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Monday, May 10, 2021

EPS 95 Pension Hike News: EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी 7500 + DA को लेकर 65 लाख पेंशनधारकों के लिए NAC की जरुरी सूचना

National Agitation Committee

NAC का अगला आंदोलन कार्यक्रम

1. अपने अपने घर से ही सम्पर्क अभियान.
2 सभी राज्यों में तहसील स्तर के संगठन का गठन
3. दिनांक 1 जून 2021 को एक दिन का देश व्यापी उपवास कार्यक्रम


आदरणीय भाइयों एवं बहनों,
आपको विदित ही है कि हमारी मांगों को सरकार द्वारा पिछले अधिवेशन/बजट सत्र में मंजूर करने के संकेत हमें मिल रहे थे लेकिन कोरोना महामारी के चलते व EPFO के अन्यायपूर्ण व्यवहार के कारण इसमें रुकावटें आई है ऐसा स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है.

हम पेंशनर्स की आवाज को व सत्य तत्थ्यों को सरकार तक तथा संबंधितों तक पहुंचाने का कार्य आप सभी,हमारे नेताओं ने दिनांक 06.04.2021 से विरोध दिवस के माध्यम से देश के सभी ईपीएफओ कार्यालयों पर मा. प्रधानमंत्री जी/मा.अध्यक्ष सीबीटी के नाम निवेदन देकर संपन्न किया है.


आप सभी को विदित ही है कि हमारे संगठन की सभी टीमें अपने अपने मोर्चे पर प्रभावशाली रीति से काम रही हैं व NAC के मुख्यालय, बुलढाणा महाराष्ट्र में क्रमिक अनशन का आज 869 वा दिन है. आप सभी को यह भी विदित है कि कोरोना की महामारी तो पिछले वर्ष से आई लेकिन हमारे पेंशनर्स में तो इपीएस 95 पेंशन महामारी* पिछले कई सालों से शुरू है जिसमें प्रति माह लगभग 5000 की दर से हमारे पेंशनर्स भाई बहन संसार से बिदा होते जा रहे थे व अब कोरोना महामारी आने के कारण मृत्युदर और अधिक बढ़ गई है.


सभी सदस्यों में ईपीएफओ के प्रति रोष व पेंशनर्स भाई बहनों की बढ़ती हुई मृत्युदर को देखते हुए , *किसी भी हालत में आने वाले मानसून अधिवेशन में या उसके पहले हमारी चार प्रमुख मांगों को पूर्ण करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लक्ष्य प्राप्ति के लिए सभी सदस्य व सभी नेताओं से निवेदन है कि स्वयं को व अपने परिजनों को सुरक्षित रखते हुए कृपया निम्नलिखत बिंदुओं /NAC के इस आंदोलन कार्यक्रम पर विशेष ध्यान दीजिए:-


  1. 1.सोशल मीडिया /इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से (व्हाट्सएप, ट्विटर, ई मेल, एसएमएस, फोन से संपर्क आदि) अपनी आवाज को प्रभावशाली ढंग से मा.प्रधानमंत्री, मा.वित्त मंत्री, मा.श्रम मंत्री, अपने अपने क्षेत्र के मा.सांसद व सीबीटी सदस्यों तक पहुंचाने का कार्यक्रम. पिछले महासंपर्क अभियान के अनुसार जिन नेताओं को जो जवाबदारी दी गई थी उसी के अनुसार इस अभियान को संसद के मान्सून सत्र के शुरू होने के पहले तक अपने अपने क्षेत्र के मुख्य समन्वयक/प्रांतीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में पूर्ण किया जाए. 
  2. 2.दिनांक 31.05.2021 तक सभी राज्यों के तहसील स्तर के संगठन का गठन करना.
  3. 3. जो महान सदस्य हमें छोड़कर संसार से बिदा हो गए उनकी स्मृति में व मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा दिनांक 04.03.2020 को पेंशनर्स की मांगों को पूर्ण करने हेतु, दिए गए वचन पूर्ति की एक बार फिर से याद दिलाने के लिए दिनांक 01.06.2021 को सभी ईपीएस 95 द्वारा अपने अपने घर से देश व्यापी उपवास कार्यक्रम.

कृपया सुरक्षित रहिए,लक्ष्य प्राप्ति के लिए जागरूक रहिए व संगठित रहिए. कृपया याद रहे कि आप सभी उन सदस्यों के प्रतिनिधि हैं, जो हमारे संगठन के ग्राउंड स्तर के कार्यकर्ता भाई बहन है व जिनके पास तो साधारण फोन भी नहीं हैं ,इस कोरोना महामारी के चलते हम उनसे प्रत्यक्ष संपर्क भी नहीं कर सकते हैं.
जेष्ठ भारत-श्रेष्ठ भारत

आपका अपना,

कमांडर अशोक राऊत,
राष्ट्रीय अध्यक्ष


 

Saturday, January 9, 2021

EPS 95 PENSION LATEST NEWS TODAY: APRPA State committee members Submtting of memorandum to Sri Nandigam Suresh Hon'ble M. P. for EPS 95 Pension Hike


Why the committee did not focus on non remittance of govt. part of 1.16% contribution for several years which was pointed by the CAG? Due to the failure of epfo's fund manager's, the pensioners are put to heavy loss in the fag end of life.


Even the Govt is also neglecting their primary and fundamental obligation of providing food and health security to the epf pensioners who are also part of citizens of India. The possibility of approaching court of law on this issue by raising contributions from members may be thought of by APRPA.


Submtting of memorandum by APRPA State committee members and others to Sri Nandigam Suresh Hon'ble M. P. of Bapatla constituency, A. P. requesting to raise the EPF pensioners' issues in the ensuing budget parliament sessions. He has assured to represent the issues and responded positively





Tuesday, December 29, 2020

EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी के लिए राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडेय जी ने मा प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, Recomendation for EPS 95 Minimum Pension Hike 7500+DA to PM

जैसा कि सभी EPS 95 पेंशन धारकों को अवगत है कि राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय कमांडर अशोक राउतजी द्वारा चलाए जा रहे जनप्रतिनिधियों से देशव्यापी संपर्क अभियान के अंतर्गत EPS-95 पेंशनधारकों की मांगों से अपने अपने क्षेत्र के सांसदों से अवगत कराए जाने के लिए कराते हुए शीघ्र समाधान हेतु आग्रह किया जा रहा है।


इसी क्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष श्री एल एन सिद्दीकी जी के नेतृत्व में राज्य के माननीय सांसदों से विगत दिनों क्रमबद्ध रूप से संपर्क किया जा रहा है। और EPS 95 पेंशनधारकों की मांगो का  ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इसी के चलते दुर्ग छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडे जी के साथ EPS 95 पेंशनधारकों का ज्ञापन है तो वह सौंपा गया। और माननीय सांसद  सुश्री सरोज पांडे जी सांसद राज्यसभा द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी को एक पत्र EPS 95 पेंशनधारकों की मांगों के संदर्भ में लिखा गया है। 


उन्होंने उनके पत्र में लिखा है कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन वृद्धि के संबंध में।  आगे उन्होंने उनके पत्र में माननीय प्रधानमंत्री जी को संबोधित करते हुए लिखा है, आदरणीय महोदय जी, मेरे संसदीय क्षेत्र से राष्ट्रीय संघर्ष समिति छत्तीसगढ़ राज्य के सदस्यगण मिले उन्होंने बताया कि ईपीएफ 1995 पेंशनर्स को अत्यंत अल्प पेंशन मिलता है। और न्यूनतम मात्र ₹1000 प्रति महा है जिससे पति और पत्नी दोनों लोगों का गुजारा हो ना आज की महंगाई में बहुत ही कठिन है। और इन पर इसकी हालत अत्यंत दयनीय है छत्तीसगढ़ में लगभग 88000 पेंशन धारक है।


उन्होंने समय-समय पर विभिन्न ज्ञापनो के माध्यम से विभिन्न संबंधित मंत्रालय और अधिकारियों  को भी इस संबंध में अवगत कराया है।

मैं आग्रह करती हूं कि इनकी  वृद्धावस्था को दृष्टि में रखकर न्यूनतम पेंशन को कम से कम 7500 रुपए प्रतिमाह बढ़ाने और महंगाई भत्ते सूचकांक से जोड़ने  पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें। ताकि यह वृध्द पेंशनर्स अपने जीवन के अंतिम दिनों को गुजारा सम्मान पूर्वक व्यतीत कर सकें।


दुर्ग छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद  सुश्री सरोज पांडे जी के द्वारा eps-95 पेंशनधारकों की जो मांगे है तो उसे मंजूर करवाने हेतु माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री महोदय भारत सरकार को एक पत्र लिखा गया है। EPS-95 पेंशन धारकों की मांगों के संदर्भ में दुर्ग छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडे जी के साथ जब ज्ञापन सौंपा गया तब तक प्रेसिडेंट सिद्धकी दुर्ग प्रेसिडेंट उमेश उपाध्याय और सेक्रेटरी के एस ठाकुर मौजूद थे।



Wednesday, October 21, 2020

EPFO LATEST NEWS: कोरोनोवायरस महामारी के दौरान EPFO द्वारा किये गए निवेश पर संसदीय समिति ने उठाये सवाल

नव गठीत संसदीय समिति ने बुधवार को कोरोनोवायरस महामारी के दौरान ईपीएफ जमा धन से निवेश करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बारे में संदेह जताया। यह मुद्दा बुधवार को चर्चा के लिए आया था और स्थायी समिति ने अधिकारियों को संतोषजनक नहीं पाए जाने के बाद लिखित में सभी जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

ईपीएफओ की कार्यप्रणाली पर कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के विशेष संदर्भ में ईपीएफओ के कामकाज के विषय पर बुधवार को स्थायी समिति की बैठक हुई। घटनाक्रम से अवगत लोगों के अनुसार, बैठक में झंडी दिखाकर निकाली गई प्रमुख चिंताओं में से एक ईपीएफ कॉर्पस को इक्विटी में निवेश करने और इसे दिखाने वाले परिणामों को लेकर थी।


“मार्च के महीने में ईपीएफ कॉर्पस से निवेश किया गया था जब यह ज्ञात था कि स्थिति निराशाजनक थी और इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश किए गए थे, मुख्य रूप से इक्विटी में। सवाल उठाए गए हैं कि संबंधित अधिकारी निवेश के साथ आगे क्यों बढ़ गए जब यह पता चला कि आर्थिक स्थिति अनुकूल नहीं थी। क्या जरूरत थी? हम श्रम मंत्रालय के प्रतिनिधियों के मौखिक उत्तरों से संतुष्ट नहीं हैं और यही कारण है कि हमने उन्हें लिखित रूप में जवाब भेजने के लिए कहा है, "विकास के बारे में एक व्यक्ति ने कहा।

स्थायी समिति के सदस्यों ने यह भी बताया कि इस साल मार्च तक, संघ सरकार के सभी आकलन से यह अच्छी तरह से ज्ञात था कि निवेश पर नकारात्मक वापसी की संभावना थी और सवाल किया था कि ईपीएफओ कॉर्पस से किए गए इन निवेशों को किसने मंजूरी दी थी।


“ईपीएफ फंड या कॉर्पस का एक हिस्सा बाजारों में चला गया है। उस राशि से, हमने उनसे पूछा कि जो कॉर्पस चली गई है, उसका हिस्सा किन कंपनियों में है और अभी क्या स्थिति है और यह उस संस्था द्वारा रिफंड के लिए उपलब्ध है। महामारी के दौरान कई कंपनियों को चोट लगी है, उनकी रेटिंग में गिरावट आई है, इसलिए एक चिंता यह भी थी कि क्या वे उस राशि को वापस करने की स्थिति में हैं, "घटनाक्रम से अवगत एक व्यक्ति ने नाम न छापने का अनुरोध किया।

बुधवार की बैठक में चर्चा में आया एक और मुद्दा यह था कि ईपीएफओ के कामकाज को अब श्रम संहिता में शामिल कर लिया गया है, इसलिए पैनल के सदस्यों के एक वर्ग ने जानना चाहा कि इससे किस तरह का प्रभाव पड़ेगा। सरकारी अधिकारियों ने यह भी सवाल किया कि कम ईपीएफ योगदान योजना के लाभार्थियों को कैसे प्रभावित करता है। बैठक में एक और सुझाव सामने आया कि क्या असंगठित और घर-घर काम करने वालों के लिए ईपीएफ की सामाजिक सुरक्षा योजना पर विचार करने की संभावना हो सकती है।


“सरकारी अधिकारियों ने कहा कि धन का केवल एक हिस्सा सार्वजनिक बाजारों में चला गया है और चिंता का कोई कारण नहीं होना चाहिए। अब, उन्हें इस पर समिति को एक विस्तृत लिखित बयान देने के लिए कहा गया है, जिसे 15 दिनों में प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है, "उपर्युक्त व्यक्ति ने कहा कि समिति की एक और बैठक नवंबर के पहले सप्ताह में बुलाई जा सकती है। यह केंद्र को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा।