आगे भी बेलने पड़े।

आगे अनिल कुमार नामदेव जी कहते है सिर्फ एक ही मंतव्य था कि EPFO और सरकार तो अपनी रणनीतियों  को तो बड़े ही सुनियोजित तरीकों से अंजाम देने में जुटी हुई है, और वो अब तक सफल भी दिखाई दे रहे है और, एक हम पेंशनर्स हैं कि आपस में कोई तालमेल ही नहीं बना पा रहे हैं, न व्यक्तिगत रूप से न सोशल मीडिया के माध्यमों से। 


सबका लक्ष्य एक ही है पर संघर्ष का कानूनी रास्ता हो या अन्य कोई सब जुदा जुदा, कोई किसी से कुछ भी शेयर नहीं करना चाहता, कोई चर्चा नहीं करना चाहता, सब वकीलों और अपने ऐसे अग्रजनों के ऊपर छोड़ रखा है जो अपने अपने प्रकरणों के वास्तविक स्तिथि से अवगत कराना तो दूर पेशी की तारीख या तारीख पर हुई कार्यवाही तक को बताने से परहेज रखते नजर आते हैं। 

आम पेंशनरों ने भी अब रुचि लेना लगभग छोड़ दिया है, वो भी न्याय की छोड़ अब जिन्दा जीते किस्मत की बात मानने लगे हैं। इतने असमर्थ  जितना कि शायद वे पहले सेवा के दौरान कभी भी न रहे हों। कोई रास्ता इससे बाहर निकलने का किसी को ज्ञात हो तो कृपया दो शब्द जरूर कहें, सांत्वना में ही सहीं, कुछ तो शुकून मिलेगा, निराश होते हमारे हजारों मित्रों ऐसा सभी EPS 95 पेंशनधारकों को अनिल कुमार नामदेव जी द्वारा आवाहन किया गया है।


 

 

EPS 95 Pensioners News: Can Govenrment Increase EPS 95 Pension? EPS 95 Pensioners Hopes for EPS 95 Pension Hike form Government?

EPS 95 पेंशनधारक पिछले कई दिनों से EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के लिए प्रयास कर रहे हैं। EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले EPS 95 पेंशनधारकों द्वारा EPS 95 पेंशनधारकों की मांगों के संदर्भ में ज्ञापन कई बार कई सांसद महोदय को सौंपा गया है।  यह ज्ञापन माननीय श्रम मंत्री, माननीय प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री जी के नाम सौंपे गए हैं पर अभी तक EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी के ऊपर सरकार द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अभी EPS 95 पेंशनधारक बजट 2021-22 में EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। और ऐसे में EPS 95 पेंशनधारकों को यह भी लग रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा EPS 95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी के लिए कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है।


क्योंकि लगभग 8 साल हो गए हैं इनका प्रयास जारी है और अभी तक कोई ठोस कदम सरकार द्वारा उठाया नहीं गया है। 2021-22 के बजट में EPS 95 पेंशनधारकों की पेंशन वृद्धि के लिए श्री शामराव, राष्ट्रीय सचिव EPS 95 राष्ट्रिय समन्वय समिति द्वारा एक ईमेल माननीय प्रधानमंत्री जी को बेजा गया है। ऐसे में कई EPS 95 पेंशनधारकों को यह भी लग रहा है कि केंद्र सरकार से EPS 95 न्यूनतम पेंशन में वृद्धि के लिए निकट भविष्य में कोई उम्मीद नहीं है। यह एक तथ्य है कि कई राज्य सरकार अपने वृध्द जो 60 साल पार कर चुके है उन्हें वृद्धावस्था की पेंशन रु. 1500 हर महीने बिना किसी योगदान दे रहे है।


यह अफ़सोस की बात है कि EPS 95 के पेंशनरों में से कई ने 1972 से EPS 95 पेंशन योजना में योगदान दिया और 30 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए। और सेवानिवृत्ति के बाद ईपीएस 95 पेंशन के रूप में 1000 न्यूनतम पेंशन  पा रहे है।

केंद्र सरकार के समय और फिर से बैंकों पर FD पर ब्याज कम करने से भी ईपीएस 95 पेंशनभोगियो को परेषानी हो रही है क्योंकि उन्हें अपने जैविका के लिए एफडी पर ब्याज से आय प्राप्त होती है। अब सबसे अधिक प्रभावित EPS 95 पेंशनर्स अधिकांश आवश्यक वस्तुओं पर बढ़ते मूल्य वृद्धि से भी पीड़ित हैं। गरीब EPS 95 पेंशनभोगी  बढाती उम्र के कारण अपनी चिकित्सा पर अपनी आय का एक अच्छा हिस्सा खर्च भी करते हैं। ऐसे में EPS 95 पेंशनधारक पेंशन बढ़ोतरी के साथ मुफ्त चिकित्सा सुविधाओंकी मांग कर रहे है


केंद्र सरकार को EPS 95 पेंशन में बढ़ोतरी के लिए EPS 95 पेंशनरों की ओर अपनी आँखें खोल EPS 95 पेंशन की बढ़ोतरी करनी चाहिए, ESI में चिकित्सा उपचार का विस्तार EPS 95 पेंशनरों के लिए करना चाहिए, और एफडी पर कम से कम एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज भी देना चाहिए ताकि गरीब EPS 95 पेंशनर्स शेष जीवन आनंद से जी सकें।

हम भगवान से प्रार्थना करते और उम्मीद करते हैं कि हम इस मुकाम पर पहुंच सकते हैं।


 

Saturday, December 26, 2020

Court Order on Pension Payment: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पेंशन जारी करने को लेकर सुनाया बड़ा फैसला

HIGHER PENSION NEWS | PENSION NEWS | EPS 95 PENSION HIKE


हाल ही में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पेंशन जारी करने को लेकर पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के खिलाफ दो रिट याचिकाओं का निपटारा किया। उच्च न्यायालय ने कहा कि विश्वविद्यालय हर महीने की 10 तारीख तक कर्मचारियों की पेंशन जारी करने के लिए सभी प्रयास करेगा।


विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कमचारी पेंशन राशि प्राप्त करने में देरी का विरोध कर रहे हैं, और सेवानिवृत्त कमचारीयो ने अदालत में रिट याचिका दायर की थी। शाम सिंह और अन्य द्वारा एक मामला दायर किया गया था जबकि दूसरा गुरमेल सिंह और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा उसी कारण से दायर किया गया था।

सेवानिवृत्त कमचारीयों ने पहले कहा है कि विश्वविद्यालय अपने वेतन को उनके खातों में जमा करने में देरी कर रहा है। विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार, कई बार इसमें सेवारत कमचारीयों के वेतन को जारी किया था, लेकिन उसी अवधि के लिए पेंशन राशि जारी करने में देरी हुई।


न्यायमूर्ति हरसिमरन सिंह सेठी की पीठ ने कहा कि दो रिट याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं की शिकायत थी कि वे सेवानिवृत्त कर्मचारी थे और उनकी पेंशन समय पर जारी नहीं की जा रही थी। विश्वविद्यालय के वकील ने कहा कि कुछ प्रक्रियात्मक देरी के कारण पेंशन में देरी हुई थी, लेकिन यह जानबूझकर नहीं था और कहा कि कर्मचारियों की पेंशन को जल्द से जल्द जारी करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे थे।


अदालत ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय हर महीने की 10 तारीख तक कर्मचारियों की पेंशन जारी करने के लिए सभी प्रयास करेगा ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को किसी तरह का पूर्वाग्रह न हो।

कोर्ट के फैसले का सारांश:

विश्वविद्यालय हर महीने की 10 तारीख तक पेंशन जारी करने का प्रयास करेगा, ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को किसी तरह का पूर्वाग्रह न हो।


EPFO NEWS TODAY: श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक में भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने पुरे वेतन 100% पर PF कटौती का दिया सुझाव

भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने गुरुवार को भत्ते सहित पुरे वेतन 100% पर अनिवार्य ईपीएफ कटौती के लिए सुझाव रखा, जो औपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवर बढ़ाएगा।


अन्य ट्रेड यूनियन भी मजदूरी पर कोड के तहत मजदूरी को परिभाषित करने के सुझाव पर इस तरह सहमत हैं कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत कवर किए गए कार्यकर्ता के पुरे वेतन 100% पर कटौती की जाये। हालांकि, अन्य यूनियनों ने गुरुवार को श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा बुलाए गए एक त्रिपक्षीय बैठक के दौरान स्पष्ट रूप से इस बात को आगे नहीं रखा, जिसमें नियोक्ताओं के साथ-साथ कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया था।


BMS ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “श्रम संहिता नियमों पर श्रम मंत्रालय द्वारा आयोजित परामर्श बैठक में, BMS ने मांग की कि कुल वेतन के 50 प्रतिशत तक भत्ते को सीमित करने वाली वेतन परिभाषा को फ्रीज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि 2019 के विवेकानंद विद्यालय मामले में सर्वोच्च न्यायालय यह जनादेश दिया है। समूह 4 सुरक्षा मामला (उच्चतम न्यायालय का) पहले वेतन का हिस्सा होने के लिए 100 प्रतिशत भत्ते को अनिवार्य करता है। "

वेतन की नई परिभाषा यह प्रदान करती है कि किसी कर्मचारी का भत्ता कुल वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है। इससे भविष्य निधि की तरह सामाजिक सुरक्षा कटौती बढ़ जाएगी। वर्तमान में, नियोक्ता और कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की दिशा में प्रत्येक में 12 प्रतिशत (मूल वेतन का) योगदान करते हैं।



वर्तमान में, बड़ी संख्या में नियोक्ताओं ने सामाजिक सुरक्षा योगदान को कम करने के लिए वेतन को कई भत्तों में विभाजित किया है। इससे कर्मचारियों के साथ-साथ नियोक्ताओं को भी मदद मिलती है। श्रमिकों का टेक-होम वेतन बढ़ता है जबकि नियोक्ताओं की भविष्य निधि योगदान देयता कम हो जाती है।

कुल वेतन के 50 प्रतिशत तक भत्ते पर प्रतिबंध लगाने से उन कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भुगतान पर नियोक्ता का भुगतान भी बढ़ेगा, जो एक फर्म में पांच साल से अधिक समय तक काम करते हैं। ग्रेच्युटी की गणना औसत वेतन के अनुपात के रूप में भी की जाती है। मजदूरी की नई परिभाषा पिछले साल संसद द्वारा पारित मजदूरी पर कोड, 2019 का हिस्सा है। कानून लागू करने के नियमों को भी पिछले साल खत्म कर दिया गया था।


अब, 1 अप्रैल, 2021 से औद्योगिक संबंधों, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक स्वास्थ्य सुरक्षा और कामकाजी परिस्थितियों पर अन्य तीन कोड के साथ इसके कार्यान्वयन की योजना है।

भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा, “हमने अपने नौ अन्य सहयोगी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ आज हुई बैठक में विशेष रूप से वेतन परिभाषा मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। हम पहले भी उसी लाइन पर सुझाव दे रहे हैं (उच्च ईपीएफ कटौती के लिए)। ”

बीएमएस के बयान के अनुसार, इसके अलावा, अन्य केंद्रीय ट्रेड यूनियनों जैसे INTUC, TUCC (ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर) और NFITU (नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस) ने भी बैठक में भाग लिया। इस बीच, उद्योग निकाय CII ने कहा, “मजदूरी की परिभाषा में यह उल्लेख किया गया है कि यदि कुछ भत्तों का योग, कुल वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक है, तो वह हिस्सा जो 50 प्रतिशत  से अधिक है उसे मजदूरी के रूप में माना जाएगा।


हालांकि, CII ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है कि कुल पारिश्रमिक क्या होगा। कुल पारिश्रमिक शब्द को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए ताकि किसी भी भ्रम से बचने और सरलता और सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। “कुल पारिश्रमिक में उन भत्तों को शामिल किया जाना चाहिए जो मूल वेतन सहित मासिक आधार पर एक कर्मचारी को नियमित रूप से और नियमित रूप से भुगतान किए जाते हैं। शायद यह परिभाषा की मंशा भी हो सकती है ऐसा CII ने कहा।

यह भी सुझाव दिया गया कि वैधानिक बोनस को 50 प्रतिशत लॉजिक चेक (50 प्रतिशत पर कैपिंग अलाउंस) के लिए भत्ते से बाहर रखा जाना चाहिए। यह नियम (मजदूरी पर कोड) उस तरीके के बारे में चुप हैं, जिसमें लाभ को 'मजदूरी' की परिभाषा के तहत इलाज किया जाना है।



यह सुझाव दिया गया कि ऐसे सभी लाभ जो अनिवार्य रूप से अनुलाभ हैं और पारिश्रमिक नहीं है उन्हें स्पष्ट रूप से ’मजदूरी’ की परिभाषा से बाहर रखा जाना चाहिए और कुल पारिश्रमिक के तहत विचार से बाहर रखा जाना चाहिए।

मजदूरी की नई परिभाषा के कारण समिति ने ग्रेच्युटी गणना में किसी भी बदलाव के बारे में स्पष्टीकरण मांगा।

VIDEO



Friday, December 25, 2020

EPS 95 Pension Hike: वित्त वर्ष 2021-22 के बजट मे ईपीएस 95 पेंशन वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को किया ईमेल


जैसा कि सभी 65 लाख ईपीएस 95 पेंशनर्स जानते हैं कि दो महीने के बाद फरवरी में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट वित्त मंत्री द्वारा घोषित किया जायेगा। आगामी बजट के मद्देनजर ईपीएस 95 पेंशनभोगी ईपीएस 95 पेंशन वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। और जैसा कि सभी जानते हैं कि ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ईपीएस 95 पेंशन को रु. 1000 से रु. 7,500 प्रति माह बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। लेकिन सरकार ने ईपीएस 95 पेंशनरों की मांगो को मंजूरी नहीं दी है। श्री शामराव, राष्ट्रीय सचिव ईपीएस 95 पेंशनर्स समन्वय समिति कर्नाटक ने ईपीएस 95 पेंशन वृद्धि के बारे में प्रधानमंत्री को ईमेल किया और ईपीएस 95 पेंशनरों की स्थिति को व्यक्त किया और आगामी बजट में ईपीएस 95 पेंशनरों के लिए बजटीय समर्थन देने की मांग की। इसके लिए उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को एक मेल दिनांक 20 दिसंबर 2020 लिखा हैं और ईपीएस 95 पेंशनरों की मांग और स्थिति को व्यक्त किया हैं,  ईमेल नीचे दिया है:

सेवा

1) भारत के माननीय प्रधान मंत्री
पीएमओ के माननीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के माध्यम से।
2) माननीय वित्त मंत्री
3) माननीय श्रम और रोजगार मंत्री, भारत सरकार
नई दिल्ली।

विषय: ईपीएस 1995 पेंशनरों के लिए न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा के लिए बजटीय समर्थन, हेतु।

आदरणीय महोदय,
वित्त मंत्री जी का यह कथन कि वर्ष 2021-22 का आगामी बजट पूर्व की तरह नहीं होगा, सबसे अधिक स्वागत योग्य है और हमारा मानना ​​है कि 2021-22 के बजट में हमारी पेंशन का मुद्दा नहीं छूटेगा। निम्नलिखित स्थिति को ध्यान में रखते हुए, ऐसा न हो कि हम अपनी पेंशन संकट से पीड़ित न हों।


यह हमारे लिए अपरिहार्य है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक बजट प्रस्तुति की प्रक्रिया चल रही के संदर्भ में, यह हमारी शिकायतों को प्रस्तुत करना है कि महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन की बढ़ोतरी के लिए ईपीएस 1995 पेंशनरों की अपीलें बनी हुई हैं। कई वर्षों तक शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से विभिन्न मांगों को सरकार  के समक्ष रखा गया है।

नागरिकों के ज्ञान में यह निर्विवाद और बहुत अधिक है कि माननीय सरकार ने नागरिकों की भलाई के लिए सराहनीय / उल्लेखनीय प्रगतिशील कार्य किया है, जिसने LPG आपूर्ति, राशन वितरण में गरीब और सामान्य श्रेणी के नागरिकों के जीवणलागत मूल्य को कम किया है। बेहतर प्रशासनिक प्रक्रिया के साथ बीपीएल कार्ड द्वारा खाद्य सामग्री, किसानों, व्यापारियों, क्षुद्र व्यापारियों, सड़क विक्रेताओं और वित्तीय राहत के लिए सामाजिक कल्याण उपायों के रूप में आवश्यक के रूप में कई राहतें।


इसके अलावा, माननीय सरकार ने अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार द्वारा नियमित रूप से नियोजित विकास में आगे बढ़ते हुए, रोजगार के नुकसान पर Covid -19 संकट में वित्तीय सहायता प्रदान करके श्रमिक वर्ग के असंगठित श्रमिकों का बचाव करने के लिए भी आया है। यातायात और वस्तुओं के तेज आंदोलनों और जीवन की मुख्यधारा से जुड़े आवश्यक क्षेत्रों में प्रगतिशील उपायों के लिए उच्च स्तर पर राजमार्ग कनेक्टिविटी का निर्माण भी किया है।
लेकिन ईपीएस पेंशनर्स अनदेखी और उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उनकी समस्याओं को कम करने के लिए कोई भी वित्तीय राहत नहीं दी गई है।

एक देय पेंशन के साथ मूल जीवणलागत मूल्यके रखरखाव के लिए आर्थिक न्याय की समानता से मुलाकात की जा सकती है, जो कि नियमित आवधिक संशोधनों, पेंशनरों के संबंध में पेंशन प्रणाली में व्याप्त है, सरकार पेंशनरों के संबंध में चिकित्सा सुविधाओं और पेंशन के लिए दूसरों द्वारा प्राप्त कई पेंशन का आनंद ले रही है।


ईपीएस 1995 के पेंशनरों की पेंशन से जुड़ा मुद्दा जो मानवता की चिंता के साथ गंभीर रूप से ध्यान देने योग्य है, माननीय सरकार द्वारा खराब स्थिति और दूसरों पर निर्भरता के साथ दुर्बलता के साथ असहनीय कष्टों को समझते हुए राजनीतिक इच्छा के साथ हल किया जाना चाहिए। वर्तमान में 1000 रुपये से कम और लगभग 3000 रुपये के बीच पेंशन की एक मामूली मिल रही है जिसमे जीवनयापन करना मुश्किल है। और बुनियादी जरूरतों की लागत को पूरा नहीं करता है। पेंशन को मानवीय गरिमा के साथ सुनिश्चित की गई जीवन की आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदान किया जाता है। पर कर्मचारी पेंशन योजना 1995 इसमें विफल है।


पेंशन उचित मात्रा में होनी चाहिए जो जीवन की बुनियादी जरूरतों और चिकित्सा सुविधाओं की लागत को पूरा कर सके। अब जो प्रदान किया जाता है वह कर्मचारी पेंशन स्कीम 95 के तहत अयोग्य पेंशन है। प्रमुख / लघु उद्योगों, निगमों, बोर्डों के सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में दिन और रात की पारी के साथ जीवन के सुनहरे दिनों में अथक मेहनतकशों के साथ ईपीएस पेंशनरों की सेवा, केंद्रीय और राज्य सरकार, परिवहन, कपड़ा उद्योग, सोने की खदानों, इस्पात संयंत्रों, के स्वामित्व में सीमेंट कारखानों सोने की खानों आदि और असंख्य कुटीर उद्योगों में, सभी नागरिकों को दिखाई देने वाले राष्ट्र के विकास में योगदान दिया है, जो आज दिखता है। लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद पेंशनधारकों की दुर्दशा आर्थिक असुरक्षा के साथ खराब हो गई है। साथ ही पेंशन योजना की शुरुआत के बाद से सत्ता में आने वाले सभी उत्तराधिकारियों द्वारा इसपर ध्यान नहीं दिया गया है।

मुख्य रूप से किसानों, संगठित या असंगठित वर्ग के मजदूरों को द्वारा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान दिया जा रहा है, इसके अलावा जनसंख्या की अघोषित ताकत के लिए राष्ट्र को उच्च सम्मान में रखने के लिए उनकी समर्पित सेवा का समान महत्व है जो मानव के लिए सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक हैं।


लेख 14, 21 और भारतीय संविधान के ऐसे अन्य जो नागरिकों और मानव अधिकारों के जीवन की सुरक्षा की रक्षा करते हैं, जिसमे 1) भोजन और स्वास्थ्य का अधिकार, 2) जीवन के पर्याप्त मानक का अधिकार, 3) सामाजिक सुरक्षा का अधिकार जो सभी का उल्लंघन नहीं है, ईपीएस 95 पेंशनरों की वर्तमान स्थिति के लिए अप्रासंगिक हो गए हैं, उनकी सेवा का अवमूल्यन किया गया है, जो वर्षों से / दशकों से न्याय के लिए रो रहे हैं और बिना पेंशन प्रदान किए हुए अल्प पेंशन के खिलाफ हैं। जिसमे 20 वर्षों  बदलाव नहीं किया गया है।

माननीय सरकार कृपया इस वास्तविक मुद्दे को पेंशन योजना में आवश्यक परिवर्तन करके हल कर सकती है, जिसमें से अंशदान अंशदान और पेंशन फंड के बेहतर प्रबंधन में उपलब्ध है जो समय-समय पर अपने निवेश लाभों के साथ वित्तीय पूंजी बनाता है। उच्चतम न्यायपालिका ने जोर देकर पुष्टि की है कि पेंशन योजना की शर्तों पर उठाए गए रुख से असहमत जीवन की आर्थिक सुरक्षा के लिए ईपीएस पेंशनर्स क्या मांग कर रहे हैं।



इन सभी घटनाक्रमों के आलोक में और ईपीएस 1995 के तहत पेंशनभोगियों की वित्तीय असुरक्षा की समस्याओं को समझने के लिए, माननीय संसद सदस्य, विधायी राज्य विधानसभाओं के सदस्य और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी आपके माननीय सरकार को बढ़ाने के लिए सिफारिश की है। मानवता की चिंता के साथ पेंशनरों की मांग का समर्थन करने वाले अपने पत्रों के माध्यम से महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी का समर्थन किया है।

यह सभी ईपीएस पेंशनरों की आवाज है, जो पूरे देश में बिखरे हुए करोड़ों लोगों के लिए जिम्मेदार हैं, उनमें से अधिकांश गरीब हैं और बहुत गरीब नागरिक अपने जीवनयापन  करने  के लिए छोटीमोटी मासिक नौकरी कर रहे हैं, उनके बच्चों को COVID-19 महामारी में नौकरी की तलाश है। कृपया इन पेंशनभोगियों को संकट से छुटकारा दिलाएं और उनके जीवन को  बेहतर करें। माननीय सरकार द्वारा समिति की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना तार्किक रूप से देश भर में एक जोड़े के जीवन की औसत न्यूनतम लागत के वर्तमान मूल्यांकन के साथ है। लगभग 10000 रुपये के क्रम में कि वे माननीय वित्त मंत्री द्वारा आश्वासन के रूप में वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक बजट में ध्यान दे और नागरिकों के स्वास्थ्य को पूर्वता प्रदान करे।

उच्च संबंध के साथ।

आपका
शामराओ, राष्ट्रीय सचिव, ईपीएस 1995 पेंशनर्स समन्वय समिति।
बीदर, कर्नाटक



EPS 95 Higher Pension Order: EPS 95 Pensioners Higher Pension Order HP High Court, Shimla Judgment dt. 24.12.2020

CWP No. 5830 of 2020
24.12.2020            Present:              Mr. J.L Bhardwaj, Advocate, for the petitioner.
Mr. Lokender Pal Thakur, Sr. Panel Counsel, for
respondent No.1.
Mr. Navlesh Verma, Advocate, for respondents
No. 2 to 4.
Mr. Naresh Kaul, Advocate, for respondent
No.5.
(Through video conferencing).

CWP No. 5830/2020 & CMP No. 13535/ 2020

The learned counsel for the petitioner, places on record, a copy of a verdict recorded by the Hon’ble Apex Court in Special Leave Petition (Civil) Diary No. 9610/2019, wherethrough the Hon’ble Apex Court, has upheld the verdict made by the High Court of Kerala, at Ernakulam, upon, WP(C) No. 13120 of 2015 titled as P. Sasikumar versus Union of India and others, and, wherethrough the Employee’s Pension (Amendment) Scheme, 2014 has been quashed and set aside.


The learned counsel appearing for respondents No. 2 to 4, makes a submission, before the Court, that though a review petition is pending thereagainst before the Hon’ble Apex Court, however, it is neither controverted nor there is any wrangle amongst the parties, that there is no stay made against the operation, of, the verdict made, on Special Leave Petition (Civil) Diary No. 9610/2019, wherethrough the verdict of Kerala High Court (supra) hence quashing the Employee’s Pension (Amendment), has been upheld. However, the learned counsel for respondents No. 2 to 4, submits that since, no decision is taken upon the afore Review Petition, and, also when the afore factum is combined, with the factum of Hon’ble Apex Court, hence not conclusively resting the controversy appertaining to the afore factum, thereupon it may not be appropriate for this Court, to, direct the respondents to pay the revised pension.


However, for balancing the equities amongst the petitioner, and, the respondents, this Court directs that the benefits of employees pension amendment Scheme, may be provisionally conferred upon the petitioners, and, the afore benefits shall remain alive or shall subsist, only till a conclusive verdict against the petitioners, becomes recorded by the Hon’ble Apex Court, upon Review Petition (Civil) Nos. 1430-1431 of 2019, as, is sub judice therebefore, especially when it is stated by the learned counsel, for the parties, that no stay has been granted by the Hon’ble Apex Court against the verdict of the Hon’ble High Court, of, Kerala.


If so, and, for ensuring that upon any adversarial decision against the employees, being rendered by the Hon’ble Apex Court, it may becoming difficult, for the EPFO to realize the excess payment, if any, thereupon, the disbursement of revised pension, to the petitioners by the respondents shall be subject to a detailed affidavit becoming filed within one week, by each of them, in the Registry of this Court, with clear disclosures therein, that each of them, shall immediately on a verdict adversarial to them, becoming pronounced by the Hon’ble Apex Court, shall hence deposit the afore provisional excess payments, if any, of revised pension, as, becomes provisionally paid to each of them. It is clarified that in case, of, any breach on their part, it shall be open for the EPFO to prosecute them for perjury, and, for contempt of Court.


Pleadings be completed within three weeks.

List thereafter.

Copy dasti.

 ( Sureshwar Thakur ),
 Judge.
 ( Chander Bhusan Barowalia ),
 Judge.

 24th  December, 2020
(priti)

Click Here To Download pfd of HP High Court, Shimla Judgment dt. 24.12.2020 Copy


 

Thursday, December 24, 2020

EPS 95 Pension Hike in Budget 2021-22: Provide Budgetary Support for Minimum Pension Hike Under EPS 1995 Email to Prime Minister of India

EPS 95 Pension Hike List Search Your Name Now

As all 65 lakh EPS 95 pensioners know after two months means in February budget for 2021-22 is declared by Finance Minister. In view of the upcoming budget EPS 95 pensioners are expecting EPS 95 pension hike and as everyone knows EPS 95 National Agitation  Committee is continuing effort to increase the EPS 95 pension from Rs. 1000 to Rs. 7,500 per month but till government has not sanctioned the EPS 95 pensioners' demand. In view of the upcoming budget Mr. ShamRao, National Secretary EPS 95 Pensioners Coordination Committee Karnataka has emailed the Prime Minister about the EPS 95 pension Hike and expressed the situation of EPS 95 pensioners and demand for giving budgetary support for EPS 95 pensioners in the upcoming budget. For that, he writes a mail to the Prime Minister of India Mr. Narendra Modi on 20th December 2020 and Expresses the EPS 95 pensioners demand and situation, the email as below

To
1)The hon'ble prime minister of India
Through  Dr Jitendra Singh, hon'ble minister of PMO.
2) The  hon'ble finance minister
3) The Hon'ble Minister of Labour & Employment, Govt of India
New Delhi.

Sub: Budgetary support for minimum economic security to EPS 1995 pensioners, reg.

Respected sir(s) / madam,

The statement of the hon'ble minister of finance that the forthcoming budget for the year 2021-22 will be like no other in the past is most welcome and we believe that our pension issue would not be missed in the budget of 2021-22 taking into consideration the following position, lest we do not continue to suffer from our pension crises.


It is but inevitable for us that in the context of with ongoing process of annual budget presentation for the financial year 1921-22, it is to submit our grievances that the appeals of EPS 1995 pensioners for a hike of minimum pension with Dearness Allowance have remained unsettled as yet despite the demands put through various memorandums by peaceful protests taken place hitherto for years together.

It is undeniable and very much in the knowledge of citizens that the hon'ble  NDA govt has done commendable/remarkable progressive work for the wellbeing of the citizens that has eased the  LIVELIHOOD of poor and general category citizens in distribution of  LPG supply, rationing of food items by BPL cards with the better administrative process, financial support to the farmers, traders,  petty businessmen, street vendors and so many reliefs as necessitated in form of social welfare measures.


Further, the hon'ble govt has also come to rescue the unorganised workmen of labour class by providing financial assistance in Covid -19 crises on the loss of employment and means of LIVELIHOOD  while moving ahead in regularly planned developments by the revival of the economy,  constructions of  Highways connectivity in high scale for fast movements of traffic and goods and progressive measures in essential sectors connected with the mainstream of life  that are visible.

But the EPS pensioners are unseen and unnoticed of their problems!  No bit of financial relief is extended to alleviate their problems.


Equality of economic justice for maintenance of basic LIVELIHOOD with a liveable pension is to be meted out, amidst the scenario that prevails in pension system with Dearness allowance by regular periodical revisions, medical facilities in respect of govt pensioners and multiple pensions enjoyed by others for short spells of public service.

The issue connected to the pension of EPS 1995 pensioners that deserve utmost serious attention with the concern of humanity stands to be solved with political will by the hon'ble govt sensing the bad situation and unspeakable sufferings with dependency on others at the mercy the pensioners are undergoing in the present nuclier family set up with a meagre range of pension in between less than Rs 1000 and about Rs 3000  that does not meet the cost of any basic needs of LIVELIHOOD.     
The pension is provided to serve the purpose of providing economic security of life ensured with human dignity which has been defeated by the employee's pension scheme 1995.


It shall be a liveable pension in fair quantum that meets basic needs of life and the cost of medical facilities. What is provided now is unliveable pension under the employee's pension scheme 95.
The service of EPS pensioners made with tireless toiling in heydays of life with day and night shift in major/minor industries, corporations, Boards public and private sectors,  owned by central and state govt, transport, textile industries, gold mines, steel plants, cement factories gold mines etc and innumerable cottage industries has contributed for the growth of the nation visible to all citizens what it looks today. But their plight of LIVELIHOOD in retirement has been worsened with economic insecurity getting unnoticed by all the successive govts that came into power since the inception of the pension scheme.


Primarily farmers, workers of either organised or unorganised class being a contributor of the national economy besides unignorable strength of population have all equal importance by their dedicated service to hold the nation in high esteem who are essential to be protected of socio-economic security with human dignity by ensuring constitutional rights of citizens  & non-violation of human rights as well. But they are made very much underprivileged keeping them on a different footing is quite a contrast to govt pensioners.

The articles 14, 21 and such others of the Indian constitution that protect the security of life of citizens and human rights
1)  Right to food and health
2)  Right to an adequate standard of life  
3) Right to social security that is all not to be violated, have stood irrelevant to the present LIVELIHOOD situation of the EPS 95 pensioners devalued of their service who have been crying for justice for years/decades together against the onslaught of meagre pension provided without Dearness Allowance kept UNREVISED for 20 years.


It vividly speaks of denial of the citizens right to life and economic justice and violation of human rights which is already brought to the kind knowledge of National human rights commission New Delhi for violation of human rights caused by a meagre pension.

The hon'ble govt may kindly solve this genuine issue by making necessary changes in the pension scheme, the scope of which is very much available in contribution and better management of pension fund that forms the financial capital with its investment benefits growing time to time.

What matters to the employee's provident fund organisation new Delhi in a present pension scheme is inconsistent to the democratic principles.


The highest judiciary has upheld with assertion and affirmation what the EPS pensioners have been demanding for the economic security of life disagreeing the stand taken on the conditions of the pension scheme.

In the light of all these developments and understanding the problems of financial insecurity of pensioners under EPS 1995, some hon'ble members of parliament,  members of legislative state assemblies and chief ministers of states have also recommended to your hon'ble govt for enhancement of minimum pension with DA through their letters supporting the demand of pensioners with the concern of humanity.


Whatever if we happen to receive the benefit of pension by its hike and D A, it is spent for needs of LIVELIHOOD  that yields tax to the govt, not going to turn into black money.

It is the voice of all EPS pensioners coupled with spouses accounting in crores scattered all over the country, majority of them are poor and very poor citizens doing menial jobs to eke out their LIVELIHOOD, unsupportive of their children being in search of jobs under  Covid -19 pandemic crises.

Kindly let these pensioners be relieved of distress and disgrace in their LIVELIHOOD  securing them minimum economic security by the hon'ble govt on the basis of committee reports logically with a present valuation of average minimum cost of the life of a couple across the nation that comes about Rs 10000  in order that they live a happy and normal life by giving precedence to LIVELIHOOD and health of the citizens with a focus in the annual budget for the year 2021-22 as assured by the hon'ble finance minister. 

With high regards.

Sincerely yours
ShamRao, national secretary, EPS 1995 pensioners coordination committee.
Bidar,  Karnataka



EPS 95 Pensioners News: EPS 95 न्यूनतम पेंशन 7500 बढ़ोतरी की मांग को लेकर राष्ट्रीय संघर्ष समिति कानपुर मण्डल की मासिक बैठक संपन्न

EPS 95 PENSION HIKE NEWS | EPS 95 HIGHER PENSION ORDER FROM SUPREME COURT


देश के 65 लाख EPS 95 पेन्शनर्स की मांगे मंजूर करवाने के लिए राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा EPS 95 पेन्शनर्स को न्यूनतम पेंशन 7500 बढ़ोतरी समेत महंगाई भत्ते जोड़े जाने के साथ, चिकित्सा सुविधा, मा. उच्चतम न्यायलय के आदेशानुसार उच्च्चतम वेतन पर पेंशन के भुगतान की मांगे की जा रही है। इसी मांगो को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए दि. 21 दिसंबर 2020 को EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति कानपुर मण्डल की मासिक बैठक संपन्न हुई, इस बैठक में काफी ज्यादा संख्या में EPS 95 पेंशनरों ने बढ़ चढ़ कर सम्मिलित हुए  थे।


बैठक की में सर्वप्रथम, श्री ओमशंकर तिवारी को राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर श्री अशोक राउत जी द्वारा, राष्ट्रीय सचिव नियुक्ति होने पर अभिनन्दन और सम्मानित किया गया। मण्डल सचिव श्री. अमर माहेश्वरी और संगठन मंत्री श्री. शिव शंकर गुप्ता द्वारा शाल उढ़ाकर श्री. तिवारी को सम्मानित किया गया।



EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति, कानपुर मण्डल की बैठक में श्री तिवारी जी के भाषण के दौरान पेंशनरों ने पेंशन में वृद्धि करने के नारे लगाकर सरकार से रुपए 7500 न्यूनतम पेंशन के साथ महंगाई भत्ते की मांग की। साथ ही वक्ताओं ने चेतावनी दी है की यदि केंद्र सरकार फरवरी बजट में पेंशन वृद्धि की घोषणा नहीं करती तो हम सभी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

सभी पेंशनधारकों को अवगत है की EPS 95 वृद्ध पेंशनधारकों की उम्र तक़रीबन 60 से 80 साल है, क़रीब पिछले  आठ वर्षो से न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी की मांगो के लिए संघर्षरत है। वर्ष 2013 में कोश्यारी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में EPS 95 पेंशनधारको को पेंशन बढ़ोतरी के साथ मंहगाई भत्ता देने की भी शिफारिश की थी।


साथ ही सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भी पेंशनधारको के पक्ष में है जिसपर अभी पुनः विचार याचिका के तहत सुनवाई चल रही है। लेकिन पेंशनधारको को कोई भी लाभ अभी तक मिला नहीं है। वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद EPS 95 पेंशनधारको की न्यूनतम पेंशन  को 1000/- रुपये सुनिश्चित किया है। लेकिन EPS 95 पेंशनधारको की मांगे न्यूनतम पेंशन 7500/- के साथ मंहगाई भत्ता और फ्री मेडिकल सुविधा की है।




Monday, December 21, 2020

EPS 95 Miminum Pension Hike News: EPS 95 के तहत पेंशनकी पुनः संरचना कर पेंशन बढ़ोतरी किये जाये: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नवीन पटनायकजी ने गुरुवार को राज्य के लगभग 1.62 लाख ईपीएफ पेंशनरों की दुर्दशा के लिए केंद्र का ध्यान आकर्षित करते हुए, पेंशन संरचना की मांग की है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित  कर्मचारियों की पेंशन योजना -1995 के पेंशनधारकों को नाममात्र राशि पेंशन के रूप में दी जा रही है, मुख्यमंत्री नवीन पटनायकजी ने केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवारजी को एक पत्र में लिखा है।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायकजी ने कहा, '' मैं 1.62 लाख ईपीएफ पेंशनरों की दुर्दशा की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ, जिनकी मासिक पेंशन, उनकी उन्नत उम्र में कठिनाई का सामना कर रही है। ''उन्होंने पत्र में कहा कि ईपीएस -95 पेंशनर्स संघों ने केंद्र को न्यूनतम पेंशन में संशोधन की मांग को रखा है, इसके साथ ही लाभार्थियों ने राज्य सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा है।


ईपीएस -95 पेंशनधारको की मासिक पेंशन में वृद्धि के लिए 2013 में राज्यसभा सांसद भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा एक सिफारिश की गई थी इसका हवाला दिया गया है, जिसे वे समझते हैं कि विचार के लिए केंद्र में लंबित है। “इन ईपीएस -95 पेंशनभोगियों की शिकायत आपके अंत में सहानुभूतिपूर्ण विचार के लायक है क्योंकि उन्होंने अपनी प्रमुख उम्र में राष्ट्र-निर्माण में बहोत बड़ा योगदान दिया था।


और अब उन्हें उचित वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा के साथ राज्य द्वारा संरक्षित किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि उनकी ईपीएस -95 पेंशन की पुन: संरचना  व्यवस्थित किया जाए, जिसके लिए वे हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।