Thursday, March 4, 2021

EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी NAC का बडा फ़ैसला: 4 मार्च 2021 को गोरखपुर मंडल की आवश्यक बैठक महात्मा बुद्ध की निर्माण स्थली कुशीनगर में संपन्न

ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति गोरखपुर उत्तरप्रदेश


4 मार्च 2021 को गोरखपुर मंडल की आवश्यक बैठक महात्मा बुद्ध की निर्माण स्थली कुशीनगर, पथिक निवास पर श्री चंद्रेशवर पाठक जी के अध्यक्षता मे संपन्न हुयी, सभा का संचालन श्री अनुरुद्ध शुक्ला जिला अध्यक्ष के द्वारा किया गया।

मुख्य अतिथि रूप पधारे श्री बी. पी मिश्रा जी का स्वागत मंडल अध्यक्ष एवं मंडल समन्वयक के द्वारा माला पहनाकर किया गया, अपने उदबोधन मे मिश्रा जी ने संगठन की शक्ति बढ़ाने का आवाहन किया।


मंडल अध्यक्ष उमेश चन्द्र गुप्ता जी ने अपने सम्बोधन मे माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर श्री अशोक राऊत जी के हाथो को मजबूत करने और उनके आवाहन पर दिनांक 21-03-2021 कानपुर सम्मलेन मे सभी उपस्थिति होने आश्वासन दिया।


बैठक मे मुख्य रूप से श्री अखण्ड प्रताप सिंह, मंडल संयोजक, श्री हनुमान प्रसाद श्रीवास्तव जिला अध्यक्ष गोरखपुर, श्री अमर चन्द्र जायसवाल जिला संयोजक,श्री उदय प्रताप सिंह जिला अध्यक्ष देवरिया,श्री मोहन शाही जी उपाध्यक्ष,श्री बृन्दावन शुक्ला,श्री डी. एन गुप्ता, श्री राम बिलाश, सिद्धि बरनवाल, तुलसी प्रसाद, श्री आर के भट्ट, जनूंवल अलाउद्दीन,एवं अशोक कुमार गुप्ता के साथ साथ सैकड़ो पेंशनर साथियो उपस्थिति थे।


सभी उपस्थिति सदस्यों को धन्यवाद

उमेश चन्द्र गुप्ता

मंडल अध्यक्ष गोरखपुर

बी पी मिश्रा

मंडल उपाध्यक्ष


EPFO CBT MEETING: कर्मचारी भविष्य निधि के केंद्रीय न्यासी बोर्ड CBT, की 228 वीं बैठक 4 मार्च को समन्न, 8.5% ब्याज दर देने के साथ हुए अहम फैसले


जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 4 मार्च 2021 को कर्मचारी भविष्य निधि के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की 228 वीं बैठक केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में समन्न हुई। बैठक में बोर्ड के उपाध्यक्ष और (एलएंडई) के सचिव श्री अपूर्वा चंद्रा और सदस्य सचिव और केंद्रीय कर्मचारी भविष्य निधि आयुक्त श्री सुनील बर्थवाल भी उपस्थित थे।


बैठक के दौरान, सीबीटी के अध्यक्ष ने प्रधान नियोक्ता के लिए ई-सुविधा शुरू की। इसके माध्यम से नियोक्ता को मासिक ECR में उनके ठेकेदारों द्वारा किए गए पीएफ अनुपालन और प्रेषण को देखने की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इस सुविधा का उपयोग करते हुए, ठेकेदारों द्वारा दावा किए गए अनुबंधित कर्मचारियों के पीएफ खातों में किए गए पीएमआरपीवाई और एबीईआर योजना के दिये गए लाभ भी प्रधान नियोक्ता को दिखाई देगा। इस सुविधा के माध्यम से प्रधान नियोक्ता यह सुनिश्चित कर सकता है कि सभी अनुबंधित श्रमिकों के लिए ईपीएफ योगदान उनके नामांकित ठेकेदारों द्वारा जमा कर दी गई है।


CBT के अध्यक्ष ने एक वेब-आधारित पोर्टल के माध्यम से क्षेत्रीय कार्यालयों, क्षेत्रीय कार्यालयों और प्रधान कार्यालय द्वारा शिकायतों के पंजीकरण, निस्तारण और निगरानी और वैकल्पिक निरीक्षण के लिए एक और वेब सुविधा की शुरूआत की। इससे पहले, निरीक्षण योजना, 2014 के तहत, वैकल्पिक निरीक्षण और शिकायतों की जांच के लिए प्रधान कार्यालय की अनुमति मांगी गई। नई कार्यक्षमता में इस कार्य को तेज करने के लिए, प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत किया गया है और क्षेत्रीय कार्यालयों के अनुरोधों का आकलन करने के लिए अब क्षेत्रीय कार्यालयों को सशक्त बनाया गया है। प्रत्येक अनुरोध एक विशेष पहचान संख्या के साथ पंजीकृत है और उस पर नज़र रखना संभव है। निगरानी के लिए निरीक्षण रिपोर्ट, डैशबोर्ड पर की गई कार्रवाई की स्थिति को अपडेट किया जाता है। पूरी गतिविधि पारदर्शी तरीके से वेब-आधारित पोर्टल के माध्यम से की जाती है।


सीबीटी के अध्यक्ष, ने वर्चुअल माध्यम से रायचूर, सेलम, जमशेदपुर में EPFO के तीन नए क्षेत्रीय कार्यालयो का उद्घाटन किया और बेंगलुरु में मंडल कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालय के लिए एनेक्सी भवनों का उद्घाटन किया।

सीबीटी के अध्यक्ष, ने 'कोविड का प्रतिवेदन (रिस्पॉन्स टू कोविड)’ नामक एक पुस्तिका जारी की। यह पुस्तिका, कोविड-19 महामारी के कठिन समय के माध्यम से अपने हितधारकों को निर्बाध सेवाओं को नवीनता प्रदान करने और सेवाए प्रदान करने के लिए ईपीएफओ की तैयारियों को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है। इसके बाद, सीबीटी के अध्यक्ष ने, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ईपीएफओ के संचालन पर एक और पुस्तिका जारी की। इसमें इन केद्र शासित प्रदेशों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के विस्तार में ईपीएफओ द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी प्रदान की जा रही है।


कर्मचारी भविष्य निधि के केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए: -

• केंद्रीय बोर्ड ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ संचय पर प्रदान की जाने वाली ब्याज की 8.50 प्रतिशत वार्षिक दर की सिफारिश की है। ब्याज दर को सरकारी गजट में आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया जाएगा, जिसके बाद EPFO खाताधारकों के खातों में ब्याज की दर को क्रेडिट कर दिया जाएगा।

• बोर्ड ने जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय कार्यालयों के निर्बाध कामकाज के लिए आवश्यक विभिन्न संवर्गों में 98 पदों के सृजन को मंजूरी दे दी और जम्मू-कश्मीर ईपीएफओ के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के कर्मचारी भविष्य निधि के केंद्रीय न्यासी बोर्ड में सुचारू रूप से विलय का मार्ग प्रशस्त किया।


• बोर्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए संशोधित अनुमान और ईपीएफओ के लिए वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान और इसके द्वारा संचालित योजनाओं को भी मंजूरी दी।

सीबीटी की इस बैठक में, नियोक्ता के प्रतिनिधि, कर्मचारी और केंद्र सरकार और ईपीएफओ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।



 

The Highlights of 228th Meeting of CBT Held on 4 March 2021 under the chairmanship of Shri Santosh Kumar Gangwar, Union Minister of State for Labour &Employment

The 228th meeting of Central Board of Trustees, EPF was held today in Srinagar, Jammu & Kashmir
under the chairmanship of Shri Santosh Kumar Gangwar, Union Minister of State for Labour &
Employment(Independent Charge),Vice-Chairmanship of Shri Apurva Chandra, Secretary(L&E) and the
Member Secretary Shri Sunil Barthwal, Central P F Commissioner. The Central Board recommended
8.50% annual rate of interest to be credited on EPF accumulations in members’ accounts for the financial
year 2020-21. The interest rate would be officially notified in the government gazette following
which EPFO would credit the rate of interest into the subscribers’ accounts.
Since FY 2014 EPFO has consistently generated returns not less than 8.50 percent. A high EPF interest
rate along with compounding , makes a significant difference to gains of subscribers. This is despite the
fact that EPFO has consistently followed a conservative approach towards investment, putting highest
emphasis on the safety and preservation of principal first approach. Risk appetite of EPFO is very low,
since it involves investing poor man’s retirement savings also.
EPFO over the years has been able to distribute higher income to its members, through various economic
cycles with minimal credit risk. Considering the high credit profile of the EPFO investment, the interest
rate of EPFO is considerably higher than other comparable investments avenues available for
subscribers.
During the period from 2015-16 EPFO prudently started investing in equity through exchange traded
funds based on the NSE 50 and BSE 30 indices. The investment in equity assets started from 5 percent
for FY 2015 and subsequently gone up to 15 percent of the incremental portfolio.
For FY 2021, EPFO decided to liquidate investment in and the interest rate recommended is a result of
combined income from interest received from debt investment as well as income realized from equity
investment. This has enabled EPFO to provide higher return to its subscribers and still allowing EPFO
with healthy surplus to act as cushion for providing higher return in future also. There is no over-drawl
on EPFO corpus due to this income distribution.
The assured fixed return approach of EPFO, announced by CBT every year along with the tax
exemptions makes it an attractive choice for investors, providing them with strong social security in the
form of provident fund, pension and insurance schemes.
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EPS 95 MINIMUM PENSION HIKE: आज की CBT की बैठक में EPS 95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी पर अध्यक्ष CBT, मा. श्री संतोष कुमार गंगवार जी


आगामी CBT मीटिंग में EPS 95 पेन्शन धारकों की मांगो को मंजूर करवाने हेतु NAC प्रतिनिधियों द्वारा मा. अध्यक्ष CBT एवं माननीय श्रम मंत्री भारत सरकार व CBT के सभी मा. सदस्य गणों से चर्चा करने हेतु व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने व ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम मा.NAC चीफ के मार्गदर्शन में दिनांक 2 मार्च 2021 से पहले राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम सफलता पूर्वक हुआ संपन्न


*मा. अध्यक्ष CBT, मा. श्री संतोष कुमार गंगवार जी, मा. CBT सदस्य श्री विर्जेश उपाध्याय, मा.श्री हरभजन सिंह सिंधु व मा. श्री प्रभाकर बानासुरे जी से की मा. कमांडर अशोक राऊत ने स्वयं फोन पर चर्चा की व  पेंशनधारकों की मांगों को मंजूर करवाने हेतु किया निवेदन।

दिनांक 1 मार्च 2021 को *श्री रणजीत सिंह दसुंदी , मुख्य समनवयक, उत्तर भारत के नेतृत्व में, श्री सुरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष उत्तराखंड, श्री विजय बडगुजर, अध्यक्ष दिल्ली व श्री धर्मवीर सैनी, उपाध्यक्ष, उत्तराखंड सहित चार सदस्यीय* NAC के प्रतिनिधि मंडल ने मा. *श्री संतोष कुमार गंगवार जी, अध्यक्ष CBT व CBT सदस्य मा. श्री विर्जेश उपाध्याय से दिल्ली में प्रत्यक्ष मिलकर पेंशन धारकों की सभी मांगों पर विस्तार से चर्चा की* व पेंशन धारकों का पक्ष रखा कि बिना विशेष बजट प्रावधान के किस प्रकार पेंशनरों की ईपीएफओ में पेंशन खाते में जमा राशि एवं सिलिंग रहित प्रतिमाह सब्सक्रिप्शन तथा इस पर होने वाली आय से न्यूनतम ₹7500 प्लस डीए एवं अधिकतम पेंशन का भुगतान किया जा सकता है इस पर NAC का पक्ष रखा।

CODE A

इसके बाद *CITU,AITUC व AIITUC के कार्यालयों में जाकर यूनियन के  पदाधिकारियों से विस्तार से चर्चा की* व ज्ञापन सादर किए

इसके अलावा CBT के सदस्य सचिव, मा. *सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर के नाम उनके कार्यालय में ज्ञापन सादर किया* 

*NACतेलंगाना के *प्रांतीय अध्यक्ष श्री नागेश्वर राव ने मा. सुनकारी मल्लेशम,CBT सदस्य* से मुलाकात कर, सभी मुद्दों पर चर्चा कर ज्ञापन सादर किया.

*मा.श्री दिलीप भट्टाचार्य जी,CBT सदस्य महोदय से श्री सच्चिदानंद मिश्रा, राष्ट्रीय संगठन सचिव व श्री तपन दत्ता जी, प्रांतीय अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल  ने फोन पर संपर्क कर* विस्तार से पेंशन धारकों की मांगों के संदर्भ में विस्तृत में वार्ता की। 


दिनांक 2.3.2021 को *NAC (WB) के प्रांतीय सचिव श्री पंकज दासगुप्ता व उपाध्यक्ष श्री नित्यानंद दास ने कोलकाता में ज्ञापन सौंपा.

मा. श्री *प्रभाकर बानासुरे जी,CBT सदस्य को NAC जलगांव के जिला सचिव श्री डी एन पाटिल ने ज्ञापन सौंपा*

मा. *अध्यक्ष CBT व मा. सदस्य गण CBT के प्रति NAC कृतज्ञता व्यक्त करती है*

*इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु *सहभागी NAC प्रतिनिधियों का विशेष अभिनन्दन


Wednesday, March 3, 2021

Good News for EPS 95 Pensioners: देश के 65 लाख पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी, आज हो सकती है EPS 95 पेंशन आज बढ़ोतरी, CBT बैठक में होगा फैसला


देश के लाखों कर्मचारियों को गुरुवार को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। दरअसल देश के 6.6 करोड़ नौकरीपेशा लोगों के लिए कल गुरुवार को होने वाली बैठक में एक फैसला लिया जा सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार (4 मार्च 2021) को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में कर्मचारियों के PF को लेकर कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने हैं। पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए फिलहाल बेसिक सैलरी की जो सीलिंग है, उसमें बढ़ोतरी की जा सकती है। फिलहाल सीलिंग 15000 रुपए है।


आसान भाषा में यदि इसे समझा जाए तो ऐसे देखा जा सकता है। मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 30000 रुपए है तो उस सैलरी पर उसका 12 फीसदी हिस्सा प्रोविडेंट फंड में जमा होता है। साथ ही इतना ही शेयर कंपनी भी अपने खाते से जमा करती है। लेकिन कंपनी के शेयर में दो हिस्से होते हैं। पहला होता है EPF और दूसरा होता है EPS। कंपनी के शेयर का 12 फीसदी हिस्सा भी 30000 रुपए की बेसिक सैलरी पर ही जमा होगा।


पेंशन फंड में बेसिक सैलरी की सीलिंग 15000 रुपए है। इस सीलिंग के कारण कर्मचारी के मूल वेतन (15000) का 8.33 फीसदी हिस्सा यानि 1250 रुपए ही जमा होता है। सूत्रों के अनुसार यदि गुरुवार को होने वाली बैठक में सीलिंग बढ़ाने पर फैसला किया जाता है तो फिर ये हिस्सा 25000 रुपए की सीमा पर तय होगा। इसका मतलब ये होगा कि 2083 रुपए पेंशन फंड में जमा होंगे।


EPFO के इस फैसले से लाखों नौकरीपेशा लोगों का फायदा मिल सकता है। दरअसल पहले की तुलना में ज्यादा लोग इसके दायरे में आ जाएंगे और दूसरा यह कि कंपनी का शेयर बढ़ेगा तो कर्मचारियों के पेंशन फंड में भी बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा यह भी बता दें कि 4 मार्च को होने वाली मीटिंग में फिलहाल EPFO ब्याज दरों पर कोई भी फैसला नहीं लिया जाएगा। ईपीएफओ ने जहां भी निवेश किया है, उससे मिलने वाले रिटर्न की समीक्षा होने के बाद ही तय हो सकेगा कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए कितना ब्याज दिया जाएगा।


सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के सदस्य PF की सैलरी सीलिंग इसलिए बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि देशभर में जो यूनिवर्सल मिनिमम वेज का फॉर्मूला लागू किया जा रहा है, उसमें कर्मचारी की सैलरी 18 हजार रुपए के करीब निर्धारित की जा सकती है। इसके अलावा मौजूदा सैलरी सीलिंग में भी बढ़ोतरी की मांग लंबे समय से की जा रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को को EPFO में लाने में मदद मिलेगी। इससे कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी।


 

Tuesday, March 2, 2021

EPS 95 NAC NEWS: FULL SUPPORT TO EPS 95 PENSIONERS PENSION 7500 HIKE BY BMS IN CBT MEETING

National Agitation Committee


NAC को भारतीय मजदूर संघ (BMS)का पूरा समर्थन: भारतीय मजदूर संघ के महासचिव मा. श्री बिनय कुमार सिन्हा ने दिनांक 24.02.2021 को भेजा NAC चीफ मा. कमांडर अशोक राऊत को पत्र। इस पत्र में BMS के महासचिव ने लिखा कि" हमें आपका दिनांक 13.1.2021 का पत्र प्राप्त हुआ। हम पेंशनरों के लिए आपके प्रयासों की सराहना करते हैं और इस नेक काम के लिए अपना समर्थन देते हैं। इस संदर्भ में अखिल भारतीय उपाध्यक्ष और प्रभारी श्री जगदीश्वर राव से आप संपर्क कर सकते हैं।


पत्र के अंत में लिखा कि चूकि यह विषय वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित है, इसलिए हम NAC के लिए पूरे दिल से एकजुटता का विस्तार करते है और इस संबंध में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए सफलता की मंगल कामना करते हैं। 

ज्ञातव्य हो कि NAC चीफ ने सभी ट्रेड यूनियन के सभी मा. अध्यक्ष/महासचिव महानुभाव को वृद्ध EPS 95 पेंशनधारकों की मांगों को समर्थन देने के लिए पत्र लिखे थे। यह भी सभी को ज्ञातव्य हो कि मा. कमांडर साहब ने NAC केंद्रीय टीम के साथ स्वयं दिनांक 11 जनवरी 2021 को मुंबई में मा. जगदीश्वर राव, अखिल भारतीय उपाध्यक्ष, BMS के साथ पेंशनरों के सभी मुद्दों पर चर्चा की थी।

मा. महासचिव, भारतीय मजदूर संघ व उनकी टीम के प्रति हम कृतज्ञता व्यक्त करते है। पत्र व मुंबई मीटिंग के फोटो NAC द्वारा सभी EPS 95 पेंशनधारकों के लिए सांझा किये गए है।

National Agitation Committee


Full support of Bharatiya Mazdoor Sangh (BMS) to NAC: - General Secretary of Bharatiya Mazdoor Sangh, Hon.Shri Binoy Kumar Sinha sent a Letter to NAC Chief Hon. Commander Ashok Raut on Dtd.24.02.202. It should be known that the NAC Chief has appealed to all trade union's Hon. President / General Secretary to support the demands of the old age EPS 95 pension holders.


It should also be known to all that NAC Chief Hon. Commander Ashok Raut himself along with the NAC Central Team had a meeting in Mumbai on Dtd.11.01.2021 with Hon. Jagdishwar Rao, All India Vice President, BMS and discussed all issues related to EPS 95 Pensioners.

Thanks to Hon. General Secretary,BMS and his team. Letter and Photos of Mumbai(MH) Meeting shared for EPS 95 pensioners information by NAC.





EPS 95 Pension Hike in CBT Meeting: आगामी 4 मार्च 2021 को होने वाली आगामी CBT बैठक में पेंशन 7500 + DA, फ्री में चिकित्सा सुविधाएं, हायर पेंशन का भुगतान

Calculate EPS 95 Pension Hike After CBT Meeting


कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत आने वाले देश के लगभग 68 लाख पेंशनभोगी अपनी पेंशन बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में 4 मार्च 2021 को सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीस (CBT) की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इसी को देखते हुए राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा EPS-95 पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ोतरी आने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीस की बैठक में होने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रिय अध्यक्ष माननीय कमांडर अशोक राउतजी के मार्गदर्शन में आगामी सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीस की होने वाली बैठक में EPS-95 पेंशनधारकों की मांगों को मंजूर करवाने हेतु राष्ट्रीय संघर्ष समिति के नेताओं द्वारा सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टिस के सदस्यों को ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम के अंतर्गत श्री नागेश्वर राव प्रांतीय अध्यक्ष तेलंगाना ने BMS संगठन सचिव श्री सुरेंद्रन जी और सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीस सदस्य सुनकारी मल्लेशम जी से मुलाकात कर EPS 95 पेंशनधारकों की जो मांगे से संबंधित मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा की।


EPS-95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को आने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीस की बैठक में मंजूर करवाने हेतु संबंधित सदस्यों से बात की गई और उन्हें आग्रह किया गया कि इस बैठक में EPS-95 पेंशनधारकों की मांगों के ऊपर कोई सकारात्मक और ठोस कदम उठाया जाए।

यह मुलाकात और चर्चा दिनांक 28 फरवरी और 1 मार्च 2021 को हैदराबाद में संपन्न हुई। EPS-95 पेंशनधारकों की मांगों के संदर्भ में दोनों नेताओं द्वारा EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के सदस्यों को मंजूर करवाने हेतु ठोस आश्वासन दिए गए हैं। साथ में राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा दोनों नेताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई है। साथी EPS 95 पेंशनधारकों की मांगों को मंजूर करवाने हेतु EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के प्रांतीय अध्यक्ष तेलंगाना श्री नागेश्वर राव और उनकी टीम का भी विशेष अभिनंदन भी राष्ट्रीय संघर्ष समिति द्वारा किया गया है।


देश के EP -95 पेंशनधारक लंबे समय से उनकी पेंशन बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं और आस लगाए हुए की आने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीस की बैठक में EPS-95 पेंशनधारकों की मांगे मंजूर हो जाए। EPS-95 पेंशनधारकों की मांगे ईपीएस 95 पेंशनधारकों को न्यूनतम पेंशन 7500 दिया जाए और उसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए। उसके बाद eps-95 पेंशनधारकों को और उनकी पत्नियों को फ्री में चिकित्सा सुविधाएं भी दी जाए।  EPS-95 पेंशनधारकों को उसके बाद उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार eps-95 पेंशनधारकों को उनके उच्चतम वेतन पर हायर पेंशन का भुगतान किया जाए।

उसके बाद 31 मई 2017 को EPFO द्वारा अंतरिम पत्र जारी किया गया था तो उसे रद्द कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार पेंशन का भुगतान किया जाए। जिन कर्मचारियों को ईपीएस 95 पेंशन योजना में शामिल नहीं किया गया है उनको उनको भी इस योजना में शामिल करके उनसे उचित योगदान लेकर पेंशन का भुगतान किया जाए अथवा उन्हें मानवीय अधिकार पर न्यूनतम ₹5000 की पेंशन का भुगतान किया जाए। 


ईपीएस 95 पेंशनधारकों द्वारा लगातार उठाई जा रही है, पर अभी तक इन मांगो के ऊपर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में आगामी होने वाली सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टीस की बैठक में यह सारी मांगें मंजूर होती है या नहीं होती है तो इसके ऊपर सभी इपीएस 95 पेंशनधारकों की निगाहें लगी हुई है। जो भी हो इसके लिए जो भी अपडेट आएगा तो हम आपको अवगत कराते रहेंगे इसके लिए आप इस ब्लॉक के साथ बने रहिए। रेगुलर अपडेट के लिए आप ब्लॉक को सब्सक्राइब करके रख सकते हैं।




EPS 95 Pension Hike News: 65 लाख़ EPS 95 पेंशनधरकों के लिए न्यूनतन पेंशन 7500 बढ़ोतरी संग महंगाई भत्ता को लेकर जरुरी ख़बर, अभी देखे

ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति उत्तरप्रदेश
सम्मानित साथियो,
सभी बरिष्ठ नागरिक ईपीएस 95 के पेन्सियर साथी
प्रान्तीय कार्यकारिणी के द्वारा  निर्णय लिया गया जिसको आपको अवगत करना बहुत आवश्यक है!
राष्ट्रीय संघर्ष समिति उत्तरप्रदेश का प्रान्तीय कार्यकारणी का निर्णय
🙏 ग्रूपो मे जो हमारे ईपीएस 95 के पेंशनर साथी जुड़े है सभी को सदस्य्ता लेना अनिवार्य होगा!
🙏कुछ साथी हमारे मंडल / जिले के साथ जुड़े वो अपनी सदस्य्ता वही प्राप्त करे और बार्षिक शुल्क 120/= जमा कराये 2021-2022 का
🙏जो सदस्य मंडल या जिले के सगठन से नहीं जुड़े है सीधे तोर पर प्रान्तीय अध्यक्ष से वाट्सप पर संपर्क कर सदस्यता ग्रहण करे और सदस्य्ता शुल्क 120/जमा कराये!
🙏जो सदस्य निष्क्रिय अवस्था मे है,मात्र सुचना प्राप्त करने के लिए ग्रुप से जुड़े है वैसे सदस्य से संगठन को कोई लाभ नहीं है!
सदस्यता लेना  अनिवार्य होगा तभी ग्रुप मे सदस्य हो सकते है!
🙏निष्क्रिय सदस्य के लिए फेसबुक पर राष्ट्रीय संघर्ष समिति उत्तरप्रदेश का ग्रुप है, उससे आप सुचना प्राप्त कर सकते है ! और सगठन को सक्रिय सदस्य की ही आवशकता है!
सभी साथियो से नम्र निवेदन है की कोई भी आंदोलन  आर्थिक मजबूती और संख्या बल पर ही जीती जाती है,65 लाख पेन्सियर मे से मात्र 10-15 हजार ही दोनों रूप से मजबूती दिखाते हुए इस लड़ाई को सीधे तौर पर लड़ रहे बाकि सदस्य निष्क्रिय अवस्था मे रहते हुए परिणाम की तरफ देखते है, ऐसे सदस्यों से कमजोर होता है और कोई लाभ नहीं  होगा आपको या सगठन को, सक्रियता बढ़ाये और संगठन को मजबूती प्रदान करे!
कार्यकारिणी अपनी भावना से आपको अवगत कराते हुए निर्यण आप पर छोड़ता है!
धन्यवाद
प्रदीप श्रीवास्तव
प्रान्तीय अध्यक्ष उत्तरप्रदेश

Monday, March 1, 2021

EPS 95 Pensioners Higher Pension Final Settlement in Supreme Court: Some perceptions that are in the minds of EPS 1995 pensioners to be brought to the kind knowledge of hon'ble supreme court before final order

By email                28th Feb 2921  
To
Sri Gurmukh Singh ji,
President  NCR


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Sir,
As the cases of EPS pension are going to be taken up by the hon'ble supreme court from 23rd march 2021 continuously on regular basis to settle them with a conclusion for justice, some perceptions that are in the minds of EPS 1995 pensioners to be brought to the kind knowledge of hon'ble supreme court before delivery of the justice for higher pension on actual wages without discrimination regardless of exempted or unexempted company   I would like to share with you. They are mentioned as herein.



1) There are two definitions of  the pensionable service.
One pensionable service  is for grant of 2 years service weightage that includes the service under family pension scheme 1971  as per the  letter No pension / 7915  dated 25 july 2016  of  Sri  S K Thakur Add .central P F .commissioner -1( pension) EPFO New Delhi .

The pensioners have gained /gain  the benefit of two years weightage on completion of 20 years of service treated  as PENSIONABLE  SERVICE   that includes  the service of family pension scheme 1971.


The revision petition No 1563 of 2009 ( Regional PF commissioner  & another  Vs Subhash Chandra Banerjee & another )  has been decided by the National  Consumer Disputes Redressal Commission, New Delhi on 21-10-2016 in favour of the pensioners ruling that the service rendered under the family pension scheme 1971 counts to be pensionable service with EPS 1995 service.

Notwithstanding the above facts , the pension is fixed only on  the EPS 95 service  ignoring the service of family pension scheme 1971.

The pertinent point here is why only EPS 1995 service is taken for calculation of pension fixation, unaccounting / ignoring the service of family pension scheme 1971 is to be brought to the kind knowledge of hon'ble supreme court in the light of above facts as the majority of EPS 95 pensioners retired in the early period of 2000 with insufficient EPS 1995 service stand either unbenefited or negligibly benefited of higher pension on actual wages in the range not crossing the pension not much above Rs 3000. Now R C Gupta's case is being put to review taking a new turn.


This is the pensionable service factor that necessarily needs to be made it essentially a point to seek justice for fair pension given the above-said position.

The conditions imposed for compliance that the production of requisite records of PF  recovery statements with the joint exercise of option while in service by the employee and employer for higher pension on actual wages are unjustified and uncalled for as the pensioners in their advanced age are not supposed to approach the concerned employer after the passage of years together for compliance of the conditions while the said records are already very much available with the concerned Regional offices and the employer has nothing to say on pension fixation while it makes no difference in their share contribution. In most of the cases, they fail to fulfill the conditions due to loss of the records over a period of a long time in employers office or closure of the companies and get denied of the benefit of higher pension.

The imposition of the conditions on the pensioners is a deliberate act of EPFO for either delay process or denial of the benefit of higher pension on actual wages as the case may be. The EPS 1995 pensioners have been denied of  ECONOMIC  RIGHTS  by a violation of human rights  Viz; (1) Right to adequate standard of living, (2) Right to social security  (3) Right to food and health coming under the jurisdiction of Human rights commission that has not been addressed by the hon'ble national human rights commission New Delhi, despite having been brought to its knowledge on 21-5 -2019.



As regards the stand being taken by the EPFO for the regulation of pension benefit on actuarial method, the pensioners opine that the pension scheme is meant to be a worthwhile pension scheme that meets the needs of a basic livelihood. Sadly the EPS 1995  designed nowhere fits into what it speaks loudly. The worthwhile pension scheme can be formulated with 8 to 10 percent contribution to the pension fund as per the conclusion made by the International conference of actuaries .  

The total contribution under the EPS 95 to the pension fund is in the ratio of 8.33 by the employer and 1.16 by the central govt putting together 9.49% happens to be in the range of 8 to 10% that suffices it for the purpose. Then why and how the concerned authorities say , make plea that the higher pension being sought would erode the fund base of EPS 1995 countering the conclusion of international conference of actuaries.


Does it make sense that the fate of pensioners lies in the hands of actuaries and valuers to form their own conclusion for the regulation of pension is also to be analysed with a right conscience?

There seems to be a dearth of competency in better management of pension fund that all has led to the formulation of UNLIVEABLE  and UNFAIR PENSION  system under which the pensioners are just surviving with untold and unspeakable sufferings on the dependency for their livelihood provided with the very meagre and meagre quantum of pension and not living their life with human dignity.

Further, the pensioners accounting to probably more than 30 lakhs draw the meagre pension not crossing much above Rs 3000 have to be given minimum economic security to live their life with some human dignity that needs around an amount of 9000 plus DA  being the present average cost of living across the nation that could be ensured only by a hike of minimum pension.


The right to life as enshrined in the Indian constitution is to be ensured/protected in respect of these pensioners. Minimum economic security is a must to ensure the right to life. Whether the hon'ble govt takes care of it or wait for a word of advice from the hon'ble supreme court or the CBT decides it for grant of a hike of minimum pension matters very much now to the pensioners. 

The pension with its periodical revisions combined with applicable dearness allowance can only meet its purpose. This is to be put before the hon'ble supreme court.


I request that these views of the pensioners may kindly be put before the lawyers to seek justice from the hon'ble supreme court pinpointing all these drawbacks, deficiencies of the EPS 1995.

Thanking you with regards.
Your kind response is highly is appreciated.
ShamRao, national secretary,
EPS 1995 pensioners coordination committee.
BIDAR, Karnataka.