जैसा की सभी ईपीएस 95 पेंशनधारकों को अवगत है की देश भर के 65 लाख ईपीएस 95 पेंशनधारक न्यूनतम पेंशन को बढाकर 7500 कर उसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़े जाने की मांग कर है। इस मांगो को लेकर एक ईपीएस 95 पेंशनधारक द्वारा मा. श्री. प्रकाश जावेडकर जीको पेंशन बढ़ोतरी के लिए पत्र लिखा गया है।आइए जानते है इस पत्र में क्या कहा गया है।
श्रीमान प्रकाश जावेडकर जी आप इस समय भारत के मानव संसाधन मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री हैं मैं आपको ईपीएफ पेंशनरों के संबंध में 15 जनवरी 2014 के पत्रकार परिषद और श्रमिकों के संबोधन का याद दिलाना चाहता हूं।
आप उस समय राज्य सभा के सदस्य थे हम लोगों के नेता स्वर्गीय मोहन सिंह ने राज्यसभा में इपीएफ पेंशन ओं की वृद्धि के लिए एक याचिका दाखिल की थी और उस याचिका की कमेटी के आप भी सदस्य थे उस ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी एक रिपोर्ट दी थी ईपीएफओ की पेंशन नहीं के बराबर है इसे तत्काल जीने लायक बनाने की आवश्यकता है संसदीय समिति ने रिपोर्ट दी थी वर्तमान में 1000 से बढ़ाकर 3000 किया जाए और उसे डीए से लिंक कर दिया जाए डीए से लिंक करने पर 2014 में ही अगर संसदीय समिति की रिपोर्ट लागू हो जाति उसी समय मिनिमम पेंशन 5000 के लगभग हो गई होती आपने बयान दिया था श्रमिकों का 8.3 कटता है और सरकार का हिस्सा केवल 1.16 है अगर सरकार इसे बढ़ाकर 8.33 कर देती है तो श्रमिकों को जीने लायक न्यूनतम पेंशन का निर्धारण हो सकता है। अदालतें तो नियम कानून के हिसाब से ही अपना निर्णय देते हैं सरकार की अगर दृढ़ इच्छाशक्ति होती है तो वह जीने लायक महंगाई के हिसाब से पेंशन का निर्धारण करती है सरकार के 4 साल से ऊपर बीत गए आने वाले दिनों में सरकार जाने वाली है नया चुनाव आने वाला है।
लेकिन जो बातें हैं आप संपर्क सरकार पर आरोपित करते थे कि मजदूर विरोधी है या श्रमिकों को जीने लायक पेंशन नहीं देना चाहती है। पिछले 4 वर्षों से आप केंद्रीय मंत्री हैं आपने अपने कैबिनेट में सरकार का हिस्सा 8.33 करवा कर श्रमिकों का हितों का ध्यान क्यों नहीं रखा इसका जवाब आपको देना पड़ेगा नहीं तो मजदूर 2024 में आपको इसका जवाब दे देगा वादाखिलाफी के अपराध को आप नहीं झेल सकते उसका दंड मिलना है मिलना है।
अभी समय है कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को जो आप बोला करते थे कि सरकार का हिस्सा बड़ा कर श्रमिकों को जीने लायक पेंशन दिया जाए उसे लागू कराने का प्रयास करें यही आपके लिए उपयुक्त होगा अंत में मैं आपसे गुजारिश करूंगा कि वर्तमान महंगाई को देखते हुए न्यूनतम पेंशन को कम से कम ₹10000 करने की सिफारिश केंद्रीय कैबिनेट में करके इसे पास करवाकर श्रम मंत्रालय से अधिसूचना जारी करवाने का घोषणा करें।
तब तो माना जाए आपके दिल में मजदूरों किसानों के प्रति कोई जगह है वरना सबका साथ सबका विकास य जुमला चरितार्थ हो रहा है।
धन्यवाद अश्वनी पांडे
हिंद मजदूर सभा
उत्तर प्रदेश गोरखपुर
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